1. {#1दाऊद का याजक अहीमेलेक से मिलने जाना }
2. [PS]तब दाऊद चला गया और योनातान नगर को लौट गया। दाऊद नोब नामक नगर में याजक अहीमेलेक से मिलने गया। [PE][PS]अहीमेलेक दाऊद से मिलने बाहर गया। अहीमेलेक भय से काँप रहा था। अहीमेलेक ने दाऊद से पूछा, “तुम अकेले क्यों हो? तुम्हारे साथ कोई व्यक्ति क्यों नहीं है?” [PE][PS]दाऊद ने अहीमेलेक को उत्तर दिया, “राजा ने मुझको विशेष आदेश दिया है। उसने मुझसे कहा है, ‘इस उद्देश्य को किसी को न जानने दो। कोई भी व्यक्ति उसे न जाने जिसे मैंने तुम्हें करने को कहा है।’ मैंने अपने व्यक्तियों से कह दिया है कि वे कहाँ मिलें।
3. अब यह बताओ कि तुम्हारे पास भोजन के लिये क्या है? मुझे पाँच रोटियाँ या जो कुछ खाने को है, दो।” [PE]
4.
7. [PS]याजक ने दाऊद से कहा, “मेरे पास यहाँ सामान्य रोटियाँ नहीं हैं। किन्तु मेरे पास कुछ पवित्र रोटी तो है। तुम्हारे अधिकारी उसे खा सकते हैं, यदि उन्होंने किसी स्त्री के साथ इन दिनों शारीरिक सम्बन्ध न किया हो।”[* किसी स्त्री … हो यह व्यक्ति को अशुद्ध करने वाला था और ऐसा व्यक्ति परमेश्वर को भेंट में चढ़ाकर पवित्र बनाई गई किसी सामग्री को नहीं खा सकता था। देखें लैव्य. 7:21; 15:1-33 ] [PE]
2. [PS]दाऊद ने याजक को उत्तर दिया “हम लोग इन दिनों किसी स्त्री के साथ नहीं रहे हैं। हमारे व्यक्ति अपने शरीर को पवित्र रखते हैं जब कभी हम युद्ध करने जाते हैं, यहाँ तक कि सामान्य उद्देश्य के लिये जाने पर भी[† हमारे व्यक्ति … पर भी देखें 2 शमू. 11:11 और व्यवस्था 23:9-14 के नियम। ] और आज के लिए तो यह विशेष रूप से सच है क्योंकि हमार काम अति विशिष्ट है।” [PE]
7. [PS]वहाँ पवित्र रोटी के अतिरिक्त कोई रोटी नहीं थी। अत: याजक ने दाऊद को वही रोटी दी। यह वह रोटी थी जिसे याजक यहोवा के सामने पवित्र मेज पर रखते थे। वे हर एक दिन इस रोटी को हटा लेते थे और उसकी जगह ताजी रोटी रखते थे। [PE]
8. [PS]उस दिन शाऊल के अधिकारियों में से एक वहाँ था। वह एदोमी दोएग था। दोएग को वहाँ यहोवा के सामने रखा गया था।[‡ दोएग … गया था इसका अर्थ यह हो सकता है कि दोएग परमेश्वर के लिये विशेष प्रतिज्ञा के एक भाग के रुप में वहाँ था या किसी अन्य धार्मिक कारण से वहाँ था। या इसका अर्थ यह हो सकता है कि वह वहाँ इसलिये रोका गया था कि उसने कोई अपराध किया था जैसे संयोगवश किसी को मार डालना। ] दोएग शाऊल के गड़ेरियों का मुखिया था। [PE]
9. [PS]दाऊद ने अहीमेलेक से पूछा, “क्या तुम्हारे पास यहाँ कोई भाला या तलवार है? राजा का कार्य बहुत जरूरी है। मुझे शीघ्रता से जाना है और मैं अपनी तलवार या अन्य कोई शस्त्र नहीं ला सका हूँ।” [PE]
10. [PS]याजक ने उत्तर दिया, “एक मात्र तलवार जो यहाँ है वह पलिश्ती (गोलियत) की है। यह वही तलवार है जिसे तुमने उससे तब लिया था जब तुमने उसे एला की घाटी में मारा था। वह तलवार एक कपड़े में लिपटी हुई एपोद के पीछे रखी है। यदि तुम चाहो तो उसे ले सकते हो।” [PE][PS]दाऊद ने कहा, “इसे मुझे दो। गोलियत की तलवार के समान कोई तलवार नहीं है।” [PE]{#1दाऊद का गत को जाना } [PS]उस दिन दाऊद शाऊल के यहाँ से भाग गया। दाऊद गत के राजा आकीश के पास गया।
11. आकीश के अधिकारियों को यह अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा, “यह इस्राएल प्रदेश का राजा दाऊद है। यही वह व्यक्ति है जिसका गीत इस्राएली गाते हैं। वे नाचते हैं और यह गीत गाते है: [PE][PBR] [QS]“शाऊल ने हजारों शत्रुओं को मारा [QE][QS2]दाऊद ने दसियों हजार शत्रुओं को मारा!” [QE][PBR]
12. [PS]दाऊद को ये बातें याद थीं। दाऊद गत के राजा आकीश से बहुत भयभीत था।
13. इसलिए दाऊद ने आकीश और उसके अधिकारियों के सामने अपने को विक्षिप्त दिखाने का बहाना किया। जब तक दाऊद उनके साथ रहा उसने विक्षिप्तों जैसा व्यवहार किया। वह द्वार के दरवाजों पर थूक देता था। वह अपने थूक को अपनी दाढ़ी पर गिरने देता था। [PE]
14. [PS]आकीश ने अपने अधिकारियों से कहा, “इस व्यक्ति को देखो। यह तो विक्षिप्त है! तुम लोग इसे मेरे पास क्यों लाए हो?
15. मेरे पास तो वैसे ही बहुत से विक्षिप्त हैं। मैं तुम लोगों से यह नहीं चाहता कि तुम इस व्यक्ति को मेरे घर पर विक्षिप्त जैसा काम करने को लाओ। इस व्यक्ति को मेरे घर मैं फिर न आने देना।” [PE]