पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
एज्रा

एज्रा अध्याय 10

लोग अपना पाप स्वीकार करते हैं 1 एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समुह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे। 2 तब यहीएल के पुत्र शकन्याह ने जो एलाम के वंशजों में से था, एज्रा से बातें कीं। शकन्याह ने कहा, “हम लोग अपने परमेश्वर के भक्त नहीं रहे। हम लोगों ने अपने चारों ओर रहने वाले दूसरी जाति के लोगों के साथ विवाह किया। किन्तु यद्यपि हम यह कर चुके हैं तो भी इस्राएल के लिये आशा है। 3 अब हम अपने परमेश्वर के सामने उन सभी स्त्रियों और उनके बच्चों को वापस भेजने की वाचा करें। हम लोग यह एज्रा की सलाह मानने के लिये और उन लोगों की सलाह मानने के लिये करेंगे जो परमेश्वर के नियमों का सम्मान करते हैं। हम परमेश्वर के नियमों का पालन करेंगें। 4 एज्रा खड़े होओ, यह तुम्हारा उत्तरदायित्व है, किन्तु हम तुम्हारा समर्थन करेंगे। अत: साहसी बनो और इसे करो।” 5 अत: एज्रा उठ खड़ा हुआ। उसने प्रमुख याजक, लेवीवंशियों और इस्राएल के सभी लोगों से जो कुछ उसने कहा, उसे करने की, प्रतिज्ञा कराई। 6 तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से दूर हट गया। एज्रा एल्याशीब के पुत्र योहानान के कमरे में गया। जब तक एज्रा वहँा रहा उसने भोजन नहीं किया और न ही पानी पीया। उसने यह किया क्योंकि वह तब भी बहुत दु:खी था। वह इस्राएल के उन लोगों के लिये दु:खी था जो यरूशलेम को वापस आए थे। 7 तब उसने एक सन्देश यहूदा और यरूशलेम में हर एक स्थान पर भेजा। सन्देश में बन्धुवाई से वापस लौटे सभी यहूदी लोगों को यरूशलेम में एक साथ इकट्ठा होने को कहा। 8 कोई भी व्यक्ति जो तीन दिन के भीतर यरूशलेम नहीं आएगा, उसे अपनी सारी धन सम्पत्ति दे देनी होगी। बड़े अधिकारियों और अग्रजों (प्रामुखों) ने यह निर्णय लिया और वह व्यक्ति उस व्यक्ति समूह का सदस्य नहीं रह जायेगा जिनके मध्य वह रहता होगा। 9 अत: तीन दिन के भीतर यहूदा और बिन्यामीन के परिवार के सभी पुरूष यरूशलेम में इकट्ठे हुए और नवें महीने के बीसवें दिन सभी लोग मन्दिर के आँगन में आ गये। वे सभी इस सभा के विचारणीय विषय के कारण तथा भारी वर्षा से बहुत परेशान थे। 10 तब याजक एज्रा खड़ा हुआ और उसने उन लोगों से कहा, “तुम लोग परमेश्वर के प्रति विश्वासी नहीं रहे। तुमने विदेशी स्त्रियों के साथ विवाह किया है। तुमने वैसा करके इस्राएल को और अधिक अपराधी बनाया है। 11 अब तुम लोगों के यहोवा को सामने स्वीकार करना होगा कि तुमने पाप किया है। यहोवा तुम लोगों के पूर्वजों का परमेश्वर है। तुम्हें यहोवा के आदेश का पालन करना चाहिए। अपने चारों ओर रहने वाले लोगों तथा अपनी विदेशी पत्नियों से अपने को अलग करो।” 12 तब पूरे समूह ने जो एक साथ इकट्ठा था, एज़्रा को उत्तर दिया। उन्होंने ऊँची आवाज़ में कहा: “एज्रा तुम बिल्कुल ठीक कहते हो! हमें वह करना चाहिये जो तुम कहते हो। 13 किन्तु यहाँ बहुत से लोग हैं और यह वर्षा का समय है सो हम लोग बाहर खड़े नहीं रह सकते। यह समस्या एक या दो दिन में हल नहीं होगी क्योंकि हम लोगों ने बुरी तरह पाप किये हैं। 14 पूरे समूह के सभा की ओर से हमारे प्रमुखों को निर्णय करने दो। तब निश्चित समय पर हमारे नगरों का हर एक व्यक्ति जिसने किसी विदेशी स्त्री से विवाह किया है, यरूशलेम आए। उन्हें अपने अग्रजों (प्रमुखों) और नगरों के न्यायाधीशों के साथ यहाँ आने दिया जाये। तब हमारा परमेश्वर हम पर क्रोधित होना छोड़ देगा।” 