पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
भजन संहिता

भजन संहिता अध्याय 35

1 याहवेह, आप उनसे न्याय-विन्याय करें, जो मुझसे न्याय-विन्याय कर रहे हैं; आप उनसे युद्ध करें, जो मुझसे युद्ध कर रहे हैं. 2 ढाल और कवच के साथ; मेरी सहायता के लिए आ जाइए. 3 उनके विरुद्ध, जो मेरा पीछा कर रहे हैं, बर्छी और भाला उठाइये. मेरे प्राण को यह आश्वासन दीजिए, “मैं हूं तुम्हारा उद्धार.” 4 वे, जो मेरे प्राणों के प्यासे हैं, वे लज्जित और अपमानित हों; जो मेरे विनाश की योजना बना रहे हैं, पराजित हो भाग खड़े हों. 5 जब याहवेह का दूत उनका पीछा करे, वे उस भूसे समान हो जाएं, जिसे पवन उड़ा ले जाता है; 6 उनका मार्ग ऐसा हो जाए, जिस पर अंधकार और फिसलन है. और उस पर याहवेह का दूत उनका पीछा करता जाए. 7 उन्होंने अकारण ही मेरे लिए जाल बिछाया और अकारण ही उन्होंने मेरे लिए गड्ढा खोदा है, 8 उनका विनाश उन पर अचानक ही आ पड़े, वे उसी जाल में जा फंसे, जो उन्होंने बिछाया था, वे स्वयं उस गड्ढे में गिरकर नष्ट हो जाएं. 9 तब याहवेह में मेरा प्राण उल्‍लसित होगा और उनके द्वारा किया गया उद्धार मेरे हर्षोल्लास का विषय होगा. 10 मेरी हड्डियां तक कह उठेंगी, “कौन है याहवेह के तुल्य? आप ही हैं जो दुःखी को बलवान से, तथा दरिद्र और दीन को लुटेरों से छुड़ाते हैं.” 11 क्रूर साक्ष्य मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं; वे मुझसे उन विषयों की पूछताछ कर रहे हैं, जिनका मुझे कोई ज्ञान ही नहीं है. 12 वे मेरे उपकार का प्रतिफल अपकार में दे रहे हैं, मैं शोकित होकर रह गया हूं. 13 जब वे दुःखी थे, मैंने सहानुभूति में शोक-वस्त्र धारण किए, यहां तक कि मैंने दीन होकर उपवास भी किया. जब मेरी प्रार्थनाएं बिना कोई उत्तर के मेरे पास लौट आईं, 2 मैं इस भाव में विलाप करता चला गया मानो मैं अपने मित्र अथवा भाई के लिए विलाप कर रहा हूं. मैं शोक में ऐसे झुक गया मानो मैं अपनी माता के लिए शोक कर रहा हूं. 15 किंतु यहां जब मैं ठोकर खाकर गिर पड़ा हूं, वे एकत्र हो आनंद मना रहे हैं; इसके पूर्व कि मैं कुछ समझ पाता, वे मुझ पर आक्रमण करने के लिए एकजुट हो गए हैं. वे लगातार मेरी निंदा कर रहे हैं. 16 जब वे नास्तिक जैसे मेरा उपहास कर रहे थे, उसमें क्रूरता का समावेश था; वे मुझ पर दांत भी पीस रहे थे. 17 याहवेह, आप कब तक यह सब चुपचाप ही देखते रहेंगे? उनके विनाशकारी कार्य से मेरा बचाव कीजिए, सिंहों समान इन दुष्टों से मेरी रक्षा कीजिए. 18 महासभा के सामने मैं आपका आभार व्यक्त करूंगा; जनसमूह में मैं आपका स्तवन करूंगा. 19 जो अकारण ही मेरे शत्रु बन गए हैं, अब उन्हें मेरा उपहास करने का संतोष प्राप्‍त न हो; अब अकारण ही मेरे विरोधी बन गए पुरुषों को आंखों ही आंखों में मेरी निंदा में निर्लज्जतापूर्ण संकेत करने का अवसर प्राप्‍त न हो. 20 उनके वार्तालाप शांति प्रेरक नहीं होते, वे शांति प्रिय नागरिकों के लिए झूठे आरोप सोचने में लगे रहते हैं. 21 मुख फाड़कर वे मेरे विरुद्ध यह कहते हैं, “आहा! आहा! हमने अपनी ही आंखों से सब देख लिया है.” 22 याहवेह, सत्य आपकी दृष्टि में है; अब आप शांत न रहिए. याहवेह, अब मुझसे दूर न रहिए. 23 मेरी रक्षा के लिए उठिए! मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी, मेरे पक्ष में न्याय प्रस्तुत कीजिए. 24 याहवेह, मेरे परमेश्वर, अपनी सच्चाई में मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए; मेरी स्थिति से उन्हें कोई आनंद प्राप्‍त न हो. 25 वे मन ही मन यह न कह सकें, “देखा, यही तो हम चाहते थे!” अथवा वे यह न कह सकें, “हम उसे निगल गए.” 26 वे सभी, जो मेरी दुखद स्थिति पर आनंदित हो रहे हैं, लज्जित और निराश हो जाएं; वे सभी, जिन्होंने मुझे नीच प्रमाणित करना चाहा था स्वयं निंदा और लज्जा में दब जाएं. 27 वे सभी, जो मुझे दोष मुक्त हुआ देखने की कामना करते रहे, आनंद में उल्‍लसित हो जय जयकार करें; उनका स्थायी नारा यह हो जाए, “ऊंची हो याहवेह की महिमा, वह अपने सेवक के कल्याण में उल्‍लसित होते हैं.” 28 मेरी जीभ सर्वदा आपकी धार्मिकता की घोषणा, तथा आपकी वंदना करती रहेगी.
