पवित्र बाइबिल

इंडियन रिवाइज्ड वर्शन (ISV)
न्यायियों

न्यायियों अध्याय 7

गिदोन का मिद्यानियों पर विजय 1 तब गिदोन जो यरूब्बाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके संग थे सवेरे उठे, और हरोद* नामक सोते के पास अपने डेरे खड़े किए; और मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर मोरे नामक पहाड़ी के पास तराई में पड़ी थी।। 2 तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे, कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं। 3 इसलिए तू जाकर लोगों में यह प्रचार करके सुना दे, 'जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह गिलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए'।” तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस हजार रह गए। 4 फिर यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी लोग अधिक हैं; उन्हें सोते के पास नीचे ले चल, वहाँ मैं उन्हें तेरे लिये परखूँगा; और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ,' यह तेरे संग चले,' वह तो तेरे संग चले; और जिस जिसके विषय में मैं कहूँ, 'यह तेरे संग न जाए,' वह न जाए।” 5 तब वह उनको सोते के पास नीचे ले गया; वहाँ यहोवा ने गिदोन से कहा, “जितने कुत्ते की समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीएँ उनको अलग रख; और वैसा ही उन्हें भी जो घुटने टेककर पीएँ।” 6 जिन्होंने मुँह में हाथ लगाकर चपड़-चपड़ करके पानी पिया उनकी तो गिनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घुटने टेककर पानी पिया। 7 तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “इन तीन सौ चपड़-चपड़ करके पीनेवालों के द्वारा मैं तुम को छुड़ाऊँगा, और मिद्यानियों को तेरे हाथ में कर दूँगा; और अन्य लोग अपने-अपने स्थान को लौट जाए।” 8 तब उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ भोजन सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए; और उसने इस्राएल के अन्य सब पुरुषों को अपने-अपने डेरे की ओर भेज दिया, परन्तु उन तीन सौ पुरुषों को अपने पास रख छोड़ा; और मिद्यान की छावनी उसके नीचे तराई में पड़ी थी। 9 उसी रात को यहोवा ने उससे कहा, “उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ। 10 परन्तु यदि तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग लेकर छावनी के पास जाकर सुन, 11 कि वे क्या कह रहे हैं; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा।” तब वह अपने सेवक फूरा को संग ले उन हथियार-बन्दों के पास जो छावनी के छोर पर थे उतर गया। 12 मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे। 13 जब गिदोन वहाँ आया, तब एक जन अपने किसी संगी से अपना स्वप्न यों कह रहा था, “सुन, मैंने स्वप्न में क्या देखा है कि जौ की एक रोटी* लुढ़कते-लुढ़कते मिद्यान की छावनी में आई, और डेरे को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर गया, और उसको ऐसा उलट दिया, कि डेरा गिरा पड़ा रहा।” 14 उसके संगी ने उत्तर दिया, “यह योआश के पुत्र गिदोन नामक एक इस्राएली पुरुष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ में परमेश्‍वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है।” 15 उस स्वप्न का वर्णन और फल सुनकर गिदोन ने दण्डवत् किया; और इस्राएल की छावनी में लौटकर कहा, “उठो, यहोवा ने मिद्यानी सेना को तुम्हारे वश में कर दिया है।” 16 तब उसने उन तीन सौ पुरुषों के तीन झुण्ड किए, और एक-एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी। 17 फिर उसने उनसे कहा, “मुझे देखो, और वैसा ही करो; सुनो, जब मैं उस छावनी की छोर पर पहुँचूँ, तब जैसा मैं करूँ वैसा ही तुम भी करना। 18 अर्थात् जब मैं और मेरे सब संगी नरसिंगा फूँकें तब तुम भी छावनी के चारों ओर नरसिंगे फूँकना, और ललकारना, 'यहोवा की और गिदोन की तलवार।' 19 बीचवाले पहर के आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी वैसे ही गिदोन अपने संग के सौ पुरुषों समेत छावनी के छोर पर गया; और नरसिंगे को फूँक दिया और अपने हाथ के घड़ों को तोड़ डाला। 20 तब तीनों झुण्डों ने नरसिंगों को फूँका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने-अपने बाएँ हाथ में मशाल और दाहिने हाथ में फूँकने को नरसिंगा लिए हुए चिल्ला उठे, 'यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार।' 21 तब वे छावनी के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे, और सब सेना के लोग दौड़ने लगे; और उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर उन्हें भगा दिया। 22 और उन्होंने तीन सौ नरसिंगों को फूँका, और यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरेरा की ओर बेतशित्ता तक और तब्बात के पास के आबेल-महोला तक भाग गए। 23 तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर मिद्यानियों के पीछे पड़े। 24 और गिदोन ने एप्रैम के सब पहाड़ी देश में यह कहने को दूत भेज दिए, “मिद्यानियों से मुठभेड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो।”' तब सब एप्रैमी पुरुषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया। 25 और उन्होंने ओरेब और जेब नाम मिद्यान के दो हाकिमों को पकड़ा; और ओरेब को ओरेब नामक चट्टान पर, और जेब को जेब नामक दाखरस के कुण्ड पर घात किया; और वे मिद्यानियों के पीछे पड़े; और ओरेब और जेब के सिर यरदन के पार गिदोन के पास ले गए।
