पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
2 शमूएल
1. {दाऊद और उसके लोग हेब्रोन जाते हैं} [PS] बाद में दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। दाऊद ने कहा, “क्या मुझे यहूदा के किसी नगर में जाना चाहिये?” [PE][PS] यहोवा ने दाऊद से कहा, “जाओ।” [PE][PS] दाऊद ने पूछा, “मुझे, कहाँ जाना चाहिये?” [PE][PS] यहोवा ने उत्तर दिया, “हेब्रोन को।” [PE][PS]
2. इसलिये दाऊद वहाँ गया। उसकी दोनों पत्नियाँ उसके साथ गई। (वे यिज्रेली की अहीनोअम और कर्मेल के नाबाल की विधवा अबीगैल थीं।)
3. दाऊद अपने लोगों और उनके परिवारों को भी लाया। वे हेब्रोन तथा पास के नगर में बस गये। [PE][PS]
4. यहूदा के लोग हेब्रोन आये और उन्होंने दाऊद का अभिषेक यहूदा के राजा के रूप में किया। तब उन्होंने दाऊद से कहा, “याबेश गिलाद के लोग ही थे जिन्होंने साऊल को दभनाया।” [PE][PS]
5. दाऊद ने याबेश गिलाद के लोगों के पास दूत भेजे। इन दूतों ने याबेश के लोगों को दाऊद का सन्देश दिया “यहोवा तुमको आशीर्वाद दें, क्योकि तुम लोगों ने अपने स्वामी शाऊल के प्रति, उसकी दग्ध अस्थियों [*उसकी दग्ध अस्थियों शाऊल और योनातान दोनों के शव जलाये गये थे। देखें शमू. 31:12] को दफनाकर, दया दिखाई है।
6. यहोवा अब तुम्हारे प्रति दयालु और सच्चा रहेगा। मैं भी तुम्हारे प्रति दयालु रहूँगा क्योंकि तुम लोगों ने शाऊल की दग्ध अस्थियाँ दफनाई है।
7. अब शक्तिशाली और वीर बनो, तुम्हारे स्वामी शाऊल मर चुके हैं और यहूदा के परिवार समूह ने अपने राजा के रूप में मेरा अभिषेक किया है।” [PS]
8. {ईशबोशेत राजा होता है} [PS] नेर का पुत्र अब्नेर शाऊल की सेना का सेनापति था। अब्नेर शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को महनैम ले गया।
9. उस स्थान पर अब्नेर ने ईशबोशेत को गिलाद, आशेर, यिज्रेल, एप्रैम और बिन्यामीन का राजा बनाया। ईशबोशेत सारे इस्राएल का राजा बन गया। [PE][PS]
10. ईशबोशेत शाऊल का पुत्र था। ईशबोशेत चालीस वर्ष का था जब उसने इस्राएल पर शासन करना आरम्भ किया। उसने दो वर्ष तक शासन किया। किन्तु यहूदा का परिवार समूह दाऊद का अनुसरण करता था।
11. दाऊद हेब्रोन में यहूदा के परिवार समूह का राजा सात वर्ष छ: महीने तक रहा। [PS]
12. {प्राणघातक मुकाबला} [PS] नेर का पुत्र अब्नेर और शाऊल के पुत्र ईशबोशेत के सेवकों ने महनैम को छोड़ा। वे गिबोन को गए।
13. सरूयाह का पुत्र योआब और दाऊद के सेवकगण भी गिबोन गए। वे अब्नेर और ईशबोशेत के सेवकों से, गिबोन के चश्में पर मिले। अब्नेर की टोली हौज के एक ओर बैठी थी। योआब की टोली हौज की दूसरी ओर बैठी थी। [PE][PS]
14. अब्नेर ने योआब से कहा, “हम लोग युवकों को खड़े होने दें और यहाँ एक मुकाबला हो जाने दो।” [PE][PS] योआब ने कहा, “हाँ उनमें मुकाबला हो जाने दो।” [PE][PS]
15. तब युवक उठे। दोनों टोलियों ने मुकाबले के लिए अपने युवकों को गिना। दाऊद के सैनिकों में से बारह युवक चुने गये।
16. हर एक युवक ने अपने शत्रु के सिर को पकड़ा और अपनी तलवार अन्दर भोंक दी। अत: युवक एक ही साथ गिर पड़े। यही कारण है कि वह स्थान “तेज चाकुओं का खेत” कहा जाता है। यह स्थान गिबोन में है।
