पवित्र बाइबिल

बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया (BSI)
यहेजकेल

यहेजकेल अध्याय 16

1 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2 हे मनुष्य के सन्तान, यरूशलेम को उसके सब घृणित काम जता दे। 3 और उस से कह, हे यरूशलेम, प्रभु यहोवा तुझ से यों कहता है, तेरा जन्म और तेरी उत्पत्ति कनानियों के देश से हुई; तेरा पिता तो एमोरी और तेरी माता हित्तिन थी। 4 और तेरा जन्म ऐसे हुआ कि जिस दिन तू जन्मी, उस दिन न तेरा नाल काटा गया, न तू शुद्ध होने के लिये धोई गई, न तेरे कुछ लोन मला गया और न तू कुछ कपड़ों में लपेटी गई। 5 किसी की दयादृष्टि तुझ पर नहीं हुई कि इन कामों में से तेरे लिये एक भी काम किया जाता; वरन अपने जन्म के दिन तू घृणित होने के कारण खुले मैदान में फेंक दी गई थी। 6 और जब मैं तेरे पास से हो कर निकला, और तुझे लोहू में लोटते हुए देखा, तब मैं ने तुझ से कहा, हे लोहू में लोटती हुई जीवित रह; हां, तुझ ही से मैं ने कहा, हे लोहू मे लोटती हुई, जीवित रह। 7 फिर मैं ने तुझे खेत के बिरुले की नाईं बढाया, और तू बढ़ते बढ़ते बड़ी हो गई और अति सुन्दर हो गई; तेरी छातियां सुडौल हुई, और तेरे बाल बढे; तौभी तू नंगी थी। 8 मैं ने फिर तेरे पास से हो कर जाते हुए तुझे देखा, और अब तू पूरी स्त्री हो गई थी; सो मैं ने तुझे अपना वस्त्र ओढ़ाकर तेरा तन ढांप दिया; और सौगन्ध खाकर तुझ से वाचा बान्धी और तू मेरी हो गई, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 9 तब मैं ने तुझे जल से नहला कर तुझ पर से लोहू धो दिया, और तेरी देह पर तेल मला। 10 फिर मैं ने तुझे बूटेदार वस्त्र और सूइसों के चमड़े की जूतियां पहिनाईं; और तेरी कमर में सूक्ष्म सन बान्धा, और तुझे रेशमी कपड़ा ओढ़ाया। 11 तब मैं ने तेरा श्रृंगार किया, और तेरे हाथों में चूडिय़ां और गले में तोड़ा पहिनाया। 12 फिर मैं ने तेरी नाक में नत्थ और तेरे कानों में बालियां पहिनाईं, और तेरे सिर पर शोभायमान मुकुट धरा। 13 तेरे आभूषण सोने चान्दी के और तेरे वस्त्र सूक्ष्म सन, रेशम और बूटेदार कपड़े के बने; फिर तेरा भोजन मैदा, मधु और तेल हुआ; और तू अत्यन्त सुन्दर, वरन रानी होने के योग्य हो गई। 14 और तेरी सुन्दरता की कीर्ति अन्यजातियों में फैल गई, क्योंकि उस प्रताप के कारण, जो मैं ने अपनी ओर से तुझे दिया था, तू अत्यन्त सुन्दर थी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 15 परन्तु तू अपनी सुन्दरता पर भरोसा कर के अपनी नामवरी के कारण व्यभिचार करने लगी, और सब यात्रियों के संग बहुत कुकर्म किया, और जो कोई तुझे चाहता था तू उसी से मिलती थी। 16 तू ने अपने वस्त्र ले कर रंग बिरंग के ऊंचे स्थान बना लिए, और उन पर व्यभिचार किया, ऐसे कुकर्म किए जो न कभी हुए और न होंगे। 17 और तू ने अपने सुशोभित गहने ले कर जो मेरे दिए हुए सोने-चान्दी के थे, उन से पुरुषों की मूरतें बना ली, और उन से भी व्यभिचार करने लगी; 18 और अपने बूटेदार वस्त्र ले कर उन को पहिनाए, और मेरा तेल और मेरा धूप उनके साम्हने चढ़ाया। 