1. {शमूएल का बेतलेहेम को जाना} [PS] यहोवा ने शमूएल से कहा, “तुम शाऊल के लिये कब तक दुःखी रहोगे? मैंने शाऊल को इस्राएल का राजा होना अस्वीकार कर दिया है! अपनी सींग तेल से भरो और चल पड़ो। मैं तुम्हें यिशै नाम के एक व्यक्ति के पास भेज रहा हूँ। यिशै बेतलेहेम में रहता है। मैंने उसके पुत्रों में से एक को नया राजा चुना हैं।” [PE][PS]
2. किन्तु शमूएल ने कहा, “यदि मैं जाऊँ, तो शाऊल इस समाचार को सुनेगा। तब वह मुझे मार डालने का प्रयत्न करेगा।” [PE][PS] यहोवा ने कहा, “बेतलेहेम जओ। एक बछड़ा अपने साथ ले जाओ। यह कहो, ‘मैं यहोवा को बलि चढ़ाने आया हूँ।’
3. यिशै को बलि के समय आमंत्रित करो। तब मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हें क्या करना है। तुम्हें उस व्यक्ति का अभिषेक करना चाहिये जिसे मैं दिखाऊँ।” [PE][PS]
4. शमूएल ने वही किया जो यहोवा ने उसे करने को कहा था। शमूएल बेतलेहेम गया। बेतलेहेम के बुजुर्ग भय से काँप उठे। वे शमूएल से मिले और उन्होंने उससे पूछा, “क्या आप शान्तिपूर्वक आए हैं?” [PE][PS]
5. शमूएल ने उत्तर दिया “हाँ, मैं शान्तिपूर्वक आया हूँ। मैं यहोवा को बलि—भेंट करने आया हूँ। अपने को तैयार करो और मेरे साथ बलि—भेंट में आओ।” शमूएल ने यिशै और उसके पुत्रों को तैयार किया। तब शमूएल ने उन्हें आने और बलि—भेंट में भाग लेने के लिये आमन्त्रित किया। [PE][PS]
6. जब यिशै और उसके पुत्र आए, तो शमूएल ने एलीआब को देखा। शमूएल ने सोचा, “निश्चय ही यही वह व्यक्ति है जिसे यहोवा ने चुना है।” [PE][PS]
7. किन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, “एलीआब लम्बा और सुन्दर है किन्तु उसके बारे में मत सोचो। परमेश्वर उस चीज़ को नहीं देखता जिसे साधारण व्यक्ति देखते हैं। लोग व्यक्ति के बाहरी रूप को देखते हैं, किन्तु यहोवा व्यक्ति के हृदय को देखता है। एलीआब उचित व्यक्ति नहीं है।” [PE][PS]
8. तब यिशै ने अपने दूसरे पुत्र अबीनादाब को बुलाया। अबीनादाब शमूएल के पास से गुजरा। किन्तु शमूएल ने कहा, “नहीं, यह भी वह व्यक्ति नहीं है कि जिसे यहोवा ने चुना है।” [PE][PS]
9. तब यिशै ने शम्मा को शमूएल के पास से गुजरने को कहा। किन्तु शमूएल ने कहा, “नहीं, यहोवा ने इस व्यक्ति को भी नहीं चुना है।” [PE][PS]
10. यिशै ने अपने सात पुत्रों को शमूएल को दिखाया। किन्तु शमूएल ने यिशै को कहा, “यहोवा ने इन व्यक्तियों में से किसी को भी नहीं चुना है।” [PE][PS]
11. तब शमूएल ने यिशै से पूछा, “क्या तुम्हारे सभी पुत्र ये ही हैं?” [PE][PS] यिशै ने उत्तर दिया, “नहीं मेरा सबसे छोटा एक और पुत्र है किन्तु वह भेड़ों की रखवाली कर रहा है।” [PE][PS] शमूएल ने कहा, “उसे बुलाओ। उसे यहाँ लाओ। हम लोग तब तक खाने नहीं बैठेंगे जब तक वह आ नहीं जाता।” [PE][PS]
