पवित्र बाइबिल

बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया (BSI)
1 इतिहास

1 इतिहास अध्याय 26

1 फिर द्वारपालों के दल ये थे: कोरहियों में से तो मशेलेम्याह, जो कोरे का पुत्र और आसाप के सन्तानों में से था। 2 और मशेलेम्याह के पुत्र हुए, अर्थात उसका जेठा जकर्याह दूसरा यदीएल, तीसरा जवद्याह, 3 चौथा यतीएल, पांचवां एलाम, छठवां यहोहानान और सातवां एल्यहोएनै। 4 फिर ओबेदेदोम के भी पुत्र हुए, उसका जेठा शमायाह, दूसरा यहोजाबाद, तीसरा योआह, चौथा साकार, पांचवां नतनेल, 5 छठवां अम्मीएल, सातवां इस्साकार और आठवां पुल्लतै, क्योंकि परमेश्वर ने उसे आशीष दी थी। 6 और उसके पुत्र शमायाह के भी पुत्र उत्पन्न हुए, जो शूरवीर होने के कारण अपने पिता के घराने पर प्रभुता करते थे। 7 शमायाह के पुत्र ये थे, अर्थात ओती, रपाएल, ओबेद, एलजाबाद और उनके भाई एलीहू और समक्याह बलवान पुरुष थे। 8 ये सब आबेदेदोम की सन्तान में से थे, वे और उनके पुत्र और भाई इस सेवकाई के लिये बलवान और शक्तिमान थे; ये ओबेदेदोमी बासठ थे। 9 और मशेलेम्याह के पुत्र और भाई अठारह थे, जो बलवान थे। 10 फिर मरारी के वंश में से होसा के भी पुत्र थे, अर्थात मुख्य तो शिम्री ( जिस को जेठा न होने पर भी उसके पिता ने मुख्य ठहराया ), 11 दूसरा हिल्किय्याह, तीसरा तबल्याह और चौथा जकर्याह था; होसा के सब पुत्र और भाई मिलकर तेरह थे। 12 द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। 13 इन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार एक एक फाटक के लिये चिट्ठी डाली। 14 पूर्व की ओर की चिट्ठी शेलेम्याह के नाम पर निकली। तब उन्होंने उसके पुत्र जकर्याह के नाम की चिट्ठी डाली ( वह बुद्धिमान मंत्री था ) और चिट्ठी उत्तर की ओर के लिये निकली। 15 दक्खिन की ओर के लिये ओबोदेदोम के नाम पर चिट्ठी निकली, और उसके बेटों के नाम पर खजाने की कोठरी के लिये। 16 फिर शुप्पीम और होसा के नामों की चिट्ठी पश्चिम की ओर के लिये निकली, कि वे शल्लेकेत नाम फाटक के पास चढ़ाई की सड़क पर आम्हने साम्हने चौकीदारी किया करें। 17 पूर्व ओर जो छ: लेवीय थे, उत्तर की ओर प्रतिदिन चार, दक्खिन की ओर प्रतिदिन चार, और खजाने की कोठरी के पास दो ठहरे। 18 पश्चिम ओर के पर्बार नाम स्थान पर ऊंची सड़क के पास तो चार और पर्बार के पास दो रहे। 19 ये द्वारपालों के दल थे, जिन में से कितने तो कोरह के थे और कितने मरारी के वंश के थे। 20 फिर लेवियों में से अहिय्याह परमेश्वर के भवन और पवित्र की हुई वस्तुओं, दोनों के भण्डारों का अधिकारी नियुक्त हुआ। 21 ये लादान की सन्तान के थे, अर्थात गेर्शेनियोंकी सन्तान जो लादान के कुल के थे, अर्थात लादान और गेर्शेनी के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष थे, अर्थात यहोएली। 22 यहोएली के पुत्र ये थे, अर्थात जेताम और उसका भाई योएल जो यहोवा के भवन के खजाने के अधिकारी थे। 23 अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएलियों में से। 24 और शबूएल जो मूसा के पुत्र गेर्शेम के वंश का था, वह खजानों का मुख्य अधिकारी था। 25 और उसके भाइयों का वृत्तान्त यह है: एलीआजर के कुल में उसका पुत्र रहब्याह, रहब्याह का पुत्र यशायाह, यशायाह का पुत्र योराम, योराम का पुत्र जिक्री, और जिक्री का पुत्र शलोमोत था। 