1. लगभग एक महीने बाद अम्मोनी नाहाश और उसकी सेना ने याबेश गिलाद को घरे लिया। याबेश के सभी लोगों ने नाहाश से कहा, “यदि तुम हमारे साथ सन्धि करोगे तो हम तुम्हारी प्रजा बनेंगे।”
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2. किन्तु अम्मोनी नाहाश ने उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों के साथ तब सन्धि करूँगा जब मैं हर एक व्यक्ति की दायीं आँख निकाल लूँगा। तब सारे इस्राएली लज्जित होंगे!”
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3. याबेश के प्रमुखों ने नाहाश से कहा, “हम लोग सात दिन का समय लेंगे। हम पूरे इस्राएल में दूत भेजेंगे। यदि कोई सहायता के लिये नहीं आएगा, तो हम लोग तुम्हारे पास आएंगे और अपने को समर्पित कर देंगे।”
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5. शाऊल अपनी बैलों के साथ खेतों में गया हुआ था। शाऊल खेत से लौटा और उसने लोगों का रोना सुना। शाऊल ने पूछा, “लोगों को क्या कष्ट है? वे रो क्यों रहे हैं?” तब लोगों ने याबेश के दूतों ने जो कहा था शाऊल को बातया।
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7. शाऊल ने बैलों की जोड़ी ली और उसके टुकड़े कर डाले। तब उसने उन बैलों के टुकड़ों को उन दूतों को दिया। उसने दूतों को आदेश दिया कि वे इस्राएल के पूरे देश में उन टुकड़ों को ले जाये। उसने उनसे इस्राएल के लोगों को यह सन्देश देने को कहा, “आओ शाऊल औ शमूएल का अनुसरण करो। यदि कोई व्यक्ति नहीं आता और उसकी सहायता नहीं करता तो उसके बैलों के साथ यही होगा।” यहोवा की ओर से लोगों में बड़ा भय छा गया। वे एक इकाई के रूप में एक साथ इकट्ठे हो गए।
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8. शाऊल ने सभी पुरुषों को बेजेक में एक साथ इकट्ठा किया। वहाँ इस्राएल के तीन लाख पुरुष और यहूदा के तीस हजार पुरुष थे।
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9. शाऊल और उसकी सेना ने याबेश के दूतों से कहा, “गिलाद में याबेश के लोगों से कहो कि कल दोपहर तक तुम लोगों की रक्षा हो जायेगी।” दूतों ने शाऊल का सन्देश याबेश के लोगों को दिया। याबेश के लोग बड़े प्रसन्न हुए।
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10. तब याबेश के लोगों ने अम्मोनी नाहाश से कहा, “हम लोग कल तुम्हारे पास आएंगे। तब तुम हम लोगों के साथ जो चाहो कर सकते हो।”
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11. अगली सुबह शाऊल ने अपनी सेना को तीन टुकड़ियों में बाँटा। सूरज निकलते ही शाऊल और उसके सैनिक अम्मोनियों के डेरे में जा घुसे। जब वे उस सुबह रक्षकों को बदल रहे थे, शाऊल ने आक्रमण किया। शाऊल और उसके सैनिकों ने अम्मोनियों को दोपहर से पहले पराजित कर दिया। सभी अम्मोनी सैनिक विभिन्न दिशाओं में भागे-दो सैनिक भी एक साथ नहीं रहें।
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12. तब लोगों ने शमूएल से कहा, “वे लोग कहाँ हैं जो कहते थे कि हम शाऊल को राजा के रूप में शासन करने देना नहीं चाहते? उन लोगों को लाओ! हम उन्हें मार हालेंगे
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15. सो सभी लोग गिलगाल चले गये। वहाँ यहोवा के सामने लोगों ने शाऊल को राजा बनाया। उन्होंने यहोवा को मेलबलि दी। शाऊल और सभी इस्राएलियों ने खुशियाँ मनायी।
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