पवित्र बाइबिल

बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया (BSI)
सपन्याह

सपन्याह अध्याय 3

1 हाय बलवा करने वाली और अशुद्ध और अन्धेर से भरी हुई नगरी! 2 उसने मेरी नहीं सुनी, उसने ताड़ना से भी नहीं माना, उसने यहोवा पर भरोसा नहीं रखा, वह अपने परमेश्वर के समीप नहीं आई॥ 3 उसके हाकिम गरजने वाले सिंह ठहरे; उसके न्यायी सांझ को आहेर करने वाले हुंडार हैं जो बिहान के लिये कुछ नहीं छोड़ते। 4 उसके भविष्यद्वक्ता व्यर्थ बकने वाले और विश्वासघाती हैं, उसके याजकों ने पवित्रस्थान को अशुद्ध किया और व्यवस्था में खींच-खांच की है। 5 यहोवा जो उसके बीच में है, वह धर्मी है, वह कुटिलता न करेगा; वह अपना न्याय प्रति भोर प्रगट करता है और चूकता नहीं; परन्तु कुटिल जन को लज्जा आती ही नहीं। 6 मैं ने अन्यजातियों को यहां तक नाश किया, कि उनके कोने वाले गुम्मट उजड़ गए; मैं ने उनकी सड़कों को यहां तक सूनी किया, कि कोई उन पर नहीं चलता; उनके नगर यहां तक नाश हुए कि उन में कोई मनुष्य वरन कोई भी प्राणी नहीं रहा। 7 मैं ने कहा, अब तू मेरा भय मानेगी, और मेरी ताड़ना अंगीकार करेगी जिस से उसका धाम उस सब के अनुसर जो मैं ने ठहराया था, नाश न हो। परन्तु वे सब प्रकार के बुरे बुरे काम यत्न से करने लगे॥ 8 इस कारण यहोवा की यह वाणी है, कि जब तक मैं नाश करने को न उठूं, तब तक तुम मेरी बाट जोहते रहो। मैं ने यह ठाना है कि जाति-जाति के और राज्य-राज्य के लोगों को मैं इकट्ठा करूं, कि उन पर अपने क्रोध की आग पूरी रीति से भड़काऊं; क्योंकि सारी पृथ्वी मेरी जलन की आग से भस्म हो जाएगी॥ 9 और उस समय मैं देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊंगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कन्धे से कन्धा मिलाए हुए उसकी सेवा करें। 10 मेरी तितर-बितर की हुई प्रजा मुझ से बिनती करती हुई मेरी भेंट बन कर आएगी॥ 11 उस दिन, तू अपने सब बड़े से बड़े कामों से जिन्हें कर के तू मुझ से फिर गई थी, फिर लज्जित न होगी। उस समय मैं तेरे बीच से सब फूले हुए घमण्डियों को दूर करूंगा, और तू मेरे पवित्र पर्वत पर फिर कभी अभिमान न करेगी। 12 क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूंगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे। 13 इस्राएल के बचे हुए लोग न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुंह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उन को डराने वाला न होगा॥ 14 हे सिय्योन, ऊंचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो! 15 यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरा शत्रु भी दूर किया गया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिये तू फिर विपत्ति न भोगेगी। 16 उस समय यरूशलेम से यह कहा जाएगा, हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएं। 17 तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊंचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा॥ 18 जो लोग नियत पर्वो में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उन को मैं इकट्ठा करूंगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उन को बोझ जान पड़ती है। 19 उस समय मैं उन सभों से जो तुझे दु:ख देते हैं, उचित बर्ताव करूंगा। और मैं लंगड़ों को चंगा करूंगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूंगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्त्ति सब कहीं फैलाऊंगा। 20 उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊंगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा; और जब मैं तुम्हारे साम्हने तुम्हारे बंधुओं को लौटा लाऊंगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्त्ति और प्रशंसा फैला दूंगा, यहोवा का यही वचन है॥
