पवित्र बाइबिल

ऐसी तो रीड वर्शन (ESV)
भजन संहिता

भजन संहिता अध्याय 109

1 संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक स्तुति गीत। हे परमेश्वर, मेरी विनती की ओर से अपने कान तू मत मूँद! 2 दुष्ट जन मेरे विषय में झूठी बातें कर रहे हैं। वे दुष्ट लोग ऐसा कह रहें जो सच नहीं है। 3 लोग मेरे विषय में घिनौनी बातें कह रहे हैं। लोग मुझ पर व्यर्थ ही बात कर रहे हैं। 4 मैंने उन्हें प्रेम किया, वे मुझसे बैर करते हैं। इसलिए, परमेश्वर अब मैं तुझ से प्रार्थना कर रहा हूँ। 5 मैंने उन व्यक्तियों के साथ भला किया था। किन्तु वे मेरे लिये बुरा कर रहे हैं। मैंने उन्हें प्रेम किया, किन्तु वे मुझसे बैर रखते हैं। 6 मेरे उस शत्रु ने जो बुरे काम किये हैं उसको दण्ड दे। ऐसा कोई व्यक्ति ढूँढ जो प्रमाणित करे कि वह सही नहीं है। 7 न्यायाधीश न्याय करे कि शत्रु ने मेरा बुरा किया है, और मेरे शत्रु जो भी कहे वह अपराधी है और उसकी बातें उसके ही लिये बिगड़ जायें। 8 मेरे शत्रु को शीघ्र मर जाने दे। मेरे शत्रु का काम किसी और को लेने दे। 9 मेरे शत्रु की सन्तानों को अनाथ कर दे और उसकी पत्नी को तू विधवा कर दे। 10 उनका घर उनसे छूट जायें और वे भिखारी हो जायें। 11 कुछ मेरे शत्रु का हो उसका लेनदार छीन कर ले जायें। उसके मेहनत का फल अनजाने लोग लूट कर ले जायें। 12 मेरी यही कामना है, मेरे शत्रु पर कोई दया न दिखाये, और उसके सन्तानों पर कोई भी व्यक्ति दया नहीं दिखलाये। 13 पूरी तरह नष्ट कर दे मेरे शत्रु को। आने वाली पीढ़ी को हर किसी वस्तु से उसका नाम मिटने दे। 14 मेरी कामना यह है कि मेरे शत्रु के पिता और माता के पापों को यहोवा सदा ही याद रखे। 15 यहोवा सदा ही उन पापों को याद रखे और मुझे आशा है कि वह मेरे शत्रु की याद मिटाने को लोगों को विवश करेगा। 16 क्यों क्योंकि उस दुष्ट ने कोई भी अच्छा कर्म कभी भी नहीं किया। उसने किसी को कभी भी प्रेम नहीं किया। उसने दीनों असहायों का जीना कठिन कर दिया। 17 उस दुष्ट लोगों को शाप देना भाता था। सो वही शाप उस पर लौट कर गिर जाये। उस बुरे व्यक्ति ने कभी आशीष न दी कि लोगों के लिये कोई भी अच्छी बात घटे। सो उसके साथ कोई भी भली बात मत होने दे। 18 वह शाप को वस्त्रों सा ओढ़ लें। शाप ही उसके लिये पानी बन जाये वह जिसको पीता रहे। शाप ही उसके शरीर पर तेल बनें। 19 शाप ही उस दुष्ट जन का वस्त्र बने जिनको वह लपेटे, और शाप ही उसके लिये कमर बन्द बने। 20 मुझको यह आशा है कि यहोवा मेरे शत्रु के साथ इन सभी बातों को करेगा। मुझको यह आशा है कि यहोवा इन सभी बातों को उनके साथ करेगा जो मेरी हत्या का जतन कर रहे है। 21 यहोवा तू मेरा स्वामी है। सो मेरे संग वैसा बर्ताव कर जिससे तेरे नाम का यश बढ़े। तेरी करूणा महान है, सो मेरी रक्षा कर। 22 मैं बस एक दीन, असहाय जन हूँ। मैं सचमुच दु:खी हूँ। मेरा मन टूट चुका है। 23 मुझे ऐसा लग रहा जैसे मेरा जीवन साँझ के समय की लम्बी छाया की भाँति बीत चुका है। मुझे ऐसा लग रहा जैसे किसी खटमल को किसी ने बाहर किया। 24 क्योंकि मैं भूखा हूँ इसलिए मेरे घुटने दुर्बल हो गये हैं। मेरा भार घटता ही जा रहा है, और मैं सूखता जा रहा हूँ। 25 बुरे लोग मुझको अपमानित करते। वे मुझको घूरते और अपना सिर मटकाते हैं।। 