पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहेजकेल
1. {#1सोर अपने को परमेश्वर समझता है } [PS]यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा,
2. “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: [PE][PBR] [QS]“ ‘तुम बहुत घमण्डी हो! [QE][QS2]और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! [QE][QS]मैं समुद्रों के मध्य में [QE][QS2]देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” [QE][PBR] [QS2]“ ‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! [QE][QS]तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो। [QE]
3. [QS]तुम सोचते हो तुम दानिय्येल से बुद्धिमान हो! [QE][QS2]तुम समझते हो कि तुम सारे रहस्यों को जान लोगे! [QE]
4. [QS]अपनी बुद्धि और अपनी समझ से। [QE][QS2]तुमने सम्पत्ति स्वयं कमाई है और तुमने कोषागार में सोना—चाँदी रखा है। [QE]
5. [QS]अपनी तीव्र बुद्धि और व्यापार से तुमने अपनी सम्पत्ति बढ़ाई है, [QE][QS2]और अब तुम उस सम्पत्ति के कारण गर्वीले हो। [QE][PBR]
6. [QS]“ ‘अत: मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: [QE][QS2]सोर, तुमने सोचा तुम परमेश्वर की तरह हो। [QE]
7. [QS]मैं अजनबियों को तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये लाऊँगा। [QE][QS2]वे राष्ट्रों में बड़े भयंकर हैं! [QE][QS]वे अपनी तलवारें बाहर खीचेंगे [QE][QS2]और उन सुन्दर चीजों के विरुद्ध चलाएंगे जिन्हें तुम्हारी बुद्धि ने कमाया। [QE][QS]वे तुम्हारे गौरव को ध्वस्त करेंगे। [QE]
8. [QS]वे तुम्हें गिराकर कब्र में पहुँचाएंगे। [QE][QS2]तुम उस मल्लाह की तरह होगे जो समुद्र में मरा। [QE]
9. [QS]वह व्यक्ति तुमको मार डालेगा। [QE][QS2]क्या अब भी तुम कहोगे, “मैं परमेश्वर हूँ”? [QE][QS]उस समय वह तुम्हें अपने अधिकार में करेगा। [QE][QS2]तुम समझ जाओगे कि तुम मनुष्य हो, परमेश्वर नहीं! [QE]
10. [QS]अजनबी तुम्हारे साथ विदेशी जैसा व्यवहार करेंगे, और तुमको मार डालेंगे। [QE][QS2]ये घटनाएँ होंगी क्योंकि मेरे पास आदेश शक्ति है!’ ” [QE][QS]मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। [QE][PBR]
11. [PS]यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा,
12. “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में करुण गीत गाओ। उससे कहो, ‘मेरे स्वामी यहोवा यह कहता है: [PE][PBR] [QS]“ ‘तुम आदर्श पुरुष थे, [QE][QS2]तुम बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण थे, तुम पूर्णत: सुन्दर थे, [QE]
13. [QS]तुम एदेन में थे परमेश्वर के उद्यान में [QE][QS]तुम्हारे पास हर एक बहुमूल्य रत्न थे— [QE][QS2]लाल, पुखराज, हीरे, फिरोजा, [QE][QS2]गोमेद और जस्पर नीलम, [QE][QS2]हरितमणि और नीलमणि [QE][QS]और ये हर एक रत्न सोने में जड़े थे। [QE][QS2]तुमको यह सौन्दर्य प्रदान किया गया था जिस दिन तुम्हारा जन्म हुआ था। [QE][QS2]परमेश्वर ने तुम्हें शक्तिशाली बनाया। [QE]
14. [QS]तुम चुने गए करुब (स्वर्गदूत) थे। [QE][QS2]तुम्हारे पंख मेरे सिंहासन पर फैले थे [QE][QS]और मैंने तुमको परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर रखा। [QE][QS2]तुम उन रत्नों के बीच चले जो अग्नि की तरह कौंधते थे। [QE]
15. [QS]तुम अच्छे और ईमानदार थे जब मैंने तुम्हें बनाया। [QE][QS2]किन्तु इसके बाद तुम बुरे बन गए। [QE]
16. [QS]तुम्हारा व्यापार तुम्हारे पास बहुत सम्पत्ति लाता था। [QE][QS2]किन्तु उसने भी तुम्हारे भीतर क्रूरता उत्पन्न की और तुमने पाप किया। [QE][QS]अत: मैंने तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार किया मानों तुम गन्दी चीज हो। [QE][QS2]मैंने तुम्हें परमेश्वर के पर्वत से फेंक दिया। [QE][QS]तुम विशेष करुब (स्वर्गदूतों) में से एक थे, [QE][QS2]तुम्हारे पंख फैले थे मेरे सिंहासन पर [QE][QS]किन्तु मैंने तुम्हें आग की तरह [QE][QS2]कौंधने वाले रत्नों को छोड़ने को विवश किया। [QE]
17. [QS]तुम अपने सौन्दर्य के कारण घमण्डी हो गए, [QE][QS2]तुम्हारे गौरव ने तुम्हारी बुद्धिमत्ता को नष्ट किया, [QE][QS]इसलिये मैंने तुम्हें धरती पर ला फेंका, [QE][QS2]और अब अन्य राजा तुम्हें आँख फाड़ कर देखते हैं। [QE]
