पवित्र बाइबिल

इंडियन रिवाइज्ड वर्शन (ISV)
प्रकाशित वाक्य

प्रकाशित वाक्य अध्याय 4

स्वर्ग में दृश्य 1 इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिसको मैंने पहले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, “यहाँ ऊपर आ जा, और मैं वे बातें तुझे दिखाऊँगा, जिनका इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।” (प्रका. 22:6) 2 तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूँ कि एक सिंहासन स्वर्ग में रखा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है। (1 राजा. 22:19) 3 और जो उस पर बैठा है, वह यशब और माणिक्य जैसा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत के समान एक मेघधनुष दिखाई देता है। (यहे. 1:28) 4 उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहने हुए बैठे हैं, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट हैं। (प्रका. 11:16) स्वर्ग में आराधना 5 उस सिंहासन में से बिजलियाँ और गर्जन निकलते हैं* और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं, वे परमेश्‍वर की सात आत्माएँ हैं, (जक. 4:2) 6 और उस सिंहासन के सामने मानो बिल्लौर के समान काँच के जैसा समुद्र है*, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी है, जिनके आगे-पीछे आँखें ही आँखें हैं। (यहे. 10:12) 7 पहला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुँह मनुष्य के समान है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है। (यहे. 1:10, यहे. 10:14) 8 और चारों प्राणियों के छः-छः पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात-दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, (यशा. 6:2-3) “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्‍वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।” 9 और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (दानि. 12:7) 10 तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने* यह कहते हुए डाल देंगे, (भज. 47:8) 11 “हे हमारे प्रभु, और परमेश्‍वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएँ सृजीं और तेरी ही इच्छा से, वे अस्तित्व में थे और सृजी गईं।”
1. {#1स्वर्ग में दृश्य } इन बातों के बाद जो मैंने दृष्टि की, तो क्या देखता हूँ कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिसको मैंने पहले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, “यहाँ ऊपर आ जा, और मैं वे बातें तुझे दिखाऊँगा, जिनका इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।” (प्रका. 22:6) 2. तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूँ कि एक सिंहासन स्वर्ग में रखा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है। (1 राजा. 22:19) 3. और जो उस पर बैठा है, वह यशब और माणिक्य जैसा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत के समान एक मेघधनुष दिखाई देता है। (यहे. 1:28) 4. उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्र पहने हुए बैठे हैं, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट हैं। (प्रका. 11:16) 5. {#1स्वर्ग में आराधना } उस सिंहासन में से बिजलियाँ और गर्जन निकलते हैं* और सिंहासन के सामने आग के सात दीपक जल रहे हैं, वे परमेश्‍वर की सात आत्माएँ हैं, (जक. 4:2) 6. और उस सिंहासन के सामने मानो बिल्लौर के समान काँच के जैसा समुद्र है*, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी है, जिनके आगे-पीछे आँखें ही आँखें हैं। (यहे. 10:12) 7. पहला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुँह मनुष्य के समान है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है। (यहे. 1:10, यहे. 10:14) 8. और चारों प्राणियों के छः-छः पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात-दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, (यशा. 6:2-3) “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्‍वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।” 9. और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (दानि. 12:7) 10. तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने* यह कहते हुए डाल देंगे, (भज. 47:8) 11. “हे हमारे प्रभु, और परमेश्‍वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएँ सृजीं और तेरी ही इच्छा से, वे अस्तित्व में थे और सृजी गईं।”
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 1  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 2  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 3  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 4  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 5  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 6  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 7  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 8  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 9  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 10  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 11  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 12  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 13  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 14  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 15  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 16  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 17  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 18  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 19  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 20  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 21  
  • प्रकाशित वाक्य अध्याय 22  
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References