पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यशायाह
1. {#1नया यरूशलेम: नेकी का एक नगर } [QS]मुझको सिय्योन से प्रेम है [QE][QS2]अत: मैं उसके लिये बोलता रहूँगा। [QE][QS]मुझको यरूशलेम से प्रेम है [QE][QS2]अत: मैं चुप न होऊँगा। [QE][QS]मैं उस समय तक बोलता रहूँगा जब तक नेकी चमकती हुई ज्योति सी नहीं चमकेगी। [QE][QS2]मैं उस समय तक बोलता रहूँगा जब तक उद्धार आग की लपट सा भव्य बन कर नहीं धधकेगा। [QE]
2. [QS]फिर सभी देश तेरी नेकी को देखेंगे। [QE][QS2]तेरे सम्मान को सब राजा देखेंगे। [QE][QS]तभी तू एक नया नाम पायेगा। [QE][QS2]स्वयं यहोवा तुम लोगों के लिये वह नया नाम पायेगा। [QE]
3. [QS]यहोवा को तुम लोगों पर बहुत गर्व होगा। [QE][QS2]तुम यहोवा के हाथों में सुन्दर मुकुट के समान होगे। [QE]
4. [QS]फिर तुम कभी ऐसे जन नहीं कहलाओगे, ‘परमेश्वर के त्यागे हुए लोग।’ [QE][QS2]तुम्हारी धरती कभी ऐसी धरती नहीं कहलायेगी जिसे ‘परमेश्वर ने उजाड़ा।’ [QE][QS]तुम लोग ‘परमेश्वर के प्रिय जन’ कहलाओगे। [QE][QS2]तुम्हारी धरती ‘परमेश्वर की दुल्हिन’ कहलायेगी। [QE][QS]क्यों क्योंकि यहोवा तुमसे प्रेम करता है [QE][QS2]और तुम्हारी धरती उसकी हो जायेगी। [QE]
5. [QS]जैसे एक युवक कुँवारी को ब्याहता है। [QE][QS2]वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे। [QE][QS]और जैसे दुल्हा अपनी दल्हिन के संग आनन्दित होता है [QE][QS2]वैसे ही तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे संग प्रसन्न होगा। [QE][PBR]
6. [QS]यरूशलेम की चारदीवारी मैंने रखवाले (नबी) बैठा दिये हैं कि उसका ध्यान रखें। [QE][QS2]ये रखवाले मूक नहीं रहेंगे। [QE][QS2]यह रखवाले यहोवा को तुम्हारी जरूरतों की याद दिलाते हैं। [QE][PBR] [QS]हे रखवालों, तुम्हें चुप नहीं होना चाहिये। [QE][QS2]तुमको यहोवा से प्रार्थना करना बन्द नहीं करना चाहिये। [QE][QS2]तुमको सदा उसकी प्रार्थना करते ही रहना चाहिये। [QE]
7. [QS]जब तक वह फिर से यरूशलेम का निर्माण न कर दे, तब तक तुम उसकी प्रार्थना करते रहो। [QE][QS2]यरूशलेम एक ऐसा नगर है जिसका धरती के सभी लोग यश गायेंगे। [QE][PBR]
8. [QS]यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति को प्रमाण बनाते हुए वाचा की [QE][QS2]और यहोवा अपनी शक्ति के प्रयोग से ही उस वाचा को पालेगा। [QE][QS]यहोवा ने कहा था, “मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि मैं तुम्हारे भोजन को कभी तुम्हारे शत्रु को न दूँगा। [QE][QS2]मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि तुम्हारी बनायी दाखमधु तुम्हारा शत्रु कभी नहीं ले पायेगा। [QE]
9. [QS]जो व्यक्ति खाना जुटाता है, वही उसे खायेगा और वह व्यक्ति यहोवा के गुण गायेगा। [QE][QS2]वह व्यक्ति जो अंगूर बीनता है, वही उन अंगूरों की बनी दाखमधु पियेगा। [QE][QS]मेरी पवित्र धरती पर ऐसी बातें हुआ करेंगी।” [QE][PBR]
10. [QS]द्वार से होते हुए आओ! [QE][QS2]लोगों के लिये राहें साफ करो! [QE][QS]मार्ग को तैयार करो! [QE][QS2]राह पर के पत्थर हटा दो! [QE][QS]लोगों के लिये संकेत के रूप में झण्डा उठा दो! [QE][PBR]
11. [QS]यहोवा सभी दूर देशों के लिये बोल रहा है: [QE][QS2]“सिय्योन के लोगों से कह दो: [QE][QS]देखो, तुम्हारा उद्धारकर्ता आ रहा है। [QE][QS2]वह तुम्हारा प्रतिफल ला रहा है। [QE][QS]वह अपने साथ तुम्हारे लिये प्रतिफल ला रहा है।” [QE]
