पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
2 शमूएल
1. {अम्नोन और तामार} [PS] दाऊद का एक पुत्र अबशालोम था। अबशालोम की बहन का नाम तामार था। तामार बहुत सुन्दर थी। दाऊद के अन्य पुत्रों में से एक पुत्र अम्नोन था
2. जो तामार से प्रेम करता था। तामार कुवाँरी थी। अम्नोन उसके साथ कुछ बुरा करने को नहीं सोचता था। लेकिन अम्नोन उसे बहुत चाहता था। अम्नोन उस के बारे में इतना सोचने लगा कि वह बिमार हो गया। [PE][PS]
3. अम्नोन का एक मित्र शिमा का पुत्र योनादाब था। (शिमा दाऊद का भाई था।) योनादाब बहुत चालाक आदमी था।
4. योनादाब ने अम्नोन से कहा, “हर दिन तुम दुबले—दुबले से दिखाई पड़ते हो! ‘तुम राजा के पुत्र हो! तुम्हें खाने के लिये बहुत अधिक है, तो भी तुम अपना वजन क्यों खोते जा रहे हो? मुझे बताओ!’ ” [PE][PS] अम्नोन ने योनादाब से कहा, “मैं तामार से प्रेम करता हूँ। किन्तु वह मेरे सौतेले भाई अबशालोम की बहन है।” [PE][PS]
5. योनादाब ने अम्नोन से कहा, “बिस्तर में लेट जाओ। ऐसा व्यवहार करो कि तुम बीमार हो। तब तुम्हारे पिता तुमको देखने आऐंगे। उनसे कहो, ‘कृपया मेरी बहन तामार को आने दें और मुझे खाना देने दें। उसे मेरे सामने भोजन बनाने दें। तब मैं उसे देखूँगा और उसके हाथ से खाऊँगा।’ ” [PE][PS]
6. इसलिये अम्नोन बिस्तर में लेट गया, और ऐसा व्यवहार किया मानों वह बीमार हो। राजा दाऊद अम्नोन को देखने आया। अम्नोन ने राजा दाऊद से कहा, “कृपया मेरी बहन तामार को यहाँ आने दें। मेरे देखते हुए उसे मेरे लिये दो रोटी बनाने दें। तब मैं उसके हाथों से खा सकता हूँ।” [PE][PS]
7. दाऊद ने तामार के घर सन्देशवाहकों को भेजा। संदेशवाहकों ने तामार से कहा, “अपने भाई अम्नोन के घर जाओ और उसके लिये कुछ भोजन पकाओ।” [PE][PS]
8. अत: तामार अपने भाई अम्नोन के घर गई। अम्नोन बिस्तर में था। तामार ने कुछ गूंधा आटा लिया और इसे अपने हाथों से एक साथ दबाया। उसने अम्नोन के देखते हुये कुछ रोटियाँ बनाई। तब उसने रोटियों को पकाया।
9. जब तामार ने रोटियाँ को पकाना पूरा किया तो उसने कढ़ाही में से रोटियों को अम्नोन के लिये निकाला। किन्तु अम्नोन ने खाना अस्वीकार किया। अम्नोन ने अपने सेवकों से कहा, “तुम सभी लोग चले जाओ। मुझे अकला रहते दो!” इसलिये सभी सेवक अम्नोन के कमरे से बाहर चले गए। [PS]
10. {अम्नोन तामार के साथ कुकर्म करता है} [PS] अम्नोन ने तामार से कहा, “भोजन भीतर वाले कमरे में ले चलो। तब मैं तुम्हारे हाथ से खाऊँगा।” [PE][PS] तामार अपने भाई के पास भीतर वाले कमरे में गई। वह उन रोटियों को लाई जो उसने बनाई थी।
11. वह अम्नोन के पास गई जिससे वह उसके हाथों से खा सके। किन्तु अम्नोन ने तामार को पकड़ लिया। उसने उससे कहा, “बहन, आओ, और मेरे साथ सोओ।” [PE][PS]
12. तामार ने अम्नोन से कहा, “नहीं, भाई! मुझे मजबूर न करो! यह इस्राएल में कभी नहीं किया जा सकता। यह लज्जाजनक काम न करो।
13. मैं इस लज्जा से कभी उबर नहीं सकती! तुम उन मूर्ख इस्राएलियों की तरह मत बनों कृपया राजा से बात करो। वह तुम्हें मेरे साथ विवाह करने देगा।” [PE][PS]
14. किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी। वह तामार से अधिक शक्तिशाली था। उसने उसे शारिरिक सम्बन्ध करने के लिये विवश किया।