17. उस दिन मुकाबला भयंकर युद्ध मे बदल गया। दाऊद के सेवकों ने अब्नेर और इस्राएलियों को हरा दिया। [PS]
18. {अब्नेर असाहेल को मार डालता है} [PS] सरूयाह के तीन पुत्र थे, योआब, अबीश और असाहेल। असाहेल तेज दौड़नेवाला था। वह जंगली हिरन की तरह तेज दौड़ता था।
19. असाहेल ने अब्नेर का पीछा किया। असाहेल सीधे अब्नेर की ओर दौड़ गया।
20. अब्नेर ने मुड़कर देखा और पूछा, “क्या तुम असाहेल हो?” [PE][PS] असाहेल ने कहा, “मैं हूँ।” [PE][PS]
21. अब्नेर असाहेल को चोट नहीं पहुँचाना चाहता था। तब अब्नेर ने असाहेल से कहा, “मेरा पीछा करना छोड़ो अपनी दायीं या बाई ओर मुड़ो और युवकों में से किसी एक की क्वच अपने लिये ले लो।” किन्तु असाहेल ने अब्नेर का पीछा करना छोड़ने से इन्कार कर दिया। [PE][PS]
22. अब्नेर ने असाहेल से फिर कहा, “मेरा पीछा करना छोड़ो। यदि तुम पीछा करना नहीं छोड़ते तो मैं तुमको मार डालूँगा। यदि मैं तुम्हें मार डालूँगा तो मैं फिर तुम्हारे भाई योआब का मुख नहीं देख सकूँगा।” [PE][PS]
23. किन्तु असाहेल ने अब्नेर का पीछा करना नहीं छोड़ा। इसलिये अब्नेर ने अपने भाले के पिछले भाग का उपयोग किया और असाहेल के पेट में उसे घुसेड़ दिया। भाला असाहेल के पेट में इतना गहरा धँसा कि वह उसकी पीठ से बाहर निकल आया। असाहेल वहीं तुरन्त मर गया। [PS] असाहेल का शरीर जमीन पर गिर पड़ा। लोग उस के पास दौड़कर गये, और रुक गए।
24. {योआब और अबीश अब्नेर का पीछा करते हैं} [PS] किन्तु योआब और अबीश ने अब्नेर का पीछा करना जारी रखा। जिस समय वे अम्मा पहाड़ी पर पहुँचे सूर्य डूब रहा था। (अम्मा पहाड़ी गीह के सामने गिबोन मरुभूमि के रास्ते पर थी।)
25. बिन्यामीन परिवार समूह के लोग अब्नेर के पास आए। वे सभी एक साथ पहाड़ी की चोटी पर खड़े हो गए। [PE][PS]
26. अब्नेर ने चिल्लाकर योआब को पुकारा। अब्नेर ने कहा, “क्या हमें लड़ जाना चाहिये और सदा के लिये एक दूसरे को मार डालना चाहिये? निश्चय ही तुम जानते हो कि इसका अन्त केवल शोक होगा। लोगों से कहो कि अपने ही भाईयों का पीछा करना बन्द करें।” [PE][PS]
27. तब योआब ने कहा, “यह तुमने जो कहा वह ठीक है। यहोवा शाश्वत है, यदि तुमने कुछ कहा नहीं होता तो लोग अपने भाइयों का पीछा सवेरे तक भी करते रहते।”
28. तब योआब ने एक तुरही बजाई और उसके लोगों ने इस्राएलियों का पीछा करना बन्द किया। उन्होंने और आगे इस्राएलियों से लड़ने का प्रयत्न नहीं किया। [PE][PS]
29. अब्नेर और उसके लोग यरदन घाटी से होकर रात भर चले। उन्होंने यरदन घाटी को पार किया। वे पूरे दिन चलते रहे और महनैम पहुँचे। [PE][PS]
30. योआब अब्नेर का पीछा करना बन्द करने के बाद अपनी सेना मे वापस लौट गया। जब योआब ने लोगों को इकट्ठा किया, दाऊद के उन्नीस सेवक लापता थे। असाहेल भी लापता था।
31. किन्तु दाऊद के सेवकों ने बिन्यामीन परिवार समूह के तीन सौ साठ सदस्यों को, जो अब्नेर का अनुसरण कर रहे थे, मार डाला था।
