पवित्र बाइबिल

इंडियन रिवाइज्ड वर्शन (ISV)
1 इतिहास

1 इतिहास अध्याय 27

देश का प्रबन्ध 1 इस्राएलियों की गिनती, अर्थात् पितरों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों और सहस्‍त्रपतियों और शतपतियों और उनके सरदारों की गिनती जो वर्ष भर के महीने-महीने उपस्थित होने और छुट्टी पानेवाले दलों के थे और सब विषयों में राजा की सेवा टहल करते थे, एक-एक दल में चौबीस हजार थे। 2 पहले महीने के लिये पहले दल का अधिकारी जब्दीएल का पुत्र याशोबाम* नियुक्त हुआ; और उसके दल में चौबीस हजार थे। 3 वह पेरेस के वंश का था और पहले महीने में सब सेनापतियों का अधिकारी था। 4 दूसरे महीने के दल का अधिकारी दोदै नामक एक अहोही था, और उसके दल का प्रधान मिक्लोत था, और उसके दल में चौबीस हजार थे। 5 तीसरे महीने के लिये तीसरा सेनापति यहोयादा याजक का पुत्र बनायाह था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 6 यह वही बनायाह है, जो तीसों शूरों में वीर, और तीसों में श्रेष्ठ भी था; और उसके दल में उसका पुत्र अम्मीजाबाद था। 7 चौथे महीने के लिये चौथा सेनापति योआब का भाई असाहेल था, और उसके बाद उसका पुत्र जबद्याह था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 8 पाँचवें महीने के लिये पाँचवाँ सेनापति यिज्राही शम्हूत था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 9 छठवें महीने के लिये छठवाँ सेनापति तकोई इक्केश का पुत्र ईरा था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 10 सातवें महीने के लिये सातवाँ सेनापति एप्रैम के वंश का हेलेस पलोनी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 11 आठवें महीने के लिये आठवाँ सेनापति जेरह के वंश में से हूशाई सिब्बकै था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 12 नौवें महीने के लिये नौवाँ सेनापति बिन्यामीनी अबीएजेर अनातोतवासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 13 दसवें महीने के लिये दसवाँ सेनापति जेरही महरै नतोपावासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 14 ग्यारहवें महीने के लिये ग्यारहवाँ सेनापति एप्रैम के वंश का बनायाह पिरातोनवासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 15 बारहवें महीने के लिये बारहवां सेनापति ओत्नीएल के वंश का हेल्दै नतोपावासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 16 फिर इस्राएली गोत्रों के ये अधिकारी थे: अर्थात् रूबेनियों का प्रधान जिक्री का पुत्र एलीएजेर; शिमोनियों से माका का पुत्र शपत्याह; 17 लेवी से कमूएल का पुत्र हशब्याह; हारून की सन्तान का सादोक; 18 यहूदा का एलीहू नामक दाऊद का एक भाई, इस्साकार से मीकाएल का पुत्र ओम्री; 19 जबूलून से ओबद्याह का पुत्र यिशमायाह, नप्ताली से अज्रीएल का पुत्र यरीमोत; 20 एप्रैम से अजज्याह का पुत्र होशे, मनश्शे से आधे गोत्र का, पदायाह का पुत्र योएल; 21 गिलाद में आधे गोत्र मनश्शे से जकर्याह का पुत्र इद्दो, बिन्यामीन से अब्नेर का पुत्र यासीएल; 22 और दान से यरोहाम का पुत्र अजरेल प्रधान ठहरा। ये ही इस्राएल के गोत्रों के हाकिम थे। 23 परन्तु दाऊद ने उनकी गिनती बीस वर्ष की अवस्था के नीचे न की, क्योंकि यहोवा ने इस्राएल की गिनती आकाश के तारों के बराबर बढ़ाने के लिये कहा था। 24 सरूयाह का पुत्र योआब गिनती लेने लगा, पर निपटा न सका क्योंकि परमेश्‍वर का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और यह गिनती राजा दाऊद के इतिहास में नहीं लिखी गई*। 