1. {अश्शूर शीघ्र ही आयेगा} [PS] यहोवा ने मुझसे कहा, “लिखने के लिये मिट्टी की बड़ी सी तख्ती ले और उस पर सुए से यह लिख: ‘महेर्शालाल्हाशबज’ अर्थात् ‘यहाँ जल्दी ही लूटमार और चोरियाँ होंगी।’ ” [PE][PS]
2. मैंने कुछ ऐसे लोग एकत्र किये जिन पर साक्षी होने के लिये विश्वास किया जा सकता था। ये लोग थे नबी ऊरिय्याह और जकर्याह जो जेबेरेक्याह का पुत्र था। उन लोगों ने मुझे इन बातों को लिखते हुए देखा था।
3. फिर मैं उस नबिया के पास गया। मेरे उसके साथ साथ रहने के बाद, वह गर्भवती हो गयी और उसका एक पुत्र हुआ। तब यहोवा ने मुझसे कहा, “तू लड़के का नाम महेर्शालाल्हशबज रख।
4. क्योंकि इससे पहले कि बच्चा ‘माँ’ और ‘पिता’ कहना सीखेगा, उससे पहले ही परमेश्वर दमिश्क और शोमरोन की समूची धनसम्पत्ति को छीन लेगा और उन वस्तुओं को अश्शूर के राजा को दे देगा।” [PE][PS]
5. यहोवा ने मुझ से फिर कहा।
6. मेरे स्वामी ने कहा, “ये लोग शीलोह की नहर के धीरे—धीरे बहते पानी को लेने से मना करते हैं। ये लोग रसीन और रमल्याह के पुत्र (पिकाह) के साथ प्रसन्न रहते हैं।”
7. किन्तु इसलिये मैं, यहोवा, अश्शूर के राजा और उसकी समूची शक्ति को तुम्हारे विरोध में लेकर आऊँगा। वे परात नदी की भयंकर बाढ़ की तरह आयेंगे। यह ऐसा होगा जैसे किनारों को तोड़ती डुबोती नदी उफ़न पड़ती है।
8. जो पानी उस नदी से उफन कर निकलेगा, वह यहूदा में भर जायेगा और यहूदा को प्राय: डुबो डालेगा। [PE][PS] इम्मानूएल, यह बाढ़ तब तक फैलती चली जायेगी जब तक वह तुम्हारे समूचे देश को ही न डुबो डाले।
9. हे जातियों, तुम सभी युद्ध के लिये तैयार रहो! [QBR2] तुम को पराजित किया जायेगा। [QBR] अरे, सुदूर के देशों, सुनो! [QBR2] तुम सभी युद्ध के लिये तैयार रहो! [QBR2] तुमको पराजित किया जायेगा। [QBR]
10. अपने युद्ध की योजनाएँ रचो! [QBR2] तुम्हारी योजनाएँ पराजित हो जायेंगी। [QBR] तुम अपनी सेना को आदेश दो! [QBR2] तुम्हारे वे आदेश व्यर्थ हो जायेंगे, [QBR2] क्यों क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है। [PS]
11. {यशायाह को चेतावनी} [PS] यहोवा ने अपनी महान शक्ति के साथ मुझ से कहा। यहोवा ने मुझे चेतावनी दी कि मैं इन अन्य लोगों के समान न बनूँ। यहोवा ने कहा,
12. “हर कोई कह रहा है कि वे दूसरे लोग उसके विरुद्ध षड़यन्त्र रच रहे हैं। तुम्हें उन बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जिन बातों से वे डरते हैं, तुम्हें उन बातों से नहीं डरना चाहिये। तुम्हें उनके प्रति निर्भय रहना चाहिए!” [PE][PS]
13. तुम्हें बस सर्वशक्तिमान यहोवा से ही डरना चाहिये। तुम्हें बस उसी का आदर करना चाहिये। तुम्हें उसी से डरना चाहिये।
14. यदि तुम यहोवा के प्रति आदर रखोगे और उसे पवित्र मानोगे तो वह तुम्हारे लिये एक सुरक्षित स्थान होगा। किन्तु तुम उसका आदर नहीं करते। इसलिए परमेश्वर एक ऐसी चट्टान हो गया है जिसके उपर तुम लोग गिरोगे। वह एक ऐसी चट्टान हो गया है जिस पर इस्राएल के दो परिवार ठोकर खायेंगे। यरूशलेम के सभी लोगों को फँसाने के लिये वह एक फँदा बन गया है।
15. (इस चट्टान पर बहुत से लोग गिरेंगे। वे गिरेंगे और चकनाचूर हो जायेंगे। वे जाल में पड़ेंगे और पकड़े जायेंगे।) [PE][PS]
16. यशायाह ने कहा, “एक वाचा कर और उस पर मुहर लगा दे। भविष्य के लिये, मेरे उपदेशों की रक्षा कर। मेरे अनुयायियों के देखते हुए ही ऐसा कर।” [PE][PS]
17. वह वाचा यह है: मैं सहायता पाने के लिये यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा। [QBR] यहोवा याकूब के घराने से लज्जित है। [QBR] वह उनको देखना तक नहीं चाहता है। [QBR] किन्तु मैं यहोवा की प्रतीक्षा करुँगा, वह हमारी रक्षा करेगा। [PS]
18. मैं और मेरे बच्चे इस्राएल के लोगों के लिये संकेत और प्रमाण हैं। हम उस सर्वशक्तिमान यहोवा के द्वारा भेजे गये हैं, जो सिय्योन पर्वत पर रहता है। [PE][PS]
19. कुछ लोग कहा करते हैं, “भविष्य बतानेवालों और जादूगरों से पूछो, क्या करना है” (ये भविष्य बताने वाले और जादूगर फुस—फुसाकर बोलते हैं। ये लोगों पर यह प्रभाव डालने के लिये कि उनके पास अर्न्तदृष्टि हैं, वे चुपचाप बातें करते हैं।) किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि लोगों को अपने परमेश्वर से सहायता माँगनी चाहिये! वे भविष्य बताने वाले और जादूगर मरे हुए लोगों से पूछ कर बताते हैं कि क्या करना चाहिये किन्तु भला जीवित लोग मरे हुओं से कोई बात क्यों पूछें।
20. तुम्हें शिक्षाओं और वाचा के अनुसार चलना चाहिये। यदि तुम इन आज्ञाओं का पालन नहीं करोगे तो हो सकता है तुम गलत आज्ञाओं का पालन करने लगो। (ये गलत आज्ञाएँ वे हैं जो जादूगरों और भविष्य बताने वालों के द्वारा मिलती है। ये आज्ञाएँ बेकार हैं। उन आज्ञाओं पर चल कर तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा।) [PE][PS]
21. यदि तुम उन गलत आज्ञाओं पर चलोगे, तो तुम्हारे देश पर विपत्ति आयेगी और भूखमरी फैलेगी। लोग भूखे मरेंगे। फिर वे क्रोधित होंगे और अपने राजा और अपने देवताओं के विरुद्ध बातें कहेंगे। इसके बाद वे सहायता के लिये परमेश्वर की ओर निहारेंगे।
22. यदि अपने देश में वे चारों तरफ देखेंगे तो उन्हें चारों ओर विपत्ति और चिन्ता जनक अन्धेरा ही दिखाई देगा। लोगों का वह अंधकारमय दु:ख उन्हें देश छोड़ने पर विवश करेगा और वे लोग जो उस अन्धेरे में फँसे होंगे, अपने आपको उससे मुक्त नहीं करा पायेंगे। [PE]