1. {#1इस्राएल के लिये शोक सन्देश } [PS]इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो, यह शोक सन्देश तुम्हारे विषय में है। [PE][PBR]
2. [QS]इस्राएल की कुमारी गिर गई है। [QE][QS2]वह अब कभी उठेगी नहीं। [QE][QS]वह धूली में पड़ी अकेली छोड़ दी गई है। [QE][QS2]उसे उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है। [QE][PBR]
3. [PS]मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: [PE][PBR] [QS]“हजारों सैनिकों के साथ नगर से जाने वाले अधिकारी [QE][QS2]केवल सौ सैनिकों के साथ लौंटेंगे। [QE][QS]सौ सैनिकों के साथ नगर छोड़ने वाले अधिकारी [QE][QS2]केवल दस सैनिकों के साथ लौटेंगे।” [QE]
4. {#1यहोवा इस्राएल को अपने पास लौटने के लिये प्रोत्साहित करता है } [QS]यहोवा इस्राएल के घराने से यह कहता है: [QE][QS]“मेरी खोज करते आओ और जीवित रहो। [QE]
[QS2]5. किन्तु बेतेल में न खोजो। [QE][QS]गिल्गाल मत जाओ। [QE][QS2]सीमा को पार न करो और बेर्शेबा न जाओ। [QE][QS]गिल्गल के लोग बन्दी के रूप में ले जाए जाएंगे [QE][QS]और बेतेल नष्ट किया जाएगा। [QE]
6. [QS]यहोवा के पास जाओ और जीवित रहो। [QE][QS2]यदि तुम यहोवा के यहाँ नहीं जाओगे, तो यूसुफ के घर में आग लगेगी। [QE][QS2]आग यूसुफ के परिवार को नष्ट करेगी और बेतेल में उसे कोई भी नहीं रोक सकेगा। [QE]
7. [QS](7-9)तुम्हें सहायता के लिये यहोवा के पास जाना चाहिये। [QE][QS2]ये वही है जिसने कचपचिया और मृगशिरा को बनाया। [QE][QS]वह अंधकार को प्रात: प्रकाश में बदलता है। [QE][QS2]वह दिन को अंधेरी रात में बदलता है। [QE][QS]वह समुद्र से जल को उठाकर उसे पृथ्वी पर बरसाता है। [QE][QS2]उसका नाम यहोवा है [QE][QS]वह शक्तिशाली नगरों के [QE][QS2]मजबूत किलों को ढहा देता है।” [QE]{#1इस्राएलियों द्वारा किये गए बुरे काम } [QS]लोगों, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा तुमने अच्छाई को कड़वाहट में बदला। [QE][QS2]तुमने औचित्य को मार डाला और इसे धूलि में मिला दिया। [QE]
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10. [QS]नबी सामाजिक स्थानों पर जाते हैं और उन बुरे कामों के विरूद्ध बोलते हैं जिन्हें लोग किया करते हैं। [QE][QS2]किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं। [QE][QS2]नबी सत्य कहते हैं, किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं। [QE]
11. [QS]तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो। [QE][QS2]तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो [QE][QS]और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो। [QE][QS2]किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे। [QE][QS]तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो। [QE][QS2]किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे। [QE]
12. [QS]क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारे अनेक पापों को जानता हूँ। [QE][QS2]तुमने, सच ही, कुछ बुरे काम किये हैं। [QE][QS]तुमने उचित काम करने वालों को चोट पहुँचाई। [QE][QS2]तुमने घूस के रूप में धन लिया। [QE][QS2]गरीब लोगों के साथ अनेक मुकद्दमों में तुमने अन्याय किया। [QE]
13. [QS]उस समय बुद्धिमान चुप रहेंगे। [QE][QS2]क्यों क्योंकि यह बुरा समय है। [QE]
14. [QS]तुम कहते हो कि परमेश्वर हमारे साथ है। [QE][QS2]अत: अच्छे काम करो, बुरे नहीं। [QE][QS]तब तुम जीवित रहोगे और सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा [QE][QS2]सच ही तुम्हारे साथ होगा। [QE]
15. [QS]बुराई से घृणा करो। [QE][QS2]अच्छाई से प्रेम करो। [QE][QS]न्यायालयों में न्याय वापस लाओ और तब संभव है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर [QE][QS2]यहोवा यूसुफ परिवार के बचे लोगों पर दयालु हो। [QE]
16. {#1बड़े शोक का समय आ रहा है } [QS]यही कारण है कि मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान परमेश्वर यह कह रहा है, [QE][QS2]“लोग सभी सार्वजनिक स्थानों में रोएंगे, लोग सड़कों पर रोएंगे। [QE][QS2]लोग पेशेवर रोने वालों को भाड़े पर रखेंगे। [QE]
17. [QS]लोग अंगूर के सभी खेतों में रोएंगे। [QE][QS2]क्यों क्योंकि मैं वहाँ से निकलूँगा और तुम्हें दण्ड दूँगा।” [QE][QS2]यहोवा ने यह सब कहा है। [QE]
18. [QS]तुममे से कुछ यहोवा के न्याय के [QE][QS2]विशेष दिन को देखना चाहते हैं। [QE][QS]तुम उस दिन को क्यों देखना चाहते हो [QE][QS2]यहोवा का विशेष दिन तुम्हारे लिये अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं। [QE]
19. [QS]तुम किसी सिंह के सामने से बचकर भाग निकलने वाले ऐसे व्यक्ति के समान होगे [QE][QS2]जिस पर भागते समय रीछ आक्रमण कर देता है [QE][QS]और फिर जब वह उस रीछ से भी बच निकलकर किसी घर में जा घुसता है [QE][QS2]तो वहाँ दीवार पर हाथ रखते ही, [QE][QS2]उसे साँप डस लेता है! [QE]
20. [QS]अत: यहोवा का विशेष दिन अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं, [QE][QS2]यह शोक का समय होगा उल्लास का नहीं। [QE]
21. {#1यहोवा इस्राएलियों की आराधना अस्वीकार कर रहा है } [QS]“मैं तुम्हारे पवित्र दिनों से घृणा करता हूँ! [QE][QS2]मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूँगा! [QE][QS2]मैं तुम्हारी धार्मिक सभाओं का आनन्द नहीं लेता! [QE]
22. [QS]यदि तुम होमबलि और अन्नबलि भी दोगे तो [QE][QS2]मैं स्वीकार नहीं करूँगा। [QE][QS]तुम जिन मोटे जानवरों को शान्ति—भेंट के रूप में दोगे [QE][QS2]उन्हें मैं देखूँगा भी नहीं। [QE]
23. [QS]तुम यहाँ से अपने शोरगुल वाले गीतों को दूर करो। [QE][QS2]मैं तुम्हारी वीणा के संगीत को नहीं सुनूँगा। [QE]
24. [QS]तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये। [QE][QS2]अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं। [QE]
25. [QS]इस्राएल, तुमने चालीस वर्ष तक मरूभूमि में [QE][QS2]मुझे बलि और भेंट चढ़ाई। [QE]
26. [QS]तुम अपने राजा (देवता) सक्कुथ और नक्षत्र देवता कैवन की मूर्तियों को लेकर चले। [QE][QS2]इन देवताओं की मूर्तियों को स्वयं तुमने अपने लिये बनाया था। [QE]
27. [QS]अत: मैं तुम्हें बन्दी बनाकर [QE][QS2]दमिश्क के पार पहुँचाऊँगा [QE][QS]यह सब यहोवा कहता है। [QE][QS2]उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। [QE][PBR]