पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहोशू

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यहोशू अध्याय 10

1. जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने सुना कि यहोशू ने ऐ को ले लिया, और उसको सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं, 2. तब वे निपट डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन राजनगर के तुल्य और ऐ से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे। 3. इसलिये यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा, 4. कि मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है। 5. इसलिये यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पांचों एमोरी राजाओं ने अपनी अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के साम्हने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया। 6. तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यों कहला भेजा, कि अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहने वाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हए हैं। 7. तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग ले कर गिलगाल से चल पड़ा। 8. और यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि मैं ने उन को तेरे हाथ में कर दिया है; उन में से एक पुरूष भी तेरे साम्हने टिक न सकेगा। 9. तब यहोशू रातोरात गिलगाल से जा कर एकाएक उन पर टूट पड़ा। 10. तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरान के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उन को मारते गए। 11. फिर जब वे इस्राएलियों के साम्हने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुंचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े बड़े पत्थर उन पर बरसाए, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी॥ 12. और उस समय, अर्थात जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह॥ 13. और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया॥ क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा? 14. न तो उस से पहिले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद, जिस में यहोवा ने किसी पुरूष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था॥ 15. तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया॥ 16. और वे पांचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे। 17. तब यहोशू को यह समाचार मिला, कि पांचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं। 18. यहोशू ने कहा, गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो; 19. परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उन में से जो जो पिछड़ गए हैं उन को मार डालो, उन्हें अपने अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योकि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने उन को तुम्हारे हाथ में कर दिया है। 20. जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके नाश कर चुके, और उन में से जो बच गए वे अपने अपने गढ़ वाले नगर में घुस गए, 21. तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल-क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई। 22. तब यहोशू ने आज्ञा दी, कि गुफा का मुंह खोल कर उन पांचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ। 23. उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पांचों राजओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए। 24. जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरूषों को बुलाकर अपने साथ चलने वाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, निकट आकर अपने अपने पांव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो। और उन्होंने निकट जा कर अपने अपने पांव उनकी गर्दनों पर रखे। 25. तब यहोशू ने उन से कहा, डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बान्धकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिन से तुम लड़ने वाले हो ऐसा ही करेगा। 26. इस के बाद यहोशू ने उन को मरवा डाला, और पांच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे। 27. सूर्य डूबते डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहां वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर धर दिए, वे आज तक वहीं धरे हुए हैं॥ 28. उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा को सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उस में थे उन सभों में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया॥ 29. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा। 30. और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ मे कर दिया; और यहोशू ने उसको और उस में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उस में से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था॥ 31. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा; 32. और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया। 33. तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा॥ 34. फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा; 35. और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया॥ 36. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उस से लड़ने लगा; 37. और उन्होंने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गावों को और उन में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उसने उसको और उस में के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला॥ 38. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उस से लड़ने लगा; 39. और राजा समेत उसे और उसके सब गांवों को ले लिया; और उन्होंने उन को तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उन में थे सब को सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया॥ 40. इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात पहाड़ी देश, दक्खिन देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, वरन जितने प्राणी थे सभों को सत्यानाश कर डाला। 41. और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले अज्जा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा। 42. इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था। 43. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया॥