26 यहोवा मेरा परमेश्वर, मुझको सहारा दे! अपना सच्चा प्रेम दिखा और मुझको बचा ले! 27 फिर वे लोग जान जायेंगे कि तूने ही मुझे बचाया है। उनको पता चल जायेगा कि वह तेरी शक्ति थी जिसने मुझको सहारा दिया। 28 वे लोग मुझे शाप देते रहे। किन्तु यहोवा मुझको आशीर्वाद दे सकता है। उन्होंने मुझ पर वार किया, सो उनको हरा दे। तब मैं, तेरा दास, प्रसन्न हो जाऊँगा। 29 मेरे शत्रुओं को अपमानित कर! वे अपने लाज से ऐसे ढक जायें जैसे परिधान का आवरण ढक लेता। 30 मैं यहोवा का धन्यवाद करता हूँ। बहुत लोगों के सामने मैं उसके गुण गाता हूँ। 31 क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है। परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
1. *संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक स्तुति गीत। *हे परमेश्वर, मेरी विनती की ओर से अपने कान तू मत मूँद! 2. दुष्ट जन मेरे विषय में झूठी बातें कर रहे हैं। वे दुष्ट लोग ऐसा कह रहें जो सच नहीं है। 3. लोग मेरे विषय में घिनौनी बातें कह रहे हैं। लोग मुझ पर व्यर्थ ही बात कर रहे हैं। 4. मैंने उन्हें प्रेम किया, वे मुझसे बैर करते हैं। इसलिए, परमेश्वर अब मैं तुझ से प्रार्थना कर रहा हूँ। 5. मैंने उन व्यक्तियों के साथ भला किया था। किन्तु वे मेरे लिये बुरा कर रहे हैं। मैंने उन्हें प्रेम किया, किन्तु वे मुझसे बैर रखते हैं। 6. मेरे उस शत्रु ने जो बुरे काम किये हैं उसको दण्ड दे। ऐसा कोई व्यक्ति ढूँढ जो प्रमाणित करे कि वह सही नहीं है। 7. न्यायाधीश न्याय करे कि शत्रु ने मेरा बुरा किया है, और मेरे शत्रु जो भी कहे वह अपराधी है और उसकी बातें उसके ही लिये बिगड़ जायें। 8. मेरे शत्रु को शीघ्र मर जाने दे। मेरे शत्रु का काम किसी और को लेने दे। 9. मेरे शत्रु की सन्तानों को अनाथ कर दे और उसकी पत्नी को तू विधवा कर दे। 10. उनका घर उनसे छूट जायें और वे भिखारी हो जायें। 11. कुछ मेरे शत्रु का हो उसका लेनदार छीन कर ले जायें। उसके मेहनत का फल अनजाने लोग लूट कर ले जायें। 12. मेरी यही कामना है, मेरे शत्रु पर कोई दया न दिखाये, और उसके सन्तानों पर कोई भी व्यक्ति दया नहीं दिखलाये। 13. पूरी तरह नष्ट कर दे मेरे शत्रु को। आने वाली पीढ़ी को हर किसी वस्तु से उसका नाम मिटने दे। 14. मेरी कामना यह है कि मेरे शत्रु के पिता और माता के पापों को यहोवा सदा ही याद रखे। 15. यहोवा सदा ही उन पापों को याद रखे और मुझे आशा है कि वह मेरे शत्रु की याद मिटाने को लोगों को विवश करेगा। 16. क्यों क्योंकि उस दुष्ट ने कोई भी अच्छा कर्म कभी भी नहीं किया। उसने किसी को कभी भी प्रेम नहीं किया। उसने दीनों असहायों का जीना कठिन कर दिया। 17. उस दुष्ट लोगों को शाप देना भाता था। सो वही शाप उस पर लौट कर गिर जाये। उस बुरे व्यक्ति ने कभी आशीष न दी कि लोगों के लिये कोई भी अच्छी बात घटे। सो उसके साथ कोई भी भली बात मत होने दे। 18. वह शाप को वस्त्रों सा ओढ़ लें। शाप ही उसके लिये पानी बन जाये वह जिसको पीता रहे। शाप ही उसके शरीर पर तेल बनें। 19. शाप ही उस दुष्ट जन का वस्त्र बने जिनको वह लपेटे, और शाप ही उसके लिये कमर बन्द बने। 