पवित्र बाइबिल

ऐसी तो रीड वर्शन (ESV)
मीका

मीका अध्याय 2

लोगों की बुरी योजनाएँ 1 ऐसे उन लोगों पर विपत्तियाँ गिरेंगी, जो पापपूर्ण योजना बनाते हैं। ऐसे लोग बिस्तर में सोते हुए षड़यन्त्र रचते हैं और पौ फटते ही वे अपने षड़यन्त्रों पर चलने लगते हैं। क्यों क्योकि उन के पास उन्हें पूरा करने की शक्ति है। 2 उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं। लोगों को दण्ड देने की योहोवा की योजनाएँ 3 इसलिये यहोवा ये बातें कहता है, “देखो, मैं इस परिवार पर विपत्तियाँ ढाने की योजना रच रहा हूँ। तुम अपनी सुरक्षा नहीं कर पाओगे। इस जुए के बोझ से तुम सिर ऊँचा करके नहीं चल पाओगे। क्यों क्योंकि यह एक बुरा समय होगा। 4 उस समय लोग तेरी हँसी उड़ाएँगे। तेरे बारे मे लोग करूण गीत गायेंगे और वे कहेंगे: ‘हम बर्बाद हो गये! यहोवा ने मेरे लोगों की धरती छीन ली है और उसे दूसरे लोगों को दे दिया है। हाँ उसने मेरी धरती को मुझसे छीन लिया है। यहोवा ने हमारी धरती हमारे शत्रुओं के बीच बाँट दी है। 5 तेरी भूमि कोई व्यक्ति नाप नहीं पायेगा। यहोवा के लोगों में भूमि को बाँटने के लिये लोग पासे नहीं डालेंगे।’ ” मीका को उपदेश देने को मना करना 6 लोग कहा करते हैं, “तू हमको उपदेश मत दे। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये, हम पर कोई भी बुरी बात नहीं पड़ेगी।” 7 हे याकूब के लोगों, किन्तु मुझे यह बातें कहनी है, जो काम तूने किये हैं, यहोवा उनसे क्रोधित हो रहा है। यदि तुम लोग उचित रीति से जीवन जीते तो मैं तुम्हारे लिये अच्छे शब्द कहता। 8 किन्तु अभी हाल में, मेरे ही लोग मेरे शत्रु हो गये हैं। तुम राहगीरों के कपड़े उतारते हो। जो लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित हैं, किन्तु तुम उनसे ही वस्तुएँ छींनते हो जैसे वे युद्धबन्दी हो। 9 मेरे लोगों की स्त्रियों को तुमने उनके घर से निकल जाने को विवश किया जो घर सुन्दर और आराम देह थे। तुमने मेरी महिमा को उनके नन्हे बच्चों से सदा—सदा के लिये छीन लिया है। 10 उठो और यहाँ से भागो! यह विश्राम का स्थान नहीं है। क्योंकी यह स्थान पवित्र नहीं है, यह नष्ट हो गया! यह भयानक विनाश है! 11 सम्भव है, कोई झूठा नबी आये और वह झूठ बोले। सम्भव है, वह कहे, “ऐसा समय आयेगा जब दाखमधु बहुत होगा, जब मन्दिर बहुतायत में होगी और फिर इस तरह वह उसका नबी बन जायेगा।” यहोवा अपने लोगों को एकत्र करेगा 12 हाँ, हे याकूब के लोगों, मैं तुम सब को ही इकट्ठा करूँगा। मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को एकत्र करूँगा। जैसे बाड़े में भेड़े इकट्ठी की जाती हैं, वैसे ही मैं उनको एकत्र करूँगा जैसे किसी चरागाह में भेड़ों का झुण्ड। फिर तो वह स्थान बहुत से लोगों के शोर से भर जायेगा। 13 उनमें से कोई मुक्तिदाता उभरेगा। प्राचीर तोड़ता वहाँ द्वार बनाता, वह अपने लोगों के सामने आयेगा। वे लोग मुक्त होकर उस नगर को छोड़ निकलेंगे। उनके सामने उनका राजा चलेगा। लोगों के सामने उनका यहोवा होगा।