19 और जो भोजन मैं ने तुझे दिया था, अर्थात जो मैदा, तेल और मधु मैं तुझे खिलाता था, वह सब तू ने उनके साम्हने सुखदायक सुगन्ध कर के रखा; प्रभु यहोवा की यही वाणी है कि यों ही हुआ। 20 फिर तू ने अपने पुत्र-पुत्रियां ले कर जिन्हें तू ने मेरे लिये जन्म दिया, उन मूरतों को नैवेद्य कर के चढ़ाई। क्या तेरा व्यभिचार ऐसी छोटी बात थी; 21 कि तू ने मेरे लड़के-बाले उन मूरतों के आगे आग में चढ़ा कर घात किए हैं? 22 और तू ने अपने सब घृणित कामों में और व्यभिचार करते हुए, अपने बचपन के दिनों की कभी सुधि न ली, जब कि तू नंगी अपने लोहू में लोटती थी। 23 और तेरी उस सारी बुराई के पीछे क्या हुआ? 24 प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हाय, तुझ पर हाय! कि तू ने एक गुम्मट बनवा लिया, और हर एक चौक में एक ऊंचा स्थान बनवा लिया; 25 और एक एक सड़क के सिरे पर भी तू ने अपना ऊंचा स्थान बनवा कर अपनी सुन्दरता घृणित करा दी, और हर एक यात्री को कुकर्म के लिये बुला कर महाव्यभिचारिणी हो गई। 26 तू ने अपने पड़ोसी मिस्री लोगों से भी, जो मोटे-ताज़े हैं, व्यभिचार किया और मुझे क्रोध दिलाने के लिये अपना व्यभिचार चढ़ाती गई। 27 इस कारण मैं ने अपना हाथ तेरे विरुद्ध बढ़ा कर, तेरा प्रति दिन का खाना घटा दिया, और तेरी बैरिन पलिश्ती स्त्रियां जो तेरे महापाप की चाल से लजाती है, उनकी इच्छा पर मैं ने तुझे छोड़ दिया है। 28 फिर भी तेरी तृष्णा न बुझी, इसलिये तू ने अश्शूरी लोगों से भी व्यभिचार किया; और उन से व्यभिचार करने पर भी तेरी तृष्णा न बुझी। 29 फिर तू लेन देन के देश में व्यभिचार करते करते कसदियोंके देश तक पहुंची, और वहां भी तेरी तृष्णा न बुझी। 30 प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि तेरा हृदय कैसा चंचल है कि तू ये सब काम करती है, जो निर्लज्ज वेश्या ही के काम हैं? 31 तू ने हर एक सड़क के सिरे पर जो अपना गुम्मट, और हर चौक में अपना ऊंचा स्थान बनवाया है, क्या इसी में तू वेश्या के समान नहीं ठहरी? क्योंकि तू ऐसी कमाई पर हंसती है। 32 तू व्यभिचारिणी पत्नी है। तू पराये पुरुषों को अपने पति की सन्ती ग्रहण करती है। 33 सब वेश्याओं को तो रुपया मिलता है, परन्तु तू ने अपने सब मित्रों को स्वयं रुपए देकर, और उन को लालच दिखा कर बुलाया है कि वे चारों ओर से आकर तुझ से व्यभिचार करें। 34 इस प्रकार तेरा व्यभिचार और व्यभिचारियों से उलटा है। तेरे पीछे कोई व्यभिचारी नहीं चलता, और तू किसी से दाम लेती नहीं, वरन तू ही देती है; इसी कारण तू उलटी ठहरी। 35 इस कारण, हे वेश्या, यहोवा का वचन सुन, 36 प्रभु यहोवा यों कहता है, कि तू ने जो व्यभिचार में अति निर्लज्ज हो कर, अपनी देह अपने मित्रों को दिखाई, और अपनी मूरतों से घृणित काम किए, और अपने लड़के-बालों का लोहू बहा कर उन्हें बलि चढ़ाया है, 37 इस कारण देख, मैं तेरे सब मित्रों को जो तेरे प्रेमी हैं और जितनों से तू ने प्रीति लगाई, और जितनों से तू ने बैर रखा, उन सभों को चारों ओर से तेरे विरुद्ध इकट्ठा कर के उन को तेरी देह नंगी कर के दिखाऊंगा, और वे तेरा तन देखेंगे। 