पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
व्यवस्थाविवरण
1. “तब हम लोग मुड़े और लालसागर के सड़क पर मरुभूमि की यात्रा की। यह वह काम है जिसे यहोवा ने कहा कि हमें करना चाहिए। हम लोग सेईर के पहाड़ी प्रदेश से होकर कई दिन चले।
2. तब यहोवा ने मुझसे कहा,
3. ‘तुम इस पहाड़ी प्रदेश से होकर काफी समय चल चुके हो। उत्तर की ओर मुड़ो।
4. और उसने मुझे तुमसे यह कहने को कहाः तुम सेईर प्रदेश से होकर गुजरोगे। यह प्रदेश तुम लोगों के सम्बन्धी एसाव के वंशजों का है। वे तुमसे डरेंगे। बहुत सावधान रहो।
5. उनसे लड़ो मत। मैं उनकी कोई भी भूमि एक फुट भी तुमको नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने एसाव को सेईर का पहाड़ी प्रदेश उसके अधिकार में दे दिया।
6. तुम्हें एसाव के लोगों को वहाँ पर भोजन करने या पानी पीने का मूल्य चुकाना चाहिए।
7. यह याद रखो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर, ने तुमको तुमने जो कुछ भी किया उन सभी के लिए आशीर्वाद दिया। वह इस विस्तृत मरुभूमि से तुम्हारा गुजरना जानता है। यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर इन चालीस वर्षों में तुम्हारे साथ रहा है। तुम्हें वे सभी चीजें मिली हैं जिनकी तुम्हें आवश्यकता थी।’
8. “इसलिए हम लोग सेईर में रहने वाले अपने सम्बन्धी एसाव के लोगों के पास से आगे बढ़ गए। यरदन घाटी से एलत और एस्योनगेबेर नगरों को जाने वाली सड़क को पीछे छोड़ दिया। तब हम उस मरुभूमि की तरफ जाने वाली सड़क पर मुड़े जो मोआब में है।
9. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मोआब के लोगों को परेशान न करो। उनके खिलाफ लड़ाई न छेड़ो। मैं उनकी कोई भूमि तुमको नहीं दुँगा। वे लूत के वंशज हैं, और मैंने उन्हें आर प्रदेश दिया है।”‘
10. (पहले, आर में एमी लोग रहते थे। वे शक्तिशाली लोग थे और वहाँ उनमें से बहुत से थे। वे अनाकी लोगों की तरह बहुत लम्बे थे।
11. अनाकी लोगो की तरह, एमी रपाई लोगों के एक भाग समझे जाते थे। किन्तु मोआबी लोग उन्हें ‘एमी’ कहते थे।
12. पहले होरी लोग भी सेईर में रहते थे, किन्तु एसाव के लोगों ने उनकी भुमि ले ली। एसाव के लोगों ने होरीतों को नष्ट कर दिया। तब एसाव के लोग वहाँ रहने लगे जहाँ पहले होरीत रहते थे। यह वैसा ही काम था जैसा इस्राएल के लोगों द्वारा उन लोगों के प्रति किया गया जो यहोवा द्वारा इस्राएली अधिकार में भूमि को देने के पहले वहाँ रहते थे।)
13. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘अब तैयार हो जाओ और जेरेद घाटी के पार जाओ।’ इसलिए हमने जेरेद घाटी को पार किया।
14. कादेशबर्ने को छोड़ने और जेरेदे घाटी को पार करने में अड़तीस वर्ष का समय बीता था। उस पीढ़ी के सभी योद्धा मर चुके थे। यहोवा ने कहा था कि ऐसा ही होगा।
15. यहोवा उन लोगों के विरुद्ध तब तक रहा जब तक वे सभी नष्ट न हो गए।
16. जब सभी योद्धा मर गए औ लोगों के बीच से सदा के लिए समाप्त हो गए।
17. तब यहोवा ने मुझसे कहा,
18. ‘आज तुम्हें आर नगर की सीमा से होकर जाना चाहिए।
19. जब तुम अम्मोनी लोगों के पास पहुँचो तो उन्हें तंग मत करना। उनसे लड़ना नहीं क्योंकि मैं तुम्हें उनकी भूमि नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने वह भूमि लूत के वंशजों को अपने पास रखने के लिए दी है।”‘
20. (वह प्रदेश रपाई लोगों का देश भी कहा जाता है। वे ही लोग पहले वहाँ रहते थे। अम्मोनी के लोग उन्हें ‘जमजुम्मी लोग’ कहते थे।
