पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यिर्मयाह
1. {अधोवस्त्र} [PS] जो यहोवा ने मुझसे कहा वह यह है: “यिर्मयाह, जाओ और एक सन (बहुमूल्य सूती वस्त्र) का अधोवस्त्र खरीदो। तब इसे अपनी कमर में लपेटो। अधोवस्त्र को गीला न होने दो।” [PE][PS]
2. अत: मैंने एक सन (बहुमूल्य सूती वस्त्र) का अधोवस्त्र खरीदा, जैसा कि यहोवा ने करने को कहा था और मैंने इसे अपनी कमर में लपेटा।
3. तब यहोवा का सन्देश मेरे पास दुबारा आया।
4. सन्देश यह था: “यिर्मयाह, अपने खरीदे गये और पहने गये अधोवस्त्र को लो और परात को जाओ। अधोवस्त्र को चट्टानों की दरार में छिपा दो।” [PE][PS]
5. अत: मैं परात गया और जैसा यहोवा ने कहा था, मैंने अधोवस्त्र को वहाँ छिपा दिया।
6. कई दिनों बाद यहोवा ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, अब तुम परात जाओ। उस अधोवस्त्र को लो जिसे मैंने छिपाने को कहा था।” [PE][PS]
7. अत: मैं परात को गया और मैंने खोदकर अधोवस्त्र को निकाला, मैंने उसे चट्टानों की दरार से निकाला जहाँ मैंने उसे छिपा रखा था। किन्तु अब मैं अधोवस्त्र को पहन नहीं सकता था क्योंकि वह गल चुका था, वह किसी भी काम का नहीं रह गया था। [PE][PS]
8. तब यहोवा का सन्देश मुझे मिला।
9. यहोवा ने जो कहा, वह यह है: “अधोवस्त्र गल चुका है और किसी भी काम का नहीं रह गया है। इसा प्रकार मैं यहूदा और यरूशलेम के घमंडी लोगों को बरबाद करुँगा।
10. मैं उन घमंडी और दुष्ट यहूदा के लोगों को नष्ट करूँगा। उन्होंने मेरे सन्देशों को अनसुना किया है। वे हठी हैं और वे केवल वह करते हैं जो वे करना चाहते हैं। वे अन्य देवताओं का अनुसरण और उनकी पूजा करते हैं। वे यहूदा के लोग इन सन के अधोवस्त्र की तरह हो जाएंगे। वे बरबाद होंगे और किसी काम के नहीं रहेंगे।
11. अधोवस्त्र व्यक्ति के कमर से कस कर लपेटा जाता है। उसी प्रकार मैंने पूरे इस्राएल और यहूदा के परिवारों को अपने चारों ओर लपेटा।” यह सन्देश यहोवा के यहाँ से है। “मैंने वैसा इसलिये किया कि वे लोग मेरे लोग होंगे। तब मेरे लोग मुझे यश, प्रशंसा और प्रतिष्ठा प्रदान करेंगे। किन्तु मेरे लोगों ने मेरी एक न सुनी।” [PS]
12. {यहूदा को चेतावनियाँ} [PS] “यिर्मयाह, यहूदा के लोगों से कहो: ‘इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जो कहता है, वह यह है: हर एक दाखमधु की मशक दाखमधु से भरी जानी चाहिये।’ वे लोग हँसेंगे और तुमसे कहेंगे, ‘निश्चय ही हम जानते हैं कि हर एक दाखमधु की मशक दाखमधु से भरी जानी चाहिये।’
13. तब तुम उनसे कहोगे, ‘यहोवा जो कहता है वह यह है: मैं इस देश के हर एक रहने वाले को मदमत्त सा असहाय करुँगा। मैं उन राजाओं के बारे में कह रहा हूँ जो दाऊद के सिंहासन पर बैठते हैं। मैं यरूशलेम के निवासी याजकों, नबियों और सभी लोगों के बारे में कह रहा हूँ।
14. मैं यहूदा के लोगों को ठोकर खाने और एक दूसरे पर गिरने दूँगा। पिता और पुत्र एक दूसरे पर गिरेंगे।’ यह सन्देश यहोवा का है। ‘मैं उनके लिए अफसोस नहीं करूँगा और न उन पर दया। मैं करुणा को, यहूदा के लोगों को नष्ट करने से रोकने नहीं दूँगा।’ ”