1. {#1लोगों की बुरी योजनाएँ } ऐसे उन लोगों पर विपत्तियाँ गिरेंगी, जो पापपूर्ण योजना बनाते हैं। ऐसे लोग बिस्तर में सोते हुए षड़यन्त्र रचते हैं और पौ फटते ही वे अपने षड़यन्त्रों पर चलने लगते हैं। क्यों क्योकि उन के पास उन्हें पूरा करने की शक्ति है। 2. उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं। 3. {#1लोगों को दण्ड देने की योहोवा की योजनाएँ } इसलिये यहोवा ये बातें कहता है, “देखो, मैं इस परिवार पर विपत्तियाँ ढाने की योजना रच रहा हूँ। तुम अपनी सुरक्षा नहीं कर पाओगे। इस जुए के बोझ से तुम सिर ऊँचा करके नहीं चल पाओगे। क्यों क्योंकि यह एक बुरा समय होगा। 4. उस समय लोग तेरी हँसी उड़ाएँगे। तेरे बारे मे लोग करूण गीत गायेंगे और वे कहेंगे: ‘हम बर्बाद हो गये! यहोवा ने मेरे लोगों की धरती छीन ली है और उसे दूसरे लोगों को दे दिया है। हाँ उसने मेरी धरती को मुझसे छीन लिया है। यहोवा ने हमारी धरती हमारे शत्रुओं के बीच बाँट दी है। 5. तेरी भूमि कोई व्यक्ति नाप नहीं पायेगा। यहोवा के लोगों में भूमि को बाँटने के लिये लोग पासे नहीं डालेंगे।’ ” 6. {#1मीका को उपदेश देने को मना करना } लोग कहा करते हैं, “तू हमको उपदेश मत दे। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये, हम पर कोई भी बुरी बात नहीं पड़ेगी।” 7. हे याकूब के लोगों, किन्तु मुझे यह बातें कहनी है, जो काम तूने किये हैं, यहोवा उनसे क्रोधित हो रहा है। यदि तुम लोग उचित रीति से जीवन जीते तो मैं तुम्हारे लिये अच्छे शब्द कहता। 8. किन्तु अभी हाल में, मेरे ही लोग मेरे शत्रु हो गये हैं। तुम राहगीरों के कपड़े उतारते हो। जो लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित हैं, किन्तु तुम उनसे ही वस्तुएँ छींनते हो जैसे वे युद्धबन्दी हो। 9. मेरे लोगों की स्त्रियों को तुमने उनके घर से निकल जाने को विवश किया जो घर सुन्दर और आराम देह थे। तुमने मेरी महिमा को उनके नन्हे बच्चों से सदा—सदा के लिये छीन लिया है। 10. उठो और यहाँ से भागो! यह विश्राम का स्थान नहीं है। क्योंकी यह स्थान पवित्र नहीं है, यह नष्ट हो गया! यह भयानक विनाश है! 11. सम्भव है, कोई झूठा नबी आये और वह झूठ बोले। सम्भव है, वह कहे, “ऐसा समय आयेगा जब दाखमधु बहुत होगा, जब मन्दिर बहुतायत में होगी और फिर इस तरह वह उसका नबी बन जायेगा।” 12. {#1यहोवा अपने लोगों को एकत्र करेगा } हाँ, हे याकूब के लोगों, मैं तुम सब को ही इकट्ठा करूँगा। मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को एकत्र करूँगा। जैसे बाड़े में भेड़े इकट्ठी की जाती हैं, वैसे ही मैं उनको एकत्र करूँगा जैसे किसी चरागाह में भेड़ों का झुण्ड। फिर तो वह स्थान बहुत से लोगों के शोर से भर जायेगा। 13. उनमें से कोई मुक्तिदाता उभरेगा। प्राचीर तोड़ता वहाँ द्वार बनाता, वह अपने लोगों के सामने आयेगा। वे लोग मुक्त होकर उस नगर को छोड़ निकलेंगे। उनके सामने उनका राजा चलेगा। लोगों के सामने उनका यहोवा होगा।
  • मीका अध्याय 1  
  • मीका अध्याय 2  
  • मीका अध्याय 3  
  • मीका अध्याय 4  
  • मीका अध्याय 5  
  • मीका अध्याय 6  
  • मीका अध्याय 7  
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