पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यशायाह
1. {#1परमेश्वर कुस्रू को इस्राएल की मुक्ति के लिये चुनता है } [PS]ये वे बातें हैं जिन्हें यहोवा अपने चुने हुए राजा कुस्रू से कहता है: [PE][PBR] [QS]“मैं कुस्रू का दाहिना हाथ थामूँगा। [QE][QS2]मैं राजाओं की शक्ति छीनने में उसकी सहायता करूँगा। [QE][QS2]नगर द्वार कुस्रू को रोक नहीं पायेंगे। [QE][QS2]मैं नगर के द्वार खोल दूँगा, और कुस्रू भीतर चला जायेगा। [QE]
2. [QS]कुस्रू, तेरी सेनाएँ आगे बढ़ेंगी और मैं तेरे आगे चलूँगा। [QE][QS2]मैं पर्वतों को समतल कर दूँगा। [QE][QS2]मैं काँसे के नगर—द्वारों को तोड़ डालूँगा। [QE][QS2]मैं द्वार पर लगी लोहे की आँगल को काट डालूँगा। [QE]
3. [QS]मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा। [QE][QS2]मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा। [QE][QS]मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ! [QE]
4. [QS]मैं ये बातें अपने सेवक याकूब के लिये करता हूँ। [QE][QS2]मैं ये बातें इस्राएल के अपने चुने हुए लोगों के लिये करता हूँ। [QE][QS]कुस्रू, मैं तुझे नाम से पुकार रहा हूँ। [QE][QS2]तू मुझको नहीं जानता है, किन्तु मैं तुझको सम्मान की उपाधि दे रहा हूँ। [QE]
5. [QS]मैं यहोवा हूँ! मैं ही मात्र एक परमेश्वर हूँ। [QE][QS2]मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं है। [QE][QS]मैं तुझे तेरा कमरबन्ध पहनाता हूँ, किन्तु फिर भी तू मुझको नहीं पहचानता है। [QE]
6. [QS]मैं यह काम करता हूँ ताकि सब लोग जान जायें कि मैं ही मात्र परमेश्वर हूँ। [QE][QS2]पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग ये जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं। [QE]
7. [QS]मैंने प्रकाश को बनाया और मैंने ही अन्धकार को रचा। [QE][QS2]मैंने शान्ति को सृजा और विपत्तियाँ भी मैंने ही बनायीं हैं। [QE][QS]मैं यहोवा हूँ। [QE][QS2]मैं ही ये सब बातें करता हूँ। [QE][PBR]
8. [QS]“उपर आकाश से पुण्य ऐसे बरसता है जैसे मेघ से वर्षा धरती पर बरसती है! [QE][QS2]धरती खुल जाती है और पुण्य कर्म उसके साथ—साथ उग आते हैं जो मुक्ति में फलते फूलते हैं। [QE][QS]मैंने, मुझ यहोवा ने ही यह सब किया है। [QE]
9. {#1परमेश्वर अपनी सृष्टि का नियन्त्रण करता हैं } [PS]“धिक्कार है इन लोगों को, यें उसी से बहस कर रहे हैं जिसने इन्हें बनाया है। ये किसी टूटे हुए घड़े के ठीकरों के जैसे हैं। कुम्हार नरम गीली मिट्टी से घड़ा बनाता है पर मिट्टी उससे नहीं पूछती ‘अरे, तू क्या कर रहा है?’ वस्तुएँ जो बनायी गयी हैं, वे यह शक्ति नहीं रखतीं कि अपने बनाने वाले से कोई प्रश्न पूछे। ये लोग भी मिट्टी के टूटे घड़े के ठीकरों के जैसे हैं।
10. अरे, एक पिता जब अपने पुत्रों को माता में जन्म दे रहा होता है तो बच्चे उससे यह नहीं पूछ सकते कि, ‘तू हमें जन्म क्यों दे रहा है?’ बच्चे अपनी माँ से यह सवाल नहीं कर सकते हैं कि, ‘तू हमें क्यों पैदा कर रही है?’ ” [PE]
11. [PS]परमेश्वर यहोवा इस्राएल का पवित्र है। उसने इस्राएल को बनाया। यहोवा कहता है, [PE][PBR] [QS]“क्या तू मुझसे मेरे बच्चों के बारे में पूछेगा अथवा तू मुझे आदेश देगा उनके ही बारे में जिस को मैंने अपने हाथों से रचा। [QE]