12. [QS]उसके लोग कहलायेंगे: [QE][QS2]“पवित्र जन,” “यहोवा के उद्धार पाये लोग।” [QE][QS]यरूशलेम कहलायेगा: “वह नगर जिसको यहोवा चाहता है,” [QE][QS2]“वह नगर जिसके साथ परमेश्वर है।” [QE]
Total 66 अध्याय, Selected अध्याय 62 / 66
नया यरूशलेम: नेकी का एक नगर 1 मुझको सिय्योन से प्रेम है अत: मैं उसके लिये बोलता रहूँगा। मुझको यरूशलेम से प्रेम है अत: मैं चुप न होऊँगा। मैं उस समय तक बोलता रहूँगा जब तक नेकी चमकती हुई ज्योति सी नहीं चमकेगी। मैं उस समय तक बोलता रहूँगा जब तक उद्धार आग की लपट सा भव्य बन कर नहीं धधकेगा। 2 फिर सभी देश तेरी नेकी को देखेंगे। तेरे सम्मान को सब राजा देखेंगे। तभी तू एक नया नाम पायेगा। स्वयं यहोवा तुम लोगों के लिये वह नया नाम पायेगा। 3 यहोवा को तुम लोगों पर बहुत गर्व होगा। तुम यहोवा के हाथों में सुन्दर मुकुट के समान होगे। 4 फिर तुम कभी ऐसे जन नहीं कहलाओगे, ‘परमेश्वर के त्यागे हुए लोग।’ तुम्हारी धरती कभी ऐसी धरती नहीं कहलायेगी जिसे ‘परमेश्वर ने उजाड़ा।’ तुम लोग ‘परमेश्वर के प्रिय जन’ कहलाओगे। तुम्हारी धरती ‘परमेश्वर की दुल्हिन’ कहलायेगी। क्यों क्योंकि यहोवा तुमसे प्रेम करता है और तुम्हारी धरती उसकी हो जायेगी। 5 जैसे एक युवक कुँवारी को ब्याहता है। वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे। और जैसे दुल्हा अपनी दल्हिन के संग आनन्दित होता है वैसे ही तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे संग प्रसन्न होगा। 6 यरूशलेम की चारदीवारी मैंने रखवाले (नबी) बैठा दिये हैं कि उसका ध्यान रखें। ये रखवाले मूक नहीं रहेंगे। यह रखवाले यहोवा को तुम्हारी जरूरतों की याद दिलाते हैं। हे रखवालों, तुम्हें चुप नहीं होना चाहिये। तुमको यहोवा से प्रार्थना करना बन्द नहीं करना चाहिये। तुमको सदा उसकी प्रार्थना करते ही रहना चाहिये। 7 जब तक वह फिर से यरूशलेम का निर्माण न कर दे, तब तक तुम उसकी प्रार्थना करते रहो। यरूशलेम एक ऐसा नगर है जिसका धरती के सभी लोग यश गायेंगे। 8 यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति को प्रमाण बनाते हुए वाचा की और यहोवा अपनी शक्ति के प्रयोग से ही उस वाचा को पालेगा। यहोवा ने कहा था, “मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि मैं तुम्हारे भोजन को कभी तुम्हारे शत्रु को न दूँगा। मैं तुम्हें वचन देता हूँ कि तुम्हारी बनायी दाखमधु तुम्हारा शत्रु कभी नहीं ले पायेगा। 9 जो व्यक्ति खाना जुटाता है, वही उसे खायेगा और वह व्यक्ति यहोवा के गुण गायेगा। वह व्यक्ति जो अंगूर बीनता है, वही उन अंगूरों की बनी दाखमधु पियेगा। मेरी पवित्र धरती पर ऐसी बातें हुआ करेंगी।” 10 द्वार से होते हुए आओ! लोगों के लिये राहें साफ करो! मार्ग को तैयार करो! राह पर के पत्थर हटा दो! लोगों के लिये संकेत के रूप में झण्डा उठा दो! 11 यहोवा सभी दूर देशों के लिये बोल रहा है: “सिय्योन के लोगों से कह दो: देखो, तुम्हारा उद्धारकर्ता आ रहा है। वह तुम्हारा प्रतिफल ला रहा है। वह अपने साथ तुम्हारे लिये प्रतिफल ला रहा है।” 12 उसके लोग कहलायेंगे: “पवित्र जन,” “यहोवा के उद्धार पाये लोग।” यरूशलेम कहलायेगा: “वह नगर जिसको यहोवा चाहता है,” “वह नगर जिसके साथ परमेश्वर है।”
Total 66 अध्याय, Selected अध्याय 62 / 66
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References