पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
सभोपदेशक
1. {#1क्या मृत्यु उचित है? }
2. [PS]मैंने इन सभी बातों के बारे में बड़े ध्यान से सोचा है और देखा है कि अच्छे और बुद्धिमान लोगों के साथ जो घटित होता है और वे जो काम करते हैं उनका नियन्त्रण परमेश्वर करता है। लोग नहीं जानते कि उन्हें प्रेम मिलेगा या घृणा और लोग नहीं जानते हैं कि कल क्या होने वाला है। [PE]
3. [PS]किन्तु, एक बात ऐसी है जो हम सब के साथ घटती है—हम सभी मरते हैं! मृत्यु अच्छे लोगों को भी आती है और बुरे लोगों को भी। पवित्र लोगों को भी मृत्यु आती है और जो पवित्र नहीं हैं, वे भी मरते हैं। लोग जो बलियाँ चढ़ाते हैं वे भी मरते हैं, और वे भी जो बलियाँ नहीं चढ़ाते हैं, धर्मी जन भी वैसे ही मरता है, जैसे एक पापी। वह व्यक्ति जो परमेश्वर को विशेष वचन देता है, वह भी वैसे ही मरता है जैसे वह व्यक्ति जो उन वचनों को देने से घबराता है। [PE][PS]इस जीवन में जो भी कुछ घटित होता है उसमें सबसे बुरी बात यह है कि सभी लोगों का अन्त एक ही तरह से होता है। साथ ही यह भी बहुत बुरी बात है कि लोग जीवन भर सदा ही बुरे और मूर्खतापूर्ण विचारों में पड़े रहते हैं और अन्त में मर जाते हैं।
4. हर उस व्यक्ति के लिये जो अभी जीवित है, एक आशा बची है। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि वह कौन है? यह कहावत सच्ची है: [PE][PBR] [QS]“किसी मरे हुए सिंह से एक जीवित कुत्ता अच्छा है।” [QE][PBR]
5. [PS]जीवित लोग जानते हैं कि उन्हें मरना है। किन्तु मरे हुए तो कुछ भी नहीं जानते। मरे हुओं को कोई और प्रतिदान नहीं मिलता। लोग उन्हें जल्दी ही भूल जाते हैं।
6. किसी व्यक्ति के मर जाने के बाद उसका प्रेम, घृणा और ईर्ष्या सब समाप्त हो जाते हैं। मरा हुआ व्यक्ति संसार में जो कुछ हो रहा है, उसमें कभी हिस्सा नहीं बँटाता। [PE]
7. {#1जीवन का आनन्द लो जबकि तुम ले सकते हो } [PS]सो अब तुम जाओ और अपना खाना खाओ और उसका आनन्द लो। अपना दाखमधु पिओ और खुश रहो। यदि तुम ये बातें करते हो तो ये बातें परमेश्वर से सम्बन्धित है।
8. उत्तम वस्त्र पहनो और सुन्दर दिखो।
9. जिस पत्नी को तुम प्रम करते हो उसके साथ जीवन का भोग करो। अपने छोटे से जीवन के प्रत्येक दिन का आनन्द लो।
10. हर समय करने के लिये तुम्हारे पास काम है। इसे तुम जितनी उत्तमता से कर सकते हो करो। कब्र में तो कोई काम होगा ही नहीं। वहाँ न तो चिन्तन होगा, न ज्ञान और न विवेक और मृत्यु के उस स्थान को हम सभी तो जा रहे हैं। [PE]
11. {#1सौभाग्य? दुर्भाग्य? हम कर क्या सकते हैं? }
12. [PS]मैंने इस जीवन में कुछ और बातें भी देखी हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला सदा ही दौड़ में नहीं जीतता, शक्तिशाली सेना ही युद्ध में सदा नहीं जीतती। सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति ही सदा अर्जित किये को नहीं खाता। सबसे अधिक चुस्त व्यक्ति ही सदा धन दौलत हासिल नहीं करता है और एक पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सदा वैसी प्रशंसा प्राप्त नहीं करता जैसा प्रशंसा के वह योग्य है। जब समय आता है तो हर किसी के साथ बुरी बातें घट जाती हैं! [PE]
