पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
निर्गमन

निर्गमन अध्याय 28

पुरोहित का वस्त्र 1 “इस्राएलियों में से अपने भाई अहरोन और उसके पुत्र नादाब और अबीहू, एलिएज़र और इथामार को बुलाना, ताकि वे मेरे लिए पुरोहित का काम करें. 2 अपने भाई अहरोन के लिए, उसकी मर्यादा और शोभा के लिए, पवित्र वस्त्र बनवाना. 3 उन सब कुशल शिल्पकारों को, जिन्हें मैंने इस काम के लिए चुना है, वे अहरोन के अभिषेक के लिए वस्त्र बनाएं, जिसे पहनकर वह मेरे लिए पुरोहित का काम कर सके. 4 उन्हें वक्षपेटिका, एफ़ोद, अंगरखा, बेलबूटेदार कुर्ता, पगड़ी और कमरबंध आदि वस्त्र बनाना होगा. वे तुम्हारे भाई अहरोन और उसके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र बनाएं, वे इन्हें पहनकर मेरे लिए पुरोहित का काम करें. 5 वे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े और मलमल का उपयोग करें. एफ़ोद की बनावट 6 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा सोने के तारों से, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों तथा बंटी हुई मलमल से, एफ़ोद बनवाना. 7 एफ़ोद को जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाना और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे से उसके दोनों भाग जोड़ देना. 8 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ हो और एक ही प्रकार की सामग्री से बना हो, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बंटी हुई मलमल से बनाना. 9 “सुलेमानी दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना, 10 उनके जन्म के अनुसार, एक मणि पर छः नाम और दूसरी मणि पर बाकी छः नाम खुदवाना. 11 जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार इन दोनों मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना. उन्हें सोने के खांचों में जड़वा देना. 12 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो. 13 फिर सोने के खाने बनवाना. 14 और रस्सियों के समान गुंथी हुई कुन्दन की दो जंजीरें बनवाना और इन गुंथी हुई जंजीरों को खांचों में लगवाना. वक्षपेटिका 15 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाना, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाना. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाना. 16 वक्ष पटल को मोड़कर दो भाग बनाना. और इसका आकार चौकोर हो, और यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा हो. 17 उसमें मणियों की चार पंक्तियां लगवाना. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत हो. 18 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा हो. 19 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत. 20 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगवाना. 21 इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां हों. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखा हो जिस तरह मोहरों पर होता है. 22 “वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाना. 23 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाना और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाना. 24 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाना. 25 दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाना. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाना. 26 फिर सोने के दो और कड़े बनवाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाना. 27 दो कड़े बनवाना और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला देना, जो एफ़ोद के बुनी हुई पट्टी के पास से हो. 28 वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांधना, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ जायें ताकि वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहेंगे. 29 “जब अहरोन पवित्र स्थान में जाएगा, तब वह न्याय पेटी पर लिखे इस्राएल के नाम अपने हृदय पर लगाकर रखें जिससे याहवेह के सामने हमेशा उसे याद करते रहे. 30 न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम* उरीम और थुम्मीम हो सकता है कि ये परमेश्वर की इच्छा निर्धारित करने के लिए पुरोहित द्वारा इस्तेमाल की गई पासा जैसी वस्तु को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे. पुरोहित का अन्य वस्त्र 31 “एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाना. 32 बीच में सिर के लिए एक छेद हो और उस छेद के चारों ओर गिरेबां जैसी एक गोट हो, जिससे वह फटे नहीं. 33 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनवाना. सोने की घंटियां भी बनवाना और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा देना. 34 अंगरखे के निचले घेरे में एक अनार के बाद सोने की एक घंटी हो, फिर एक अनार के बाद फिर एक सोने की घंटी. 35 अहरोन सेवा करते समय उसे पहन लेगा जब वह याहवेह के सामने पवित्र स्थान में जाएगा और उसमें से निकल आएगा, तो घण्टियों का शब्द सुनाई देगा, ऐसा नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी. 36 “शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे जायें: याहवेह के लिए पवित्र 37 तुम उसे नीला फीता से सामने की ओर पगड़ी में बांधना 38 अहरोन उसे अपने सिर पर रखे और इससे वह इस्राएलियों द्वारा चढ़ाए पवित्र चढ़ावों का दोष अहरोन अपने ऊपर उठाए रखे. वह उस पटिए को सदा अपने सिर पर उठाए रखे, जिससे याहवेह उससे खुश रहे. 39 “कुर्ता और पगड़ी मलमल के और कमरबंध बेलबूटेदार हों. 40 अहरोन के पुत्रों की मर्यादा और शोभा के लिए कुर्ता, कमरबंध ओर टोपी बनवाना. 41 अपने भाई अहरोन और उसके पुत्रों को उन्हें पहनाना और उनका पुरोहित के रूप में अभिषेक करना. उन्हें पवित्र करना, जिससे वे मेरे लिए पुरोहित का काम कर सकें. 42 “उनके शरीर ढकने के लिए मलमल के जांघिये बनवाना. 43 उनकी लंबाई कमर से जांघ तक हो जब अहरोन और उसके पुत्र मिलनवाले तंबू में जायें अथवा पवित्र स्थान में सेवा करने के लिए वेदी के पास जायें, तब वे उस वस्त्र को पहनें, जिससे वे अपराधी न बनें और उनकी मृत्यु न हो. “यह उसके और उसके बाद होनेवाले उसके वंश के लिए स्थिर आदेश है.
