पवित्र बाइबिल

ऐसी तो रीड वर्शन (ESV)
जकर्याह

जकर्याह अध्याय 11

परमेश्वर यहूदा के चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दागा 1 लबानोन, अपने द्वार खोलो, क्योंकि आग भीतर लबानोन “और वह तम्हारे दवदारू के पेङों को जला देगी। 2 साइप्रस के पेड़ रोएंगे क्योंकि देवदारू के पेड़ गिर गए। वे विशाल पड़ उठा लिये गए। बाशान के आक—वृक्षों, उस वन के लिये रोओ, जो काट डाला गया। 3 रोते गड़ेरियों की सुनो। उनके शक्तिशाली प्रमुख दुर कर दिये गेए। जवान सिंहों की दहाड़ को सुनो। यरदन नदी के किनारे की उनकी घनी झाड़ियां ले ली गई। 4 मेरा परमेश्वर यहोवा कहता है, “उन भेड़ों की रक्षा करो, जिन्हें मारने के लिये पाला गया हैं। 5 उनके प्रमुख, स्वामी और व्यापारी के समान हैं। स्वामी अपने भड़ो को मानता है और उन्हें दण्ड नहीं मिलता। व्यापारी भेड़ों को बेचता है और कहता है, ‘यहोवा की महिमा से मैं सम्पन्न हूँ।’ गड़ेरिये अपने भड़ो के लिये दु:खी नहीं होते 6 और मैं इस दश में रहने वालों के लिये दुःखी नहीं होता।” यहोवा ने यह सब कहा, “देखो, मैं हर एक को उसके पड़ोसी और राजा के साथ सौप दूँगा।मैं उन्हें उनका देश नष्ट करने दूँगा, मै उन्हें रोकूँगा नहीं!” 7 अत: मैंने उन दिन भड़ों की दखभाल की, जिन्हें मारने के लिये पाला गया था। मुझे दो छड़ियाँ मिलीं।मैंने एक छड़ी का नाम अनुग्रह रखा और दुसरी छड़ी को एकता कहा और तब मैंने भेड़ो की देखभाल आरम्भ की। 8 मैंने सभी तीन गड़ेरीयों एक महीने मैं नष्ट कर दिया। मैं भेड़ों पर क्रोधित हुआ और वे मुझसे घृणा करने लगीं। 9 तब मैंने कहा, “मैं तम्हें छोड़ता हूँ! मैं तम्हारी दखभाल नहीं करूँगा! मैं उन्हें मर जाने दूँगा, जो मर जाना चाहते हैं। मैं उन्हें नष्ट हो जाने दूँगा, जो नष्ट किया जाना चाहते हैं।और जो बचेंगे वे एक दुसरे को नष्ट करेंगे।” 10 तब मैंने अनुग्रह नामक छड़ी ली और उसे तोड़ दी। मैंने यह इस बात को प्रकट करने के लिये किया कि सभी राष्ट्रों के साथ परमेश्वर की वाचा टूट गई। 11 अत: उस दिन वाचा समाप्त हो गई और उन दीन भेड़ों ने जा मेरी ओर दख रही थीं, समझ लिया कि यह सन्देश यहोवा का है। 12 तब मैंने कहा, “यदि तुम मुझे भगतान करना चाहते हो,तो भुगतान करो, यदि नहीं चाहते हो तो मत करो!”अत: उन्होंने चांदी के तीस टुकड़े दिये। 13 तब यहोवा ने मुझ से कहा, “इसका अर्थ है कि वे मेरी कीमत कितनी आंकते हैं। उन अधिक धन को मंदिर के खजाने में डाल दो।”इसलिये मैंने चांदी के तीस टुकड़ों को लिया और उन्हें यहोवा के मंदिर के खजाने में डाल 14 दिया।तब मैंने एकता नामक छड़ी को दो टुकड़ों में काट डाला। यह, मैंने यह बात प्रकट करने के लिये किया कि इस्राइल और यहूदा के बीच की एकता टूट गई। 15 तब यहोवा ने मुझ से कहा, “अब, एक ऐसी छड़ी की खोज करो, जिसका उपयाग वास्तव में भेड़ों हाँकने के लिये न हो सके। 16 यह इस बात को प्रकट करेगा कि मैं इस देश के लिये एक नया गड़ेरिया लाऊँगा। किन्तु यह युवक उन भेड़ो की दखभाल करने में सक्षम नहीं होगा, जो नष्ट की जा चुकी है। वह चाट खाई भेड़ों को स्वस्थ नहीं कर सकेगा। वह उन्हें खिला नहीं पाएगा जो अभी जीवीत बची हैं। और स्वस्थ भेड़ें सारी खा ली जाएंगी,केवल उन्की खुरें बची रहेंगी।” 17 हे मेरे नालायक गड़ेरिये। तुमने मेरी भेड़ों को त्याग दिया। उसे दण्ड दो! तलवार से उसकी दायी भुजा और दायीं आंख पर प्रहार करो। उनकी दायीं भुजा व्यर्थ होगी और और उसकी दायीं आंख अंधी होगी।