21. जमजुम्मी लोग बहुत शक्तिशाली थे और उनमें से बहुत से वहाँ थे। वे अनाकी लोगों की तरह लम्बे थे। किन्तु यहोवा ने जमजुम्मी लोगों को अम्मोनी लोगों के लिए नष्ट किया। अम्मोनी लोगों ने जमजुम्मी लोगों का प्रदेश ले लिया और अब वे वहाँ रहते थे।
22. परमेश्वर ने यही काम एसावी लोगों के लिए किया जो सेईर में रहते थे। उन्होंने वहाँ रहने वाले होरी लोगों को नष्ट किया। अब एसाव के लोग वहाँ रहते हैं जहाँ पहले होरी लोग रहते थे।
23. और कुछ लोग कप्तोर से आए और अव्वियों को उन्होंने नष्ट किया। अव्वी लोग अज्जा तक, नगरों में रहते थे किन्तु यहोवा ने अव्वियों को कप्तोरी लोगों के लिए नष्ट किया।)
24. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘यात्रा के लिए तैयार हो जाओ। अर्नोन नदी की घाटी से होकर जाओ। मैं तुम्हें हेशबोन के राजा एमोरी सीहोन पर विजय की शक्ति दे रहा हूँ। मैं तुम्हें उसका देश जीतने की शक्ति दे रहा हूँ। इसलिए उसके विरुद्ध लड़ो और उसके देश पर अधिकार करना आरम्भ करो।
25. आज मैं तुम्हें सारे संसार के लोगों को भयभीत करने वाला बनाना आरम्भ कर रहा हूँ। वे तुम्हारे बारे में सूचनाएँ पाएंगे और वे भय से काँप उठेंगे। जब वे तुम्हारे बारे में सोचेंगे तब वे घबरा जाएंगें।’
26. “कदेमोत की मरुभूमि से मैंने हेशबोन के राजा सिहोन के पास एक दूत को भेजा। दूत ने सीहोन के सामने शान्ति सन्धि रखी। उन्होंने कहा,
27. ‘अपने देश से होकर हमें जाने दो। हम लोग सड़क पर ठहरेंगे। हम लोग सड़क से दायें। या बाएं नहीं मुड़ेंगे।
28. हम जो भोजन करेंगे या जो पानी पीएंगे उसका मूल्य चाँदी मे चुकाएंगे। हम केवल तुम्हारे देश से यात्रा करना चाहते हैं।
29. अपने देश से होकर तुम हमें तब तक जाने दो जब तक हम यरदन नदी को पार कर उस देश में न पहुँचे जिसे यहोवा, हमारा परमेशवर, हमे दे रहा है। अन्य लोगों में सेईर में रहने वाले एसाव तथा आर में रहने वाले मोआबी लोगों ने अपने देश से हमें गुजरने दिया है।’
30. “किन्तु हेशबोन के राजा सीहोन ने, अपने देश से हमें गुजरने नहीं दिया। यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने, उसे बहुत हठी बना दिया था। यहोवा ने यह इसलिए किया कि वह सीहोन को तुम्हारे अधिकार में दे सके और उसने अब यह कर दिया है।
31. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मैं राजा सीहोन और उसके देश को तुम्हें दे रहा हूँ। भूमि लेना आरम्भ करो। यह तब तुम्हारी होगी।’
32. “तब राजा सीहोन और उसके सब लोग हमसे यहस में युद्ध करने बाहर निकले।
33. किन्तु हमारे परमेश्वर ने उसे हमें दे दिया। हमने उसे, उसके नगरों और उसके सभी लोगों को हराया।
34. हम लोगों ने उन सभी नगरों पर अधिकार कर लिया जो सीहोन के अधिकार में उस समय थे। हम लोगों ने हर एक नगर में लोगों-पुरूष, स्त्री तथा बच्चों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हम लोगों ने किसी को जीवित नहीं छोड़ा।
35. हम लोगों ने जिन नगरों को जीता उनसे केवल पशु और कीमती चीजें ली।
36. हमने अरोएर नगर को जो अर्नोन की घाटी में है तथा उस घाटी के मध्य के अन्य नगर को भी हराया। यहोवा हमारे परमेश्वर ने हमें अर्नोन की घाटी और गिलाद के बीच के सभी नगरों को पराजित करने दिया। कोई नगर हम लोगों के लिए हमारी शक्ति से बाहर दृढ़ नहीं था।
37. किन्तु उस प्रदेश के निकट नहीं गए जो अम्मोनी लोगों का था। तुम यब्बोक नदी के तटों या पहाड़ी प्रदेश के नगरों के निकट नहीं गए। तुम ऐसी किसी जगह के निकट नहीं गए जिसे यहोवा, हमारा परमेश्वर हमें लेने देना नहीं चाहता था।