38 तब मैं तुझ को ऐसा दण्ड दूंगा, जैसा व्यभिचारिणियों और लोहू बहाने वाली स्त्रियों को दिया जाता है; और क्रोध और जलन के साथ तेरा लोहू बहाऊंगा। 39 इस रीति मैं तुझे उनके वश में कर दूंगा, और वे तेरे गुम्मटों को ढा देंगे, और तेरे ऊंचे स्थानों को तोड़ देंगे; वे तेरे वस्त्र बरबस उतारेंगे, और तेरे सुन्दर गहने छीन लेंगे, और तुझे नंगा कर के छोड़ देंगे। 40 तब तेरे विरुद्ध एक सभा इकट्ठी कर के वे तुझ को पत्थरवाह करेंगे, और अपनी कटारों से वारपार छेदेंगे। 41 तब वे आग लगा कर तेरे घरों को जला देंगे, और तूझे बहुत सी स्त्रियों के देखते दण्ड देंगे; और मैं तेरा व्यभिचार बन्द करूंगा, और तू फिर छिनाले के लिये दाम न देगी। 42 और जब मैं तुझ पर पूरी जलजलाहट प्रगट कर चुकूंगा, तब तुझ पर और न जलूंगा वरन शान्त हो जाऊंगा: और फिर न रिसियाऊंगा। 43 तू ने जो अपने बचपन के दिन स्मरण नहीं रखे, वरन इन सब बातों के द्वारा मुझे चिढाया; इस कारण मैं तेरा चालचलन तेरे सिर पर डालूंगा और तू अपने सब पिछले घृणित कामों से और अधिक महापाप न करेगी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 44 देख, सब कहावत कहने वाले तेरे विषय यह कहावत कहेंगे, कि जैसी मां वैसी पुत्री। 45 तेरी मां जो अपने पति और लड़के-बालों से घृणा करती थी, तू भी ठीक उसकी पुत्री ठहरी; और तेरी बहिनें जो अपने अपने पति और लड़के-बालों से घृणा करती थीं, तू भी ठीक उनकी बहिन निकली। तेरी माता हित्तिन और पिता एमोरी था। 46 तेरी बड़ी बहिन शोमरोन है, जो अपनी पुत्रियों समेत तेरी बाईं ओर रहती है, और तेरी छोटी बहिन, जो तेरी दाहिनी ओर रहती है वह पुत्रियों समेत सदोम है। 47 तू उनकी सी चाल नहीं चली, और न उनके से घृणित कामों ही से सन्तुष्ट हुई; यह तो बहुत छोटी बात ठहरती, परन्तु तेरा सारा चालचलन उन से भी अधिक बिगड़ गया। 48 प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, तेरी बहिन सदोम ने अपनी पुत्रियों समेत तेरे और तेरी पुत्रियों के समान काम नहीं किए। 49 देख, तेरी बहिन सदोम का अधर्म यह था, कि वह अपनी पुत्रियों सहित घमण्ड करती, पेट भर भरके खाती, और सुख चैन से रहती थी: और दीन दरिद्र को न संभालती थी। 50 सो वह गर्व कर के मेरे साम्हने घृणित काम करने लगी, और यह देख कर मैं ने उन्हें दूर कर दिया। 51 फिर शोमरोन ने तेरे पापों के आधे भी पाप नहीं किए: तू ने तो उस से बढ़ कर घृणित काम किए ओर अपने घोर घृणित कामों के द्वारा अपनी बहिनों को जीत लिया। 52 सो तू ने जो अपनी बहिनों का न्याय किया, इस कारण लज्जित हो, क्योंकि तू ने उन से बढ़ कर घृणित पाप किए हैं; इस कारण वे तुझ से कम दोषी ठहरी हैं। सो तू इस बात से लज्जा कर और लजाती रह, क्योंकि तू ने अपनी बहिनों को कम दोषी ठहराया है। 53 जब मैं उन को अर्थात पुत्रियों सहित सदोम और शोमरोन को बंधुआई से फेर लाऊंगा, तब उनके बीच ही तेरे बंधुओं को भी फेर लाऊंगा, 54 जिस से तू लजाती रहे, और अपने सब कामों को देख कर लजाए, क्योंकि तू उनकी शान्ति ही का कारण हुई है। 