32. दाऊद के सेवकों ने असाहेल को लिया और उसे बेतलेहेम में उसके पिता के कब्रिस्तान में दफनाया। [PE][PS] योआब और उसके व्यक्ति रात भर चलते रहे। जब वे हेब्रोन पहुँचे तो सूरज निकला। [PE]

Notes

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2 शमूएल 2
दाऊद और उसके लोग हेब्रोन जाते हैं 1 बाद में दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। दाऊद ने कहा, “क्या मुझे यहूदा के किसी नगर में जाना चाहिये?” यहोवा ने दाऊद से कहा, “जाओ।” दाऊद ने पूछा, “मुझे, कहाँ जाना चाहिये?” यहोवा ने उत्तर दिया, “हेब्रोन को।” 2 इसलिये दाऊद वहाँ गया। उसकी दोनों पत्नियाँ उसके साथ गई। (वे यिज्रेली की अहीनोअम और कर्मेल के नाबाल की विधवा अबीगैल थीं।) 3 दाऊद अपने लोगों और उनके परिवारों को भी लाया। वे हेब्रोन तथा पास के नगर में बस गये। 4 यहूदा के लोग हेब्रोन आये और उन्होंने दाऊद का अभिषेक यहूदा के राजा के रूप में किया। तब उन्होंने दाऊद से कहा, “याबेश गिलाद के लोग ही थे जिन्होंने साऊल को दभनाया।” 5 दाऊद ने याबेश गिलाद के लोगों के पास दूत भेजे। इन दूतों ने याबेश के लोगों को दाऊद का सन्देश दिया “यहोवा तुमको आशीर्वाद दें, क्योकि तुम लोगों ने अपने स्वामी शाऊल के प्रति, उसकी दग्ध अस्थियों *उसकी दग्ध अस्थियों शाऊल और योनातान दोनों के शव जलाये गये थे। देखें शमू. 31:12 को दफनाकर, दया दिखाई है। 6 यहोवा अब तुम्हारे प्रति दयालु और सच्चा रहेगा। मैं भी तुम्हारे प्रति दयालु रहूँगा क्योंकि तुम लोगों ने शाऊल की दग्ध अस्थियाँ दफनाई है। 7 अब शक्तिशाली और वीर बनो, तुम्हारे स्वामी शाऊल मर चुके हैं और यहूदा के परिवार समूह ने अपने राजा के रूप में मेरा अभिषेक किया है।” ईशबोशेत राजा होता है 8 नेर का पुत्र अब्नेर शाऊल की सेना का सेनापति था। अब्नेर शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को महनैम ले गया। 9 उस स्थान पर अब्नेर ने ईशबोशेत को गिलाद, आशेर, यिज्रेल, एप्रैम और बिन्यामीन का राजा बनाया। ईशबोशेत सारे इस्राएल का राजा बन गया। 10 ईशबोशेत शाऊल का पुत्र था। ईशबोशेत चालीस वर्ष का था जब उसने इस्राएल पर शासन करना आरम्भ किया। उसने दो वर्ष तक शासन किया। किन्तु यहूदा का परिवार समूह दाऊद का अनुसरण करता था। 11 दाऊद हेब्रोन में यहूदा के परिवार समूह का राजा सात वर्ष छ: महीने तक रहा। प्राणघातक मुकाबला 12 नेर का पुत्र अब्नेर और शाऊल के पुत्र ईशबोशेत के सेवकों ने महनैम को छोड़ा। वे गिबोन को गए। 13 सरूयाह का पुत्र योआब और दाऊद के सेवकगण भी गिबोन गए। वे अब्नेर और ईशबोशेत के सेवकों से, गिबोन के चश्में पर मिले। अब्नेर की टोली हौज के एक ओर बैठी थी। योआब की टोली हौज की दूसरी ओर बैठी थी। 14 अब्नेर ने योआब से कहा, “हम लोग युवकों को खड़े होने दें और यहाँ एक मुकाबला हो जाने दो।” योआब ने कहा, “हाँ उनमें मुकाबला हो जाने दो।” 15 तब युवक उठे। दोनों टोलियों ने मुकाबले के लिए अपने युवकों को गिना। दाऊद के सैनिकों में से बारह युवक चुने गये। 16 हर एक युवक ने अपने शत्रु के सिर को पकड़ा और अपनी तलवार अन्दर भोंक दी। अत: युवक एक ही साथ गिर पड़े। यही कारण है कि वह स्थान “तेज चाकुओं का खेत” कहा जाता है। यह स्थान गिबोन में है। 