पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यशायाह
1. [PS]ये बातें मैं तुझे बता रहा हूँ, तू समझ ले। सर्वशक्तिशाली यहोवा स्वामी, उन सभी वस्तुओं को छीन लेगा जिन पर यहूदा और यरूशलेम निर्भर रहते हैं। परमेश्वर समूचा भोजन और जल भी छीन लेगा।
2. परमेश्वर सभी नायकों और महायोद्धाओं को छीन लेगा। सभी न्यायाधीशों, भविष्यवक्ताओं, ज्योतिषियों और बुजुर्गों को परमेश्वर छीन लेगा।
3. परमेश्वर सेना नायकों और प्रशासनिक नेताओं को छीन लेगा। परमेश्वर सलाहकारों और उन बुद्धिमान को छीन लेगा जो जादू करते हैं और भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं। [PE]
4. [PS]परमेश्वर कहता है, “मैं जवान बच्चों को उनका नेता बना दूँगा। बच्चे उन पर राज करेंगे।
5. हर व्यक्ति आपस में एक दूसरे के विरुद्ध हो जायेगा। नवयुवक बड़े बूढ़ों का आदर नहीं करेंगे। साधारण लोग महत्वपूर्ण लोगों को आदर नहीं देंगे।” [PE]
6.
7. [PS]उस समय, अपने ही परिवार से कोई व्यक्ति अपने ही किसी भाई को पकड़ लेगा। वह व्यक्ति अपने भाई से कहेगा, “क्योंकि तेरे पास एक वस्त्र है, सो तू हमारा नेता होगा। इन सभी खण्डहरों का तू नेता बन जा।” [PE]
8. [PS]किन्तु वह भाई खड़ा हो कर कहेगा, “मैं तुम्हें सहारा नहीं दे सकता। मेरे घर पर्याप्त भोजन और वस्त्र नहीं हैं। तू मुझे अपना मुखिया नहीं बनायेगा।” [PE]
9. [PS]ऐसा इसलिये होगा क्योंकि यरूशलेम ने ठोकर खायी और उसने बुरा किया। यहूदा का पतन हो गया और उसने परमेश्वर का अनुसरण करना त्याग दिया। वे जो कहते हैं और जो करते हैं वह यहोवा के विरुद्ध है। उन्होंने यहोवा की महिमा के प्रति विद्रोह किया। [PE]
10. [PS]लोगों के चेहरों पर जो भाव हैं उनसे साफ़ दिखाई देता है कि वे बुरे कर्म करने के अपराधी हैं। किन्तु वे इन अपराधों को छुपाते नहीं है, बल्कि उन पर गर्व करते हुए अपने पापों की डोंडी पीटते हैं। वे ढीठ हैं। वे सदोम नगरी के लोगों के जैसे हैं। उन्हें इस बात की परवाह नही. है कि उनके पापों को कौन देख रहा है। यह उनके लिये बहुत बुरा होगा। अपने ऊपर इतनी बड़ी विपत्ति उन्होनें स्वयं बुलाई है। [PE][PS]अच्छे लोगों को बता दो कि उनके साथ अच्छी बातें घटेंगी। जो अच्छे कर्म वे करते हैं, उनका सुफल वे पायेंगे।
11. किन्तु बुरे लोगों के लिए यह बहुत बुरा होगा। उन पर बड़ी विपत्ति टूट पड़ेगी। जो बुरे काम उन्होंने किये हैं, उन सब के लिये उन्हें दण्ड दिया जायेगा।
12. मेरे लोगों को बच्चे निर्दयतापूर्वक सताएँगे। उन पर स्त्रियाँ राज करेंगी। [PE]
13. [PS]हे मेरे लोगों, तुम्हारे अगुआ तुम्हें बुरे रास्ते पर ले जायेंगे। सही मार्ग से वे तुम्हें भटका देंगे। [PE]{#1अपने लोगों के बारे में परमेश्वर का निर्णय } [PS]यहोवा अपने लोगों के विरोध में मुकदमा लड़ने के लिए खड़ा होगा। वह अपने लोगों का न्याय करने के लिए खड़ा होगा।
14. बुजुर्गों और अगुवाओं ने जो काम किये हैं यहोवा उनके विरुद्ध अभियोग चलाएगा। [PE][PS]यहोवा कहता है, “तुम लोगों ने अँगूर के बागों को (यहूदा को) जला डाला है। तुमने गरीब लोगों की वस्तुएँ ले लीं और वे वस्तुएँ अभी भी तुम्हारे घरों में हैं।
15. मेरे लोगों को सताने का अधिकार तुम्हें किसने दिया गरीब लोगों को मुँह के बल धूल में धकेलने का अधिकार तुम्हें किसने दिया” मेरे स्वामी, सर्वशक्तिशाली यहोवा ने यें बातें कहीं थीं। [PE]
16.