55 और तेरी बहिनें सदोम और शोमरोन अपनी अपनी पुत्रियों समेत अपनी पहिली दशा को फिर पहुंचेंगी, और तू भी अपनी पुत्रियों सहित अपनी पहिली दशा को फिर पहंचेगी। 56 जब तक तेरी बुराई प्रगट न हुई थी, अर्थात जिस समय तक तू आस पास के लोगों समेत अरामी और पलिश्ती स्त्रियों की जो अब चारों ओर से तुझे तुच्छ जानती हैं, नामधराई करती थी, 57 उन अपने घमण्ड के दिनों में तो तू अपनी बहिन सदोम का नाम भी न लेती थी। 58 परन्तु अब तुझ को अपने महापाप और घृणित कामों का भार आप ही उठाना पड़ा है, यहोवा की यही वाणी है। 59 प्रभु यहोवा यह कहता है, मैं तेरे साथ ऐसा ही बर्ताव करूंगा, जैसा तू ने किया है, क्योंकि तू ने तो वाचा तोड़ कर शपथ तुच्छ जानी है, 60 तौभी मैं तेरे बचपन के दिनों की अपनी वाचा स्मरण करूंगा, और तेरे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा। 61 और जब तू अपनी बहिनों को अर्थात अपनी बड़ी और छोटी बहिनों को ग्रहण करे, तब तू अपना चालचलन स्मरण कर के लज्जित होगी; और मैं उन्हें तेरी पुत्रियां ठहरा दूंगा; परन्तु यह तेरी वाचा के अनुसार न करूंगा। 62 मैं तेरे साथ अपनी वाचा स्थिर करूंगा, और तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ, 63 जिस से तू स्मरण कर के लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुंह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढांपूंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2. हे मनुष्य के सन्तान, यरूशलेम को उसके सब घृणित काम जता दे। 3. और उस से कह, हे यरूशलेम, प्रभु यहोवा तुझ से यों कहता है, तेरा जन्म और तेरी उत्पत्ति कनानियों के देश से हुई; तेरा पिता तो एमोरी और तेरी माता हित्तिन थी। 4. और तेरा जन्म ऐसे हुआ कि जिस दिन तू जन्मी, उस दिन न तेरा नाल काटा गया, न तू शुद्ध होने के लिये धोई गई, न तेरे कुछ लोन मला गया और न तू कुछ कपड़ों में लपेटी गई। 5. किसी की दयादृष्टि तुझ पर नहीं हुई कि इन कामों में से तेरे लिये एक भी काम किया जाता; वरन अपने जन्म के दिन तू घृणित होने के कारण खुले मैदान में फेंक दी गई थी। 6. और जब मैं तेरे पास से हो कर निकला, और तुझे लोहू में लोटते हुए देखा, तब मैं ने तुझ से कहा, हे लोहू में लोटती हुई जीवित रह; हां, तुझ ही से मैं ने कहा, हे लोहू मे लोटती हुई, जीवित रह। 7. फिर मैं ने तुझे खेत के बिरुले की नाईं बढाया, और तू बढ़ते बढ़ते बड़ी हो गई और अति सुन्दर हो गई; तेरी छातियां सुडौल हुई, और तेरे बाल बढे; तौभी तू नंगी थी। 8. मैं ने फिर तेरे पास से हो कर जाते हुए तुझे देखा, और अब तू पूरी स्त्री हो गई थी; सो मैं ने तुझे अपना वस्त्र ओढ़ाकर तेरा तन ढांप दिया; और सौगन्ध खाकर तुझ से वाचा बान्धी और तू मेरी हो गई, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 9. तब मैं ने तुझे जल से नहला कर तुझ पर से लोहू धो दिया, और तेरी देह पर तेल मला। 