पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
व्यवस्थाविवरण
1. यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो;
2. और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
3. हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
4. हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
5. तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
6. और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
7. और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
8. और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी करके बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें।
9. और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना॥
10. और जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे उस देश में पहुंचाए जिसके विषय में उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब नाम, तेरे पूर्वजों से तुझे देने की शपथ खाई, और जब वह तुझ को बड़े बड़े और अच्छे नगर, जो तू ने नहीं बनाए,
11. और अच्छे अच्छे पदार्थों से भरे हुए घर, जो तू ने नहीं भरे, और खुदे हुए कुंए, जो तू ने नहीं खोदे, और दाख की बारियां और जलपाई के वृक्ष, जो तू ने नहीं लगाए, ये सब वस्तुएं जब वह दे, और तू खाके तृप्त हो,
12. तब सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि तू यहोवा को भूल जाए, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है।
13. अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
14. तुम पराए देवताओं के, अर्थात अपने चारों ओर के देशों के लोगों के देवताओं के पीछे न हो लेना;
15. क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा जो तेरे बीच में है वह जल उठने वाला ईश्वर है; कहीं ऐसा न हो कि तेरे परमेश्वर यहोवा का कोप तुझ पर भड़के, और वह तुझ को पृथ्वी पर से नष्ट कर डाले॥
16. तुम अपने परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करना, जैसे कि तुम ने मस्सा में उसकी परीक्षा की थी।
17. अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं, चितौनियों, और विधियों को, जो उसने तुझ को दी हैं, सावधानी से मानना।
18. और जो काम यहोवा की दृष्टि में ठीक और सुहावना है वही किया करना, जिस से कि तेरा भला हो, और जिस उत्तम देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई उस में तू प्रवेश करके उसका अधिकारी हो जाए,
19. कि तेरे सब शत्रु तेरे साम्हने से दूर कर दिए जाएं, जैसा कि यहोवा ने कहा था॥
20. फिर आगे को जब तेरा लड़का तुझ से पूछे, कि ये चितौनियां और विधि और नियम, जिनके मानने की आज्ञा हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को दी है, इनका प्रयोजन क्या है?
21. तब अपने लड़के से कहना, कि जब हम मिस्र में फिरौन के दास थे, तब यहोवा बलवन्त हाथ से हम को मिस्र में से निकाल ले आया;
22. और यहोवा ने हमारे देखते मिस्र में फिरौन और उसके सारे घराने को दु:ख देने वाले बड़े बड़े चिन्ह और चमत्कार दिखाए;
23. और हम को वह वहां से निकाल लाया, इसलिये कि हमें इस देश में पहुंचाकर, जिसके विषय में उसने हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी, इस को हमें सौंप दे।
24. और यहोवा ने हमें ये सब विधियां पालने की आज्ञा दी, इसलिये कि हम अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हम को जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है।
25. और यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में उसकी आज्ञा के अनुसार इन सारे नियमों को मानने में चौकसी करें, तो वह हमारे लिये धर्म ठहरेगा॥

Notes

No Verse Added

Total 34 अध्याय, Selected अध्याय 6 / 34
व्यवस्थाविवरण 6
1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो; 2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे। 3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ। 4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है; 5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। 6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; 7 और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। 8 और इन्हें अपने हाथ पर चिन्हानी करके बान्धना, और ये तेरी आंखों के बीच टीके का काम दें। 9 और इन्हें अपने अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना॥ 10 और जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे उस देश में पहुंचाए जिसके विषय में उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब नाम, तेरे पूर्वजों से तुझे देने की शपथ खाई, और जब वह तुझ को बड़े बड़े और अच्छे नगर, जो तू ने नहीं बनाए, 11 और अच्छे अच्छे पदार्थों से भरे हुए घर, जो तू ने नहीं भरे, और खुदे हुए कुंए, जो तू ने नहीं खोदे, और दाख की बारियां और जलपाई के वृक्ष, जो तू ने नहीं लगाए, ये सब वस्तुएं जब वह दे, और तू खाके तृप्त हो, 12 तब सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि तू यहोवा को भूल जाए, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है। 13 अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना, और उसी के नाम की शपथ खाना। 14 तुम पराए देवताओं के, अर्थात अपने चारों ओर के देशों के लोगों के देवताओं के पीछे न हो लेना; 15 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा जो तेरे बीच में है वह जल उठने वाला ईश्वर है; कहीं ऐसा न हो कि तेरे परमेश्वर यहोवा का कोप तुझ पर भड़के, और वह तुझ को पृथ्वी पर से नष्ट कर डाले॥ 16 तुम अपने परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करना, जैसे कि तुम ने मस्सा में उसकी परीक्षा की थी। 17 अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं, चितौनियों, और विधियों को, जो उसने तुझ को दी हैं, सावधानी से मानना। 18 और जो काम यहोवा की दृष्टि में ठीक और सुहावना है वही किया करना, जिस से कि तेरा भला हो, और जिस उत्तम देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई उस में तू प्रवेश करके उसका अधिकारी हो जाए, 19 कि तेरे सब शत्रु तेरे साम्हने से दूर कर दिए जाएं, जैसा कि यहोवा ने कहा था॥ 20 फिर आगे को जब तेरा लड़का तुझ से पूछे, कि ये चितौनियां और विधि और नियम, जिनके मानने की आज्ञा हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को दी है, इनका प्रयोजन क्या है? 21 तब अपने लड़के से कहना, कि जब हम मिस्र में फिरौन के दास थे, तब यहोवा बलवन्त हाथ से हम को मिस्र में से निकाल ले आया; 22 और यहोवा ने हमारे देखते मिस्र में फिरौन और उसके सारे घराने को दु:ख देने वाले बड़े बड़े चिन्ह और चमत्कार दिखाए; 23 और हम को वह वहां से निकाल लाया, इसलिये कि हमें इस देश में पहुंचाकर, जिसके विषय में उसने हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी, इस को हमें सौंप दे। 24 और यहोवा ने हमें ये सब विधियां पालने की आज्ञा दी, इसलिये कि हम अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हम को जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है। 25 और यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में उसकी आज्ञा के अनुसार इन सारे नियमों को मानने में चौकसी करें, तो वह हमारे लिये धर्म ठहरेगा॥
Total 34 अध्याय, Selected अध्याय 6 / 34
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References