17. [PS]यहोवा कहता है, “सिय्योन की स्त्रियाँ बहुत घमण्डी हो गयी हैं। वे सिर उठाये हुए और ऐसा आचरण करते हुए, जैसे वे दूसरे लोगों से उत्तम हों, इधर—उधर घूमती रहती हैं। वे स्त्रियाँ अपनी आँखें मटकाती रहती हैं तथा अपने पैरों की पाजेब झंकारती हुई इधर—उधर ठुमकती फिरती हैं।” [PE][PS]सिय्योन की ऐसी स्त्रियों के सिरों पर मेरा स्वामी फोड़े निकालेगा। यहोवा उन स्त्रियों को गंजा कर देगा।
18. उस समय, यहोवा उनसे वे सब वस्तुएँ छीन लेगा जिन पर उन्हें नाज़ थाः पैरों के सुन्दर पाजेब, सूरज और चाँद जैसे दिखने वाले कंठहार,
19. बुन्दे, कंगन तथा ओढ़नी,
20. माथापट्टी, पैर की झाँझर, कमरबंद, इत्र की शीशियाँ और ताबीज़ जिन्हें वे अपने कण्ठहारों में धारण करती थीं।
21. मुहरदार अंगूठियाँ, नाक की बालियाँ,
22. उत्तम वस्त्र, टोपियाँ, चादरें, बटुए,
23. दर्पण, मलमल के कपड़े, पगड़ीदार टोपियाँ और लम्बे दुशाले। [PE]
24.
25. [PS]वे स्त्रियाँ जिनके पास इस समय सुगंधित इत्र हैं, उस समय उनकी वह सुगंध फफूंद और सड़ाहट से भर जायेगी। अब वे तगड़ियाँ पहनती है। किन्तु उस समय पहनने को बस उनके पास रस्से होंगे। इस समय वे सुशोभित जूड़े बाँधती हैं। किन्तु उस समय उनके सिर मुड़वा दिये जायेंगे। उनके एक बाल तक नहीं होगा। आज उनके पास सुन्दर पोशाकें हैं। किन्तु उस समय उनके पास केवल शोक वस्त्र होंगे। जिनके मुख आज खूबसूरत हैं उस समय वे शर्मनाक होंगे। [PE][PS]उस समय, तेरे योद्धा युद्धों में मार दिये जायेंगे। तेरे बहादुर युद्ध में मारे जायेंगे।
26. नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी। [PE]
Total 66 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 66
1 ये बातें मैं तुझे बता रहा हूँ, तू समझ ले। सर्वशक्तिशाली यहोवा स्वामी, उन सभी वस्तुओं को छीन लेगा जिन पर यहूदा और यरूशलेम निर्भर रहते हैं। परमेश्वर समूचा भोजन और जल भी छीन लेगा। 2 परमेश्वर सभी नायकों और महायोद्धाओं को छीन लेगा। सभी न्यायाधीशों, भविष्यवक्ताओं, ज्योतिषियों और बुजुर्गों को परमेश्वर छीन लेगा। 3 परमेश्वर सेना नायकों और प्रशासनिक नेताओं को छीन लेगा। परमेश्वर सलाहकारों और उन बुद्धिमान को छीन लेगा जो जादू करते हैं और भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं। 4 परमेश्वर कहता है, “मैं जवान बच्चों को उनका नेता बना दूँगा। बच्चे उन पर राज करेंगे। 5 हर व्यक्ति आपस में एक दूसरे के विरुद्ध हो जायेगा। नवयुवक बड़े बूढ़ों का आदर नहीं करेंगे। साधारण लोग महत्वपूर्ण लोगों को आदर नहीं देंगे।” 6 7 उस समय, अपने ही परिवार से कोई व्यक्ति अपने ही किसी भाई को पकड़ लेगा। वह व्यक्ति अपने भाई से कहेगा, “क्योंकि तेरे पास एक वस्त्र है, सो तू हमारा नेता होगा। इन सभी खण्डहरों का तू नेता बन जा।” 8 किन्तु वह भाई खड़ा हो कर कहेगा, “मैं तुम्हें सहारा नहीं दे सकता। मेरे घर पर्याप्त भोजन और वस्त्र नहीं हैं। तू मुझे अपना मुखिया नहीं बनायेगा।” 9 ऐसा इसलिये होगा क्योंकि यरूशलेम ने ठोकर खायी और उसने बुरा किया। यहूदा का पतन हो गया और उसने परमेश्वर का अनुसरण करना त्याग दिया। वे जो कहते हैं और जो करते हैं वह यहोवा के विरुद्ध है। उन्होंने यहोवा की महिमा के प्रति विद्रोह किया। 