13. [PS]कोई भी व्यक्ति यह नहीं जानता है कि इसके बाद उसके साथ क्या होने वाला है। वह जाल में फँसी उस मछली के समान होता है जो यह नहीं जानती कि आगे क्या होगा। वह उस जाल मैं फँसी चिड़िया के समान होता है जो यह नहीं जानती कि क्या होने वाला है? इसी प्रकार एक व्यक्ति उन बुरी बातों में फाँस लिया जाता है जो उसके साथ घटती हैं। [PE]{#1विवेक की शक्ति } [PS]इस जीवन में मैंने एक व्यक्ति को एक विवेकपूर्ण कार्य करते देखा है और मुझे यह बहत महत्वपूर्ण लगा है।
14. एक छोटा सा नगर हुआ करता था। उसमें थोड़े से लोग रहा करते थे। एक बहुत बड़े राजा ने उसके विरूद्ध युद्ध किया और नगर के चारों ओर अपनी सेना लगा दी।
15. उसी नगर में एक बुद्धिमान पुरुष रहता था। वह बहुत निर्धन था। किन्तु उसने उस नगर को बचाने के लिये अपनी बुद्धि का उपयोग किया। जब नगर की विपत्ती टल गयी और सब कुछ समाप्त हो गया तो लोगों ने उस गरीब व्यक्ति को भुला दिया।
16. किन्तु मेरा कहना है कि बल से बुद्धि श्रेष्ठ है। यद्यापि लोग उस गरीब व्यक्ति की बुद्धि के बारे में भूल गये और जो कुछ उसने कहा था, उस पर भी उन लोगों ने कान देना बन्द कर दिया। किन्तु मेरा तो अभी भी यही विश्वास है कि बुद्धि ही श्रेष्ठ होती है। [PE][PBR]
17. [QS]धीरे से बोले गये, विवेकी के थोड़े से शब्द अधिक उत्तम होते हैं, [QE][QS2]अपेक्षाकृत उन ऐसे शब्दों को जिन्हें मूर्ख शासक ऊँची आवाज में बोलता है। [QE]
18. [QS]बुद्धि, उन भोलों से और ऐसी तलवारों से उत्तम है जो युद्ध में काम आते हैं। [QE][QS2]बुद्धिहीन व्यक्ति, बहुत सी उत्तम बातें नष्ट कर सकता है। [QE][PBR]
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क्या मृत्यु उचित है? 1 2 मैंने इन सभी बातों के बारे में बड़े ध्यान से सोचा है और देखा है कि अच्छे और बुद्धिमान लोगों के साथ जो घटित होता है और वे जो काम करते हैं उनका नियन्त्रण परमेश्वर करता है। लोग नहीं जानते कि उन्हें प्रेम मिलेगा या घृणा और लोग नहीं जानते हैं कि कल क्या होने वाला है। 3 किन्तु, एक बात ऐसी है जो हम सब के साथ घटती है—हम सभी मरते हैं! मृत्यु अच्छे लोगों को भी आती है और बुरे लोगों को भी। पवित्र लोगों को भी मृत्यु आती है और जो पवित्र नहीं हैं, वे भी मरते हैं। लोग जो बलियाँ चढ़ाते हैं वे भी मरते हैं, और वे भी जो बलियाँ नहीं चढ़ाते हैं, धर्मी जन भी वैसे ही मरता है, जैसे एक पापी। वह व्यक्ति जो परमेश्वर को विशेष वचन देता है, वह भी वैसे ही मरता है जैसे वह व्यक्ति जो उन वचनों को देने से घबराता है। इस जीवन में जो भी कुछ घटित होता है उसमें सबसे बुरी बात यह है कि सभी लोगों का अन्त एक ही तरह से होता है। साथ ही यह भी बहुत बुरी बात है कि लोग जीवन भर सदा ही बुरे और मूर्खतापूर्ण विचारों में पड़े रहते हैं और अन्त में मर जाते हैं। 4 हर उस व्यक्ति के लिये जो अभी जीवित है, एक आशा बची है। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि वह कौन है? यह कहावत सच्ची है: “किसी मरे हुए सिंह से एक जीवित कुत्ता अच्छा है।” 5 जीवित लोग जानते हैं कि उन्हें मरना है। किन्तु मरे हुए तो कुछ भी नहीं जानते। मरे हुओं को कोई और प्रतिदान नहीं मिलता। लोग उन्हें जल्दी ही भूल जाते हैं। 