10. फिर मैं ने तुझे बूटेदार वस्त्र और सूइसों के चमड़े की जूतियां पहिनाईं; और तेरी कमर में सूक्ष्म सन बान्धा, और तुझे रेशमी कपड़ा ओढ़ाया। 11. तब मैं ने तेरा श्रृंगार किया, और तेरे हाथों में चूडिय़ां और गले में तोड़ा पहिनाया। 12. फिर मैं ने तेरी नाक में नत्थ और तेरे कानों में बालियां पहिनाईं, और तेरे सिर पर शोभायमान मुकुट धरा। 13. तेरे आभूषण सोने चान्दी के और तेरे वस्त्र सूक्ष्म सन, रेशम और बूटेदार कपड़े के बने; फिर तेरा भोजन मैदा, मधु और तेल हुआ; और तू अत्यन्त सुन्दर, वरन रानी होने के योग्य हो गई। 14. और तेरी सुन्दरता की कीर्ति अन्यजातियों में फैल गई, क्योंकि उस प्रताप के कारण, जो मैं ने अपनी ओर से तुझे दिया था, तू अत्यन्त सुन्दर थी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 15. परन्तु तू अपनी सुन्दरता पर भरोसा कर के अपनी नामवरी के कारण व्यभिचार करने लगी, और सब यात्रियों के संग बहुत कुकर्म किया, और जो कोई तुझे चाहता था तू उसी से मिलती थी। 16. तू ने अपने वस्त्र ले कर रंग बिरंग के ऊंचे स्थान बना लिए, और उन पर व्यभिचार किया, ऐसे कुकर्म किए जो न कभी हुए और न होंगे। 17. और तू ने अपने सुशोभित गहने ले कर जो मेरे दिए हुए सोने-चान्दी के थे, उन से पुरुषों की मूरतें बना ली, और उन से भी व्यभिचार करने लगी; 18. और अपने बूटेदार वस्त्र ले कर उन को पहिनाए, और मेरा तेल और मेरा धूप उनके साम्हने चढ़ाया। 19. और जो भोजन मैं ने तुझे दिया था, अर्थात जो मैदा, तेल और मधु मैं तुझे खिलाता था, वह सब तू ने उनके साम्हने सुखदायक सुगन्ध कर के रखा; प्रभु यहोवा की यही वाणी है कि यों ही हुआ। 20. फिर तू ने अपने पुत्र-पुत्रियां ले कर जिन्हें तू ने मेरे लिये जन्म दिया, उन मूरतों को नैवेद्य कर के चढ़ाई। क्या तेरा व्यभिचार ऐसी छोटी बात थी; 21. कि तू ने मेरे लड़के-बाले उन मूरतों के आगे आग में चढ़ा कर घात किए हैं? 22. और तू ने अपने सब घृणित कामों में और व्यभिचार करते हुए, अपने बचपन के दिनों की कभी सुधि न ली, जब कि तू नंगी अपने लोहू में लोटती थी। 23. और तेरी उस सारी बुराई के पीछे क्या हुआ? 24. प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हाय, तुझ पर हाय! कि तू ने एक गुम्मट बनवा लिया, और हर एक चौक में एक ऊंचा स्थान बनवा लिया; 25. और एक एक सड़क के सिरे पर भी तू ने अपना ऊंचा स्थान बनवा कर अपनी सुन्दरता घृणित करा दी, और हर एक यात्री को कुकर्म के लिये बुला कर महाव्यभिचारिणी हो गई। 26. तू ने अपने पड़ोसी मिस्री लोगों से भी, जो मोटे-ताज़े हैं, व्यभिचार किया और मुझे क्रोध दिलाने के लिये अपना व्यभिचार चढ़ाती गई। 27. इस कारण मैं ने अपना हाथ तेरे विरुद्ध बढ़ा कर, तेरा प्रति दिन का खाना घटा दिया, और तेरी बैरिन पलिश्ती स्त्रियां जो तेरे महापाप की चाल से लजाती है, उनकी इच्छा पर मैं ने तुझे छोड़ दिया है। 28. फिर भी तेरी तृष्णा न बुझी, इसलिये तू ने अश्शूरी लोगों से भी व्यभिचार किया; और उन से व्यभिचार करने पर भी तेरी तृष्णा न बुझी। 