पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहेजकेल

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यहेजकेल अध्याय 38

1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुंह मागोग देश के गोग की ओर कर के, जो रोश, मेशेक और तूबल का प्रधान है, उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर। 3. और यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक, और तूबल के प्रधान, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ। 4. मैं तुझे घुमा ले आऊंगा, और तेरे जबड़ों में आंकड़े डाल कर तुझे निकालूंगा; और तेरी सारी सेना को भी अर्थात घोड़ों और सवारों को जो सब के सब कवच पहिने हुए एक बड़ी भीड़ हैं, जो फरी और ढाल लिए हुए सब के सब तलवार चलाने वाले होंगे; 5. और उनके संग फारस, कूश और पूत को, जो सब के सब ढाल लिए और टोप लगाए होंगे; 6. और गोमेर और उसके सारे दलों को, और उत्तर दिशा के दूर दूर देशों के तोगर्मा के घराने, और उसके सारे दलों को निकालूंगा; तेरे संग बहुत से देशों के लोग होंगे। 7. इसलिये तू तैयार हो जा; तू और जितनी भीड़ तेरे पास इकट्ठी हों, तैयार रहना, और तू उनका अगुवा बनना। 8. बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा, जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा, और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे; अर्थात तू इस्राएल के पहाड़ों पर आएगा जो निरन्तर उजाड़ रहे हैं; परन्तु वे देश देश के लोगों के वश से छुड़ाए जा कर सब के सब निडर रहेंगे। 9. तू चढ़ाई करेगा, और आंधी की नाईं आएगा, और अपने सारे दलों और बहुत देशों के लोगों समेत मेघ के समान देश पर छा जाएगा। 10. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी ऐसी बातें आएंगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा; 11. और तू कहेगा कि मैं बिन शहरपनाह के गांवों के देश पर चढ़ाई करूंगा; मैं उन लोगों के पास जाऊंगा जो चैन से निडर रहते हैं; जो सब के सब बिना शहरपनाह ओर बिना बेड़ों और पल्लों के बसे हुए हैं; 12. ताकि छीन कर तू उन्हें लूटे और अपना हाथ उन खण्डहरों पर बढ़ाए जो फिर बसाए गए, और उन लोगों के विरुद्ध फेरे जो जातियों में से इाट्ठे हुए थे और पृथ्वी की नाभी पर बसे हुए ढोर और और सम्पत्ति रखते हैं। 13. शबा और ददान के लोग और तशींश के व्योपारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझ से कहेंगे, क्या तू लूटने को आता है? क्या तू ने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, ढोर और और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्टी की है? 14. इस कारण, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के गोग से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जिस समय मेरी प्रजा इस्राएल निडर बसी रहेगी, क्या तुझे इसका समाचार न मिलेगा? 15. और तू उत्तर दिशा के दूर दूर स्थानों से आएगा; तू और तेरे साथ बहुत सी जातियों के लोग, जो सब के सब घोड़ों पर चढ़े हुए होंगे, अर्थात एक बड़ी भीड़ और बलवन्त सेना। 16. और जैसे बादल भूमि पर छा जाता है, वैसे ही तू मेरी प्रजा इस्राएल के देश पर ऐसे चढ़ाई करेगा। इसलिये हे गोग, अन्त के दिनों में ऐसा ही होगा, कि मैं तुझ से अपने देश पर इसलिये चढ़ाई कराऊंगा, कि जब मैं जातियों के देखते तेरे द्वारा अपने को पवित्र ठहराऊं, तब वे मुझे पहिचान लेंगे। 17. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, क्या तू वही नहीं जिसकी चर्चा मैं ने प्राचीनकाल में अपने दासों के, अर्थात इस्राएल के उन भविष्यद्वक्ताओं द्वारा की थी, जो उन दिनों में वर्षों तक यह भविष्यद्वाणी करते गए, कि यहोवा गोग से इस्राएलियों पर चढ़ाई कराएगा? 18. और जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। 19. और मैं ने जलजलाहट और क्रोध की आग में कहा कि नि:सन्देह उस दिन इस्राएल के देश में बड़ा भुईंडोल होगा। 20. और मेरे दर्शन से समुद्र की मछलियां और आकाश के पक्षी, मैदान के पशु और भूमि पर जितने जीव-जन्तु रेंगते हैं, और भूमि के ऊपर जितने मनुष्य रहते हैं, सब कांप उठेंगे; और पहाड़ गिराए जाएंगे; और चढ़ाइयां नाश होंगी, और सब भीतें गिर कर मिट्टी में मिल जाएंगी। 21. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं उसके विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूंगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी। 22. और मैं मरी और खून के द्वारा उस से मुकद्दमा लड़ूंगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊंगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊंगा। 23. इस प्रकार मैं अपने को महान और पवित्र ठहराऊंगा और बहुत सी जातियों के साम्हने अपने को प्रगट करूंगा। तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।
1. फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, .::. 2. हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुंह मागोग देश के गोग की ओर कर के, जो रोश, मेशेक और तूबल का प्रधान है, उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर। .::. 3. और यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक, और तूबल के प्रधान, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ। .::. 4. मैं तुझे घुमा ले आऊंगा, और तेरे जबड़ों में आंकड़े डाल कर तुझे निकालूंगा; और तेरी सारी सेना को भी अर्थात घोड़ों और सवारों को जो सब के सब कवच पहिने हुए एक बड़ी भीड़ हैं, जो फरी और ढाल लिए हुए सब के सब तलवार चलाने वाले होंगे; .::. 5. और उनके संग फारस, कूश और पूत को, जो सब के सब ढाल लिए और टोप लगाए होंगे; .::. 6. और गोमेर और उसके सारे दलों को, और उत्तर दिशा के दूर दूर देशों के तोगर्मा के घराने, और उसके सारे दलों को निकालूंगा; तेरे संग बहुत से देशों के लोग होंगे। .::. 7. इसलिये तू तैयार हो जा; तू और जितनी भीड़ तेरे पास इकट्ठी हों, तैयार रहना, और तू उनका अगुवा बनना। .::. 8. बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा, जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा, और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे; अर्थात तू इस्राएल के पहाड़ों पर आएगा जो निरन्तर उजाड़ रहे हैं; परन्तु वे देश देश के लोगों के वश से छुड़ाए जा कर सब के सब निडर रहेंगे। .::. 9. तू चढ़ाई करेगा, और आंधी की नाईं आएगा, और अपने सारे दलों और बहुत देशों के लोगों समेत मेघ के समान देश पर छा जाएगा। .::. 10. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी ऐसी बातें आएंगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा; .::. 11. और तू कहेगा कि मैं बिन शहरपनाह के गांवों के देश पर चढ़ाई करूंगा; मैं उन लोगों के पास जाऊंगा जो चैन से निडर रहते हैं; जो सब के सब बिना शहरपनाह ओर बिना बेड़ों और पल्लों के बसे हुए हैं; .::. 12. ताकि छीन कर तू उन्हें लूटे और अपना हाथ उन खण्डहरों पर बढ़ाए जो फिर बसाए गए, और उन लोगों के विरुद्ध फेरे जो जातियों में से इाट्ठे हुए थे और पृथ्वी की नाभी पर बसे हुए ढोर और और सम्पत्ति रखते हैं। .::. 13. शबा और ददान के लोग और तशींश के व्योपारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझ से कहेंगे, क्या तू लूटने को आता है? क्या तू ने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, ढोर और और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्टी की है? .::. 14. इस कारण, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर के गोग से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जिस समय मेरी प्रजा इस्राएल निडर बसी रहेगी, क्या तुझे इसका समाचार न मिलेगा? .::. 15. और तू उत्तर दिशा के दूर दूर स्थानों से आएगा; तू और तेरे साथ बहुत सी जातियों के लोग, जो सब के सब घोड़ों पर चढ़े हुए होंगे, अर्थात एक बड़ी भीड़ और बलवन्त सेना। .::. 16. और जैसे बादल भूमि पर छा जाता है, वैसे ही तू मेरी प्रजा इस्राएल के देश पर ऐसे चढ़ाई करेगा। इसलिये हे गोग, अन्त के दिनों में ऐसा ही होगा, कि मैं तुझ से अपने देश पर इसलिये चढ़ाई कराऊंगा, कि जब मैं जातियों के देखते तेरे द्वारा अपने को पवित्र ठहराऊं, तब वे मुझे पहिचान लेंगे। .::. 17. परमेश्वर यहोवा यों कहता है, क्या तू वही नहीं जिसकी चर्चा मैं ने प्राचीनकाल में अपने दासों के, अर्थात इस्राएल के उन भविष्यद्वक्ताओं द्वारा की थी, जो उन दिनों में वर्षों तक यह भविष्यद्वाणी करते गए, कि यहोवा गोग से इस्राएलियों पर चढ़ाई कराएगा? .::. 18. और जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है। .::. 19. और मैं ने जलजलाहट और क्रोध की आग में कहा कि नि:सन्देह उस दिन इस्राएल के देश में बड़ा भुईंडोल होगा। .::. 20. और मेरे दर्शन से समुद्र की मछलियां और आकाश के पक्षी, मैदान के पशु और भूमि पर जितने जीव-जन्तु रेंगते हैं, और भूमि के ऊपर जितने मनुष्य रहते हैं, सब कांप उठेंगे; और पहाड़ गिराए जाएंगे; और चढ़ाइयां नाश होंगी, और सब भीतें गिर कर मिट्टी में मिल जाएंगी। .::. 21. परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं उसके विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूंगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी। .::. 22. और मैं मरी और खून के द्वारा उस से मुकद्दमा लड़ूंगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊंगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊंगा। .::. 23. इस प्रकार मैं अपने को महान और पवित्र ठहराऊंगा और बहुत सी जातियों के साम्हने अपने को प्रगट करूंगा। तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।
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