2. शोबाल का पुत्र रायाह था। रायाह यहत का पिता था। यहत, अहूमै और लहद पिता था। सोरई लोग अहुमै और लहद के वंशज हैं।
|
4. पनूएल गदोर का पिता था और एजेर रूशा का पिता था। हूर के ये पुत्र थेः हूर एप्राता का प्रथम पुत्र था और एप्राता बेतलेहेम का संस्थापक था।
|
8. कोस आनूब और सोबेबा का पिता था। कोस, अहर्हेला परिवार समूह का भी पिता था। अहर्हेल हारून का पुत्र था।
|
9. याबेस बहुत अच्छा व्यक्ति था। वह अपने भाईयों से अधिक अच्छा था। उसकी मां ने कहा, “मैंने उसका नाम याबेस रखा है क्योंकि मैं उस समय बड़ी पीड़ा में थी जब मैंने उसे जन्म दिया।”
|
10. याबेस ने इस्राएल के परमेश्वर से प्रार्थना की । याबेस ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि तू मुझे सचमुच आशीर्वाद दे। मैं चाहता हूँ की तू मुझे अधिक भूमि दे। मेरे समीप रहे और किसी को मुझे चोट न पहुँचाने दे। तब मुझे कोई कष्ट नहीं होगा” और परमेश्वर ने याबेस को वह दिया, जो उसने माँगा।
|
14. मोनोतै ओप्रा का पिता था और सरायाह योआब का पिता था। योआब गेहराशीम का संस्थापक था। वे लोग इस नाम का उपयोग करते थे क्योंकि वे कुशल कारीगर थे।
|
19. मेरेद की पत्नी नहम की बहन थी। मेरेद की पत्नी यहूदा की थी। मेरेद की पत्नी के पुत्र कीला और एशतमो के पिता थे। कीला गेरेमी लोगों में से था और एशतमो माकाई लोगों में से था।
|
23. शेला के वे पुत्र ऐसे कारीगर थे जो मिट्टी से चीजें बनाते थे। वे नताईम और गदेरा में रहते थे। वे उन नगरों में रहते थे और राजा के लिये काम करते थे।
|
27. शिमी के सोलह पुत्र और छः पुत्रियाँ थीं। किन्तु शिमि के भाईयों के अधिक बच्चे नहीं थे। शिमी के भाईयों के बड़े परिवार नहीं थे। उनके परिवार उतने बड़े नहीं थे जितने बड़े यहूदा के अन्य परिवार समूह थे।
|
31. बेत मकर्बोत, हसर्सूसीम, बेतबिरी, और शारैम में रहते थे। वे उन नगरों में तब तक रहे जब तक दाऊद राजा नहीं हुआ।
|
39. वे गदोर नगर के बाहर , घाटी के पूर्व के क्षेत्र में गए। वे अपनी भेड़ों और पशुओं के लिये मैदान खोजने के लिये उस स्थान पर गए।
|
40. उन्हें बहुत घासवाले अच्छे मैदान मिलें। उन्होंने वहाँ बहुत अधिक अच्छी भूमि पाई। प्रदेश शान्तिपूर्ण और शान्त था। अतीत में यहाँ हाम के वंशज रहते थे।
|
41. यह तब हुआ जब हिजकय्याह यहूदा का राजा था। वे लोग गदोर पहुँचे और हमीत लोगों से लड़े। उन्होंने हमीत लोगों के डेरों को नष्ट कर दिया। वे लोग सभी मूनी लोगों से भी लड़े जो वहाँ रहते थे। इन लोगों ने सभी मूनी लोगों को नष्ट कर डाला। आज भी इन स्थानों में कोई मूनी नहीं है। इसलिये उन लोगों ने वहाँ रहना आरम्भ किया। वे वहाँ रहने लगे, क्योंकि उनकी भेड़ों के लिये उस भूमि पर घास थी।
|
42. पाँच सौ शिमोनी लोग शिमोनी के पर्वतीय क्षेत्र में गए। यिशी के पुत्रों ने उन लोगों का मार्ग दर्शन किया। वे पुत्र पलत्याह, नायार्ह, रपायाह और उज्जीएल थे। शिमोनी लोग उस स्थान पर रहने वाले लोगों से लड़े।
|
43. वहाँ अभी थोड़ो से केवल अमेलेकी लोग रहते थे और इन शिमोनी लोगों ने इन्हें मार डाला। उस समय से अब तक वे शिमोनी लोग सेईद में रह रहे हैं।
|