पुरोहित का वस्त्र 1 “इस्राएलियों में से अपने भाई अहरोन और उसके पुत्र नादाब और अबीहू, एलिएज़र और इथामार को बुलाना, ताकि वे मेरे लिए पुरोहित का काम करें. .::. 2 अपने भाई अहरोन के लिए, उसकी मर्यादा और शोभा के लिए, पवित्र वस्त्र बनवाना. .::. 3 उन सब कुशल शिल्पकारों को, जिन्हें मैंने इस काम के लिए चुना है, वे अहरोन के अभिषेक के लिए वस्त्र बनाएं, जिसे पहनकर वह मेरे लिए पुरोहित का काम कर सके. .::. 4 उन्हें वक्षपेटिका, एफ़ोद, अंगरखा, बेलबूटेदार कुर्ता, पगड़ी और कमरबंध आदि वस्त्र बनाना होगा. वे तुम्हारे भाई अहरोन और उसके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र बनाएं, वे इन्हें पहनकर मेरे लिए पुरोहित का काम करें. .::. 5 वे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े और मलमल का उपयोग करें. .::. एफ़ोद की बनावट 6 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा सोने के तारों से, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों तथा बंटी हुई मलमल से, एफ़ोद बनवाना. .::. 7 एफ़ोद को जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाना और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे से उसके दोनों भाग जोड़ देना. .::. 8 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ हो और एक ही प्रकार की सामग्री से बना हो, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बंटी हुई मलमल से बनाना. .::. 9 “सुलेमानी दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना, .::. 10 उनके जन्म के अनुसार, एक मणि पर छः नाम और दूसरी मणि पर बाकी छः नाम खुदवाना. .::. 11 जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार इन दोनों मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना. उन्हें सोने के खांचों में जड़वा देना. .::. 12 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो. .::. 13 फिर सोने के खाने बनवाना. .::. 14 और रस्सियों के समान गुंथी हुई कुन्दन की दो जंजीरें बनवाना और इन गुंथी हुई जंजीरों को खांचों में लगवाना. .::. वक्षपेटिका 15 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाना, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाना. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाना. .::. 16 वक्ष पटल को मोड़कर दो भाग बनाना. और इसका आकार चौकोर हो, और यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा हो. .::. 17 उसमें मणियों की चार पंक्तियां लगवाना. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत हो. .::. 18 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा हो. .::. 19 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत. .::. 20 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगवाना. .::. 21 इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां हों. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखा हो जिस तरह मोहरों पर होता है. .::. 22 “वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाना. .::. 23 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाना और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाना. .::. 24 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाना. .::. 25 दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाना. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाना. .::. 26 फिर सोने के दो और कड़े बनवाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाना. .::. 27 दो कड़े बनवाना और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला देना, जो एफ़ोद के बुनी हुई पट्टी के पास से हो. .::. 28 वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांधना, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ जायें ताकि वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहेंगे. .::. 29 “जब अहरोन पवित्र स्थान में जाएगा, तब वह न्याय पेटी पर लिखे इस्राएल के नाम अपने हृदय पर लगाकर रखें जिससे याहवेह के सामने हमेशा उसे याद करते रहे. .::. 30 न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम* उरीम और थुम्मीम हो सकता है कि ये परमेश्वर की इच्छा निर्धारित करने के लिए पुरोहित द्वारा इस्तेमाल की गई पासा जैसी वस्तु को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे. .::. पुरोहित का अन्य वस्त्र 31 “एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाना. .::. 32 बीच में सिर के लिए एक छेद हो और उस छेद के चारों ओर गिरेबां जैसी एक गोट हो, जिससे वह फटे नहीं. .::. 33 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनवाना. सोने की घंटियां भी बनवाना और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा देना. .::. 34 अंगरखे के निचले घेरे में एक अनार के बाद सोने की एक घंटी हो, फिर एक अनार के बाद फिर एक सोने की घंटी. .::. 35 अहरोन सेवा करते समय उसे पहन लेगा जब वह याहवेह के सामने पवित्र स्थान में जाएगा और उसमें से निकल आएगा, तो घण्टियों का शब्द सुनाई देगा, ऐसा नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी. .::. 36 “शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे जायें: याहवेह के लिए पवित्र .::. 37 तुम उसे नीला फीता से सामने की ओर पगड़ी में बांधना .::. 38 अहरोन उसे अपने सिर पर रखे और इससे वह इस्राएलियों द्वारा चढ़ाए पवित्र चढ़ावों का दोष अहरोन अपने ऊपर उठाए रखे. वह उस पटिए को सदा अपने सिर पर उठाए रखे, जिससे याहवेह उससे खुश रहे. .::. 39 “कुर्ता और पगड़ी मलमल के और कमरबंध बेलबूटेदार हों. .::. 40 अहरोन के पुत्रों की मर्यादा और शोभा के लिए कुर्ता, कमरबंध ओर टोपी बनवाना. .::. 41 अपने भाई अहरोन और उसके पुत्रों को उन्हें पहनाना और उनका पुरोहित के रूप में अभिषेक करना. उन्हें पवित्र करना, जिससे वे मेरे लिए पुरोहित का काम कर सकें. .::. 42 “उनके शरीर ढकने के लिए मलमल के जांघिये बनवाना. .::. 43 उनकी लंबाई कमर से जांघ तक हो जब अहरोन और उसके पुत्र मिलनवाले तंबू में जायें अथवा पवित्र स्थान में सेवा करने के लिए वेदी के पास जायें, तब वे उस वस्त्र को पहनें, जिससे वे अपराधी न बनें और उनकी मृत्यु न हो. “यह उसके और उसके बाद होनेवाले उसके वंश के लिए स्थिर आदेश है.
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