1. याहवेह, आप उनसे न्याय-विन्याय करें, जो मुझसे न्याय-विन्याय कर रहे हैं; आप उनसे युद्ध करें, जो मुझसे युद्ध कर रहे हैं. 2. ढाल और कवच के साथ; मेरी सहायता के लिए आ जाइए. 3. उनके विरुद्ध, जो मेरा पीछा कर रहे हैं, बर्छी और भाला उठाइये. मेरे प्राण को यह आश्वासन दीजिए, “मैं हूं तुम्हारा उद्धार.” 4. वे, जो मेरे प्राणों के प्यासे हैं, वे लज्जित और अपमानित हों; जो मेरे विनाश की योजना बना रहे हैं, पराजित हो भाग खड़े हों. 5. जब याहवेह का दूत उनका पीछा करे, वे उस भूसे समान हो जाएं, जिसे पवन उड़ा ले जाता है; 6. उनका मार्ग ऐसा हो जाए, जिस पर अंधकार और फिसलन है. और उस पर याहवेह का दूत उनका पीछा करता जाए. 7. उन्होंने अकारण ही मेरे लिए जाल बिछाया और अकारण ही उन्होंने मेरे लिए गड्ढा खोदा है, 8. उनका विनाश उन पर अचानक ही आ पड़े, वे उसी जाल में जा फंसे, जो उन्होंने बिछाया था, वे स्वयं उस गड्ढे में गिरकर नष्ट हो जाएं. 9. तब याहवेह में मेरा प्राण उल्‍लसित होगा और उनके द्वारा किया गया उद्धार मेरे हर्षोल्लास का विषय होगा. 10. मेरी हड्डियां तक कह उठेंगी, “कौन है याहवेह के तुल्य? आप ही हैं जो दुःखी को बलवान से, तथा दरिद्र और दीन को लुटेरों से छुड़ाते हैं.” 11. क्रूर साक्ष्य मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं; वे मुझसे उन विषयों की पूछताछ कर रहे हैं, जिनका मुझे कोई ज्ञान ही नहीं है. 12. वे मेरे उपकार का प्रतिफल अपकार में दे रहे हैं, मैं शोकित होकर रह गया हूं. 13. जब वे दुःखी थे, मैंने सहानुभूति में शोक-वस्त्र धारण किए, यहां तक कि मैंने दीन होकर उपवास भी किया. जब मेरी प्रार्थनाएं बिना कोई उत्तर के मेरे पास लौट आईं, 2. मैं इस भाव में विलाप करता चला गया मानो मैं अपने मित्र अथवा भाई के लिए विलाप कर रहा हूं. मैं शोक में ऐसे झुक गया मानो मैं अपनी माता के लिए शोक कर रहा हूं. 15. किंतु यहां जब मैं ठोकर खाकर गिर पड़ा हूं, वे एकत्र हो आनंद मना रहे हैं; इसके पूर्व कि मैं कुछ समझ पाता, वे मुझ पर आक्रमण करने के लिए एकजुट हो गए हैं. वे लगातार मेरी निंदा कर रहे हैं. 16. जब वे नास्तिक जैसे मेरा उपहास कर रहे थे, उसमें क्रूरता का समावेश था; वे मुझ पर दांत भी पीस रहे थे. 17. याहवेह, आप कब तक यह सब चुपचाप ही देखते रहेंगे? उनके विनाशकारी कार्य से मेरा बचाव कीजिए, सिंहों समान इन दुष्टों से मेरी रक्षा कीजिए. 18. महासभा के सामने मैं आपका आभार व्यक्त करूंगा; जनसमूह में मैं आपका स्तवन करूंगा. 19. जो अकारण ही मेरे शत्रु बन गए हैं, अब उन्हें मेरा उपहास करने का संतोष प्राप्‍त न हो; अब अकारण ही मेरे विरोधी बन गए पुरुषों को आंखों ही आंखों में मेरी निंदा में निर्लज्जतापूर्ण संकेत करने का अवसर प्राप्‍त न हो. 20. उनके वार्तालाप शांति प्रेरक नहीं होते, वे शांति प्रिय नागरिकों के लिए झूठे आरोप सोचने में लगे रहते हैं. 21. मुख फाड़कर वे मेरे विरुद्ध यह कहते हैं, “आहा! आहा! हमने अपनी ही आंखों से सब देख लिया है.” 