29. फिर तू लेन देन के देश में व्यभिचार करते करते कसदियोंके देश तक पहुंची, और वहां भी तेरी तृष्णा न बुझी। 30. प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि तेरा हृदय कैसा चंचल है कि तू ये सब काम करती है, जो निर्लज्ज वेश्या ही के काम हैं? 31. तू ने हर एक सड़क के सिरे पर जो अपना गुम्मट, और हर चौक में अपना ऊंचा स्थान बनवाया है, क्या इसी में तू वेश्या के समान नहीं ठहरी? क्योंकि तू ऐसी कमाई पर हंसती है। 32. तू व्यभिचारिणी पत्नी है। तू पराये पुरुषों को अपने पति की सन्ती ग्रहण करती है। 33. सब वेश्याओं को तो रुपया मिलता है, परन्तु तू ने अपने सब मित्रों को स्वयं रुपए देकर, और उन को लालच दिखा कर बुलाया है कि वे चारों ओर से आकर तुझ से व्यभिचार करें। 34. इस प्रकार तेरा व्यभिचार और व्यभिचारियों से उलटा है। तेरे पीछे कोई व्यभिचारी नहीं चलता, और तू किसी से दाम लेती नहीं, वरन तू ही देती है; इसी कारण तू उलटी ठहरी। 35. इस कारण, हे वेश्या, यहोवा का वचन सुन, 36. प्रभु यहोवा यों कहता है, कि तू ने जो व्यभिचार में अति निर्लज्ज हो कर, अपनी देह अपने मित्रों को दिखाई, और अपनी मूरतों से घृणित काम किए, और अपने लड़के-बालों का लोहू बहा कर उन्हें बलि चढ़ाया है, 37. इस कारण देख, मैं तेरे सब मित्रों को जो तेरे प्रेमी हैं और जितनों से तू ने प्रीति लगाई, और जितनों से तू ने बैर रखा, उन सभों को चारों ओर से तेरे विरुद्ध इकट्ठा कर के उन को तेरी देह नंगी कर के दिखाऊंगा, और वे तेरा तन देखेंगे। 38. तब मैं तुझ को ऐसा दण्ड दूंगा, जैसा व्यभिचारिणियों और लोहू बहाने वाली स्त्रियों को दिया जाता है; और क्रोध और जलन के साथ तेरा लोहू बहाऊंगा। 39. इस रीति मैं तुझे उनके वश में कर दूंगा, और वे तेरे गुम्मटों को ढा देंगे, और तेरे ऊंचे स्थानों को तोड़ देंगे; वे तेरे वस्त्र बरबस उतारेंगे, और तेरे सुन्दर गहने छीन लेंगे, और तुझे नंगा कर के छोड़ देंगे। 40. तब तेरे विरुद्ध एक सभा इकट्ठी कर के वे तुझ को पत्थरवाह करेंगे, और अपनी कटारों से वारपार छेदेंगे। 41. तब वे आग लगा कर तेरे घरों को जला देंगे, और तूझे बहुत सी स्त्रियों के देखते दण्ड देंगे; और मैं तेरा व्यभिचार बन्द करूंगा, और तू फिर छिनाले के लिये दाम न देगी। 42. और जब मैं तुझ पर पूरी जलजलाहट प्रगट कर चुकूंगा, तब तुझ पर और न जलूंगा वरन शान्त हो जाऊंगा: और फिर न रिसियाऊंगा। 43. तू ने जो अपने बचपन के दिन स्मरण नहीं रखे, वरन इन सब बातों के द्वारा मुझे चिढाया; इस कारण मैं तेरा चालचलन तेरे सिर पर डालूंगा और तू अपने सब पिछले घृणित कामों से और अधिक महापाप न करेगी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। 44. देख, सब कहावत कहने वाले तेरे विषय यह कहावत कहेंगे, कि जैसी मां वैसी पुत्री। 45. तेरी मां जो अपने पति और लड़के-बालों से घृणा करती थी, तू भी ठीक उसकी पुत्री ठहरी; और तेरी बहिनें जो अपने अपने पति और लड़के-बालों से घृणा करती थीं, तू भी ठीक उनकी बहिन निकली। तेरी माता हित्तिन और पिता एमोरी था। 