1. जब यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने सुना कि यहोशू ने ऐ को ले लिया, और उसको सत्यानाश कर डाला है, और जैसा उसने यरीहो और उसके राजा से किया है, और यह भी सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया, और उनके बीच रहने लगे हैं, .::. 2. तब वे निपट डर गए, क्योंकि गिबोन बड़ा नगर वरन राजनगर के तुल्य और ऐ से बड़ा था, और उसके सब निवासी शूरवीर थे। .::. 3. इसलिये यरूशलेम के राजा अदोनीसेदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यर्मूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा यापी, और एग्लोन के राजा दबीर के पास यह कहला भेजा, .::. 4. कि मेरे पास आकर मेरी सहायता करो, और चलो हम गिबोन को मारें; क्योंकि उसने यहोशू और इस्राएलियों से मेल कर लिया है। .::. 5. इसलिये यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के पांचों एमोरी राजाओं ने अपनी अपनी सारी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के साम्हने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया। .::. 6. तक गिबोन के निवासियों ने गिलगाल की छावनी में यहोशू के पास यों कहला भेजा, कि अपने दासों की ओर से तू अपना हाथ न हटाना; शीघ्र हमारे पास आकर हमें बचा ले, और हमारी सहायता कर; क्योंकि पहाड़ पर रहने वाले एमोरियों के सब राजा हमारे विरुद्ध इकट्ठे हए हैं। .::. 7. तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग ले कर गिलगाल से चल पड़ा। .::. 8. और यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि मैं ने उन को तेरे हाथ में कर दिया है; उन में से एक पुरूष भी तेरे साम्हने टिक न सकेगा। .::. 9. तब यहोशू रातोरात गिलगाल से जा कर एकाएक उन पर टूट पड़ा। .::. 10. तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरान के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उन को मारते गए। .::. 11. फिर जब वे इस्राएलियों के साम्हने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुंचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े बड़े पत्थर उन पर बरसाए, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी॥ .::. 12. और उस समय, अर्थात जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह॥ .::. 13. और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया॥ क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा? .::. 14. न तो उस से पहिले कोई ऐसा दिन हुआ और न उसके बाद, जिस में यहोवा ने किसी पुरूष की सुनी हो; क्योंकि यहोवा तो इस्राएल की ओर से लड़ता था॥ .::. 15. तब यहोशू सारे इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी को लौट गया॥ .::. 16. और वे पांचों राजा भागकर मक्केदा के पास की गुफा में जा छिपे। .::. 17. तब यहोशू को यह समाचार मिला, कि पांचों राजा मक्केदा के पास की गुफा में छिपे हुए हमें मिले हैं। .::. 18. यहोशू ने कहा, गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर लुढ़काकर उनकी देख भाल के लिये मनुष्यों को उसके पास बैठा दो; .::. 19. परन्तु तुम मत ठहरो, अपने शत्रुओं का पीछा करके उन में से जो जो पिछड़ गए हैं उन को मार डालो, उन्हें अपने अपने नगर में प्रवेश करने का अवसर न दो; क्योकि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने उन को तुम्हारे हाथ में कर दिया है। .::. 20. जब यहोशू और इस्राएली उनका संहार करके नाश कर चुके, और उन में से जो बच गए वे अपने अपने गढ़ वाले नगर में घुस गए, .::. 21. तब सब लोग मक्केदा की छावनी को यहोशू के पास कुशल-क्षेम से लौट आए; और इस्राएलियों के विरुद्ध किसी ने जीभ तक न हिलाई। .::. 22. तब यहोशू ने आज्ञा दी, कि गुफा का मुंह खोल कर उन पांचों राजाओं को मेरे पास निकाल ले आओ। .::. 23. उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पांचों राजओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए। .::. 24. जब वे उन राजाओं को यहोशू के पास निकाल ले आए, तब यहोशू ने इस्राएल के सब पुरूषों को बुलाकर अपने साथ चलने वाले योद्धाओं के प्रधानों से कहा, निकट आकर अपने अपने पांव इन राजाओं की गर्दनों पर रखो। और उन्होंने निकट जा कर अपने अपने पांव उनकी गर्दनों पर रखे। .::. 25. तब यहोशू ने उन से कहा, डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बान्धकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिन से तुम लड़ने वाले हो ऐसा ही करेगा। .::. 26. इस के बाद यहोशू ने उन को मरवा डाला, और पांच वृक्षों पर लटका दिया। और वे सांझ तक उन वृक्षों पर लटके रहे। .::. 27. सूर्य डूबते डूबते यहोशू से आज्ञा पाकर लोगों ने उन्हें उन वृक्षों पर से उतार के उसी गुफा में जहां वे छिप गए थे डाल दिया, और उस गुफा के मुंह पर बड़े बड़े पत्थर धर दिए, वे आज तक वहीं धरे हुए हैं॥ .::. 28. उसी दिन यहोशू ने मक्केदा को ले लिया, और उसको तलवार से मारा, और उसके राजा को सत्यानाश किया; और जितने प्राणी उस में थे उन सभों में से किसी को जीवित न छोड़ा; और जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था वैसा ही मक्केदा के राजा से भी किया॥ .::. 29. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत मक्केदा से चलकर लिब्ना को गया, और लिब्ना से लड़ा। .::. 30. और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ मे कर दिया; और यहोशू ने उसको और उस में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उस में से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था॥ .::. 31. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत लिब्ना से चलकर लाकीश को गया, और उसके विरुद्ध छावनी डालकर लड़ा; .::. 32. और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया। .::. 33. तब गेजेर का राजा होराम लाकीश की सहायता करने को चढ़ आया; और यहोशू ने प्रजा समेत उसको भी ऐसा मारा कि उसके लिये किसी को जीवित न छोड़ा॥ .::. 34. फिर यहोशू ने सब इस्राएलियों समेत लाकीश से चलकर एग्लोन को गया; और उसके विरुद्ध छावनी डालकर युद्ध करने लगा; .::. 35. और उसी दिन उन्होंने उसको ले लिया, और उसको तलवार से मारा; और उसी दिन जैसा उसने लाकीश के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला था वैसा ही उसने एग्लोन से भी किया॥ .::. 36. फिर यहोशू सब इस्राएलियों समेत एग्लोन से चलकर हेब्रोन को गया, और उस से लड़ने लगा; .::. 37. और उन्होंने उसे ले लिया, और उसको और उसके राजा और सब गावों को और उन में के सब प्राणियों को तलवार से मारा; जैसा यहोशू ने एग्लोन से किया था वैसा ही उसने हेब्रोन में भी किसी को जीवित न छोड़ा; उसने उसको और उस में के सब प्राणियों को सत्यानाश कर डाला॥ .::. 38. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत घूमकर दबीर को गया, और उस से लड़ने लगा; .::. 39. और राजा समेत उसे और उसके सब गांवों को ले लिया; और उन्होंने उन को तलवार से घात किया, और जितने प्राणी उन में थे सब को सत्यानाश कर डाला; किसी को जीवित न छोड़ा, जैसा यहोशू ने हेब्रोन और लिब्ना और उसके राजा से किया था वैसा ही उसने दबीर और उसके राजा से भी किया॥ .::. 40. इसी प्रकार यहोशू ने उस सारे देश को, अर्थात पहाड़ी देश, दक्खिन देश, नीचे के देश, और ढालू देश को, उनके सब राजाओं समेत मारा; और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किसी को जीवित न छोड़ा, वरन जितने प्राणी थे सभों को सत्यानाश कर डाला। .::. 41. और यहोशू ने कादेशबर्ने से ले अज्जा तक, और गिबोन तक के सारे गोशेन देश के लोगों को मारा। .::. 42. इन सब राजाओं को उनके देशों समेत यहोशू ने एक ही समय में ले लिया, क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस्राएलियों की ओर से लड़ता था। .::. 43. तब यहोशू सब इस्राएलियों समेत गिलगाल की छावनी में लौट आया॥
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  • यहोशू अध्याय 3  
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  • यहोशू अध्याय 20  
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  • यहोशू अध्याय 23  
  • यहोशू अध्याय 24  
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