12. [QS]सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। [QE][QS2]मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ। [QE]
13. [QS]कुस्रू को मैंने ही उसकी शक्ति दी है ताकि वह भले कार्य करे। [QE][QS2]उसके काम को मैं सरल बनाऊँगा। [QE][QS]कुस्रू मेरे नगर को फिर से बनायेगा और मेरे लोगों को वह स्वतन्त्र कर देगा। [QE][QS2]कुस्रू मेरे लोगों को मुझे नहीं बेचेगा। [QE][QS]इन कामों को करने के लिये मुझे उसको कोई मोल नहीं चुकाना पड़ेगा। [QE][QS2]लोग स्वतन्त्र हो जायेंगे और मेरा कुछ भी मोल नहीं लगेगा।” [QE][QS]सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं। [QE][PBR]
14. [QS]यहोवा कहता है, “मिस्र और कूश ने बहुत वस्तुएँ बनायी थी, [QE][QS2]किन्तु हे इस्राएल, तुम वे वस्तुएँ पाओगे। [QE][QS]सेबा के लम्बे लोग तुम्हारे होंगे। [QE][QS2]वे अपने गर्दन के चारों ओर जंजीर लिये हुए तुम्हारे पीछे पीछे चलेंगे। [QE][QS]वे लोग तुम्हारे सामने झुकेंगे, [QE][QS2]और वे तुमसे विनती करेंगे।” [QE][QS]इस्राएल, परमेश्वर तेरे साथ है, [QE][QS2]और उसे छोड़ कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। [QE][PBR]
15. [QS]हे परमेश्वर, तू वह परमेश्वर है जिसे लोग देख नहीं सकते। [QE][QS2]तू ही इस्राएल का उद्धारकर्ता है। [QE]
16. [QS]बहुत से लोग मिथ्या देवता बनाया करते हैं। [QE][QS2]किन्तु वे लोग तो निराश ही होंगे। [QE][QS]वे सभी लोग तो लज्जित हो जायेंगे। [QE]
17. [QS]किन्तु इस्राएल यहोवा के द्वारा बचा लिया जायेगा। [QE][QS2]वह मुक्ति युगों तक बनी रहेगी। [QE][QS]फिर इस्राएल कभी भी लज्जित नहीं होगा। [QE]
18. [QS]यहोवा ही परमेश्वर है। [QE][QS2]उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। [QE][QS2]यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। [QE][QS]जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। [QE][QS2]उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। [QE][QS]मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। [QE]
19. [QS]मैंने अकेले ये बातें नहीं कीं। मैंने मुक्त भाव से कहा है। [QE][QS2]संसार के किसी भी अन्धेरे में मैं अपने वचन नहीं छुपाता। [QE][QS]मैंने याकूब के लोगों से नहीं कहा कि वे मुझे विरान स्थानों पर ढूँढे। [QE][QS2]मैं परमेश्वर हूँ, और मैं सत्य बोलता हूँ। [QE][QS]मैं वही बातें कहता हूँ जो सत्य हैं। [QE]
20. {#1यहोवा सिद्ध करता है कि वह ही परमेश्वर है } [PS]“तुम लोग दूसरी जातियों से बच भागे। सो आपस में इकट्ठे हो जाओ और मेरे सामने आओ। (यें लोग अपने साथ मिथ्या देवों के मूर्ति रखते हैं और इन बेकार के देवताओं से प्रार्थना करते हैं। किन्तु यें लोग यह नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं
21. इन लोगों को मेरे पास आने को कहो। इन लोगों को अपने तर्क पेश करने दो।) [PE][PS]“वे बातें जो बहुत दिनों पहले घटी थीं, उनके बारे में तुम्हें किसने बताया बहुत—बहुत दिनों पहले से ही इन बातों को निरन्तर कौन बताता रहा वह मैं यहोवा ही हूँ जिसने ये बातें बतायी थीं। मैं ही एक मात्र यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है क्या ऐसा कोई और है जो अपने लोगों की रक्षा करता है नहीं, ऐसा कोई अन्य परमेश्वर नहीं है!