46. तेरी बड़ी बहिन शोमरोन है, जो अपनी पुत्रियों समेत तेरी बाईं ओर रहती है, और तेरी छोटी बहिन, जो तेरी दाहिनी ओर रहती है वह पुत्रियों समेत सदोम है। 47. तू उनकी सी चाल नहीं चली, और न उनके से घृणित कामों ही से सन्तुष्ट हुई; यह तो बहुत छोटी बात ठहरती, परन्तु तेरा सारा चालचलन उन से भी अधिक बिगड़ गया। 48. प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, तेरी बहिन सदोम ने अपनी पुत्रियों समेत तेरे और तेरी पुत्रियों के समान काम नहीं किए। 49. देख, तेरी बहिन सदोम का अधर्म यह था, कि वह अपनी पुत्रियों सहित घमण्ड करती, पेट भर भरके खाती, और सुख चैन से रहती थी: और दीन दरिद्र को न संभालती थी। 50. सो वह गर्व कर के मेरे साम्हने घृणित काम करने लगी, और यह देख कर मैं ने उन्हें दूर कर दिया। 51. फिर शोमरोन ने तेरे पापों के आधे भी पाप नहीं किए: तू ने तो उस से बढ़ कर घृणित काम किए ओर अपने घोर घृणित कामों के द्वारा अपनी बहिनों को जीत लिया। 52. सो तू ने जो अपनी बहिनों का न्याय किया, इस कारण लज्जित हो, क्योंकि तू ने उन से बढ़ कर घृणित पाप किए हैं; इस कारण वे तुझ से कम दोषी ठहरी हैं। सो तू इस बात से लज्जा कर और लजाती रह, क्योंकि तू ने अपनी बहिनों को कम दोषी ठहराया है। 53. जब मैं उन को अर्थात पुत्रियों सहित सदोम और शोमरोन को बंधुआई से फेर लाऊंगा, तब उनके बीच ही तेरे बंधुओं को भी फेर लाऊंगा, 54. जिस से तू लजाती रहे, और अपने सब कामों को देख कर लजाए, क्योंकि तू उनकी शान्ति ही का कारण हुई है। 55. और तेरी बहिनें सदोम और शोमरोन अपनी अपनी पुत्रियों समेत अपनी पहिली दशा को फिर पहुंचेंगी, और तू भी अपनी पुत्रियों सहित अपनी पहिली दशा को फिर पहंचेगी। 56. जब तक तेरी बुराई प्रगट न हुई थी, अर्थात जिस समय तक तू आस पास के लोगों समेत अरामी और पलिश्ती स्त्रियों की जो अब चारों ओर से तुझे तुच्छ जानती हैं, नामधराई करती थी, 57. उन अपने घमण्ड के दिनों में तो तू अपनी बहिन सदोम का नाम भी न लेती थी। 58. परन्तु अब तुझ को अपने महापाप और घृणित कामों का भार आप ही उठाना पड़ा है, यहोवा की यही वाणी है। 59. प्रभु यहोवा यह कहता है, मैं तेरे साथ ऐसा ही बर्ताव करूंगा, जैसा तू ने किया है, क्योंकि तू ने तो वाचा तोड़ कर शपथ तुच्छ जानी है, 60. तौभी मैं तेरे बचपन के दिनों की अपनी वाचा स्मरण करूंगा, और तेरे साथ सदा की वाचा बान्धूंगा। 61. और जब तू अपनी बहिनों को अर्थात अपनी बड़ी और छोटी बहिनों को ग्रहण करे, तब तू अपना चालचलन स्मरण कर के लज्जित होगी; और मैं उन्हें तेरी पुत्रियां ठहरा दूंगा; परन्तु यह तेरी वाचा के अनुसार न करूंगा। 62. मैं तेरे साथ अपनी वाचा स्थिर करूंगा, और तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ, 63. जिस से तू स्मरण कर के लज्जित हो, और लज्जा के मारे फिर कभी मुंह न खोले। यह उस समय होगा, जब मैं तेरे सब कामों को ढांपूंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
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