18. [QS]तुमने अनेक गलत काम किये, तुम बहुत कपटी व्यापारी थे। [QE][QS]इस प्रकार तुमने पवित्र स्थानों को अपवित्र किया, [QE][QS2]इसलिए मैं तुम्हारे ही भीतर से अग्नि लाया, [QE][QS]इसने तुमको जला दिया, तुम भूमि पर राख हो गए। [QE][QS2]अब हर कोई तुम्हारी लज्जा देख सकता है। [QE][PBR]
19. [QS]“ ‘अन्य राष्ट्रों मे सभी लोग, जो तुम पर घटित हुआ, उसके बारे में शोकग्रस्त थे। [QE][QS2]जो तुम्हें हुआ, वह लोगों को भयभीत करेगा। [QE][QS]तुम समाप्त हो गये हो!’ ” [QE]
20. {#1सीदोन के विरुद्ध सन्देश } [PS]यहोवा वचन मुझे मिला। उसने कहा,
21. “मनुष्य के पुत्र, सीदोन पर ध्यान दो और मेरे लिये उस स्थान के विरुद्ध कुछ कहो।
22. कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: [PE][PBR] [QS]“ ‘सीदोन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ! [QE][QS2]तुम्हारे लोग मेरा सम्मान करना सीखेंगे, [QE][QS]मैं सीदोन को दण्ड दूँगा, [QE][QS2]तब लोग समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। [QE][QS]तब वे समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ [QE][QS2]और वे मुझको उस रूप में लेंगे। [QE]
23. [QS]मैं सीदोन में रोग और मृत्यु भेजूँगा, [QE][QS]नगर के बाहर तलवार (शत्रु सैनिक) उस मृत्यु को लायेगी। [QE][QS]तब वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ! [QE]
24. {#1राष्ट्र इस्राएल का मजाक उड़ाना बन्द करेंगे। }
25. [PS]“ ‘अतीत काल में इस्राएल के चारों ओर के देश उससे घृणा करते थे। किन्तु उन अन्य देशों के लिये बुरी घटनायें घटेंगी। कोई भी तेज काँटे या कंटीली झाड़ी इस्राएल के परिवार को घायल करने वाली नहीं रह जाएगी। तब वे जानेंगे कि मैं उनका स्वामी यहोवा हूँ।’ ” [PE][PS]मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैंने इस्राएल के लोगों को अन्य राष्ट्रों में बिखेर दिया। किन्तु मैं फिर इस्राएल के परिवार को एक साथ इकट्ठा करूँगा। तब वे राष्ट्र समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझे उसी रूप में लेंगे। उस समय इस्राएल के लोग अपने देश में रहेंगे अर्थात जिस देश को मैंने अपने सेवक याकूब को दिया।
26. वे उस देश में सुरक्षित रहेंगे। वे घर बनायेंगे तथा अंगूर की बेलें लगाएंगे। मैं उसके चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दूँगा जिन्होंने उससे घृणा की। तब इस्राएल के लोग सुरक्षित रहेंगे। तब वे समझेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।” [PE]
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सोर अपने को परमेश्वर समझता है 1 यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 2 “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “ ‘तुम बहुत घमण्डी हो! और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! मैं समुद्रों के मध्य में देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” “ ‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो। 3 तुम सोचते हो तुम दानिय्येल से बुद्धिमान हो! तुम समझते हो कि तुम सारे रहस्यों को जान लोगे! 4 अपनी बुद्धि और अपनी समझ से। तुमने सम्पत्ति स्वयं कमाई है और तुमने कोषागार में सोना—चाँदी रखा है। 5 अपनी तीव्र बुद्धि और व्यापार से तुमने अपनी सम्पत्ति बढ़ाई है, और अब तुम उस सम्पत्ति के कारण गर्वीले हो। 6 “ ‘अत: मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: सोर, तुमने सोचा तुम परमेश्वर की तरह हो। 7 मैं अजनबियों को तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये लाऊँगा। वे राष्ट्रों में बड़े भयंकर हैं! वे अपनी तलवारें बाहर खीचेंगे और उन सुन्दर चीजों के विरुद्ध चलाएंगे जिन्हें तुम्हारी बुद्धि ने कमाया। वे तुम्हारे गौरव को ध्वस्त करेंगे। 8 वे तुम्हें गिराकर कब्र में पहुँचाएंगे। तुम उस मल्लाह की तरह होगे जो समुद्र में मरा। 9 वह व्यक्ति तुमको मार डालेगा। क्या अब भी तुम कहोगे, “मैं परमेश्वर हूँ”? उस समय वह तुम्हें अपने अधिकार में करेगा। तुम समझ जाओगे कि तुम मनुष्य हो, परमेश्वर नहीं! 