पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
होशे
1. {#1इस्राएल के वैभव ने इस्राएल से मूर्ति पूजा करवाई } [QS]इस्राएल एक ऐसी दाखलता है [QE][QS2]जिस पर बहुतेरे फल लगते हैं। [QE][QS]इस्राएल ने परमेश्वर से अधिकाधिक वस्तुऐं पाई [QE][QS2]किन्तु वह झूठे देवताओं के लिये अनेकानेक वेदियाँ बनाता ही चला गया। [QE][QS]उसकी धरती अधिकाधिक उत्तम होने लगी [QE][QS2]सो वह अच्छे से अच्छा पत्थर झूठे देवताओं को मान देने के लिये पधराता गया। [QE]
2. [QS]इस्राएल के लोग परमेश्वर को धोखा देने का जतन करते ही रहे। [QE][QS2]किन्तु अब तो उन्हें निज अपराधमानना चाहिये। [QE][QS]यहोवा उनकी वेदियों को तोड़ फेंकेगा, [QE][QS2]वह स्मृति—स्तूपों को तहस—नहस करेगा। [QE]
3. {#1इस्राएलियों के बुरे निर्णय }
4. [PS]अब इस्राएल के लोग कहा करते हैं, “न तो हमारा कोई राजा है और न ही हम यहोवा का मान करते हैं! और उसका राजा हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता है!” [PE]
5. [PS]वे वचन तो देते हैं। किन्तु वचन देते हुए बस वे झूठ ही बोलते हैं।वे उन वचनों का पालन नहीं करते! दूसरे देशों के साथ वे ऐसी संधि करते हैं, जो संधि परमेश्वर को नहीं भाती। न्यायाधीश जोते हुए खेत में उगने वाले जहरीले खरपतवार के जैसे हो गये हैं । [PE][PS]शोमरोन के लोग बेतावेन में बछड़ों की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को वास्तव में विलाप करना होगा। वे याजक वास्तव में विलाप करेंगे क्योंकि उसकी सुन्दर मूर्ति कही चली गई है। उसे कहीं उठा ले जाया गया।
6. उसे अश्शूर के महान राजा को उपहार देने के लिये उठा ले जाया गया। एप्रैम की लज्जापूर्ण मूर्ति को वह ले लेगा। इस्राएल को अपनी मूर्तियों पर लज्जित होना होगा।
7. शोमरोन के झूठे देवता को नष्ट कर दिया जायेगा। वह पानी पर तैरते हुए किसी लकड़ी के टुकड़े जैसा हो जायेगा। [PE]
8.
9. [PS]इस्राएल ने पाप किये और ऊँचे स्थानों का निर्माण किया। आवेन के ऊँचे स्थान नष्ट कर दिये जायेंगे। उनकी वेदियों पर कँटीली झाड़ियाँ और खरपतवार उग आयेंगे। उस समय़ वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढक लो” और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर गिर पड़ो!” [PE]{#1इस्राएल को अपने पाप का भुगतान करना होगा } [PS]हे इस्राएल, तू गिबा के समय से ही पाप करता आया है। (वे लोग वहाँ पाप करते ही चले गये।) गिबा के वे दुष्ट लोग सचमुच युद्ध की पकड़ में आ जायेंगे।
10. उन्हें दण्ड देने के लिये मैं आऊँगा। उनके विरूद्ध इकट्ठी होकर सेनाएँ चढ़ आयेंगी। इस्राएलियों को उनके दोनों पापों के लिये वे दण्ड देंगी। [PE]
11.