20. मुझको यह आशा है कि यहोवा मेरे शत्रु के साथ इन सभी बातों को करेगा। मुझको यह आशा है कि यहोवा इन सभी बातों को उनके साथ करेगा जो मेरी हत्या का जतन कर रहे है। 21. यहोवा तू मेरा स्वामी है। सो मेरे संग वैसा बर्ताव कर जिससे तेरे नाम का यश बढ़े। तेरी करूणा महान है, सो मेरी रक्षा कर। 22. मैं बस एक दीन, असहाय जन हूँ। मैं सचमुच दु:खी हूँ। मेरा मन टूट चुका है। 23. मुझे ऐसा लग रहा जैसे मेरा जीवन साँझ के समय की लम्बी छाया की भाँति बीत चुका है। मुझे ऐसा लग रहा जैसे किसी खटमल को किसी ने बाहर किया। 24. क्योंकि मैं भूखा हूँ इसलिए मेरे घुटने दुर्बल हो गये हैं। मेरा भार घटता ही जा रहा है, और मैं सूखता जा रहा हूँ। 25. बुरे लोग मुझको अपमानित करते। वे मुझको घूरते और अपना सिर मटकाते हैं।। 26. यहोवा मेरा परमेश्वर, मुझको सहारा दे! अपना सच्चा प्रेम दिखा और मुझको बचा ले! 27. फिर वे लोग जान जायेंगे कि तूने ही मुझे बचाया है। उनको पता चल जायेगा कि वह तेरी शक्ति थी जिसने मुझको सहारा दिया। 28. वे लोग मुझे शाप देते रहे। किन्तु यहोवा मुझको आशीर्वाद दे सकता है। उन्होंने मुझ पर वार किया, सो उनको हरा दे। तब मैं, तेरा दास, प्रसन्न हो जाऊँगा। 29. मेरे शत्रुओं को अपमानित कर! वे अपने लाज से ऐसे ढक जायें जैसे परिधान का आवरण ढक लेता। 30. मैं यहोवा का धन्यवाद करता हूँ। बहुत लोगों के सामने मैं उसके गुण गाता हूँ। 31. क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है। परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
  • भजन संहिता अध्याय 1  
  • भजन संहिता अध्याय 2  
  • भजन संहिता अध्याय 3  
  • भजन संहिता अध्याय 4  
  • भजन संहिता अध्याय 5  
  • भजन संहिता अध्याय 6  
  • भजन संहिता अध्याय 7  
  • भजन संहिता अध्याय 8  
  • भजन संहिता अध्याय 9  
  • भजन संहिता अध्याय 10  
  • भजन संहिता अध्याय 11  
  • भजन संहिता अध्याय 12  
  • भजन संहिता अध्याय 13  
  • भजन संहिता अध्याय 14  
  • भजन संहिता अध्याय 15  
  • भजन संहिता अध्याय 16  
  • भजन संहिता अध्याय 17  
  • भजन संहिता अध्याय 18  
  • भजन संहिता अध्याय 19  
  • भजन संहिता अध्याय 20  
  • भजन संहिता अध्याय 21  
  • भजन संहिता अध्याय 22  
  • भजन संहिता अध्याय 23  
  • भजन संहिता अध्याय 24  
  • भजन संहिता अध्याय 25  
  • भजन संहिता अध्याय 26  
  • भजन संहिता अध्याय 27  
  • भजन संहिता अध्याय 28  
  • भजन संहिता अध्याय 29  
  • भजन संहिता अध्याय 30  
  • भजन संहिता अध्याय 31  
  • भजन संहिता अध्याय 32  
  • भजन संहिता अध्याय 33  
  • भजन संहिता अध्याय 34  
  • भजन संहिता अध्याय 35  
  • भजन संहिता अध्याय 36  
  • भजन संहिता अध्याय 37  
  • भजन संहिता अध्याय 38  
  • भजन संहिता अध्याय 39  
  • भजन संहिता अध्याय 40  
  • भजन संहिता अध्याय 41  
  • भजन संहिता अध्याय 42  
  • भजन संहिता अध्याय 43  
  • भजन संहिता अध्याय 44  
  • भजन संहिता अध्याय 45  
  • भजन संहिता अध्याय 46  
  • भजन संहिता अध्याय 47  
  • भजन संहिता अध्याय 48  
  • भजन संहिता अध्याय 49  
  • भजन संहिता अध्याय 50  
  • भजन संहिता अध्याय 51  
  • भजन संहिता अध्याय 52  
  • भजन संहिता अध्याय 53  
  • भजन संहिता अध्याय 54  