22. हे हर कहीं के लोगों, तुम्हें इन झूठे देवताओं के पीछे चलना छोड़ देना चाहिये। तुम्हें मेरा अनुसरण करना चाहिये और सुरक्षित हो जाना चाहिये। मैं परमेश्वर हूँ। मुझ से अन्य कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। परमेश्वर केवल मैं ही हूँ। [PE]
23. [PS]“मैंने स्वयं अपनी शक्ति को साक्षी करके प्रतिज्ञा की है। यह एक उत्तम वचन है। यह एक आदेश है जो पूरा होगा ही। हर व्यक्ति मेरे (परमेश्वर के) आगे झुकेगा और हर व्यक्ति मेरा अनुसरण करने का वचन देगा।
24. लोग कहेंगे, ‘नेकी और शक्ति बस यहोवा से मिलती है।’ ” [PE][PS]कुछ लोग यहोवा से नाराज़ हैं, किन्तु यहोवा का साक्षी आयेगा और यहोवा ने जो किया है, उसे बतायेगा। इस प्रकार वे नाराज़ लोग निराश होंगे।
25. यहोवा अच्छे काम करने के लिए इस्राएल के लोगों को विजयी बनाएगा और लोग उसकी प्रशंसा करेंगे। [PE]
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परमेश्वर कुस्रू को इस्राएल की मुक्ति के लिये चुनता है 1 ये वे बातें हैं जिन्हें यहोवा अपने चुने हुए राजा कुस्रू से कहता है: “मैं कुस्रू का दाहिना हाथ थामूँगा। मैं राजाओं की शक्ति छीनने में उसकी सहायता करूँगा। नगर द्वार कुस्रू को रोक नहीं पायेंगे। मैं नगर के द्वार खोल दूँगा, और कुस्रू भीतर चला जायेगा। 2 कुस्रू, तेरी सेनाएँ आगे बढ़ेंगी और मैं तेरे आगे चलूँगा। मैं पर्वतों को समतल कर दूँगा। मैं काँसे के नगर—द्वारों को तोड़ डालूँगा। मैं द्वार पर लगी लोहे की आँगल को काट डालूँगा। 3 मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा। मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा। मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ! 4 मैं ये बातें अपने सेवक याकूब के लिये करता हूँ। मैं ये बातें इस्राएल के अपने चुने हुए लोगों के लिये करता हूँ। कुस्रू, मैं तुझे नाम से पुकार रहा हूँ। तू मुझको नहीं जानता है, किन्तु मैं तुझको सम्मान की उपाधि दे रहा हूँ। 5 मैं यहोवा हूँ! मैं ही मात्र एक परमेश्वर हूँ। मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं है। मैं तुझे तेरा कमरबन्ध पहनाता हूँ, किन्तु फिर भी तू मुझको नहीं पहचानता है। 6 मैं यह काम करता हूँ ताकि सब लोग जान जायें कि मैं ही मात्र परमेश्वर हूँ। पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग ये जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं। 7 मैंने प्रकाश को बनाया और मैंने ही अन्धकार को रचा। मैंने शान्ति को सृजा और विपत्तियाँ भी मैंने ही बनायीं हैं। मैं यहोवा हूँ। मैं ही ये सब बातें करता हूँ। 8 “उपर आकाश से पुण्य ऐसे बरसता है जैसे मेघ से वर्षा धरती पर बरसती है! धरती खुल जाती है और पुण्य कर्म उसके साथ—साथ उग आते हैं जो मुक्ति में फलते फूलते हैं। मैंने, मुझ यहोवा ने ही यह सब किया है। परमेश्वर अपनी सृष्टि का नियन्त्रण करता हैं 9 “धिक्कार है इन लोगों को, यें उसी से बहस कर रहे हैं जिसने इन्हें बनाया है। ये किसी टूटे हुए घड़े के ठीकरों के जैसे हैं। कुम्हार नरम गीली मिट्टी से घड़ा बनाता है पर मिट्टी उससे नहीं पूछती ‘अरे, तू क्या कर रहा है?’ वस्तुएँ जो बनायी गयी हैं, वे यह शक्ति नहीं रखतीं कि अपने बनाने वाले से कोई प्रश्न पूछे। ये लोग भी मिट्टी के टूटे घड़े के ठीकरों के जैसे हैं। 10 अरे, एक पिता जब अपने पुत्रों को माता में जन्म दे रहा होता है तो बच्चे उससे यह नहीं पूछ सकते कि, ‘तू हमें जन्म क्यों दे रहा है?’ बच्चे अपनी माँ से यह सवाल नहीं कर सकते हैं कि, ‘तू हमें क्यों पैदा कर रही है?’ ” 11 परमेश्वर यहोवा इस्राएल का पवित्र है। उसने इस्राएल को बनाया। यहोवा कहता है, “क्या तू मुझसे मेरे बच्चों के बारे में पूछेगा अथवा तू मुझे आदेश देगा उनके ही बारे में जिस को मैंने अपने हाथों से रचा। 12 सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ। 13 कुस्रू को मैंने ही उसकी शक्ति दी है ताकि वह भले कार्य करे। उसके काम को मैं सरल बनाऊँगा। कुस्रू मेरे नगर को फिर से बनायेगा और मेरे लोगों को वह स्वतन्त्र कर देगा। कुस्रू मेरे लोगों को मुझे नहीं बेचेगा। इन कामों को करने के लिये मुझे उसको कोई मोल नहीं चुकाना पड़ेगा। लोग स्वतन्त्र हो जायेंगे और मेरा कुछ भी मोल नहीं लगेगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं। 14 यहोवा कहता है, “मिस्र और कूश ने बहुत वस्तुएँ बनायी थी, किन्तु हे इस्राएल, तुम वे वस्तुएँ पाओगे। सेबा के लम्बे लोग तुम्हारे होंगे। वे अपने गर्दन के चारों ओर जंजीर लिये हुए तुम्हारे पीछे पीछे चलेंगे। वे लोग तुम्हारे सामने झुकेंगे, और वे तुमसे विनती करेंगे।” इस्राएल, परमेश्वर तेरे साथ है, और उसे छोड़ कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। 15 हे परमेश्वर, तू वह परमेश्वर है जिसे लोग देख नहीं सकते। तू ही इस्राएल का उद्धारकर्ता है। 16 बहुत से लोग मिथ्या देवता बनाया करते हैं। किन्तु वे लोग तो निराश ही होंगे। वे सभी लोग तो लज्जित हो जायेंगे। 17 किन्तु इस्राएल यहोवा के द्वारा बचा लिया जायेगा। वह मुक्ति युगों तक बनी रहेगी। फिर इस्राएल कभी भी लज्जित नहीं होगा। 18 यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। 19 मैंने अकेले ये बातें नहीं कीं। मैंने मुक्त भाव से कहा है। संसार के किसी भी अन्धेरे में मैं अपने वचन नहीं छुपाता। मैंने याकूब के लोगों से नहीं कहा कि वे मुझे विरान स्थानों पर ढूँढे। मैं परमेश्वर हूँ, और मैं सत्य बोलता हूँ। मैं वही बातें कहता हूँ जो सत्य हैं। यहोवा सिद्ध करता है कि वह ही परमेश्वर है 20 “तुम लोग दूसरी जातियों से बच भागे। सो आपस में इकट्ठे हो जाओ और मेरे सामने आओ। (यें लोग अपने साथ मिथ्या देवों के मूर्ति रखते हैं और इन बेकार के देवताओं से प्रार्थना करते हैं। किन्तु यें लोग यह नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं 21 इन लोगों को मेरे पास आने को कहो। इन लोगों को अपने तर्क पेश करने दो।) “वे बातें जो बहुत दिनों पहले घटी थीं, उनके बारे में तुम्हें किसने बताया बहुत—बहुत दिनों पहले से ही इन बातों को निरन्तर कौन बताता रहा वह मैं यहोवा ही हूँ जिसने ये बातें बतायी थीं। मैं ही एक मात्र यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है क्या ऐसा कोई और है जो अपने लोगों की रक्षा करता है नहीं, ऐसा कोई अन्य परमेश्वर नहीं है! 22 हे हर कहीं के लोगों, तुम्हें इन झूठे देवताओं के पीछे चलना छोड़ देना चाहिये। तुम्हें मेरा अनुसरण करना चाहिये और सुरक्षित हो जाना चाहिये। मैं परमेश्वर हूँ। मुझ से अन्य कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। परमेश्वर केवल मैं ही हूँ। 23 “मैंने स्वयं अपनी शक्ति को साक्षी करके प्रतिज्ञा की है। यह एक उत्तम वचन है। यह एक आदेश है जो पूरा होगा ही। हर व्यक्ति मेरे (परमेश्वर के) आगे झुकेगा और हर व्यक्ति मेरा अनुसरण करने का वचन देगा। 24 लोग कहेंगे, ‘नेकी और शक्ति बस यहोवा से मिलती है।’ ” कुछ लोग यहोवा से नाराज़ हैं, किन्तु यहोवा का साक्षी आयेगा और यहोवा ने जो किया है, उसे बतायेगा। इस प्रकार वे नाराज़ लोग निराश होंगे। 25 यहोवा अच्छे काम करने के लिए इस्राएल के लोगों को विजयी बनाएगा और लोग उसकी प्रशंसा करेंगे।
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