15 16 केवल थोड़े से व्यक्ति इस योजना के विरूद्ध थे। ये व्यक्ति थे असाहेल का पुत्र योनातान और तिकवा का पुत्र यहजयाह थे। लेवीवंशी मशुल्लाम और शब्बतै भी इस योजना के विरूद्ध थे। अत: इस्राएल के वे लोग, जो यरूशलेम में वापस आए थे, उस योजना को स्वीकार करने को सहमत हो गए। याजक एज्रा ने परिवार के प्रमुख पुरूषों को चुना। उसने हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति को चुना। हर एक व्यक्ति नाम लेकर चुना गया। दसवें महीने के प्रथम दिन जो लोग चुने गए थे हर एक मामले की जाँच के लिये बैटे। 17 पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सभी व्यक्तियों पर विचार करना पूरा कर लिया जिन्होंने विदेशी स्रियों से विवाह किया था। विदेशी स्रियों से विवाह करने वालों की सूची 18 याजकों के वंशजों में ये नाम हैं जिन्होंने विदेशी स्रियों से विवाह किया: योसादाक के पुत्र येशू के वंशजों, और येशू के भाईयों में से ये व्यक्ति: मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह । 19 इन सभी ने अपनी —अपनी पत्नियों से सम्बन्ध —विच्छेद करना स्वीकार किया और तब हर एक ने अपने रेवड़ से एक —एक मेढ़ा अपराध भेंट के रूप में चढ़ाया। उन्होंने ऐसे अपने —अपने अपराधों के कारण किया। 20 हम्मेर के वंशजों में से ये व्यक्ति: हनानी और जबद्याह। 21 हारीम के वंशजों में से ये व्यक्ति थे: मासेयाह, एलियाह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह। 22 पशहूर के वंशजों में से ये व्यक्ति थे: एल्योएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा। 23 लेवीवंशियों में से इन व्यक्तियों ने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: योजाबाद, शिमी, केलायाह (इसे कलीता भी कहा जाता है) पतह्याह, यहूदा और एलीआज़र। 24 गायकों में केवल यह व्यक्ति है, जिसने विदेशी स्त्री से विवाह किया: एल्याशीब। दूारपालों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: शल्लूम, तेलेम और ऊरी। 25 इस्राएल के लोगों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: परोश के वंशजों से ये व्यक्ति: रम्याह, यिज्जियाह, मलिकयाह, मियामीन, एलीआज़र, मल्कियाह और बनायाह। 26 एलाम के वंशजो में से ये व्यक्ति: मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल, अब्दी, यरेमोत और एलियाह। 27 जत्तू के वंशजों में से ये व्यक्ति: एल्योएनै, एल्याशीब, मत्तन्याह, यरेमोत जाबाद और अजीज़ा। 28 बेबै के वंशजों में से ये व्यक्ति: यहोहानान, हनन्याह जब्बै, और अतलै। 29 बानी के वंशजों में से ये व्यक्ति: मुशल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत। 30 पहतमोआब के वंशजों में से ये व्यक्ति: अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे। 31 हारीम के वंशजों में से ये व्यक्ति: एलिआज़र, यिश्शियाह, मल्कियाह, शमायाह, शिमोन, 32 बिन्यामीन, मल्लूक और शमर्याह। 33 हाशूम के वंशजों में से ये व्यक्ति: मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे और शिमी। 34 बानी के वंशजों में से ये व्यक्ति: मादै, अम्राम, ऊएल; 35 बनायाह, बेदयाह, कलूही; 36 बन्याह, मरेमोत एल्याशीब: 37 मत्तन्याह, मतनै, यासू; 38 बिन्नूई के वंशजों में से ये व्यक्ति: शिमी, 39 शेलेम्याह, नातान, अदायाह; 40 मक्नदबै, शाशै, शारै; 41 अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह; 42 शल्लूम, अमर्याह, और योसेफ। 43 नबो के वंशजों में से ये व्यक्ति: यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दो, योएल, और बनायाह। 44 इन सभी लोगों ने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया था और इनमें से कुछ के इन पत्नियों से बच्चे भी थे।