17 उस दिन मुकाबला भयंकर युद्ध मे बदल गया। दाऊद के सेवकों ने अब्नेर और इस्राएलियों को हरा दिया। अब्नेर असाहेल को मार डालता है 18 सरूयाह के तीन पुत्र थे, योआब, अबीश और असाहेल। असाहेल तेज दौड़नेवाला था। वह जंगली हिरन की तरह तेज दौड़ता था। 19 असाहेल ने अब्नेर का पीछा किया। असाहेल सीधे अब्नेर की ओर दौड़ गया। 20 अब्नेर ने मुड़कर देखा और पूछा, “क्या तुम असाहेल हो?” असाहेल ने कहा, “मैं हूँ।” 21 अब्नेर असाहेल को चोट नहीं पहुँचाना चाहता था। तब अब्नेर ने असाहेल से कहा, “मेरा पीछा करना छोड़ो अपनी दायीं या बाई ओर मुड़ो और युवकों में से किसी एक की क्वच अपने लिये ले लो।” किन्तु असाहेल ने अब्नेर का पीछा करना छोड़ने से इन्कार कर दिया। 22 अब्नेर ने असाहेल से फिर कहा, “मेरा पीछा करना छोड़ो। यदि तुम पीछा करना नहीं छोड़ते तो मैं तुमको मार डालूँगा। यदि मैं तुम्हें मार डालूँगा तो मैं फिर तुम्हारे भाई योआब का मुख नहीं देख सकूँगा।” 23 किन्तु असाहेल ने अब्नेर का पीछा करना नहीं छोड़ा। इसलिये अब्नेर ने अपने भाले के पिछले भाग का उपयोग किया और असाहेल के पेट में उसे घुसेड़ दिया। भाला असाहेल के पेट में इतना गहरा धँसा कि वह उसकी पीठ से बाहर निकल आया। असाहेल वहीं तुरन्त मर गया। असाहेल का शरीर जमीन पर गिर पड़ा। लोग उस के पास दौड़कर गये, और रुक गए। योआब और अबीश अब्नेर का पीछा करते हैं 24 किन्तु योआब और अबीश ने अब्नेर का पीछा करना जारी रखा। जिस समय वे अम्मा पहाड़ी पर पहुँचे सूर्य डूब रहा था। (अम्मा पहाड़ी गीह के सामने गिबोन मरुभूमि के रास्ते पर थी।) 25 बिन्यामीन परिवार समूह के लोग अब्नेर के पास आए। वे सभी एक साथ पहाड़ी की चोटी पर खड़े हो गए। 26 अब्नेर ने चिल्लाकर योआब को पुकारा। अब्नेर ने कहा, “क्या हमें लड़ जाना चाहिये और सदा के लिये एक दूसरे को मार डालना चाहिये? निश्चय ही तुम जानते हो कि इसका अन्त केवल शोक होगा। लोगों से कहो कि अपने ही भाईयों का पीछा करना बन्द करें।” 27 तब योआब ने कहा, “यह तुमने जो कहा वह ठीक है। यहोवा शाश्वत है, यदि तुमने कुछ कहा नहीं होता तो लोग अपने भाइयों का पीछा सवेरे तक भी करते रहते।” 28 तब योआब ने एक तुरही बजाई और उसके लोगों ने इस्राएलियों का पीछा करना बन्द किया। उन्होंने और आगे इस्राएलियों से लड़ने का प्रयत्न नहीं किया। 29 अब्नेर और उसके लोग यरदन घाटी से होकर रात भर चले। उन्होंने यरदन घाटी को पार किया। वे पूरे दिन चलते रहे और महनैम पहुँचे। 30 योआब अब्नेर का पीछा करना बन्द करने के बाद अपनी सेना मे वापस लौट गया। जब योआब ने लोगों को इकट्ठा किया, दाऊद के उन्नीस सेवक लापता थे। असाहेल भी लापता था। 31 किन्तु दाऊद के सेवकों ने बिन्यामीन परिवार समूह के तीन सौ साठ सदस्यों को, जो अब्नेर का अनुसरण कर रहे थे, मार डाला था। 32 दाऊद के सेवकों ने असाहेल को लिया और उसे बेतलेहेम में उसके पिता के कब्रिस्तान में दफनाया। योआब और उसके व्यक्ति रात भर चलते रहे। जब वे हेब्रोन पहुँचे तो सूरज निकला।
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