6 किसी व्यक्ति के मर जाने के बाद उसका प्रेम, घृणा और ईर्ष्या सब समाप्त हो जाते हैं। मरा हुआ व्यक्ति संसार में जो कुछ हो रहा है, उसमें कभी हिस्सा नहीं बँटाता। जीवन का आनन्द लो जबकि तुम ले सकते हो 7 सो अब तुम जाओ और अपना खाना खाओ और उसका आनन्द लो। अपना दाखमधु पिओ और खुश रहो। यदि तुम ये बातें करते हो तो ये बातें परमेश्वर से सम्बन्धित है। 8 उत्तम वस्त्र पहनो और सुन्दर दिखो। 9 जिस पत्नी को तुम प्रम करते हो उसके साथ जीवन का भोग करो। अपने छोटे से जीवन के प्रत्येक दिन का आनन्द लो। 10 हर समय करने के लिये तुम्हारे पास काम है। इसे तुम जितनी उत्तमता से कर सकते हो करो। कब्र में तो कोई काम होगा ही नहीं। वहाँ न तो चिन्तन होगा, न ज्ञान और न विवेक और मृत्यु के उस स्थान को हम सभी तो जा रहे हैं। सौभाग्य? दुर्भाग्य? हम कर क्या सकते हैं? 11 12 मैंने इस जीवन में कुछ और बातें भी देखी हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला सदा ही दौड़ में नहीं जीतता, शक्तिशाली सेना ही युद्ध में सदा नहीं जीतती। सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति ही सदा अर्जित किये को नहीं खाता। सबसे अधिक चुस्त व्यक्ति ही सदा धन दौलत हासिल नहीं करता है और एक पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सदा वैसी प्रशंसा प्राप्त नहीं करता जैसा प्रशंसा के वह योग्य है। जब समय आता है तो हर किसी के साथ बुरी बातें घट जाती हैं! 13 कोई भी व्यक्ति यह नहीं जानता है कि इसके बाद उसके साथ क्या होने वाला है। वह जाल में फँसी उस मछली के समान होता है जो यह नहीं जानती कि आगे क्या होगा। वह उस जाल मैं फँसी चिड़िया के समान होता है जो यह नहीं जानती कि क्या होने वाला है? इसी प्रकार एक व्यक्ति उन बुरी बातों में फाँस लिया जाता है जो उसके साथ घटती हैं। विवेक की शक्ति इस जीवन में मैंने एक व्यक्ति को एक विवेकपूर्ण कार्य करते देखा है और मुझे यह बहत महत्वपूर्ण लगा है। 14 एक छोटा सा नगर हुआ करता था। उसमें थोड़े से लोग रहा करते थे। एक बहुत बड़े राजा ने उसके विरूद्ध युद्ध किया और नगर के चारों ओर अपनी सेना लगा दी। 15 उसी नगर में एक बुद्धिमान पुरुष रहता था। वह बहुत निर्धन था। किन्तु उसने उस नगर को बचाने के लिये अपनी बुद्धि का उपयोग किया। जब नगर की विपत्ती टल गयी और सब कुछ समाप्त हो गया तो लोगों ने उस गरीब व्यक्ति को भुला दिया। 16 किन्तु मेरा कहना है कि बल से बुद्धि श्रेष्ठ है। यद्यापि लोग उस गरीब व्यक्ति की बुद्धि के बारे में भूल गये और जो कुछ उसने कहा था, उस पर भी उन लोगों ने कान देना बन्द कर दिया। किन्तु मेरा तो अभी भी यही विश्वास है कि बुद्धि ही श्रेष्ठ होती है। 17 धीरे से बोले गये, विवेकी के थोड़े से शब्द अधिक उत्तम होते हैं, अपेक्षाकृत उन ऐसे शब्दों को जिन्हें मूर्ख शासक ऊँची आवाज में बोलता है। 18 बुद्धि, उन भोलों से और ऐसी तलवारों से उत्तम है जो युद्ध में काम आते हैं। बुद्धिहीन व्यक्ति, बहुत सी उत्तम बातें नष्ट कर सकता है।
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