15. उसके बाद अम्नोन तामार से घृणा करने लगा। अम्नोन ने उसके साथ उससे भी अधिक घृणा की जितना वह पहले प्रेम करता था। अम्मोन न तामार से कहा, “उठो और चली जाओ!” [PE][PS]
16. तामार ने अम्नोन से कहा, “अब मुझे अपने से दूर कर, तुम पहले से भी बड़ा पाप करने जा रहे हो!” [PE][PS] किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी।
17. अम्नोन ने अपने युवक सेवक से कहा, “इस लड़की को इस कमरे से अभी बाहर निकालो। उसके जाने पर दरवाजे में ताला लगा दो।” [PE][PS]
18. अत: अम्नोन का सेवक तामार को कमरे के बाहर ले गया और उसके जाने पर ताला लगा दिया। [PE][PS] तामार ने कई रंग का लबादा पहन रखा था। राजा की कुवाँरी कन्यायें ऐसा ही लबादा पहनती थीं।
19. तामार ने राख ली और अपने सिर पर डाल लिया। उसने अपने बहुरंगे लबादे को फाड़ डाला। उसने अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया और वह जोर से रोने लगी। [PE][PS]
20. तामार के भाई अबशालोम ने तामार से कहा, “तो क्या तुम्हारे भाई अम्नोन ने तुम्हारे साथ सोया। अम्नोन तुम्हारा भाई है। बहन, अब शान्त रहो। इससे तुम बहुत परेशान न हो।” अत: तामार ने कुछ भी नहीं कहा। वह अबशालोम के घर रहने चली गई। [*वह … गई या “तामार एक बरबाद स्त्री जो अपने भाई अबशालोम के घर रहती थी।”] [PE][PS]
21. राजा दाऊद को इसकी सूचना मिली। वह बहुत क्रोधित हुआ।
22. अबशालोम अम्नोन से घृणा करता था। अबशालोम ने अच्छा या बुरा अम्नोन से कुछ नहीं कहा। वह अम्नोन से घृणा करता था क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहन के साथ कुकर्म किया था। [PS]
23. {अबशालोम का बदला} [PS] दो वर्ष बाद कुछ व्यक्ति एप्रैम के पास बाल्हासोर में अबशालोम की भेड़ों का ऊन काटने आये। अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को आने और देखने के लिये आमन्त्रित किया।
24. अबशालोम राजा के पास गया और उससे कहा, “मेरे पास कुछ व्यक्ति मेरी भेड़ों से ऊन काटने आ रहे हैं। कृपया अपने सेवकों के साथ आएँ और देखें।” [PE][PS]
25. राजा दाऊद ने अबशालोम से कहा, “पुत्र नहीं। हम सभी नहीं जाएंगे। इससे तुम्हें परेशानी होगी।” अबशालोम ने दाऊद से चलने की प्रार्थना की। दाऊद नहीं गया, किन्तु उसने आशीर्वाद दिया। [PE][PS]
26. अबशालोम ने कहा, “यदि आप जाना नहीं चाहते तो, कृपाकर मेरे भाई अम्नोन को मेरे साथ जाने दे।” [PE][PS] राजा दाऊद ने अबशालोम से पूछा, “वह तुम्हारे साथ क्यों जाये?” [PE][PS]
27. अबशालोम दाऊद से प्रार्थना करता रहा। अन्त में दाऊद ने अम्नोन और सभी राजपुत्रों को अबशालोम के साथ जाने दिया। [PS]
28. {अम्नोन की हत्या की गई} [PS] तब अबशालोम ने अपने सवेकों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “अम्नोन पर नजर रखो। जब वह नशे में धुत होगा तब मैं तुम्हें आदेश दूँगा अम्नोन को जान से मार डालो। सजा पाने से डरो नहीं। आखिरकार, तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। अब शक्तिशाली और वीर बनों।” [PE][PS]
29. अबशालोम के युवकों ने अबशालोम के आदेश के अनुसार अम्नोन को मार डाला। किन्तु दाऊद के अन्य पुत्र बच निकले। हर एक पुत्र अपने खच्चर पर बैठा और भाग गया। [PS]