22. याहवेह, सत्य आपकी दृष्टि में है; अब आप शांत न रहिए. याहवेह, अब मुझसे दूर न रहिए. 23. मेरी रक्षा के लिए उठिए! मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी, मेरे पक्ष में न्याय प्रस्तुत कीजिए. 24. याहवेह, मेरे परमेश्वर, अपनी सच्चाई में मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए; मेरी स्थिति से उन्हें कोई आनंद प्राप्‍त न हो. 25. वे मन ही मन यह न कह सकें, “देखा, यही तो हम चाहते थे!” अथवा वे यह न कह सकें, “हम उसे निगल गए.” 26. वे सभी, जो मेरी दुखद स्थिति पर आनंदित हो रहे हैं, लज्जित और निराश हो जाएं; वे सभी, जिन्होंने मुझे नीच प्रमाणित करना चाहा था स्वयं निंदा और लज्जा में दब जाएं. 27. वे सभी, जो मुझे दोष मुक्त हुआ देखने की कामना करते रहे, आनंद में उल्‍लसित हो जय जयकार करें; उनका स्थायी नारा यह हो जाए, “ऊंची हो याहवेह की महिमा, वह अपने सेवक के कल्याण में उल्‍लसित होते हैं.” 28. मेरी जीभ सर्वदा आपकी धार्मिकता की घोषणा, तथा आपकी वंदना करती रहेगी.
  • भजन संहिता अध्याय 1  
  • भजन संहिता अध्याय 2  
  • भजन संहिता अध्याय 3  
  • भजन संहिता अध्याय 4  
  • भजन संहिता अध्याय 5  
  • भजन संहिता अध्याय 6  
  • भजन संहिता अध्याय 7  
  • भजन संहिता अध्याय 8  
  • भजन संहिता अध्याय 9  
  • भजन संहिता अध्याय 10  
  • भजन संहिता अध्याय 11  
  • भजन संहिता अध्याय 12  
  • भजन संहिता अध्याय 13  
  • भजन संहिता अध्याय 14  
  • भजन संहिता अध्याय 15  
  • भजन संहिता अध्याय 16  
  • भजन संहिता अध्याय 17  
  • भजन संहिता अध्याय 18  
  • भजन संहिता अध्याय 19  
  • भजन संहिता अध्याय 20  
  • भजन संहिता अध्याय 21  
  • भजन संहिता अध्याय 22  
  • भजन संहिता अध्याय 23  
  • भजन संहिता अध्याय 24  
  • भजन संहिता अध्याय 25  
  • भजन संहिता अध्याय 26  
  • भजन संहिता अध्याय 27  
  • भजन संहिता अध्याय 28  
  • भजन संहिता अध्याय 29  
  • भजन संहिता अध्याय 30  
  • भजन संहिता अध्याय 31  
  • भजन संहिता अध्याय 32  
  • भजन संहिता अध्याय 33  
  • भजन संहिता अध्याय 34  
  • भजन संहिता अध्याय 35  
  • भजन संहिता अध्याय 36  
  • भजन संहिता अध्याय 37  
  • भजन संहिता अध्याय 38  
  • भजन संहिता अध्याय 39  
  • भजन संहिता अध्याय 40  
  • भजन संहिता अध्याय 41  
  • भजन संहिता अध्याय 42  
  • भजन संहिता अध्याय 43  
  • भजन संहिता अध्याय 44  
  • भजन संहिता अध्याय 45  
  • भजन संहिता अध्याय 46  
  • भजन संहिता अध्याय 47  
  • भजन संहिता अध्याय 48  
  • भजन संहिता अध्याय 49  
  • भजन संहिता अध्याय 50  
  • भजन संहिता अध्याय 51  
  • भजन संहिता अध्याय 52  
  • भजन संहिता अध्याय 53  
  • भजन संहिता अध्याय 54  
  • भजन संहिता अध्याय 55  
  • भजन संहिता अध्याय 56  
  • भजन संहिता अध्याय 57  
  • भजन संहिता अध्याय 58  
  • भजन संहिता अध्याय 59  
  • भजन संहिता अध्याय 60  
  • भजन संहिता अध्याय 61  