26 यही शलोमोत अपने भाइयों समेत उन सब पवित्र की हुई पस्तुओं के भण्डारों का अधिकारी था, जो राजा दाऊद और पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुषों और सहस्रपतियों और शतपतियों और मुख्य सेनापतियों ने पवित्र की थीं। 27 जो लूट लड़ाइयों में मिलती थी, उस में से उन्होंने यहोवा का भवन दृढ़ करने के लिये कुछ पवित्र किया। 28 वरन जितना शमूएल दशीं, कीश के पुत्र शाऊल, नेर के पुत्र अब्नेर, और सरूयाह के पुत्र योआब ने पवित्र किया था, और जो कुछ जिस किसी ने पवित्र कर रखा था, वह सब शलोमोत और उसके भाइयों के अधिकार में था। 29 यिसहारियों में से कनन्याह और उसके पुत्र, इस्राएल के देश का काम अर्थात सरदार और न्यायी का काम करने के लिये नियुक्त हुए। 30 और हेब्रोनियों में से हशय्याह और उसके भाई जो सत्रह सौ बलवान पुरुष थे, वे यहोवा के सब काम और राजा की सेवा के विषय यरदन की पश्चिम ओर रहने वाले इस्राएलियों के अधिकारी ठहरे। 31 हेब्रोनियों में से यरिय्याह मुख्य था, अर्थात हेब्रोनियों की पीढ़ी पीढ़ी के पितरों के घरानों के अनुसार दाऊद के राज्य के चालीसवें वर्ष में वे ढूंढ़े गए, और उन में से कई शूरवीर गिलाद के याजेर में मिले। 32 और उसके भाई जो वीर थे, पितरों के घरानों के दो हाजार सात सौ मुख्य पुरुष थे, इन को दाऊद राजा ने परमेश्वर के सब विषयों और राजा के विषय में रूबेनियों, गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र का अधिकारी ठहराया।
1. फिर द्वारपालों के दल ये थे: कोरहियों में से तो मशेलेम्याह, जो कोरे का पुत्र और आसाप के सन्तानों में से था। 2. और मशेलेम्याह के पुत्र हुए, अर्थात उसका जेठा जकर्याह दूसरा यदीएल, तीसरा जवद्याह, 3. चौथा यतीएल, पांचवां एलाम, छठवां यहोहानान और सातवां एल्यहोएनै। 4. फिर ओबेदेदोम के भी पुत्र हुए, उसका जेठा शमायाह, दूसरा यहोजाबाद, तीसरा योआह, चौथा साकार, पांचवां नतनेल, 5. छठवां अम्मीएल, सातवां इस्साकार और आठवां पुल्लतै, क्योंकि परमेश्वर ने उसे आशीष दी थी। 6. और उसके पुत्र शमायाह के भी पुत्र उत्पन्न हुए, जो शूरवीर होने के कारण अपने पिता के घराने पर प्रभुता करते थे। 7. शमायाह के पुत्र ये थे, अर्थात ओती, रपाएल, ओबेद, एलजाबाद और उनके भाई एलीहू और समक्याह बलवान पुरुष थे। 8. ये सब आबेदेदोम की सन्तान में से थे, वे और उनके पुत्र और भाई इस सेवकाई के लिये बलवान और शक्तिमान थे; ये ओबेदेदोमी बासठ थे। 9. और मशेलेम्याह के पुत्र और भाई अठारह थे, जो बलवान थे। 10. फिर मरारी के वंश में से होसा के भी पुत्र थे, अर्थात मुख्य तो शिम्री ( जिस को जेठा न होने पर भी उसके पिता ने मुख्य ठहराया ), 11. दूसरा हिल्किय्याह, तीसरा तबल्याह और चौथा जकर्याह था; होसा के सब पुत्र और भाई मिलकर तेरह थे। 12. द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। 13. इन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, अपने अपने पितरों के घरानों के अनुसार एक एक फाटक के लिये चिट्ठी डाली। 