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व्यवस्थाविवरण 2:41
1. “तब हम लोग मुड़े और लालसागर के सड़क पर मरुभूमि की यात्रा की। यह वह काम है जिसे यहोवा ने कहा कि हमें करना चाहिए। हम लोग सेईर के पहाड़ी प्रदेश से होकर कई दिन चले।
2. तब यहोवा ने मुझसे कहा,
3. ‘तुम इस पहाड़ी प्रदेश से होकर काफी समय चल चुके हो। उत्तर की ओर मुड़ो।
4. और उसने मुझे तुमसे यह कहने को कहाः तुम सेईर प्रदेश से होकर गुजरोगे। यह प्रदेश तुम लोगों के सम्बन्धी एसाव के वंशजों का है। वे तुमसे डरेंगे। बहुत सावधान रहो।
5. उनसे लड़ो मत। मैं उनकी कोई भी भूमि एक फुट भी तुमको नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने एसाव को सेईर का पहाड़ी प्रदेश उसके अधिकार में दे दिया।
6. तुम्हें एसाव के लोगों को वहाँ पर भोजन करने या पानी पीने का मूल्य चुकाना चाहिए।
7. यह याद रखो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर, ने तुमको तुमने जो कुछ भी किया उन सभी के लिए आशीर्वाद दिया। वह इस विस्तृत मरुभूमि से तुम्हारा गुजरना जानता है। यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर इन चालीस वर्षों में तुम्हारे साथ रहा है। तुम्हें वे सभी चीजें मिली हैं जिनकी तुम्हें आवश्यकता थी।’
8. “इसलिए हम लोग सेईर में रहने वाले अपने सम्बन्धी एसाव के लोगों के पास से आगे बढ़ गए। यरदन घाटी से एलत और एस्योनगेबेर नगरों को जाने वाली सड़क को पीछे छोड़ दिया। तब हम उस मरुभूमि की तरफ जाने वाली सड़क पर मुड़े जो मोआब में है।
9. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मोआब के लोगों को परेशान करो। उनके खिलाफ लड़ाई छेड़ो। मैं उनकी कोई भूमि तुमको नहीं दुँगा। वे लूत के वंशज हैं, और मैंने उन्हें आर प्रदेश दिया है।”‘
10. (पहले, आर में एमी लोग रहते थे। वे शक्तिशाली लोग थे और वहाँ उनमें से बहुत से थे। वे अनाकी लोगों की तरह बहुत लम्बे थे।
11. अनाकी लोगो की तरह, एमी रपाई लोगों के एक भाग समझे जाते थे। किन्तु मोआबी लोग उन्हें ‘एमी’ कहते थे।
12. पहले होरी लोग भी सेईर में रहते थे, किन्तु एसाव के लोगों ने उनकी भुमि ले ली। एसाव के लोगों ने होरीतों को नष्ट कर दिया। तब एसाव के लोग वहाँ रहने लगे जहाँ पहले होरीत रहते थे। यह वैसा ही काम था जैसा इस्राएल के लोगों द्वारा उन लोगों के प्रति किया गया जो यहोवा द्वारा इस्राएली अधिकार में भूमि को देने के पहले वहाँ रहते थे।)
13. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘अब तैयार हो जाओ और जेरेद घाटी के पार जाओ।’ इसलिए हमने जेरेद घाटी को पार किया।
14. कादेशबर्ने को छोड़ने और जेरेदे घाटी को पार करने में अड़तीस वर्ष का समय बीता था। उस पीढ़ी के सभी योद्धा मर चुके थे। यहोवा ने कहा था कि ऐसा ही होगा।
15. यहोवा उन लोगों के विरुद्ध तब तक रहा जब तक वे सभी नष्ट हो गए।
16. जब सभी योद्धा मर गए लोगों के बीच से सदा के लिए समाप्त हो गए।
17. तब यहोवा ने मुझसे कहा,
18. ‘आज तुम्हें आर नगर की सीमा से होकर जाना चाहिए।
19. जब तुम अम्मोनी लोगों के पास पहुँचो तो उन्हें तंग मत करना। उनसे लड़ना नहीं क्योंकि मैं तुम्हें उनकी भूमि नहीं दूँगा। क्यों? क्योंकि मैंने वह भूमि लूत के वंशजों को अपने पास रखने के लिए दी है।”‘
20. (वह प्रदेश रपाई लोगों का देश भी कहा जाता है। वे ही लोग पहले वहाँ रहते थे। अम्मोनी के लोग उन्हें ‘जमजुम्मी लोग’ कहते थे।
