पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
होशे
1. {#1यहोवा की ओर मुड़ना } [PS]हे इस्राएल, तेरा पतन हुआ और तूने परमेश्वार के विरूद्ध पाप किया। इसलिये अब तू अपने परमेश्वार यहोवा की ओर लौट आ।
2. जो बातें तुझे कहनी हैं, उनके बारे में सोच और यहोवा की ओर लौट आ। उससे कह, [PE][PBR] [QS]“हमारे पापों को दूर कर [QE][QS2]और उन अच्छी बातों को स्वीकार कर जिन्हें हम कर रहे हैं। [QE][QS2]हम अपने मुख से तेरी स्तुति करेंगे।” [QE]
3. [QS]अश्शूर हमें बचा नहीं पायेगा। [QE][QS2]हम घोड़ों पर सवारी नहीं करेंगे। [QE][QS]हम फिर अपने ही हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को, [QE][QS2]“अपना परमेश्वार” नहीं कहेंगे। [QE][QS]क्यों? क्योंकि बिना माँ—बाप के अनाथ बच्चों पर [QE][QS2]दया दिखाने वाला बस तू ही है। [QE]
4. {#1यहोवा इस्राएल को क्षमा करेगा } [QS]यहोवा कहता है, “उन्होंने मुझे त्याग दिया। [QE][QS]मैं उन्हें इसके लिये क्षमा कर दूँगा। [QE][QS2]मैं उन्हें मुक्त भाव से प्रेम करुँगा। [QE][QS2]मैं अब उन पर क्रोधित नहीं हूँ। [QE]
5. [QS]मैं इस्राएल के निमित्त ओस सा बनूँगा। [QE][QS2]इस्राएल कुमुदिनी के फूल सा खिलेगा। [QE][QS2]उसकी बढ़वार लबानोन के देवदार वृक्षों सी होगी। [QE]
6. [QS]उसकी शाखायें जैतून के पेड़ सी बढ़ेंगी [QE][QS2]वह सुन्दर हो जायेगा। [QE][QS]वह उस सुगंध सा होगा जो [QE][QS2]लबानोन के देवदार वृक्षों से आती है। [QE]
7. [QS]इस्राएल के लोग फिर से मेरे संरक्षण में रहेंगे। [QE][QS2]उनकी बढ़वार अन्न की होगी, [QE][QS]वे अंगूर की बल से फलें—फूलेंगे। [QE][QS2]वे ऐसे सर्वप्रिय होंगे जैसे लबनोन का दाखमधु है।” [QE]
8. {#1इस्राएल को मूर्तियों के विषय में यहोवा की चेतावनी } [QS]“हे एप्रैम, मुझ यहोवा को इन मूर्तियों से कोई सरोकार नहीं है। [QE][QS2]मैं ही ऐसा हूँ जो तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर देता हूँ और तुम्हारी रखवाली करता हूँ। [QE][QS]मैं हरे—भरे सनोवर के पेड़ सा हूँ। [QE][QS2]तुम्हारे फल मुझसे ही आते हैं।” [QE]
9. {#1अन्तिम सम्मति } [QS]ये बातें बुद्धिमान व्यक्ति को समझना चाहिये, [QE][QS2]ये बातें किसी चतुर व्यक्ति को जाननी चाहियें। [QE][QS]यहोवा की राहें उचित है। [QE][QS2]सज्जन उसी रीति से जीयेंगे; [QE][QS2]और दुष्ट उन्हीं से मर जायेंगे। [QE][PBR]
Total 14 अध्याय, Selected अध्याय 14 / 14
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14
यहोवा की ओर मुड़ना 1 हे इस्राएल, तेरा पतन हुआ और तूने परमेश्वार के विरूद्ध पाप किया। इसलिये अब तू अपने परमेश्वार यहोवा की ओर लौट आ। 2 जो बातें तुझे कहनी हैं, उनके बारे में सोच और यहोवा की ओर लौट आ। उससे कह, “हमारे पापों को दूर कर और उन अच्छी बातों को स्वीकार कर जिन्हें हम कर रहे हैं। हम अपने मुख से तेरी स्तुति करेंगे।” 3 अश्शूर हमें बचा नहीं पायेगा। हम घोड़ों पर सवारी नहीं करेंगे। हम फिर अपने ही हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को, “अपना परमेश्वार” नहीं कहेंगे। क्यों? क्योंकि बिना माँ—बाप के अनाथ बच्चों पर दया दिखाने वाला बस तू ही है। यहोवा इस्राएल को क्षमा करेगा 4 यहोवा कहता है, “उन्होंने मुझे त्याग दिया। मैं उन्हें इसके लिये क्षमा कर दूँगा। मैं उन्हें मुक्त भाव से प्रेम करुँगा। मैं अब उन पर क्रोधित नहीं हूँ। 5 मैं इस्राएल के निमित्त ओस सा बनूँगा। इस्राएल कुमुदिनी के फूल सा खिलेगा। उसकी बढ़वार लबानोन के देवदार वृक्षों सी होगी। 6 उसकी शाखायें जैतून के पेड़ सी बढ़ेंगी वह सुन्दर हो जायेगा। वह उस सुगंध सा होगा जो लबानोन के देवदार वृक्षों से आती है। 7 इस्राएल के लोग फिर से मेरे संरक्षण में रहेंगे। उनकी बढ़वार अन्न की होगी, वे अंगूर की बल से फलें—फूलेंगे। वे ऐसे सर्वप्रिय होंगे जैसे लबनोन का दाखमधु है।” इस्राएल को मूर्तियों के विषय में यहोवा की चेतावनी 8 “हे एप्रैम, मुझ यहोवा को इन मूर्तियों से कोई सरोकार नहीं है। मैं ही ऐसा हूँ जो तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर देता हूँ और तुम्हारी रखवाली करता हूँ। मैं हरे—भरे सनोवर के पेड़ सा हूँ। तुम्हारे फल मुझसे ही आते हैं।” अन्तिम सम्मति 9 ये बातें बुद्धिमान व्यक्ति को समझना चाहिये, ये बातें किसी चतुर व्यक्ति को जाननी चाहियें। यहोवा की राहें उचित है। सज्जन उसी रीति से जीयेंगे; और दुष्ट उन्हीं से मर जायेंगे।
Total 14 अध्याय, Selected अध्याय 14 / 14
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References