पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
1 शमूएल
1. शाऊल ने अपने पुत्र योनातान और अपने अधिकारियों से दाऊद को मार डालने के लिये कहा। किन्तु योनातान दाऊद को बहुत चाहता था।
2. [This verse may not be a part of this translation]
3. [This verse may not be a part of this translation]
4. योनातान ने अपने पिता शाऊल से बातें कीं। योनातान ने दाऊद के बारे में अच्छी बातें कहीं। योनातान ने कहा, “आप राजा हैं। दाऊद आपका सेवक है। दाऊद ने आपको कोई हानि नहीं पहुँचाई है। इसलिए उसके साथ कुछ बुरा न करें। दाऊद सदा आपके प्रति अच्छा रहा है।
5. दाऊद अपने जीवन पर खेला था जब उसने पलिश्ती (गोलियत) को मार था। यहोवा ने सारे इस्राएल के लिये एक बड़ी विजय प्राप्त की थी। आपने उसे देखा और आप उस पर बड़े प्रसन्न थे। आप दाऊद को हानि क्यों पहुँचाना चाहते हैं? वह निरपराध है। उसे मार डालने का कोई कारण नहीं है!”
6. शाऊल ने योनातान की बात सुनी। शाऊल ने प्रतिज्ञा की। शाऊल ने कहा, “यहोवा के अस्तित्व के अटल सत्य की तरह, दाऊद भी मारा नहीं जाएगा।”
7. अत: योनातान ने दाऊद को बुलाया। तब उसने दाऊद से वह सब कहा जो कहा गया था। तब योनातान, दाऊद को शाऊल के पास लाया। इस प्रकार शाऊल के साथ दाऊद पहले की तरह हो गया।
8. युद्ध फिर आरम्भ हुआ और दाऊद पलिश्तियों से युद्ध करने गया। उसने पलिश्तियों को हराया और वे उसके आगे भाग खड़े हुए।
9. किन्तु यहोवा द्वारा शाऊल पर भेजी दुष्टात्मा उतरी। शाऊल अपने घर में बैठा था। शाऊल के हाथ मे उसका भाला था। दाऊद वीणा बजा रहा था।
10. शाऊल ने अपने भाले को दाऊद के शरीर पर चला कर उसे दीवार पर टाँक देने का प्रयत्न किया। दाऊद भाले के रास्त से कूद कर बच निकला और भाला दीवार से टकरा कर रह गया। अतः उसी रात दाऊद वहाँ से भाग निकला।
11. शाऊल ने लोगों को दाऊद के घर भेजा। लोगों ने दाऊद के घर पर निगरानी रखी। वे रात भर वहीं ठहरे। वे सवेरे दाऊद को मार डालने की प्रतीक्षा कर रहे थे। किन्तु उसकी पत्नी मीकल ने उसे सावधान कर दिया। उसने कहा, “तुम्हें आज की रात भाग निकलना चाहिये और अपने जीवन की रक्षा करनी चाहिए। यदि तुम ऐसा नहीं करोगे, तो कल मार दिये जाओगे।”
12. तब मीकल ने एक खिड़की से उसे नीचे उतार दिया। दाऊद बच गया और वहाँ से भाग निकला।
13. मीकल ने अपने पारिवारिक देवता की मूर्ति को लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। मीकल ने उस मूर्ति पर कपड़े डाल दिये। उसने उसके सिर पर बकरी के बाल भी लगा दिये।
14. शाऊल ने दाऊद को बन्दी बनाने के लिये दूत भेजे। किन्तु मीकल ने कहा, “दाऊद बीमार है।”
15. सो वे लोग वहाँ से चल गये औ उन्होंने शाऊल से जाकर यह बता दिया, किन्तु उसने दूतों को दाऊद को देखने के लिये वापस भेजा। शाऊल ने इन लोगों से कहा, “दाऊद को मेरे पास लाओ। यदि आवश्यकता पड़े तो उसे अपने बिस्तर पर लेटे हुये ही उठा लाओ। मैं उसे मार डालूँगा।”
