पवित्र बाइबिल

बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया (BSI)
यिर्मयाह

यिर्मयाह अध्याय 19

1 यहोवा ने यों कहा, तू जा कर कुम्हार से मिट्टी की बनाई हुई एक सुराही मोल ले, और प्रजा के कुछ पुरनियों में से और याजकों में से भी कुछ प्राचीनों को साथ ले कर, 2 हिन्नोमियों की तराई की ओर उस फाटक के निकट चला जा जहां ठीकरे फेंक दिए जाते हैं; और जो वचन मैं कहूं, उसे वहां प्रचार कर। 3 तू यह कहना, हे यहूदा के राजाओं और यरूशलेम के सब निवासियों, यहोवा का वचन सुनो। इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस स्थान पर मैं ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ कि जो कोई उसका समाचार सुने, उस पर सन्नाटा छा जाएगा। 4 क्योंकि यहां के लोगों ने मुझे त्याग दिया, और इस स्थान में दूसरे देवताओं के लिये जिन को न तो वे जानते हैं, और न उनके पुरखा वा यहूदा के पुराने राजा जानते थे धूप जलाया है और इस को पराया कर दिया है; और उन्होंने इस स्थान को निर्दोषों के लोहू से भर दिया, 5 और बाल की पूजा के ऊंचे स्थानों को बना कर अपने लड़के-बालों को बाल के लिये होम कर दिया, यद्यपि मैं ने कभी भी जिसकी आज्ञा नहीं दी, न उसकी चर्चा की और न वह कभी मेरे मन में आया। 6 इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत वा हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन घात ही की तराई कहलाएगा। 7 और मैं इस स्थान में यहूदा और यरूशलेम की युक्तियों को निष्फल कर दूंगा; और उन्हें उनके प्राणों के शत्रुओं के हाथ की तलवार चलवा कर गिरा दूंगा। उनकी लोथों को मैं आकाश के पक्षियों और भूमि के जीवजन्तुओं का आहार कर दूंगा। 8 और मैं इस नगर को ऐसा उजाड़ दूंगा कि लोग इसे देख कर डरेंगे; जो कोई इसके पास से हो कर जाए वह इसकी सब विपत्तियों के कारण चकित होगा और घबराएगा। 9 और घिर जाने और उस सकेती के समय जिस में उनके प्राण के शत्रु उन्हें डाल देंगे, मैं उनके बेटे-बेटियों का मांस उन्हें खिलाऊंगा और एक दूसरे का भी मांस खिलाऊंगा। 10 तब तू उस सुराही को उन मनुष्यों के साम्हने तोड़ देना जो तेरे संग जाएंगे, 11 और उन से कहना, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि जिस प्रकार यह मिट्टी का बासन जो टूट गया कि फिर बनाया न जा सके, इसी प्रकार मैं इस देश के लोगों को और इस नगर को तोड़ डालूंगा। और तोपेत नाम तराई में इतनी कब्रें होंगी कि क़ब्र के लिये और स्थान न रहेगा। 12 यहोवा की यह वाणी है कि मैं इस स्थान और इसके रहने वालों के साथ ऐसा ही काम करूंगा, मैं इस नगर को तोपेत के समान बना दूंगा। 13 और यरूशलेम के घर और यहूदा के राजाओं के भवन, जिनकी छतों पर आकाश की सारी सेना के लिये धूप जलाया गया, और अन्य देवताओं के लिये तपावन दिया गया है, वे सब तोपेत के समान अशुद्ध हो जाएंगे। 14 तब यिर्मयाह तोपेत से लौटकर, जहां यहोवा ने उसे भविष्यद्वाणी करने को भेजा था, यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हुआ, और सब लोगों से कहने लगा; 15 इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे, देखो, सब गांवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्ति डालना चाहता हूँ जो मैं ने इस पर लाने को कहा है, क्योंकि उन्होंने हठ कर के मेरे वचन को नहीं माना है।
1. यहोवा ने यों कहा, तू जा कर कुम्हार से मिट्टी की बनाई हुई एक सुराही मोल ले, और प्रजा के कुछ पुरनियों में से और याजकों में से भी कुछ प्राचीनों को साथ ले कर, 2. हिन्नोमियों की तराई की ओर उस फाटक के निकट चला जा जहां ठीकरे फेंक दिए जाते हैं; और जो वचन मैं कहूं, उसे वहां प्रचार कर। 3. तू यह कहना, हे यहूदा के राजाओं और यरूशलेम के सब निवासियों, यहोवा का वचन सुनो। इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस स्थान पर मैं ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ कि जो कोई उसका समाचार सुने, उस पर सन्नाटा छा जाएगा। 4. क्योंकि यहां के लोगों ने मुझे त्याग दिया, और इस स्थान में दूसरे देवताओं के लिये जिन को न तो वे जानते हैं, और न उनके पुरखा वा यहूदा के पुराने राजा जानते थे धूप जलाया है और इस को पराया कर दिया है; और उन्होंने इस स्थान को निर्दोषों के लोहू से भर दिया, 5. और बाल की पूजा के ऊंचे स्थानों को बना कर अपने लड़के-बालों को बाल के लिये होम कर दिया, यद्यपि मैं ने कभी भी जिसकी आज्ञा नहीं दी, न उसकी चर्चा की और न वह कभी मेरे मन में आया। 6. इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत वा हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन घात ही की तराई कहलाएगा। 7. और मैं इस स्थान में यहूदा और यरूशलेम की युक्तियों को निष्फल कर दूंगा; और उन्हें उनके प्राणों के शत्रुओं के हाथ की तलवार चलवा कर गिरा दूंगा। उनकी लोथों को मैं आकाश के पक्षियों और भूमि के जीवजन्तुओं का आहार कर दूंगा। 8. और मैं इस नगर को ऐसा उजाड़ दूंगा कि लोग इसे देख कर डरेंगे; जो कोई इसके पास से हो कर जाए वह इसकी सब विपत्तियों के कारण चकित होगा और घबराएगा। 9. और घिर जाने और उस सकेती के समय जिस में उनके प्राण के शत्रु उन्हें डाल देंगे, मैं उनके बेटे-बेटियों का मांस उन्हें खिलाऊंगा और एक दूसरे का भी मांस खिलाऊंगा। 10. तब तू उस सुराही को उन मनुष्यों के साम्हने तोड़ देना जो तेरे संग जाएंगे, 11. और उन से कहना, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि जिस प्रकार यह मिट्टी का बासन जो टूट गया कि फिर बनाया न जा सके, इसी प्रकार मैं इस देश के लोगों को और इस नगर को तोड़ डालूंगा। और तोपेत नाम तराई में इतनी कब्रें होंगी कि क़ब्र के लिये और स्थान न रहेगा। 12. यहोवा की यह वाणी है कि मैं इस स्थान और इसके रहने वालों के साथ ऐसा ही काम करूंगा, मैं इस नगर को तोपेत के समान बना दूंगा। 13. और यरूशलेम के घर और यहूदा के राजाओं के भवन, जिनकी छतों पर आकाश की सारी सेना के लिये धूप जलाया गया, और अन्य देवताओं के लिये तपावन दिया गया है, वे सब तोपेत के समान अशुद्ध हो जाएंगे। 14. तब यिर्मयाह तोपेत से लौटकर, जहां यहोवा ने उसे भविष्यद्वाणी करने को भेजा था, यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हुआ, और सब लोगों से कहने लगा; 15. इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे, देखो, सब गांवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्ति डालना चाहता हूँ जो मैं ने इस पर लाने को कहा है, क्योंकि उन्होंने हठ कर के मेरे वचन को नहीं माना है।
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