15. सुनो और ध्यान दो। [QBR2] यहोवा ने तुम्हें सन्देश दिया है। [QBR2] घमण्डी मत बनो। [QBR]
16. अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करो, [QBR] उसकी स्तुति करो नहीं तो वह अंधकार लाएगा। [QBR] अंधेरी पहाड़ियों पर लड़खड़ाने [QBR2] और गिरने से पहले उसकी स्तुति करो। [QBR] यहूदा के लोगों, तुम प्रकाश की आशा करते हो। [QBR2] किन्तु यहोवा प्रकाश को घोर अंधकार में बदलेगा। [QBR2] यहोवा प्रकाश को अति गहन अंधकार से बदल देगा। [QBR]
17. यहूदा के लोगों, यदि तुम यहोवा की अनसुनी करते हो [QBR2] तो मैं छिप जाऊँगा और रोऊँगा। [QBR] तुम्हारा घमण्ड मुझे रूलायेगा। [QBR2] मैं फूट—फूट कर रोऊँगा। [QBR] मेरा आँखें आँसुओं से भर जाएंगी। [QBR2] क्यों क्योंकि यहोवा की रेवड़ पकड़ी जाएगी। [QBR]
18. ये बातें राजा और उसकी पत्नी से कहो, [QBR2] “अपने सिंहासनों से उतरो। [QBR2] तुम्हारे सुन्दर मुकुट तुम्हारे सिरों से गिर चुके हैं।” [QBR]
19. नेगव मरुभूमि के नगरों में ताला पड़ चुका है, [QBR2] उन्हें कोई खोल नहीं सकता। [QBR] यहूदा के लोगों को देश निकाला दिया जा चुका है। [QBR2] उन सभी को बन्दी के रूप में ले जाया गया है। [QBR]
20. यरूशलेम, ध्यान से देखो! [QBR2] शत्रुओं को उत्तर से आते देखो। [QBR] तुम्हारी रेवड़ कहाँ है परमेश्वर ने तुम्हें सुन्दर रेवड़ दी थी। [QBR2] तुमसे उस रेवड़ की देखभाल की आशा थी। [QBR]
21. जब यहोवा उस रेवड़ का हिसाब तुमसे माँगेगा [QBR2] तो तुम उसे क्या उत्तर दोगे तुमसे आशा थी कि [QBR] तुम परमेश्वर के बारे में लोगों को शिक्षा दोगे। [QBR2] तुम्हारे नेताओं से लोगों का नेतृत्व करने की आशा थी। [QBR] लेकिन उन्होंने यह कार्य नहीं किये। [QBR2] अत: तुम्हें अत्यन्त दुःख व पीड़ा भुगतनी होगी। [QBR]
22. तुम अपने से पूछ सकते हो, [QBR2] “यह बुरी विपत्ति मुझ पर क्यों आई” [QBR] ये विपत्तियाँ तुम्हारे अनेक पापों के कारण आई। [QBR2] तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें निर्वस्त्र किया गया [QBR2] और जूते ले लिये गए। [QBR] उन्होंने यह तुम्हें लज्जित करने को किया। [QBR]
23. एक काला आदमी अपनी चमड़ी का रंग बदल नहीं सकता। [QBR2] और कोई चीता अपने धब्बे नहीं बदल सकता। [QBR] ओ यरूशलेम, उसी तरह तुम भी बदल नहीं सकते, [QBR2] अच्छा काम नहीं कर सकते। [QBR2] तुम सदैव बुरा काम करते हो।
24. “मैं तुम्हें अपना घर छोड़ने को विवश करुँगा, [QBR2] जब तुम भागोगे तब हर दिशा में दौड़ोगे। [QBR] तुम उस भूसे की तरह होगे [QBR2] जिसे मरुभूमि की हवा उड़ा ले जाती है। [QBR]
25. ये वे सब चीज़ें हैं जो तुम्हारे साथ होंगी, [QBR2] यह मेरी योजना का तुम्हारा हिस्सा है।” [QBR2] यह सन्देश यहोवा का है। [QBR] “यह क्यों होगा क्योंकि तुम मुझे भूल गए, [QBR2] तुमने असत्य देवताओं पर विश्वास किया। [QBR]
26. यरूशलेम, मैं तुम्हारे वस्त्र उतारुँगा [QBR2] लोग तुम्हारी नग्नता देखेंगे [QBR2] और तुम लज्जा से गड़ जाओगे। [QBR]