  • भजन संहिता अध्याय 62  
  • भजन संहिता अध्याय 63  
  • भजन संहिता अध्याय 64  
  • भजन संहिता अध्याय 65  
  • भजन संहिता अध्याय 66  
  • भजन संहिता अध्याय 67  
  • भजन संहिता अध्याय 68  
  • भजन संहिता अध्याय 69  
  • भजन संहिता अध्याय 70  
  • भजन संहिता अध्याय 71  
  • भजन संहिता अध्याय 72  
  • भजन संहिता अध्याय 73  
  • भजन संहिता अध्याय 74  
  • भजन संहिता अध्याय 75  
  • भजन संहिता अध्याय 76  
  • भजन संहिता अध्याय 77  
  • भजन संहिता अध्याय 78  
  • भजन संहिता अध्याय 79  
  • भजन संहिता अध्याय 80  
  • भजन संहिता अध्याय 81  
  • भजन संहिता अध्याय 82  
  • भजन संहिता अध्याय 83  
  • भजन संहिता अध्याय 84  
  • भजन संहिता अध्याय 85  
  • भजन संहिता अध्याय 86  
  • भजन संहिता अध्याय 87  
  • भजन संहिता अध्याय 88  
  • भजन संहिता अध्याय 89  
  • भजन संहिता अध्याय 90  
  • भजन संहिता अध्याय 91  
  • भजन संहिता अध्याय 92  
  • भजन संहिता अध्याय 93  
  • भजन संहिता अध्याय 94  
  • भजन संहिता अध्याय 95  
  • भजन संहिता अध्याय 96  
  • भजन संहिता अध्याय 97  
  • भजन संहिता अध्याय 98  
  • भजन संहिता अध्याय 99  
  • भजन संहिता अध्याय 100  
  • भजन संहिता अध्याय 101  
  • भजन संहिता अध्याय 102  
  • भजन संहिता अध्याय 103  
  • भजन संहिता अध्याय 104  
  • भजन संहिता अध्याय 105  
  • भजन संहिता अध्याय 106  
  • भजन संहिता अध्याय 107  
  • भजन संहिता अध्याय 108  
  • भजन संहिता अध्याय 109  
  • भजन संहिता अध्याय 110  
  • भजन संहिता अध्याय 111  
  • भजन संहिता अध्याय 112  
  • भजन संहिता अध्याय 113  
  • भजन संहिता अध्याय 114  
  • भजन संहिता अध्याय 115  
  • भजन संहिता अध्याय 116  
  • भजन संहिता अध्याय 117  
  • भजन संहिता अध्याय 118  
  • भजन संहिता अध्याय 119  
  • भजन संहिता अध्याय 120  
  • भजन संहिता अध्याय 121  
  • भजन संहिता अध्याय 122  
  • भजन संहिता अध्याय 123  
  • भजन संहिता अध्याय 124  
  • भजन संहिता अध्याय 125  
  • भजन संहिता अध्याय 126  
  • भजन संहिता अध्याय 127  
  • भजन संहिता अध्याय 128  
  • भजन संहिता अध्याय 129  
  • भजन संहिता अध्याय 130  
  • भजन संहिता अध्याय 131  
  • भजन संहिता अध्याय 132  
  • भजन संहिता अध्याय 133  
  • भजन संहिता अध्याय 134  
  • भजन संहिता अध्याय 135  
  • भजन संहिता अध्याय 136  
  • भजन संहिता अध्याय 137  
  • भजन संहिता अध्याय 138  
  • भजन संहिता अध्याय 139  
  • भजन संहिता अध्याय 140  
  • भजन संहिता अध्याय 141  
  • भजन संहिता अध्याय 142  
  • भजन संहिता अध्याय 143  
  • भजन संहिता अध्याय 144  
  • भजन संहिता अध्याय 145  
  • भजन संहिता अध्याय 146  
  • भजन संहिता अध्याय 147  
  • भजन संहिता अध्याय 148  
  • भजन संहिता अध्याय 149  
  • भजन संहिता अध्याय 150  
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References