लोग अपना पाप स्वीकार करते हैं 1 एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समुह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे। .::. 2 तब यहीएल के पुत्र शकन्याह ने जो एलाम के वंशजों में से था, एज्रा से बातें कीं। शकन्याह ने कहा, “हम लोग अपने परमेश्वर के भक्त नहीं रहे। हम लोगों ने अपने चारों ओर रहने वाले दूसरी जाति के लोगों के साथ विवाह किया। किन्तु यद्यपि हम यह कर चुके हैं तो भी इस्राएल के लिये आशा है। .::. 3 अब हम अपने परमेश्वर के सामने उन सभी स्त्रियों और उनके बच्चों को वापस भेजने की वाचा करें। हम लोग यह एज्रा की सलाह मानने के लिये और उन लोगों की सलाह मानने के लिये करेंगे जो परमेश्वर के नियमों का सम्मान करते हैं। हम परमेश्वर के नियमों का पालन करेंगें। .::. 4 एज्रा खड़े होओ, यह तुम्हारा उत्तरदायित्व है, किन्तु हम तुम्हारा समर्थन करेंगे। अत: साहसी बनो और इसे करो।” .::. 5 अत: एज्रा उठ खड़ा हुआ। उसने प्रमुख याजक, लेवीवंशियों और इस्राएल के सभी लोगों से जो कुछ उसने कहा, उसे करने की, प्रतिज्ञा कराई। .::. 6 तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से दूर हट गया। एज्रा एल्याशीब के पुत्र योहानान के कमरे में गया। जब तक एज्रा वहँा रहा उसने भोजन नहीं किया और न ही पानी पीया। उसने यह किया क्योंकि वह तब भी बहुत दु:खी था। वह इस्राएल के उन लोगों के लिये दु:खी था जो यरूशलेम को वापस आए थे। .::. 7 तब उसने एक सन्देश यहूदा और यरूशलेम में हर एक स्थान पर भेजा। सन्देश में बन्धुवाई से वापस लौटे सभी यहूदी लोगों को यरूशलेम में एक साथ इकट्ठा होने को कहा। .::. 8 कोई भी व्यक्ति जो तीन दिन के भीतर यरूशलेम नहीं आएगा, उसे अपनी सारी धन सम्पत्ति दे देनी होगी। बड़े अधिकारियों और अग्रजों (प्रामुखों) ने यह निर्णय लिया और वह व्यक्ति उस व्यक्ति समूह का सदस्य नहीं रह जायेगा जिनके मध्य वह रहता होगा। .::. 9 अत: तीन दिन के भीतर यहूदा और बिन्यामीन के परिवार के सभी पुरूष यरूशलेम में इकट्ठे हुए और नवें महीने के बीसवें दिन सभी लोग मन्दिर के आँगन में आ गये। वे सभी इस सभा के विचारणीय विषय के कारण तथा भारी वर्षा से बहुत परेशान थे। .::. 10 तब याजक एज्रा खड़ा हुआ और उसने उन लोगों से कहा, “तुम लोग परमेश्वर के प्रति विश्वासी नहीं रहे। तुमने विदेशी स्त्रियों के साथ विवाह किया है। तुमने वैसा करके इस्राएल को और अधिक अपराधी बनाया है। .::. 11 अब तुम लोगों के यहोवा को सामने स्वीकार करना होगा कि तुमने पाप किया है। यहोवा तुम लोगों के पूर्वजों का परमेश्वर है। तुम्हें यहोवा के आदेश का पालन करना चाहिए। अपने चारों ओर रहने वाले लोगों तथा अपनी विदेशी पत्नियों से अपने को अलग करो।” .::. 12 तब पूरे समूह ने जो एक साथ इकट्ठा था, एज़्रा को उत्तर दिया। उन्होंने ऊँची आवाज़ में कहा: “एज्रा तुम बिल्कुल ठीक कहते हो! हमें वह करना चाहिये जो तुम कहते हो। .::. 13 किन्तु यहाँ बहुत से लोग हैं और यह वर्षा का समय है सो हम लोग बाहर खड़े नहीं रह सकते। यह समस्या एक या दो दिन में हल नहीं होगी क्योंकि हम लोगों ने बुरी तरह पाप किये हैं। .::. 14 पूरे समूह के सभा की ओर से हमारे प्रमुखों को निर्णय करने दो। तब निश्चित समय पर हमारे नगरों का हर एक व्यक्ति जिसने किसी विदेशी स्त्री से विवाह किया है, यरूशलेम आए। उन्हें अपने अग्रजों (प्रमुखों) और नगरों के न्यायाधीशों के साथ यहाँ आने दिया जाये। तब हमारा परमेश्वर हम पर क्रोधित होना छोड़ देगा।” .::. 15 .::. 16 केवल थोड़े से व्यक्ति इस योजना के विरूद्ध थे। ये व्यक्ति थे असाहेल का पुत्र योनातान और तिकवा का पुत्र यहजयाह थे। लेवीवंशी मशुल्लाम और शब्बतै भी इस योजना के विरूद्ध थे। अत: इस्राएल के वे लोग, जो यरूशलेम में वापस आए थे, उस योजना को स्वीकार करने को सहमत हो गए। याजक एज्रा ने परिवार के प्रमुख पुरूषों को चुना। उसने हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति को चुना। हर एक व्यक्ति नाम लेकर चुना गया। दसवें महीने के प्रथम दिन जो लोग चुने गए थे हर एक मामले की जाँच के लिये बैटे। .::. 