16. सो दूत फिर दाऊद के घर गये। वे दाऊद को पकड़ने भीतर गये, किन्तु वहाँ उन्होंने देखा कि बिस्तर पर केवल एक मूर्ति थी। उन्होंने देखा कि उसके बाल तो बस बकरी के बाल थे।
17. शाऊल ने मीकल से कहा, “तुमने मुझे इस प्रकार धोखा क्यों दिया? तुमने मेरे शत्रु को भाग जाने दिया। दाऊद भाग गया है! मीकल ने शाऊल को उत्तर दिया, “दाऊद ने मुझसे कहा था कि वह मुझे मार डालेगा यदि मैं भाग जाने में उसकी सहायता नहीं करुँगी।”
18. दाऊद बच निकला। दाऊद शमूएल के पास रामा में भागकर पहुँचा। दाऊद ने शमूएल से वह सब बताया जो शाऊल ने उसके साथ किया था। तब दाऊद और शमूएल उन डेरों में गये जहाँ भविष्यवक्ता रहते थे। दाऊद वहीं रुका।
19. शाऊल को पता चला कि दाऊद रामा के निकट डेरों में था।
20. शाऊल ने दाऊद को बन्दी बनाने के लिये लोगों को भेजा। किन्तु जब वे डेरों में आए तो उस समय नबियों का एक समूह भविष्यवाणी कर रहा था। शमूएल समूह का मार्ग दर्शन करता हुआ वहाँ खड़ा था। परमेश्वर की आत्मा शाऊल के दूतों पर उतरी और वे भविष्यवाणी करने लगे।
21. शाऊल ने इस बारे में सुना, अत: उसने वहाँ अन्य दूत भेजे। किन्तु वे भी भविष्यवाणी करने लगे। इसलिये शाऊल ने तीसरी बार दूत भेजे और वे भी भविष्यवाणी करने लगे।
22. अन्तत:, शाऊल स्वयं रामा पहुँचा। शाऊल सेकू में खलिहान के समीप एक बड़े कुँए के पास आया। शाऊल ने पूछा, “शमूएल और दाऊद कहाँ है?” लोगों ने उत्तर दिया, “रामा के निकट डेरे में।”
23. तब शाऊल रामा के निकट डेरे में गया। परमेश्वर की आत्मा शाऊल पर भी उतरी और शाऊल ने भविष्यवाणी करनी आरम्भ की। शाऊल रामा के डेरे तक अधिकाधिक भविष्यवाणियाँ लगातार करता गया।
24. तब शाऊल ने अपने वस्त्र उतारे। इस प्रकार शाऊल भी शमूएल के सामने भविष्यवाणी कर रहा था। शाऊल वहाँ सारे दिन और सारी रात नंगा लेटा रहा। यही कारण है कि लोग करते हैं, “क्या शाऊल नबियों में से कोई एक है?”

Notes

No Verse Added

Total 31 Chapters, Current Chapter 19 of Total Chapters 31
1 शमूएल 19:1
1. शाऊल ने अपने पुत्र योनातान और अपने अधिकारियों से दाऊद को मार डालने के लिये कहा। किन्तु योनातान दाऊद को बहुत चाहता था।
2. This verse may not be a part of this translation
3. This verse may not be a part of this translation
4. योनातान ने अपने पिता शाऊल से बातें कीं। योनातान ने दाऊद के बारे में अच्छी बातें कहीं। योनातान ने कहा, “आप राजा हैं। दाऊद आपका सेवक है। दाऊद ने आपको कोई हानि नहीं पहुँचाई है। इसलिए उसके साथ कुछ बुरा करें। दाऊद सदा आपके प्रति अच्छा रहा है।
5. दाऊद अपने जीवन पर खेला था जब उसने पलिश्ती (गोलियत) को मार था। यहोवा ने सारे इस्राएल के लिये एक बड़ी विजय प्राप्त की थी। आपने उसे देखा और आप उस पर बड़े प्रसन्न थे। आप दाऊद को हानि क्यों पहुँचाना चाहते हैं? वह निरपराध है। उसे मार डालने का कोई कारण नहीं है!”