25 फिर अदीएल का पुत्र अज्मावेत राज भण्डारों का अधिकारी था, और देहात और नगरों और गाँवों और गढ़ों के भण्डारों का अधिकारी उज्जियाह का पुत्र यहोनातान था। 26 और जो भूमि को जोतकर बोकर खेती करते थे, उनका अधिकारी कलूब का पुत्र एज्री था। 27 और दाख की बारियों का अधिकारी रामाई शिमी और दाख की बारियों की उपज जो दाखमधु के भण्डारों में रखने के लिये थी, उसका अधिकारी शापामी जब्दी था। 28 और नीचे के देश के जैतून और गूलर के वृक्षों का अधिकारी गदेरी बाल्हानान था और तेल के भण्डारों का अधिकारी योआश था। 29 और शारोन में चरनेवाले गाय-बैलों का अधिकारी शारोनी शित्रै था और तराइयों के गाय-बैलों का अधिकारी अदलै का पुत्र शापात था। 30 और ऊँटों का अधिकारी इश्माएली ओबील और गदहियों का अधिकारी मेरोनोतवासी येहदयाह। 31 और भेड़-बकरियों का अधिकारी हग्री याजीज था। ये ही सब राजा दाऊद की धन सम्पत्ति के अधिकारी थे। 32 और दाऊद का भतीजा योनातान एक समझदार मंत्री और शास्त्री था, और एक हक्मोनी का पुत्र यहीएल राजपुत्रों के संग रहा करता था। 33 और अहीतोपेल राजा का मंत्री था, और एरेकी हूशै राजा का मित्र था। 34 और अहीतोपेल के बाद बनायाह का पुत्र यहोयादा और एब्यातार मंत्री ठहराए गए। और राजा का प्रधान सेनापति योआब था।
1. {#1देश का प्रबन्ध } इस्राएलियों की गिनती, अर्थात् पितरों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों और सहस्‍त्रपतियों और शतपतियों और उनके सरदारों की गिनती जो वर्ष भर के महीने-महीने उपस्थित होने और छुट्टी पानेवाले दलों के थे और सब विषयों में राजा की सेवा टहल करते थे, एक-एक दल में चौबीस हजार थे। 2. पहले महीने के लिये पहले दल का अधिकारी जब्दीएल का पुत्र याशोबाम* नियुक्त हुआ; और उसके दल में चौबीस हजार थे। 3. वह पेरेस के वंश का था और पहले महीने में सब सेनापतियों का अधिकारी था। 4. दूसरे महीने के दल का अधिकारी दोदै नामक एक अहोही था, और उसके दल का प्रधान मिक्लोत था, और उसके दल में चौबीस हजार थे। 5. तीसरे महीने के लिये तीसरा सेनापति यहोयादा याजक का पुत्र बनायाह था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 6. यह वही बनायाह है, जो तीसों शूरों में वीर, और तीसों में श्रेष्ठ भी था; और उसके दल में उसका पुत्र अम्मीजाबाद था। 7. चौथे महीने के लिये चौथा सेनापति योआब का भाई असाहेल था, और उसके बाद उसका पुत्र जबद्याह था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 8. पाँचवें महीने के लिये पाँचवाँ सेनापति यिज्राही शम्हूत था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 9. छठवें महीने के लिये छठवाँ सेनापति तकोई इक्केश का पुत्र ईरा था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 10. सातवें महीने के लिये सातवाँ सेनापति एप्रैम के वंश का हेलेस पलोनी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 11. आठवें महीने के लिये आठवाँ सेनापति जेरह के वंश में से हूशाई सिब्बकै था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 12. नौवें महीने के लिये नौवाँ सेनापति बिन्यामीनी अबीएजेर अनातोतवासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 13. दसवें महीने के लिये दसवाँ सेनापति जेरही महरै नतोपावासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 14. ग्यारहवें महीने के लिये ग्यारहवाँ सेनापति एप्रैम के वंश का बनायाह पिरातोनवासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 15. बारहवें महीने के लिये बारहवां सेनापति ओत्नीएल के वंश का हेल्दै नतोपावासी था और उसके दल में चौबीस हजार थे। 