21. जमजुम्मी लोग बहुत शक्तिशाली थे और उनमें से बहुत से वहाँ थे। वे अनाकी लोगों की तरह लम्बे थे। किन्तु यहोवा ने जमजुम्मी लोगों को अम्मोनी लोगों के लिए नष्ट किया। अम्मोनी लोगों ने जमजुम्मी लोगों का प्रदेश ले लिया और अब वे वहाँ रहते थे।
22. परमेश्वर ने यही काम एसावी लोगों के लिए किया जो सेईर में रहते थे। उन्होंने वहाँ रहने वाले होरी लोगों को नष्ट किया। अब एसाव के लोग वहाँ रहते हैं जहाँ पहले होरी लोग रहते थे।
23. और कुछ लोग कप्तोर से आए और अव्वियों को उन्होंने नष्ट किया। अव्वी लोग अज्जा तक, नगरों में रहते थे किन्तु यहोवा ने अव्वियों को कप्तोरी लोगों के लिए नष्ट किया।)
24. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘यात्रा के लिए तैयार हो जाओ। अर्नोन नदी की घाटी से होकर जाओ। मैं तुम्हें हेशबोन के राजा एमोरी सीहोन पर विजय की शक्ति दे रहा हूँ। मैं तुम्हें उसका देश जीतने की शक्ति दे रहा हूँ। इसलिए उसके विरुद्ध लड़ो और उसके देश पर अधिकार करना आरम्भ करो।
25. आज मैं तुम्हें सारे संसार के लोगों को भयभीत करने वाला बनाना आरम्भ कर रहा हूँ। वे तुम्हारे बारे में सूचनाएँ पाएंगे और वे भय से काँप उठेंगे। जब वे तुम्हारे बारे में सोचेंगे तब वे घबरा जाएंगें।’
26. “कदेमोत की मरुभूमि से मैंने हेशबोन के राजा सिहोन के पास एक दूत को भेजा। दूत ने सीहोन के सामने शान्ति सन्धि रखी। उन्होंने कहा,
27. ‘अपने देश से होकर हमें जाने दो। हम लोग सड़क पर ठहरेंगे। हम लोग सड़क से दायें। या बाएं नहीं मुड़ेंगे।
28. हम जो भोजन करेंगे या जो पानी पीएंगे उसका मूल्य चाँदी मे चुकाएंगे। हम केवल तुम्हारे देश से यात्रा करना चाहते हैं।
29. अपने देश से होकर तुम हमें तब तक जाने दो जब तक हम यरदन नदी को पार कर उस देश में पहुँचे जिसे यहोवा, हमारा परमेशवर, हमे दे रहा है। अन्य लोगों में सेईर में रहने वाले एसाव तथा आर में रहने वाले मोआबी लोगों ने अपने देश से हमें गुजरने दिया है।’
30. “किन्तु हेशबोन के राजा सीहोन ने, अपने देश से हमें गुजरने नहीं दिया। यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने, उसे बहुत हठी बना दिया था। यहोवा ने यह इसलिए किया कि वह सीहोन को तुम्हारे अधिकार में दे सके और उसने अब यह कर दिया है।
31. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘मैं राजा सीहोन और उसके देश को तुम्हें दे रहा हूँ। भूमि लेना आरम्भ करो। यह तब तुम्हारी होगी।’
32. “तब राजा सीहोन और उसके सब लोग हमसे यहस में युद्ध करने बाहर निकले।
33. किन्तु हमारे परमेश्वर ने उसे हमें दे दिया। हमने उसे, उसके नगरों और उसके सभी लोगों को हराया।
34. हम लोगों ने उन सभी नगरों पर अधिकार कर लिया जो सीहोन के अधिकार में उस समय थे। हम लोगों ने हर एक नगर में लोगों-पुरूष, स्त्री तथा बच्चों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हम लोगों ने किसी को जीवित नहीं छोड़ा।
35. हम लोगों ने जिन नगरों को जीता उनसे केवल पशु और कीमती चीजें ली।
36. हमने अरोएर नगर को जो अर्नोन की घाटी में है तथा उस घाटी के मध्य के अन्य नगर को भी हराया। यहोवा हमारे परमेश्वर ने हमें अर्नोन की घाटी और गिलाद के बीच के सभी नगरों को पराजित करने दिया। कोई नगर हम लोगों के लिए हमारी शक्ति से बाहर दृढ़ नहीं था।
37. किन्तु उस प्रदेश के निकट नहीं गए जो अम्मोनी लोगों का था। तुम यब्बोक नदी के तटों या पहाड़ी प्रदेश के नगरों के निकट नहीं गए। तुम ऐसी किसी जगह के निकट नहीं गए जिसे यहोवा, हमारा परमेश्वर हमें लेने देना नहीं चाहता था।
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