12. [PS]“एप्रैम उस सुधारी हुई जवान गाय के समान है जिसे खलिहान में अनाज पर गहाई के लिये चलना अच्छा लगता है। मैं उसके कंधों पर एक उत्तम जुवा रखूँगा। मैं एप्रैम पर रस्सी लगाऊँगा। फिर यहूदा जुताई करेगा और स्वंय याकूब धरती को फोड़ेगा।” [PE]
13. [PS]यदि तुम नेकी को बोओगे तो सच्चे प्रेम की फसल काटोगे। अपनी धरती को जोतो और यहोवा की शरण जाओ। यहोवा आयेगा और वह तुम पर वर्षा की तरह नेकी बरसायेगा! [PE][PS]किन्तु तुमने तो बदी का बीज बोया है और विपत्ति की फसल काटी है। तुमने अपने झूठ का फल भोगा है। ऐसा इसलिये हुआ कि तुमने अपनी शक्ति और अपने सैनिकों पर विश्वास किया।
14. इसलिये तुम्हारी सेनायें युद्ध का शोर सुनेंगी और तुम्हारी गढ़ियाँ ढह जायेंगी। यह वैसा ही होगा जैसे बेतर्बेल नगर को युद्ध के समय शल्मन ने नष्ट कर दिया था। युद्ध के उस समय अपने बच्चों के साथ माताओं की हत्या कर दी गयी थी।
15. बेतेल में तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा क्योंकि तुमने बहुत से कुकर्म किये हैं। उस दिन के शुरू होने पर इस्राएल के राजा का पूरी तरह से विनाश हो जायेगा। [PE][PBR]
Total 14 अध्याय, Selected अध्याय 10 / 14
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इस्राएल के वैभव ने इस्राएल से मूर्ति पूजा करवाई 1 इस्राएल एक ऐसी दाखलता है जिस पर बहुतेरे फल लगते हैं। इस्राएल ने परमेश्वर से अधिकाधिक वस्तुऐं पाई किन्तु वह झूठे देवताओं के लिये अनेकानेक वेदियाँ बनाता ही चला गया। उसकी धरती अधिकाधिक उत्तम होने लगी सो वह अच्छे से अच्छा पत्थर झूठे देवताओं को मान देने के लिये पधराता गया। 2 इस्राएल के लोग परमेश्वर को धोखा देने का जतन करते ही रहे। किन्तु अब तो उन्हें निज अपराधमानना चाहिये। यहोवा उनकी वेदियों को तोड़ फेंकेगा, वह स्मृति—स्तूपों को तहस—नहस करेगा। इस्राएलियों के बुरे निर्णय 3 4 अब इस्राएल के लोग कहा करते हैं, “न तो हमारा कोई राजा है और न ही हम यहोवा का मान करते हैं! और उसका राजा हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता है!” 5 वे वचन तो देते हैं। किन्तु वचन देते हुए बस वे झूठ ही बोलते हैं।वे उन वचनों का पालन नहीं करते! दूसरे देशों के साथ वे ऐसी संधि करते हैं, जो संधि परमेश्वर को नहीं भाती। न्यायाधीश जोते हुए खेत में उगने वाले जहरीले खरपतवार के जैसे हो गये हैं । शोमरोन के लोग बेतावेन में बछड़ों की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को वास्तव में विलाप करना होगा। वे याजक वास्तव में विलाप करेंगे क्योंकि उसकी सुन्दर मूर्ति कही चली गई है। उसे कहीं उठा ले जाया गया। 6 उसे अश्शूर के महान राजा को उपहार देने के लिये उठा ले जाया गया। एप्रैम की लज्जापूर्ण मूर्ति को वह ले लेगा। इस्राएल को अपनी मूर्तियों पर लज्जित होना होगा। 7 शोमरोन के झूठे देवता को नष्ट कर दिया जायेगा। वह पानी पर तैरते हुए किसी लकड़ी के टुकड़े जैसा हो जायेगा। 8 9 इस्राएल ने पाप किये और ऊँचे स्थानों का निर्माण किया। आवेन के ऊँचे स्थान नष्ट कर दिये जायेंगे। उनकी वेदियों पर कँटीली झाड़ियाँ और खरपतवार उग आयेंगे। उस समय़ वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढक लो” और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर गिर पड़ो!” इस्राएल को अपने पाप का भुगतान करना होगा हे इस्राएल, तू गिबा के समय से ही पाप करता आया है। (वे लोग वहाँ पाप करते ही चले गये।) गिबा के वे दुष्ट लोग सचमुच युद्ध की पकड़ में आ जायेंगे। 10 उन्हें दण्ड देने के लिये मैं आऊँगा। उनके विरूद्ध इकट्ठी होकर सेनाएँ चढ़ आयेंगी। इस्राएलियों को उनके दोनों पापों के लिये वे दण्ड देंगी। 11 12 “एप्रैम उस सुधारी हुई जवान गाय के समान है जिसे खलिहान में अनाज पर गहाई के लिये चलना अच्छा लगता है। मैं उसके कंधों पर एक उत्तम जुवा रखूँगा। मैं एप्रैम पर रस्सी लगाऊँगा। फिर यहूदा जुताई करेगा और स्वंय याकूब धरती को फोड़ेगा।” 13 यदि तुम नेकी को बोओगे तो सच्चे प्रेम की फसल काटोगे। अपनी धरती को जोतो और यहोवा की शरण जाओ। यहोवा आयेगा और वह तुम पर वर्षा की तरह नेकी बरसायेगा! किन्तु तुमने तो बदी का बीज बोया है और विपत्ति की फसल काटी है। तुमने अपने झूठ का फल भोगा है। ऐसा इसलिये हुआ कि तुमने अपनी शक्ति और अपने सैनिकों पर विश्वास किया। 14 इसलिये तुम्हारी सेनायें युद्ध का शोर सुनेंगी और तुम्हारी गढ़ियाँ ढह जायेंगी। यह वैसा ही होगा जैसे बेतर्बेल नगर को युद्ध के समय शल्मन ने नष्ट कर दिया था। युद्ध के उस समय अपने बच्चों के साथ माताओं की हत्या कर दी गयी थी। 15 बेतेल में तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा क्योंकि तुमने बहुत से कुकर्म किये हैं। उस दिन के शुरू होने पर इस्राएल के राजा का पूरी तरह से विनाश हो जायेगा।
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