10 लोगों के चेहरों पर जो भाव हैं उनसे साफ़ दिखाई देता है कि वे बुरे कर्म करने के अपराधी हैं। किन्तु वे इन अपराधों को छुपाते नहीं है, बल्कि उन पर गर्व करते हुए अपने पापों की डोंडी पीटते हैं। वे ढीठ हैं। वे सदोम नगरी के लोगों के जैसे हैं। उन्हें इस बात की परवाह नही. है कि उनके पापों को कौन देख रहा है। यह उनके लिये बहुत बुरा होगा। अपने ऊपर इतनी बड़ी विपत्ति उन्होनें स्वयं बुलाई है। अच्छे लोगों को बता दो कि उनके साथ अच्छी बातें घटेंगी। जो अच्छे कर्म वे करते हैं, उनका सुफल वे पायेंगे। 11 किन्तु बुरे लोगों के लिए यह बहुत बुरा होगा। उन पर बड़ी विपत्ति टूट पड़ेगी। जो बुरे काम उन्होंने किये हैं, उन सब के लिये उन्हें दण्ड दिया जायेगा। 12 मेरे लोगों को बच्चे निर्दयतापूर्वक सताएँगे। उन पर स्त्रियाँ राज करेंगी। 13 हे मेरे लोगों, तुम्हारे अगुआ तुम्हें बुरे रास्ते पर ले जायेंगे। सही मार्ग से वे तुम्हें भटका देंगे। अपने लोगों के बारे में परमेश्वर का निर्णय यहोवा अपने लोगों के विरोध में मुकदमा लड़ने के लिए खड़ा होगा। वह अपने लोगों का न्याय करने के लिए खड़ा होगा। 14 बुजुर्गों और अगुवाओं ने जो काम किये हैं यहोवा उनके विरुद्ध अभियोग चलाएगा। यहोवा कहता है, “तुम लोगों ने अँगूर के बागों को (यहूदा को) जला डाला है। तुमने गरीब लोगों की वस्तुएँ ले लीं और वे वस्तुएँ अभी भी तुम्हारे घरों में हैं। 15 मेरे लोगों को सताने का अधिकार तुम्हें किसने दिया गरीब लोगों को मुँह के बल धूल में धकेलने का अधिकार तुम्हें किसने दिया” मेरे स्वामी, सर्वशक्तिशाली यहोवा ने यें बातें कहीं थीं। 16 17 यहोवा कहता है, “सिय्योन की स्त्रियाँ बहुत घमण्डी हो गयी हैं। वे सिर उठाये हुए और ऐसा आचरण करते हुए, जैसे वे दूसरे लोगों से उत्तम हों, इधर—उधर घूमती रहती हैं। वे स्त्रियाँ अपनी आँखें मटकाती रहती हैं तथा अपने पैरों की पाजेब झंकारती हुई इधर—उधर ठुमकती फिरती हैं।” सिय्योन की ऐसी स्त्रियों के सिरों पर मेरा स्वामी फोड़े निकालेगा। यहोवा उन स्त्रियों को गंजा कर देगा। 18 उस समय, यहोवा उनसे वे सब वस्तुएँ छीन लेगा जिन पर उन्हें नाज़ थाः पैरों के सुन्दर पाजेब, सूरज और चाँद जैसे दिखने वाले कंठहार, 19 बुन्दे, कंगन तथा ओढ़नी, 20 माथापट्टी, पैर की झाँझर, कमरबंद, इत्र की शीशियाँ और ताबीज़ जिन्हें वे अपने कण्ठहारों में धारण करती थीं। 21 मुहरदार अंगूठियाँ, नाक की बालियाँ, 22 उत्तम वस्त्र, टोपियाँ, चादरें, बटुए, 23 दर्पण, मलमल के कपड़े, पगड़ीदार टोपियाँ और लम्बे दुशाले। 24 25 वे स्त्रियाँ जिनके पास इस समय सुगंधित इत्र हैं, उस समय उनकी वह सुगंध फफूंद और सड़ाहट से भर जायेगी। अब वे तगड़ियाँ पहनती है। किन्तु उस समय पहनने को बस उनके पास रस्से होंगे। इस समय वे सुशोभित जूड़े बाँधती हैं। किन्तु उस समय उनके सिर मुड़वा दिये जायेंगे। उनके एक बाल तक नहीं होगा। आज उनके पास सुन्दर पोशाकें हैं। किन्तु उस समय उनके पास केवल शोक वस्त्र होंगे। जिनके मुख आज खूबसूरत हैं उस समय वे शर्मनाक होंगे। उस समय, तेरे योद्धा युद्धों में मार दिये जायेंगे। तेरे बहादुर युद्ध में मारे जायेंगे। 26 नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी।
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