27. मैंने उन भयंकर कामों को देखा जो तुमने किये। [QBR2] मैंने तुम्हें हँसते और अपने प्रेमियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध करते देखा। [QBR] मै जानता हूँ कि तुमने वेश्या की तरह दुष्कर्म किया है। [QBR2] मैंने तुम्हें पहाड़ियों और खेतों में देखा है। [QBR] यरूशलेम, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा। [QBR2] मुझे बताओ कि तुम कब तक अपने गंदे पापों को करते रहोगे” [PE]

Notes

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यिर्मयाह 13:22
अधोवस्त्र 1 जो यहोवा ने मुझसे कहा वह यह है: “यिर्मयाह, जाओ और एक सन (बहुमूल्य सूती वस्त्र) का अधोवस्त्र खरीदो। तब इसे अपनी कमर में लपेटो। अधोवस्त्र को गीला न होने दो।” 2 अत: मैंने एक सन (बहुमूल्य सूती वस्त्र) का अधोवस्त्र खरीदा, जैसा कि यहोवा ने करने को कहा था और मैंने इसे अपनी कमर में लपेटा। 3 तब यहोवा का सन्देश मेरे पास दुबारा आया। 4 सन्देश यह था: “यिर्मयाह, अपने खरीदे गये और पहने गये अधोवस्त्र को लो और परात को जाओ। अधोवस्त्र को चट्टानों की दरार में छिपा दो।” 5 अत: मैं परात गया और जैसा यहोवा ने कहा था, मैंने अधोवस्त्र को वहाँ छिपा दिया। 6 कई दिनों बाद यहोवा ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, अब तुम परात जाओ। उस अधोवस्त्र को लो जिसे मैंने छिपाने को कहा था।” 7 अत: मैं परात को गया और मैंने खोदकर अधोवस्त्र को निकाला, मैंने उसे चट्टानों की दरार से निकाला जहाँ मैंने उसे छिपा रखा था। किन्तु अब मैं अधोवस्त्र को पहन नहीं सकता था क्योंकि वह गल चुका था, वह किसी भी काम का नहीं रह गया था। 8 तब यहोवा का सन्देश मुझे मिला। 9 यहोवा ने जो कहा, वह यह है: “अधोवस्त्र गल चुका है और किसी भी काम का नहीं रह गया है। इसा प्रकार मैं यहूदा और यरूशलेम के घमंडी लोगों को बरबाद करुँगा। 10 मैं उन घमंडी और दुष्ट यहूदा के लोगों को नष्ट करूँगा। उन्होंने मेरे सन्देशों को अनसुना किया है। वे हठी हैं और वे केवल वह करते हैं जो वे करना चाहते हैं। वे अन्य देवताओं का अनुसरण और उनकी पूजा करते हैं। वे यहूदा के लोग इन सन के अधोवस्त्र की तरह हो जाएंगे। वे बरबाद होंगे और किसी काम के नहीं रहेंगे। 11 अधोवस्त्र व्यक्ति के कमर से कस कर लपेटा जाता है। उसी प्रकार मैंने पूरे इस्राएल और यहूदा के परिवारों को अपने चारों ओर लपेटा।” यह सन्देश यहोवा के यहाँ से है। “मैंने वैसा इसलिये किया कि वे लोग मेरे लोग होंगे। तब मेरे लोग मुझे यश, प्रशंसा और प्रतिष्ठा प्रदान करेंगे। किन्तु मेरे लोगों ने मेरी एक न सुनी।” यहूदा को चेतावनियाँ 12 “यिर्मयाह, यहूदा के लोगों से कहो: ‘इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जो कहता है, वह यह है: हर एक दाखमधु की मशक दाखमधु से भरी जानी चाहिये।’ वे लोग हँसेंगे और तुमसे कहेंगे, ‘निश्चय ही हम जानते हैं कि हर एक दाखमधु की मशक दाखमधु से भरी जानी चाहिये।’ 13 तब तुम उनसे कहोगे, ‘यहोवा जो कहता है वह यह है: मैं इस देश के हर एक रहने वाले को मदमत्त सा असहाय करुँगा। मैं उन राजाओं के बारे में कह रहा हूँ जो दाऊद के सिंहासन पर बैठते हैं। मैं यरूशलेम के निवासी याजकों, नबियों और सभी लोगों के बारे में कह रहा हूँ। 14 मैं यहूदा के लोगों को ठोकर खाने और एक दूसरे पर गिरने दूँगा। पिता और पुत्र एक दूसरे पर गिरेंगे।’ यह सन्देश यहोवा का है। ‘मैं उनके लिए अफसोस नहीं करूँगा और न उन पर दया। मैं करुणा को, यहूदा के लोगों को नष्ट करने से रोकने नहीं दूँगा।’ ” 15 सुनो और ध्यान दो। यहोवा ने तुम्हें सन्देश दिया है। घमण्डी मत बनो। 16 अपने परमेश्वर यहोवा का सम्मान करो, उसकी स्तुति करो नहीं तो वह अंधकार लाएगा। अंधेरी पहाड़ियों पर लड़खड़ाने और गिरने से पहले उसकी स्तुति करो। यहूदा के लोगों, तुम प्रकाश की आशा करते हो। किन्तु यहोवा प्रकाश को घोर अंधकार में बदलेगा। यहोवा प्रकाश को अति गहन अंधकार से बदल देगा। 17 यहूदा के लोगों, यदि तुम यहोवा की अनसुनी करते हो तो मैं छिप जाऊँगा और रोऊँगा। तुम्हारा घमण्ड मुझे रूलायेगा। मैं फूट—फूट कर रोऊँगा। मेरा आँखें आँसुओं से भर जाएंगी। क्यों क्योंकि यहोवा की रेवड़ पकड़ी जाएगी। 18 ये बातें राजा और उसकी पत्नी से कहो, “अपने सिंहासनों से उतरो। तुम्हारे सुन्दर मुकुट तुम्हारे सिरों से गिर चुके हैं।” 19 नेगव मरुभूमि के नगरों में ताला पड़ चुका है, उन्हें कोई खोल नहीं सकता। यहूदा के लोगों को देश निकाला दिया जा चुका है। उन सभी को बन्दी के रूप में ले जाया गया है। 20 यरूशलेम, ध्यान से देखो! शत्रुओं को उत्तर से आते देखो। तुम्हारी रेवड़ कहाँ है परमेश्वर ने तुम्हें सुन्दर रेवड़ दी थी। तुमसे उस रेवड़ की देखभाल की आशा थी। 21 जब यहोवा उस रेवड़ का हिसाब तुमसे माँगेगा तो तुम उसे क्या उत्तर दोगे तुमसे आशा थी कि तुम परमेश्वर के बारे में लोगों को शिक्षा दोगे। तुम्हारे नेताओं से लोगों का नेतृत्व करने की आशा थी। लेकिन उन्होंने यह कार्य नहीं किये। अत: तुम्हें अत्यन्त दुःख व पीड़ा भुगतनी होगी। 22 तुम अपने से पूछ सकते हो, “यह बुरी विपत्ति मुझ पर क्यों आई” ये विपत्तियाँ तुम्हारे अनेक पापों के कारण आई। तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें निर्वस्त्र किया गया और जूते ले लिये गए। उन्होंने यह तुम्हें लज्जित करने को किया। 23 एक काला आदमी अपनी चमड़ी का रंग बदल नहीं सकता। और कोई चीता अपने धब्बे नहीं बदल सकता। ओ यरूशलेम, उसी तरह तुम भी बदल नहीं सकते, अच्छा काम नहीं कर सकते। तुम सदैव बुरा काम करते हो। 24 “मैं तुम्हें अपना घर छोड़ने को विवश करुँगा, जब तुम भागोगे तब हर दिशा में दौड़ोगे। तुम उस भूसे की तरह होगे जिसे मरुभूमि की हवा उड़ा ले जाती है। 25 ये वे सब चीज़ें हैं जो तुम्हारे साथ होंगी, यह मेरी योजना का तुम्हारा हिस्सा है।” यह सन्देश यहोवा का है। “यह क्यों होगा क्योंकि तुम मुझे भूल गए, तुमने असत्य देवताओं पर विश्वास किया। 26 यरूशलेम, मैं तुम्हारे वस्त्र उतारुँगा लोग तुम्हारी नग्नता देखेंगे और तुम लज्जा से गड़ जाओगे। 27 मैंने उन भयंकर कामों को देखा जो तुमने किये। मैंने तुम्हें हँसते और अपने प्रेमियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध करते देखा। मै जानता हूँ कि तुमने वेश्या की तरह दुष्कर्म किया है। मैंने तुम्हें पहाड़ियों और खेतों में देखा है। यरूशलेम, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा। मुझे बताओ कि तुम कब तक अपने गंदे पापों को करते रहोगे”
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