1. हाय बलवा करने वाली और अशुद्ध और अन्धेर से भरी हुई नगरी! 2. उसने मेरी नहीं सुनी, उसने ताड़ना से भी नहीं माना, उसने यहोवा पर भरोसा नहीं रखा, वह अपने परमेश्वर के समीप नहीं आई॥ 3. उसके हाकिम गरजने वाले सिंह ठहरे; उसके न्यायी सांझ को आहेर करने वाले हुंडार हैं जो बिहान के लिये कुछ नहीं छोड़ते। 4. उसके भविष्यद्वक्ता व्यर्थ बकने वाले और विश्वासघाती हैं, उसके याजकों ने पवित्रस्थान को अशुद्ध किया और व्यवस्था में खींच-खांच की है। 5. यहोवा जो उसके बीच में है, वह धर्मी है, वह कुटिलता न करेगा; वह अपना न्याय प्रति भोर प्रगट करता है और चूकता नहीं; परन्तु कुटिल जन को लज्जा आती ही नहीं। 6. मैं ने अन्यजातियों को यहां तक नाश किया, कि उनके कोने वाले गुम्मट उजड़ गए; मैं ने उनकी सड़कों को यहां तक सूनी किया, कि कोई उन पर नहीं चलता; उनके नगर यहां तक नाश हुए कि उन में कोई मनुष्य वरन कोई भी प्राणी नहीं रहा। 7. मैं ने कहा, अब तू मेरा भय मानेगी, और मेरी ताड़ना अंगीकार करेगी जिस से उसका धाम उस सब के अनुसर जो मैं ने ठहराया था, नाश न हो। परन्तु वे सब प्रकार के बुरे बुरे काम यत्न से करने लगे॥ 8. इस कारण यहोवा की यह वाणी है, कि जब तक मैं नाश करने को न उठूं, तब तक तुम मेरी बाट जोहते रहो। मैं ने यह ठाना है कि जाति-जाति के और राज्य-राज्य के लोगों को मैं इकट्ठा करूं, कि उन पर अपने क्रोध की आग पूरी रीति से भड़काऊं; क्योंकि सारी पृथ्वी मेरी जलन की आग से भस्म हो जाएगी॥ 9. और उस समय मैं देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊंगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कन्धे से कन्धा मिलाए हुए उसकी सेवा करें। 10. मेरी तितर-बितर की हुई प्रजा मुझ से बिनती करती हुई मेरी भेंट बन कर आएगी॥ 11. उस दिन, तू अपने सब बड़े से बड़े कामों से जिन्हें कर के तू मुझ से फिर गई थी, फिर लज्जित न होगी। उस समय मैं तेरे बीच से सब फूले हुए घमण्डियों को दूर करूंगा, और तू मेरे पवित्र पर्वत पर फिर कभी अभिमान न करेगी। 12. क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूंगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे। 13. इस्राएल के बचे हुए लोग न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुंह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उन को डराने वाला न होगा॥ 14. हे सिय्योन, ऊंचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो! 15. यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरा शत्रु भी दूर किया गया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिये तू फिर विपत्ति न भोगेगी। 16. उस समय यरूशलेम से यह कहा जाएगा, हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएं। 17. तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊंचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा॥ 18. जो लोग नियत पर्वो में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उन को मैं इकट्ठा करूंगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उन को बोझ जान पड़ती है। 19. उस समय मैं उन सभों से जो तुझे दु:ख देते हैं, उचित बर्ताव करूंगा। और मैं लंगड़ों को चंगा करूंगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूंगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्त्ति सब कहीं फैलाऊंगा। 20. उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊंगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा; और जब मैं तुम्हारे साम्हने तुम्हारे बंधुओं को लौटा लाऊंगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्त्ति और प्रशंसा फैला दूंगा, यहोवा का यही वचन है॥
  • सपन्याह अध्याय 1  
  • सपन्याह अध्याय 2  
  • सपन्याह अध्याय 3  
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References