12. यिशै ने किसी को अपने सबसे छोटे पुत्र को लाने के लिये भेजा। यह पुत्र सुन्दर और सुनहरे बालों वाला [*सुनहरे बालों वाला अथवा “पीत—रक्त रंग का” हिब्रू शब्द का अर्थ “लाल” है।] युवक था। यह बहुत सुन्दर था। [PE][PS] यहोवा ने समूएल से कहा, “उठो, इसका अभिषेक करो। यही है वह।” [PE][PS]
13. शमूएल ने तेल से भरा सींग उठाया और उस विशेष तेल को यीशै के सबसे छोटे पुत्र के सिर पर उसके भाईयों के सामने डाल दिया। उस दिन से यहोवा की आत्मा दाऊद पर तीव्रता से आती रही। तब शमूएल रामा को लौट गया। [PS]
14. {दुष्टात्मा का शाऊल को परेशान करना} [PS] यहोवा की आत्मा ने शाऊल को त्याग दिया। तब यहोवा ने शाऊल पर एक दुष्टात्मा भेजी। उसने उसे बहुत परेशान किया।
15. सेवकों ने शाऊल से कहा, “परमेश्वर के द्वारा भेजी एक दुष्टात्मा तुमको परेशान कर रही है।
16. हम लोगों को आदेश दो कि हम लोग किसी की खोज करे जो वीणा बजायेगा। यदि दुष्टात्मा यहोवा के यहाँ से तुम्हारे ऊपर आई है तो जब वह व्यक्ति वीणा बजायेगा तब वह दुष्टआत्मा तुमको अकेला छोड़ देगी और तुम स्वस्थ अनुभव करोगे।” [PE][PS]
17. अत: शाऊल ने अपने सेवकों से कहा, “ऐसे व्यक्ति की खोज करो जो वीणा अच्छी बजाता है और उसे मेरे पास लाओ।” [PE][PS]
18. सेवकों में से एक ने कहा, “बेतलेहेम में रहने वाला यिशै नाम का एक व्यक्ति है। मैंने यिशै के पुत्र को देखा है। वह जानता है कि वीणा कैसे बजाई जाती है। वह एक वीर व्यक्ति भी है और अच्छी प्रकार लड़ता है। वह जागरूक है। वह सुन्दार है और यहोवा उसके साथ है।” [PE][PS]
19. इसलिये शाऊल ने यीशै के पास दूत भेजा। उन्होंने यिशै से वह कहा जौ शाऊल ने कहा था। “तुम्हारा पुत्र दाऊद नाम का है। वह तुम्हारी भेड़ों की रखवाली करता है। उसे मेरे पास भेजो।” [PE][PS]
20. फिर यिशै ने शाऊल को भेंट करने के लिये कुछ चीजें तैयार की। यिशै ने एक गधा, कुछ रोटियाँ और एक मशक दाखमधु और एक बकरी का बच्चा लिया। यिशै ने वे चीज़ें दाऊद को दी, और उसे शाऊल के पास भेज दिया।
21. इस प्रकार दाऊद शाऊल के पास गया और उसके सामने खड़ा हुआ। शाऊल ने दाऊद से बहुत स्नेह किया। फिर दाऊद ने शाऊल को अपना शस्त्रवाहक बना लिया।
22. शाऊल ने यिशै के पास सूचना भेजी, “दाऊद को मेरे पास रहने और मेरी सेवा करने दो। वह मुझे बहुत पसन्द करता है।” [PE][PS]
23. जब कभी परमेश्वर की ओर से आत्मा शाऊल पर आती, तो दाऊद अपनी वीणा उठाता और उसे बजाने लगता। दुष्ट आत्मा शाऊल को छोड़ देती और वह स्वस्थ अनुभव करने लगता। [PE]