30. {दाऊद अम्नोन की मृत्यु की सूचना पाता है} [PS] जब राजा के पुत्र मार्ग में थे, दाऊद को सूचना मिली। सूचना यह थी, “अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को मार डाला है! कोई भी पुत्र बचा नहीं है।” [PE][PS]
31. राजा दाऊद ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और धरती पर लेट गया। दाऊद के पास खड़े उसके सभी सेवकों ने भी अपने वस्त्र फाड़ डाले। [PE][PS]
32. किन्तु शिमा (दाऊद के भाई) के पुत्र योनादाब ने दाऊद से कहा, “ऐसा मत सोचो कि राजा के सभी युवक पुत्र मार डाले गए है। नहीं, यह केवल अम्नोन है जो मारा गया है। जब से अम्नोन ने उसकी बहन तामार के साथ कुकर्म किया था तभी से अबशालोम ने यह योजना बनाई थी।
33. मेरे स्वामी राजा यह न सोचें कि सभी राजपुत्र मारे गए हैं। केवल अम्नोन ही मारा गया।” [PE][PS]
34. अबशालोम भाग गया। [PE][PS] एक रक्षक नगर प्राचीर पर खड़ा था। उसने पहाड़ी की दूसरी ओर से कई व्यक्तियों को आते देखा।
35. इसलिये योनादाब ने राजा दाऊद से कहा, “देखो, मैं बिल्कुल सही था। राजा के पुत्र आ रहें हैं।” [PE][PS]
36. जब योनादाब ने ये बातें कही तभी राजपुत्र आ गए। वे जोर जोर से रो रहे थे। दाऊद और उसके सभी सेवक रोने लगे। वे सभी बहुत विलाप कर रहे थे।
37. दाऊद अपने पुत्र(अम्नोन) के लिये बहुत दिनों तक रोया। [PS] अबाशालोम गशूर के राजा अम्मीहूर के पुत्र तल्मै के पास भाग गया। [†अबशालोम … गया तल्मै, अबशालोम का पितामह था। देखे 2 शमू. 3:3]
38. {अबशालोम गशूर को भाग गया} [PS] अबशालोम के गशूर भाग जाने के बाद, वह वहाँ तीन वर्ष तक ठहरा।
39. अम्नोन की मृत्यु के बाद दाऊद शान्त हो गया। लेकिन अबशालोम उसे बहुत याद आता था। [PE]

Notes

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Total 24 अध्याय, Selected अध्याय 13 / 24
2 शमूएल 13:33
अम्नोन और तामार 1 दाऊद का एक पुत्र अबशालोम था। अबशालोम की बहन का नाम तामार था। तामार बहुत सुन्दर थी। दाऊद के अन्य पुत्रों में से एक पुत्र अम्नोन था 2 जो तामार से प्रेम करता था। तामार कुवाँरी थी। अम्नोन उसके साथ कुछ बुरा करने को नहीं सोचता था। लेकिन अम्नोन उसे बहुत चाहता था। अम्नोन उस के बारे में इतना सोचने लगा कि वह बिमार हो गया। 3 अम्नोन का एक मित्र शिमा का पुत्र योनादाब था। (शिमा दाऊद का भाई था।) योनादाब बहुत चालाक आदमी था। 4 योनादाब ने अम्नोन से कहा, “हर दिन तुम दुबले—दुबले से दिखाई पड़ते हो! ‘तुम राजा के पुत्र हो! तुम्हें खाने के लिये बहुत अधिक है, तो भी तुम अपना वजन क्यों खोते जा रहे हो? मुझे बताओ!’ ” अम्नोन ने योनादाब से कहा, “मैं तामार से प्रेम करता हूँ। किन्तु वह मेरे सौतेले भाई अबशालोम की बहन है।” 5 योनादाब ने अम्नोन से कहा, “बिस्तर में लेट जाओ। ऐसा व्यवहार करो कि तुम बीमार हो। तब तुम्हारे पिता तुमको देखने आऐंगे। उनसे कहो, ‘कृपया मेरी बहन तामार को आने दें और मुझे खाना देने दें। उसे मेरे सामने भोजन बनाने दें। तब मैं उसे देखूँगा और उसके हाथ से खाऊँगा।’ ” 6 इसलिये अम्नोन बिस्तर में लेट गया, और ऐसा व्यवहार किया मानों वह बीमार हो। राजा दाऊद अम्नोन को देखने आया। अम्नोन ने राजा दाऊद से कहा, “कृपया मेरी बहन तामार को यहाँ आने दें। मेरे देखते हुए उसे मेरे लिये दो रोटी बनाने दें। तब मैं उसके हाथों से खा सकता हूँ।” 7 दाऊद ने तामार के घर सन्देशवाहकों को भेजा। संदेशवाहकों ने तामार से कहा, “अपने भाई अम्नोन के घर जाओ और उसके लिये कुछ भोजन पकाओ।” 8 अत: तामार अपने भाई अम्नोन के घर गई। अम्नोन बिस्तर में था। तामार ने कुछ गूंधा आटा लिया और इसे अपने हाथों से एक साथ दबाया। उसने अम्नोन के देखते हुये कुछ रोटियाँ बनाई। तब उसने रोटियों को पकाया। 9 जब तामार ने रोटियाँ को पकाना पूरा किया तो उसने कढ़ाही में से रोटियों को अम्नोन के लिये निकाला। किन्तु अम्नोन ने खाना अस्वीकार किया। अम्नोन ने अपने सेवकों से कहा, “तुम सभी लोग चले जाओ। मुझे अकला रहते दो!” इसलिये सभी सेवक अम्नोन के कमरे से बाहर चले गए। अम्नोन तामार के साथ कुकर्म करता है 10 अम्नोन ने तामार से कहा, “भोजन भीतर वाले कमरे में ले चलो। तब मैं तुम्हारे हाथ से खाऊँगा।” तामार अपने भाई के पास भीतर वाले कमरे में गई। वह उन रोटियों को लाई जो उसने बनाई थी। 11 वह अम्नोन के पास गई जिससे वह उसके हाथों से खा सके। किन्तु अम्नोन ने तामार को पकड़ लिया। उसने उससे कहा, “बहन, आओ, और मेरे साथ सोओ।” 12 तामार ने अम्नोन से कहा, “नहीं, भाई! मुझे मजबूर न करो! यह इस्राएल में कभी नहीं किया जा सकता। यह लज्जाजनक काम न करो। 13 मैं इस लज्जा से कभी उबर नहीं सकती! तुम उन मूर्ख इस्राएलियों की तरह मत बनों कृपया राजा से बात करो। वह तुम्हें मेरे साथ विवाह करने देगा।” 14 किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी। वह तामार से अधिक शक्तिशाली था। उसने उसे शारिरिक सम्बन्ध करने के लिये विवश किया। 15 उसके बाद अम्नोन तामार से घृणा करने लगा। अम्नोन ने उसके साथ उससे भी अधिक घृणा की जितना वह पहले प्रेम करता था। अम्मोन न तामार से कहा, “उठो और चली जाओ!” 16 तामार ने अम्नोन से कहा, “अब मुझे अपने से दूर कर, तुम पहले से भी बड़ा पाप करने जा रहे हो!” किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी। 17 अम्नोन ने अपने युवक सेवक से कहा, “इस लड़की को इस कमरे से अभी बाहर निकालो। उसके जाने पर दरवाजे में ताला लगा दो।” 18 अत: अम्नोन का सेवक तामार को कमरे के बाहर ले गया और उसके जाने पर ताला लगा दिया। तामार ने कई रंग का लबादा पहन रखा था। राजा की कुवाँरी कन्यायें ऐसा ही लबादा पहनती थीं। 19 तामार ने राख ली और अपने सिर पर डाल लिया। उसने अपने बहुरंगे लबादे को फाड़ डाला। उसने अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया और वह जोर से रोने लगी। 20 तामार के भाई अबशालोम ने तामार से कहा, “तो क्या तुम्हारे भाई अम्नोन ने तुम्हारे साथ सोया। अम्नोन तुम्हारा भाई है। बहन, अब शान्त रहो। इससे तुम बहुत परेशान न हो।” अत: तामार ने कुछ भी नहीं कहा। वह अबशालोम के घर रहने चली गई। *वह … गई या “तामार एक बरबाद स्त्री जो अपने भाई अबशालोम के घर रहती थी।” 21 राजा दाऊद को इसकी सूचना मिली। वह बहुत क्रोधित हुआ। 