10 अजनबी तुम्हारे साथ विदेशी जैसा व्यवहार करेंगे, और तुमको मार डालेंगे। ये घटनाएँ होंगी क्योंकि मेरे पास आदेश शक्ति है!’ ” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। 11 यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 12 “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में करुण गीत गाओ। उससे कहो, ‘मेरे स्वामी यहोवा यह कहता है: “ ‘तुम आदर्श पुरुष थे, तुम बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण थे, तुम पूर्णत: सुन्दर थे, 13 तुम एदेन में थे परमेश्वर के उद्यान में तुम्हारे पास हर एक बहुमूल्य रत्न थे— लाल, पुखराज, हीरे, फिरोजा, गोमेद और जस्पर नीलम, हरितमणि और नीलमणि और ये हर एक रत्न सोने में जड़े थे। तुमको यह सौन्दर्य प्रदान किया गया था जिस दिन तुम्हारा जन्म हुआ था। परमेश्वर ने तुम्हें शक्तिशाली बनाया। 14 तुम चुने गए करुब (स्वर्गदूत) थे। तुम्हारे पंख मेरे सिंहासन पर फैले थे और मैंने तुमको परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर रखा। तुम उन रत्नों के बीच चले जो अग्नि की तरह कौंधते थे। 15 तुम अच्छे और ईमानदार थे जब मैंने तुम्हें बनाया। किन्तु इसके बाद तुम बुरे बन गए। 16 तुम्हारा व्यापार तुम्हारे पास बहुत सम्पत्ति लाता था। किन्तु उसने भी तुम्हारे भीतर क्रूरता उत्पन्न की और तुमने पाप किया। अत: मैंने तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार किया मानों तुम गन्दी चीज हो। मैंने तुम्हें परमेश्वर के पर्वत से फेंक दिया। तुम विशेष करुब (स्वर्गदूतों) में से एक थे, तुम्हारे पंख फैले थे मेरे सिंहासन पर किन्तु मैंने तुम्हें आग की तरह कौंधने वाले रत्नों को छोड़ने को विवश किया। 17 तुम अपने सौन्दर्य के कारण घमण्डी हो गए, तुम्हारे गौरव ने तुम्हारी बुद्धिमत्ता को नष्ट किया, इसलिये मैंने तुम्हें धरती पर ला फेंका, और अब अन्य राजा तुम्हें आँख फाड़ कर देखते हैं। 18 तुमने अनेक गलत काम किये, तुम बहुत कपटी व्यापारी थे। इस प्रकार तुमने पवित्र स्थानों को अपवित्र किया, इसलिए मैं तुम्हारे ही भीतर से अग्नि लाया, इसने तुमको जला दिया, तुम भूमि पर राख हो गए। अब हर कोई तुम्हारी लज्जा देख सकता है। 19 “ ‘अन्य राष्ट्रों मे सभी लोग, जो तुम पर घटित हुआ, उसके बारे में शोकग्रस्त थे। जो तुम्हें हुआ, वह लोगों को भयभीत करेगा। तुम समाप्त हो गये हो!’ ” सीदोन के विरुद्ध सन्देश 20 यहोवा वचन मुझे मिला। उसने कहा, 21 “मनुष्य के पुत्र, सीदोन पर ध्यान दो और मेरे लिये उस स्थान के विरुद्ध कुछ कहो। 22 कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “ ‘सीदोन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ! तुम्हारे लोग मेरा सम्मान करना सीखेंगे, मैं सीदोन को दण्ड दूँगा, तब लोग समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। तब वे समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझको उस रूप में लेंगे। 23 मैं सीदोन में रोग और मृत्यु भेजूँगा, नगर के बाहर तलवार (शत्रु सैनिक) उस मृत्यु को लायेगी। तब वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ! राष्ट्र इस्राएल का मजाक उड़ाना बन्द करेंगे। 24 25 “ ‘अतीत काल में इस्राएल के चारों ओर के देश उससे घृणा करते थे। किन्तु उन अन्य देशों के लिये बुरी घटनायें घटेंगी। कोई भी तेज काँटे या कंटीली झाड़ी इस्राएल के परिवार को घायल करने वाली नहीं रह जाएगी। तब वे जानेंगे कि मैं उनका स्वामी यहोवा हूँ।’ ” मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैंने इस्राएल के लोगों को अन्य राष्ट्रों में बिखेर दिया। किन्तु मैं फिर इस्राएल के परिवार को एक साथ इकट्ठा करूँगा। तब वे राष्ट्र समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझे उसी रूप में लेंगे। उस समय इस्राएल के लोग अपने देश में रहेंगे अर्थात जिस देश को मैंने अपने सेवक याकूब को दिया। 26 वे उस देश में सुरक्षित रहेंगे। वे घर बनायेंगे तथा अंगूर की बेलें लगाएंगे। मैं उसके चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दूँगा जिन्होंने उससे घृणा की। तब इस्राएल के लोग सुरक्षित रहेंगे। तब वे समझेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।”
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