1. {#1गिदोन का मिद्यानियों पर विजय } तब गिदोन जो यरूब्बाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके संग थे सवेरे उठे, और हरोद* नामक सोते के पास अपने डेरे खड़े किए; और मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर मोरे नामक पहाड़ी के पास तराई में पड़ी थी।। 2. तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे, कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं। 3. इसलिए तू जाकर लोगों में यह प्रचार करके सुना दे, 'जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह गिलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए'।” तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस हजार रह गए। 4. फिर यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी लोग अधिक हैं; उन्हें सोते के पास नीचे ले चल, वहाँ मैं उन्हें तेरे लिये परखूँगा; और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ,' यह तेरे संग चले,' वह तो तेरे संग चले; और जिस जिसके विषय में मैं कहूँ, 'यह तेरे संग न जाए,' वह न जाए।” 5. तब वह उनको सोते के पास नीचे ले गया; वहाँ यहोवा ने गिदोन से कहा, “जितने कुत्ते की समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीएँ उनको अलग रख; और वैसा ही उन्हें भी जो घुटने टेककर पीएँ।” 6. जिन्होंने मुँह में हाथ लगाकर चपड़-चपड़ करके पानी पिया उनकी तो गिनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घुटने टेककर पानी पिया। 7. तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “इन तीन सौ चपड़-चपड़ करके पीनेवालों के द्वारा मैं तुम को छुड़ाऊँगा, और मिद्यानियों को तेरे हाथ में कर दूँगा; और अन्य लोग अपने-अपने स्थान को लौट जाए।” 8. तब उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ भोजन सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए; और उसने इस्राएल के अन्य सब पुरुषों को अपने-अपने डेरे की ओर भेज दिया, परन्तु उन तीन सौ पुरुषों को अपने पास रख छोड़ा; और मिद्यान की छावनी उसके नीचे तराई में पड़ी थी। 9. उसी रात को यहोवा ने उससे कहा, “उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ। 10. परन्तु यदि तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग लेकर छावनी के पास जाकर सुन, 11. कि वे क्या कह रहे हैं; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा।” तब वह अपने सेवक फूरा को संग ले उन हथियार-बन्दों के पास जो छावनी के छोर पर थे उतर गया। 12. मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे। 13. जब गिदोन वहाँ आया, तब एक जन अपने किसी संगी से अपना स्वप्न यों कह रहा था, “सुन, मैंने स्वप्न में क्या देखा है कि जौ की एक रोटी* लुढ़कते-लुढ़कते मिद्यान की छावनी में आई, और डेरे को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर गया, और उसको ऐसा उलट दिया, कि डेरा गिरा पड़ा रहा।” 14. उसके संगी ने उत्तर दिया, “यह योआश के पुत्र गिदोन नामक एक इस्राएली पुरुष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ में परमेश्‍वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है।” 15. उस स्वप्न का वर्णन और फल सुनकर गिदोन ने दण्डवत् किया; और इस्राएल की छावनी में लौटकर कहा, “उठो, यहोवा ने मिद्यानी सेना को तुम्हारे वश में कर दिया है।” 16. तब उसने उन तीन सौ पुरुषों के तीन झुण्ड किए, और एक-एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी। 17. फिर उसने उनसे कहा, “मुझे देखो, और वैसा ही करो; सुनो, जब मैं उस छावनी की छोर पर पहुँचूँ, तब जैसा मैं करूँ वैसा ही तुम भी करना। 18. अर्थात् जब मैं और मेरे सब संगी नरसिंगा फूँकें तब तुम भी छावनी के चारों ओर नरसिंगे फूँकना, और ललकारना, 'यहोवा की और गिदोन की तलवार।' 19. बीचवाले पहर के आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी वैसे ही गिदोन अपने संग के सौ पुरुषों समेत छावनी के छोर पर गया; और नरसिंगे को फूँक दिया और अपने हाथ के घड़ों को तोड़ डाला। 20. तब तीनों झुण्डों ने नरसिंगों को फूँका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने-अपने बाएँ हाथ में मशाल और दाहिने हाथ में फूँकने को नरसिंगा लिए हुए चिल्ला उठे, 'यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार।' 21. तब वे छावनी के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे, और सब सेना के लोग दौड़ने लगे; और उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर उन्हें भगा दिया। 22. और उन्होंने तीन सौ नरसिंगों को फूँका, और यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरेरा की ओर बेतशित्ता तक और तब्बात के पास के आबेल-महोला तक भाग गए। 23. तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर मिद्यानियों के पीछे पड़े। 24. और गिदोन ने एप्रैम के सब पहाड़ी देश में यह कहने को दूत भेज दिए, “मिद्यानियों से मुठभेड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो।”' तब सब एप्रैमी पुरुषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया। 25. और उन्होंने ओरेब और जेब नाम मिद्यान के दो हाकिमों को पकड़ा; और ओरेब को ओरेब नामक चट्टान पर, और जेब को जेब नामक दाखरस के कुण्ड पर घात किया; और वे मिद्यानियों के पीछे पड़े; और ओरेब और जेब के सिर यरदन के पार गिदोन के पास ले गए।
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