22 अबशालोम अम्नोन से घृणा करता था। अबशालोम ने अच्छा या बुरा अम्नोन से कुछ नहीं कहा। वह अम्नोन से घृणा करता था क्योंकि अम्नोन ने उसकी बहन के साथ कुकर्म किया था। अबशालोम का बदला 23 दो वर्ष बाद कुछ व्यक्ति एप्रैम के पास बाल्हासोर में अबशालोम की भेड़ों का ऊन काटने आये। अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को आने और देखने के लिये आमन्त्रित किया। 24 अबशालोम राजा के पास गया और उससे कहा, “मेरे पास कुछ व्यक्ति मेरी भेड़ों से ऊन काटने आ रहे हैं। कृपया अपने सेवकों के साथ आएँ और देखें।” 25 राजा दाऊद ने अबशालोम से कहा, “पुत्र नहीं। हम सभी नहीं जाएंगे। इससे तुम्हें परेशानी होगी।” अबशालोम ने दाऊद से चलने की प्रार्थना की। दाऊद नहीं गया, किन्तु उसने आशीर्वाद दिया। 26 अबशालोम ने कहा, “यदि आप जाना नहीं चाहते तो, कृपाकर मेरे भाई अम्नोन को मेरे साथ जाने दे।” राजा दाऊद ने अबशालोम से पूछा, “वह तुम्हारे साथ क्यों जाये?” 27 अबशालोम दाऊद से प्रार्थना करता रहा। अन्त में दाऊद ने अम्नोन और सभी राजपुत्रों को अबशालोम के साथ जाने दिया। अम्नोन की हत्या की गई 28 तब अबशालोम ने अपने सवेकों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “अम्नोन पर नजर रखो। जब वह नशे में धुत होगा तब मैं तुम्हें आदेश दूँगा अम्नोन को जान से मार डालो। सजा पाने से डरो नहीं। आखिरकार, तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। अब शक्तिशाली और वीर बनों।” 29 अबशालोम के युवकों ने अबशालोम के आदेश के अनुसार अम्नोन को मार डाला। किन्तु दाऊद के अन्य पुत्र बच निकले। हर एक पुत्र अपने खच्चर पर बैठा और भाग गया। दाऊद अम्नोन की मृत्यु की सूचना पाता है 30 जब राजा के पुत्र मार्ग में थे, दाऊद को सूचना मिली। सूचना यह थी, “अबशालोम ने राजा के सभी पुत्रों को मार डाला है! कोई भी पुत्र बचा नहीं है।” 31 राजा दाऊद ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और धरती पर लेट गया। दाऊद के पास खड़े उसके सभी सेवकों ने भी अपने वस्त्र फाड़ डाले। 32 किन्तु शिमा (दाऊद के भाई) के पुत्र योनादाब ने दाऊद से कहा, “ऐसा मत सोचो कि राजा के सभी युवक पुत्र मार डाले गए है। नहीं, यह केवल अम्नोन है जो मारा गया है। जब से अम्नोन ने उसकी बहन तामार के साथ कुकर्म किया था तभी से अबशालोम ने यह योजना बनाई थी। 33 मेरे स्वामी राजा यह न सोचें कि सभी राजपुत्र मारे गए हैं। केवल अम्नोन ही मारा गया।” 34 अबशालोम भाग गया। एक रक्षक नगर प्राचीर पर खड़ा था। उसने पहाड़ी की दूसरी ओर से कई व्यक्तियों को आते देखा। 35 इसलिये योनादाब ने राजा दाऊद से कहा, “देखो, मैं बिल्कुल सही था। राजा के पुत्र आ रहें हैं।” 36 जब योनादाब ने ये बातें कही तभी राजपुत्र आ गए। वे जोर जोर से रो रहे थे। दाऊद और उसके सभी सेवक रोने लगे। वे सभी बहुत विलाप कर रहे थे। 37 दाऊद अपने पुत्र(अम्नोन) के लिये बहुत दिनों तक रोया। अबाशालोम गशूर के राजा अम्मीहूर के पुत्र तल्मै के पास भाग गया। अबशालोम … गया तल्मै, अबशालोम का पितामह था। देखे 2 शमू. 3:3 अबशालोम गशूर को भाग गया 38 अबशालोम के गशूर भाग जाने के बाद, वह वहाँ तीन वर्ष तक ठहरा। 39 अम्नोन की मृत्यु के बाद दाऊद शान्त हो गया। लेकिन अबशालोम उसे बहुत याद आता था।
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