6. शाऊल ने योनातान की बात सुनी। शाऊल ने प्रतिज्ञा की। शाऊल ने कहा, “यहोवा के अस्तित्व के अटल सत्य की तरह, दाऊद भी मारा नहीं जाएगा।”
7. अत: योनातान ने दाऊद को बुलाया। तब उसने दाऊद से वह सब कहा जो कहा गया था। तब योनातान, दाऊद को शाऊल के पास लाया। इस प्रकार शाऊल के साथ दाऊद पहले की तरह हो गया।
8. युद्ध फिर आरम्भ हुआ और दाऊद पलिश्तियों से युद्ध करने गया। उसने पलिश्तियों को हराया और वे उसके आगे भाग खड़े हुए।
9. किन्तु यहोवा द्वारा शाऊल पर भेजी दुष्टात्मा उतरी। शाऊल अपने घर में बैठा था। शाऊल के हाथ मे उसका भाला था। दाऊद वीणा बजा रहा था।
10. शाऊल ने अपने भाले को दाऊद के शरीर पर चला कर उसे दीवार पर टाँक देने का प्रयत्न किया। दाऊद भाले के रास्त से कूद कर बच निकला और भाला दीवार से टकरा कर रह गया। अतः उसी रात दाऊद वहाँ से भाग निकला।
11. शाऊल ने लोगों को दाऊद के घर भेजा। लोगों ने दाऊद के घर पर निगरानी रखी। वे रात भर वहीं ठहरे। वे सवेरे दाऊद को मार डालने की प्रतीक्षा कर रहे थे। किन्तु उसकी पत्नी मीकल ने उसे सावधान कर दिया। उसने कहा, “तुम्हें आज की रात भाग निकलना चाहिये और अपने जीवन की रक्षा करनी चाहिए। यदि तुम ऐसा नहीं करोगे, तो कल मार दिये जाओगे।”
12. तब मीकल ने एक खिड़की से उसे नीचे उतार दिया। दाऊद बच गया और वहाँ से भाग निकला।
13. मीकल ने अपने पारिवारिक देवता की मूर्ति को लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। मीकल ने उस मूर्ति पर कपड़े डाल दिये। उसने उसके सिर पर बकरी के बाल भी लगा दिये।
14. शाऊल ने दाऊद को बन्दी बनाने के लिये दूत भेजे। किन्तु मीकल ने कहा, “दाऊद बीमार है।”
15. सो वे लोग वहाँ से चल गये उन्होंने शाऊल से जाकर यह बता दिया, किन्तु उसने दूतों को दाऊद को देखने के लिये वापस भेजा। शाऊल ने इन लोगों से कहा, “दाऊद को मेरे पास लाओ। यदि आवश्यकता पड़े तो उसे अपने बिस्तर पर लेटे हुये ही उठा लाओ। मैं उसे मार डालूँगा।”
16. सो दूत फिर दाऊद के घर गये। वे दाऊद को पकड़ने भीतर गये, किन्तु वहाँ उन्होंने देखा कि बिस्तर पर केवल एक मूर्ति थी। उन्होंने देखा कि उसके बाल तो बस बकरी के बाल थे।
17. शाऊल ने मीकल से कहा, “तुमने मुझे इस प्रकार धोखा क्यों दिया? तुमने मेरे शत्रु को भाग जाने दिया। दाऊद भाग गया है! मीकल ने शाऊल को उत्तर दिया, “दाऊद ने मुझसे कहा था कि वह मुझे मार डालेगा यदि मैं भाग जाने में उसकी सहायता नहीं करुँगी।”
18. दाऊद बच निकला। दाऊद शमूएल के पास रामा में भागकर पहुँचा। दाऊद ने शमूएल से वह सब बताया जो शाऊल ने उसके साथ किया था। तब दाऊद और शमूएल उन डेरों में गये जहाँ भविष्यवक्ता रहते थे। दाऊद वहीं रुका।
19. शाऊल को पता चला कि दाऊद रामा के निकट डेरों में था।
20. शाऊल ने दाऊद को बन्दी बनाने के लिये लोगों को भेजा। किन्तु जब वे डेरों में आए तो उस समय नबियों का एक समूह भविष्यवाणी कर रहा था। शमूएल समूह का मार्ग दर्शन करता हुआ वहाँ खड़ा था। परमेश्वर की आत्मा शाऊल के दूतों पर उतरी और वे भविष्यवाणी करने लगे।
21. शाऊल ने इस बारे में सुना, अत: उसने वहाँ अन्य दूत भेजे। किन्तु वे भी भविष्यवाणी करने लगे। इसलिये शाऊल ने तीसरी बार दूत भेजे और वे भी भविष्यवाणी करने लगे।
22. अन्तत:, शाऊल स्वयं रामा पहुँचा। शाऊल सेकू में खलिहान के समीप एक बड़े कुँए के पास आया। शाऊल ने पूछा, “शमूएल और दाऊद कहाँ है?” लोगों ने उत्तर दिया, “रामा के निकट डेरे में।”
23. तब शाऊल रामा के निकट डेरे में गया। परमेश्वर की आत्मा शाऊल पर भी उतरी और शाऊल ने भविष्यवाणी करनी आरम्भ की। शाऊल रामा के डेरे तक अधिकाधिक भविष्यवाणियाँ लगातार करता गया।
24. तब शाऊल ने अपने वस्त्र उतारे। इस प्रकार शाऊल भी शमूएल के सामने भविष्यवाणी कर रहा था। शाऊल वहाँ सारे दिन और सारी रात नंगा लेटा रहा। यही कारण है कि लोग करते हैं, “क्या शाऊल नबियों में से कोई एक है?”
Total 31 Chapters, Current Chapter 19 of Total Chapters 31
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References