1. {#1परमेश्वर यहूदा के चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दागा } लबानोन, अपने द्वार खोलो, क्योंकि आग भीतर लबानोन “और वह तम्हारे दवदारू के पेङों को जला देगी। 2. साइप्रस के पेड़ रोएंगे क्योंकि देवदारू के पेड़ गिर गए। वे विशाल पड़ उठा लिये गए। बाशान के आक—वृक्षों, उस वन के लिये रोओ, जो काट डाला गया। 3. रोते गड़ेरियों की सुनो। उनके शक्तिशाली प्रमुख दुर कर दिये गेए। जवान सिंहों की दहाड़ को सुनो। यरदन नदी के किनारे की उनकी घनी झाड़ियां ले ली गई। 4. मेरा परमेश्वर यहोवा कहता है, “उन भेड़ों की रक्षा करो, जिन्हें मारने के लिये पाला गया हैं। 5. उनके प्रमुख, स्वामी और व्यापारी के समान हैं। स्वामी अपने भड़ो को मानता है और उन्हें दण्ड नहीं मिलता। व्यापारी भेड़ों को बेचता है और कहता है, ‘यहोवा की महिमा से मैं सम्पन्न हूँ।’ गड़ेरिये अपने भड़ो के लिये दु:खी नहीं होते 6. और मैं इस दश में रहने वालों के लिये दुःखी नहीं होता।” यहोवा ने यह सब कहा, “देखो, मैं हर एक को उसके पड़ोसी और राजा के साथ सौप दूँगा।मैं उन्हें उनका देश नष्ट करने दूँगा, मै उन्हें रोकूँगा नहीं!” 7. अत: मैंने उन दिन भड़ों की दखभाल की, जिन्हें मारने के लिये पाला गया था। मुझे दो छड़ियाँ मिलीं।मैंने एक छड़ी का नाम अनुग्रह रखा और दुसरी छड़ी को एकता कहा और तब मैंने भेड़ो की देखभाल आरम्भ की। 8. मैंने सभी तीन गड़ेरीयों एक महीने मैं नष्ट कर दिया। मैं भेड़ों पर क्रोधित हुआ और वे मुझसे घृणा करने लगीं। 9. तब मैंने कहा, “मैं तम्हें छोड़ता हूँ! मैं तम्हारी दखभाल नहीं करूँगा! मैं उन्हें मर जाने दूँगा, जो मर जाना चाहते हैं। मैं उन्हें नष्ट हो जाने दूँगा, जो नष्ट किया जाना चाहते हैं।और जो बचेंगे वे एक दुसरे को नष्ट करेंगे।” 10. तब मैंने अनुग्रह नामक छड़ी ली और उसे तोड़ दी। मैंने यह इस बात को प्रकट करने के लिये किया कि सभी राष्ट्रों के साथ परमेश्वर की वाचा टूट गई। 11. अत: उस दिन वाचा समाप्त हो गई और उन दीन भेड़ों ने जा मेरी ओर दख रही थीं, समझ लिया कि यह सन्देश यहोवा का है। 12. तब मैंने कहा, “यदि तुम मुझे भगतान करना चाहते हो,तो भुगतान करो, यदि नहीं चाहते हो तो मत करो!”अत: उन्होंने चांदी के तीस टुकड़े दिये। 13. तब यहोवा ने मुझ से कहा, “इसका अर्थ है कि वे मेरी कीमत कितनी आंकते हैं। उन अधिक धन को मंदिर के खजाने में डाल दो।”इसलिये मैंने चांदी के तीस टुकड़ों को लिया और उन्हें यहोवा के मंदिर के खजाने में डाल 14. दिया।तब मैंने एकता नामक छड़ी को दो टुकड़ों में काट डाला। यह, मैंने यह बात प्रकट करने के लिये किया कि इस्राइल और यहूदा के बीच की एकता टूट गई। 15. तब यहोवा ने मुझ से कहा, “अब, एक ऐसी छड़ी की खोज करो, जिसका उपयाग वास्तव में भेड़ों हाँकने के लिये न हो सके। 16. यह इस बात को प्रकट करेगा कि मैं इस देश के लिये एक नया गड़ेरिया लाऊँगा। किन्तु यह युवक उन भेड़ो की दखभाल करने में सक्षम नहीं होगा, जो नष्ट की जा चुकी है। वह चाट खाई भेड़ों को स्वस्थ नहीं कर सकेगा। वह उन्हें खिला नहीं पाएगा जो अभी जीवीत बची हैं। और स्वस्थ भेड़ें सारी खा ली जाएंगी,केवल उन्की खुरें बची रहेंगी।” 17. हे मेरे नालायक गड़ेरिये। तुमने मेरी भेड़ों को त्याग दिया। उसे दण्ड दो! तलवार से उसकी दायी भुजा और दायीं आंख पर प्रहार करो। उनकी दायीं भुजा व्यर्थ होगी और और उसकी दायीं आंख अंधी होगी।
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