14. पूर्व की ओर की चिट्ठी शेलेम्याह के नाम पर निकली। तब उन्होंने उसके पुत्र जकर्याह के नाम की चिट्ठी डाली ( वह बुद्धिमान मंत्री था ) और चिट्ठी उत्तर की ओर के लिये निकली। 15. दक्खिन की ओर के लिये ओबोदेदोम के नाम पर चिट्ठी निकली, और उसके बेटों के नाम पर खजाने की कोठरी के लिये। 16. फिर शुप्पीम और होसा के नामों की चिट्ठी पश्चिम की ओर के लिये निकली, कि वे शल्लेकेत नाम फाटक के पास चढ़ाई की सड़क पर आम्हने साम्हने चौकीदारी किया करें। 17. पूर्व ओर जो छ: लेवीय थे, उत्तर की ओर प्रतिदिन चार, दक्खिन की ओर प्रतिदिन चार, और खजाने की कोठरी के पास दो ठहरे। 18. पश्चिम ओर के पर्बार नाम स्थान पर ऊंची सड़क के पास तो चार और पर्बार के पास दो रहे। 19. ये द्वारपालों के दल थे, जिन में से कितने तो कोरह के थे और कितने मरारी के वंश के थे। 20. फिर लेवियों में से अहिय्याह परमेश्वर के भवन और पवित्र की हुई वस्तुओं, दोनों के भण्डारों का अधिकारी नियुक्त हुआ। 21. ये लादान की सन्तान के थे, अर्थात गेर्शेनियोंकी सन्तान जो लादान के कुल के थे, अर्थात लादान और गेर्शेनी के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष थे, अर्थात यहोएली। 22. यहोएली के पुत्र ये थे, अर्थात जेताम और उसका भाई योएल जो यहोवा के भवन के खजाने के अधिकारी थे। 23. अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएलियों में से। 24. और शबूएल जो मूसा के पुत्र गेर्शेम के वंश का था, वह खजानों का मुख्य अधिकारी था। 25. और उसके भाइयों का वृत्तान्त यह है: एलीआजर के कुल में उसका पुत्र रहब्याह, रहब्याह का पुत्र यशायाह, यशायाह का पुत्र योराम, योराम का पुत्र जिक्री, और जिक्री का पुत्र शलोमोत था। 26. यही शलोमोत अपने भाइयों समेत उन सब पवित्र की हुई पस्तुओं के भण्डारों का अधिकारी था, जो राजा दाऊद और पितरों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरुषों और सहस्रपतियों और शतपतियों और मुख्य सेनापतियों ने पवित्र की थीं। 27. जो लूट लड़ाइयों में मिलती थी, उस में से उन्होंने यहोवा का भवन दृढ़ करने के लिये कुछ पवित्र किया। 28. वरन जितना शमूएल दशीं, कीश के पुत्र शाऊल, नेर के पुत्र अब्नेर, और सरूयाह के पुत्र योआब ने पवित्र किया था, और जो कुछ जिस किसी ने पवित्र कर रखा था, वह सब शलोमोत और उसके भाइयों के अधिकार में था। 29. यिसहारियों में से कनन्याह और उसके पुत्र, इस्राएल के देश का काम अर्थात सरदार और न्यायी का काम करने के लिये नियुक्त हुए। 30. और हेब्रोनियों में से हशय्याह और उसके भाई जो सत्रह सौ बलवान पुरुष थे, वे यहोवा के सब काम और राजा की सेवा के विषय यरदन की पश्चिम ओर रहने वाले इस्राएलियों के अधिकारी ठहरे। 31. हेब्रोनियों में से यरिय्याह मुख्य था, अर्थात हेब्रोनियों की पीढ़ी पीढ़ी के पितरों के घरानों के अनुसार दाऊद के राज्य के चालीसवें वर्ष में वे ढूंढ़े गए, और उन में से कई शूरवीर गिलाद के याजेर में मिले। 32. और उसके भाई जो वीर थे, पितरों के घरानों के दो हाजार सात सौ मुख्य पुरुष थे, इन को दाऊद राजा ने परमेश्वर के सब विषयों और राजा के विषय में रूबेनियों, गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र का अधिकारी ठहराया।
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