16. फिर इस्राएली गोत्रों के ये अधिकारी थे: अर्थात् रूबेनियों का प्रधान जिक्री का पुत्र एलीएजेर; शिमोनियों से माका का पुत्र शपत्याह; 17. लेवी से कमूएल का पुत्र हशब्याह; हारून की सन्तान का सादोक; 18. यहूदा का एलीहू नामक दाऊद का एक भाई, इस्साकार से मीकाएल का पुत्र ओम्री; 19. जबूलून से ओबद्याह का पुत्र यिशमायाह, नप्ताली से अज्रीएल का पुत्र यरीमोत; 20. एप्रैम से अजज्याह का पुत्र होशे, मनश्शे से आधे गोत्र का, पदायाह का पुत्र योएल; 21. गिलाद में आधे गोत्र मनश्शे से जकर्याह का पुत्र इद्दो, बिन्यामीन से अब्नेर का पुत्र यासीएल; 22. और दान से यरोहाम का पुत्र अजरेल प्रधान ठहरा। ये ही इस्राएल के गोत्रों के हाकिम थे। 23. परन्तु दाऊद ने उनकी गिनती बीस वर्ष की अवस्था के नीचे न की, क्योंकि यहोवा ने इस्राएल की गिनती आकाश के तारों के बराबर बढ़ाने के लिये कहा था। 24. सरूयाह का पुत्र योआब गिनती लेने लगा, पर निपटा न सका क्योंकि परमेश्‍वर का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और यह गिनती राजा दाऊद के इतिहास में नहीं लिखी गई*। 25. फिर अदीएल का पुत्र अज्मावेत राज भण्डारों का अधिकारी था, और देहात और नगरों और गाँवों और गढ़ों के भण्डारों का अधिकारी उज्जियाह का पुत्र यहोनातान था। 26. और जो भूमि को जोतकर बोकर खेती करते थे, उनका अधिकारी कलूब का पुत्र एज्री था। 27. और दाख की बारियों का अधिकारी रामाई शिमी और दाख की बारियों की उपज जो दाखमधु के भण्डारों में रखने के लिये थी, उसका अधिकारी शापामी जब्दी था। 28. और नीचे के देश के जैतून और गूलर के वृक्षों का अधिकारी गदेरी बाल्हानान था और तेल के भण्डारों का अधिकारी योआश था। 29. और शारोन में चरनेवाले गाय-बैलों का अधिकारी शारोनी शित्रै था और तराइयों के गाय-बैलों का अधिकारी अदलै का पुत्र शापात था। 30. और ऊँटों का अधिकारी इश्माएली ओबील और गदहियों का अधिकारी मेरोनोतवासी येहदयाह। 31. और भेड़-बकरियों का अधिकारी हग्री याजीज था। ये ही सब राजा दाऊद की धन सम्पत्ति के अधिकारी थे। 32. और दाऊद का भतीजा योनातान एक समझदार मंत्री और शास्त्री था, और एक हक्मोनी का पुत्र यहीएल राजपुत्रों के संग रहा करता था। 33. और अहीतोपेल राजा का मंत्री था, और एरेकी हूशै राजा का मित्र था। 34. और अहीतोपेल के बाद बनायाह का पुत्र यहोयादा और एब्यातार मंत्री ठहराए गए। और राजा का प्रधान सेनापति योआब था।
  • 1 इतिहास अध्याय 1  
  • 1 इतिहास अध्याय 2  
  • 1 इतिहास अध्याय 3  
  • 1 इतिहास अध्याय 4  
  • 1 इतिहास अध्याय 5  
  • 1 इतिहास अध्याय 6  
  • 1 इतिहास अध्याय 7  
  • 1 इतिहास अध्याय 8  
  • 1 इतिहास अध्याय 9  
  • 1 इतिहास अध्याय 10  
  • 1 इतिहास अध्याय 11  
  • 1 इतिहास अध्याय 12  
  • 1 इतिहास अध्याय 13  
  • 1 इतिहास अध्याय 14  
  • 1 इतिहास अध्याय 15  
  • 1 इतिहास अध्याय 16  
  • 1 इतिहास अध्याय 17  
  • 1 इतिहास अध्याय 18  
  • 1 इतिहास अध्याय 19  
  • 1 इतिहास अध्याय 20  
  • 1 इतिहास अध्याय 21  
  • 1 इतिहास अध्याय 22  
  • 1 इतिहास अध्याय 23  
  • 1 इतिहास अध्याय 24  
  • 1 इतिहास अध्याय 25  
  • 1 इतिहास अध्याय 26  
  • 1 इतिहास अध्याय 27  
  • 1 इतिहास अध्याय 28  
  • 1 इतिहास अध्याय 29  
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References