  • भजन संहिता अध्याय 55  
  • भजन संहिता अध्याय 56  
  • भजन संहिता अध्याय 57  
  • भजन संहिता अध्याय 58  
  • भजन संहिता अध्याय 59  
  • भजन संहिता अध्याय 60  
  • भजन संहिता अध्याय 61  
  • भजन संहिता अध्याय 62  
  • भजन संहिता अध्याय 63  
  • भजन संहिता अध्याय 64  
  • भजन संहिता अध्याय 65  
  • भजन संहिता अध्याय 66  
  • भजन संहिता अध्याय 67  
  • भजन संहिता अध्याय 68  
  • भजन संहिता अध्याय 69  
  • भजन संहिता अध्याय 70  
  • भजन संहिता अध्याय 71  
  • भजन संहिता अध्याय 72  
  • भजन संहिता अध्याय 73  
  • भजन संहिता अध्याय 74  
  • भजन संहिता अध्याय 75  
  • भजन संहिता अध्याय 76  
  • भजन संहिता अध्याय 77  
  • भजन संहिता अध्याय 78  
  • भजन संहिता अध्याय 79  
  • भजन संहिता अध्याय 80  
  • भजन संहिता अध्याय 81  
  • भजन संहिता अध्याय 82  
  • भजन संहिता अध्याय 83  
  • भजन संहिता अध्याय 84  
  • भजन संहिता अध्याय 85  
  • भजन संहिता अध्याय 86  
  • भजन संहिता अध्याय 87  
  • भजन संहिता अध्याय 88  
  • भजन संहिता अध्याय 89  
  • भजन संहिता अध्याय 90  
  • भजन संहिता अध्याय 91  
  • भजन संहिता अध्याय 92  
  • भजन संहिता अध्याय 93  
  • भजन संहिता अध्याय 94  
  • भजन संहिता अध्याय 95  
  • भजन संहिता अध्याय 96  
  • भजन संहिता अध्याय 97  
  • भजन संहिता अध्याय 98  
  • भजन संहिता अध्याय 99  
  • भजन संहिता अध्याय 100  
  • भजन संहिता अध्याय 101  
  • भजन संहिता अध्याय 102  
  • भजन संहिता अध्याय 103  
  • भजन संहिता अध्याय 104  
  • भजन संहिता अध्याय 105  
  • भजन संहिता अध्याय 106  
  • भजन संहिता अध्याय 107  
  • भजन संहिता अध्याय 108  
  • भजन संहिता अध्याय 109  
  • भजन संहिता अध्याय 110  
  • भजन संहिता अध्याय 111  
  • भजन संहिता अध्याय 112  
  • भजन संहिता अध्याय 113  
  • भजन संहिता अध्याय 114  
  • भजन संहिता अध्याय 115  
  • भजन संहिता अध्याय 116  
  • भजन संहिता अध्याय 117  
  • भजन संहिता अध्याय 118  
  • भजन संहिता अध्याय 119  
  • भजन संहिता अध्याय 120  
  • भजन संहिता अध्याय 121  
  • भजन संहिता अध्याय 122  
  • भजन संहिता अध्याय 123  
  • भजन संहिता अध्याय 124  
  • भजन संहिता अध्याय 125  
  • भजन संहिता अध्याय 126  
  • भजन संहिता अध्याय 127  
  • भजन संहिता अध्याय 128  
  • भजन संहिता अध्याय 129  
  • भजन संहिता अध्याय 130  
  • भजन संहिता अध्याय 131  
  • भजन संहिता अध्याय 132  
  • भजन संहिता अध्याय 133  
  • भजन संहिता अध्याय 134  
  • भजन संहिता अध्याय 135  
  • भजन संहिता अध्याय 136  
  • भजन संहिता अध्याय 137  
  • भजन संहिता अध्याय 138  
  • भजन संहिता अध्याय 139  
  • भजन संहिता अध्याय 140  
  • भजन संहिता अध्याय 141  
  • भजन संहिता अध्याय 142  
  • भजन संहिता अध्याय 143  
  • भजन संहिता अध्याय 144  
  • भजन संहिता अध्याय 145  
  • भजन संहिता अध्याय 146  
  • भजन संहिता अध्याय 147  
  • भजन संहिता अध्याय 148  
  • भजन संहिता अध्याय 149  
  • भजन संहिता अध्याय 150  
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References