17 पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सभी व्यक्तियों पर विचार करना पूरा कर लिया जिन्होंने विदेशी स्रियों से विवाह किया था। .::. विदेशी स्रियों से विवाह करने वालों की सूची 18 याजकों के वंशजों में ये नाम हैं जिन्होंने विदेशी स्रियों से विवाह किया: योसादाक के पुत्र येशू के वंशजों, और येशू के भाईयों में से ये व्यक्ति: मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह । .::. 19 इन सभी ने अपनी —अपनी पत्नियों से सम्बन्ध —विच्छेद करना स्वीकार किया और तब हर एक ने अपने रेवड़ से एक —एक मेढ़ा अपराध भेंट के रूप में चढ़ाया। उन्होंने ऐसे अपने —अपने अपराधों के कारण किया। .::. 20 हम्मेर के वंशजों में से ये व्यक्ति: हनानी और जबद्याह। .::. 21 हारीम के वंशजों में से ये व्यक्ति थे: मासेयाह, एलियाह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह। .::. 22 पशहूर के वंशजों में से ये व्यक्ति थे: एल्योएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा। .::. 23 लेवीवंशियों में से इन व्यक्तियों ने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: योजाबाद, शिमी, केलायाह (इसे कलीता भी कहा जाता है) पतह्याह, यहूदा और एलीआज़र। .::. 24 गायकों में केवल यह व्यक्ति है, जिसने विदेशी स्त्री से विवाह किया: एल्याशीब। दूारपालों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: शल्लूम, तेलेम और ऊरी। .::. 25 इस्राएल के लोगों में से ये लोग हैं जिन्होंने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया: परोश के वंशजों से ये व्यक्ति: रम्याह, यिज्जियाह, मलिकयाह, मियामीन, एलीआज़र, मल्कियाह और बनायाह। .::. 26 एलाम के वंशजो में से ये व्यक्ति: मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल, अब्दी, यरेमोत और एलियाह। .::. 27 जत्तू के वंशजों में से ये व्यक्ति: एल्योएनै, एल्याशीब, मत्तन्याह, यरेमोत जाबाद और अजीज़ा। .::. 28 बेबै के वंशजों में से ये व्यक्ति: यहोहानान, हनन्याह जब्बै, और अतलै। .::. 29 बानी के वंशजों में से ये व्यक्ति: मुशल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत। .::. 30 पहतमोआब के वंशजों में से ये व्यक्ति: अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे। .::. 31 हारीम के वंशजों में से ये व्यक्ति: एलिआज़र, यिश्शियाह, मल्कियाह, शमायाह, शिमोन, .::. 32 बिन्यामीन, मल्लूक और शमर्याह। .::. 33 हाशूम के वंशजों में से ये व्यक्ति: मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे और शिमी। .::. 34 बानी के वंशजों में से ये व्यक्ति: मादै, अम्राम, ऊएल; .::. 35 बनायाह, बेदयाह, कलूही; .::. 36 बन्याह, मरेमोत एल्याशीब: .::. 37 मत्तन्याह, मतनै, यासू; .::. 38 बिन्नूई के वंशजों में से ये व्यक्ति: शिमी, .::. 39 शेलेम्याह, नातान, अदायाह; .::. 40 मक्नदबै, शाशै, शारै; .::. 41 अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह; .::. 42 शल्लूम, अमर्याह, और योसेफ। .::. 43 नबो के वंशजों में से ये व्यक्ति: यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दो, योएल, और बनायाह। .::. 44 इन सभी लोगों ने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया था और इनमें से कुछ के इन पत्नियों से बच्चे भी थे।
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