1. {#1झूठा नबी हनन्याह } [PS]यहूदा में सिदकिय्याह के राज्यकाल के चौथे वर्ष के पाँचवें महीने में हनन्याह नबी ने मुझसे बात की। हनन्याह अज्जूर नामक व्यक्ति का पुत्र था। हनन्याह गिबोन नगर का रहने वाला था। हनन्याह ने जब मुझसे बातें की, तब वह यहोवा के मन्दिर में था। याजक और सभी लोग भी वहाँ थे। हनन्याह ने जो कहा वह यह है:
2. “इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, ‘मैं उस जुवे को तोड़ डालूँगा जिसे बाबुल के राजा ने यहूदा के लोगों पर रखा है।
3. दो वर्ष पूरे होने के पहले मैं उन चीज़ों को वापस ले आऊँगा जिन्हें बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर यहोवा के मन्दिर से ले गया है। नबूकदनेस्सर उन चीज़ों को बाबुल ले गया है। किन्तु मैं उन्हें यरूशलेम वापस ले आऊँगा।
4. मैं यहूदा के राजा यकोन्याह को भी वापस यहाँ ले आऊँगा। यकोन्याह, यहोयाकीम का पुत्र है मैं उन सभी यहूदा के लोगों को वापस लाऊँगा जिन्हें नबूकदनेस्सर ने अपना घर छोड़ने और बाबुल जाने को विवश किया।’ यह सन्देश यहोवा का है। ‘अत: मैं उस जुवे को तोड़ दूँगा जिसे बाबुल के राजा ने यहूदा के लोगों पर रखा हैं!’ ” [PE]
5. [PS]तब यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से यह कहा: वे यहोवा के मन्दिर में खड़े थे। याजक और वहाँ के सभी लोग यिर्मयाह का कहा हुआ सुन सकते थे।
6. यिर्मयाह ने हनन्याह से कहा, “आमीन! मुझे आशा है कि यहोवा निश्चय ही ऐसा करेगा! मुझे आशा है कि यहोवा उस सन्देश को सच घटित करेगा जो तुम देते हो। मुझे आशा है कि यहोवा अपने मन्दिर की चीज़ों को बाबुल से इस स्थान पर वापस लायेगा और मुझे आशा है कि यहोवा उन सभी लोगों को इस स्थान पर वापस लाएगा जो अपने घरों को छोड़ने को विवश किये गए थे। [PE]
7. [PS]“किन्तु हनन्याह वह सुनो जो मुझे कहना चाहिये। वह सुनो जो मैं सभी लोगों से कहता हूँ।
8. हनन्याह हमारे और तुम्हारे नबी होने के बहुत पहले भी नबी थे। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि युद्ध, भूखमरी और भयंकर बीमारियाँ अनेक देशों और राज्यों में आयेंगी।
9. किन्तु उस नबी की जाँच यह जानने के लिये होनी चाहिये कि उसे यहोवा ने सचमुच भेजा है जो यह कहता है कि हम लोग शान्तिपूर्वक रहेंगे। यदि उस नबी का सन्देश सच घटित होता है तो लोग समझ सकते हैं कि सत्य ही वह यहोवा द्वारा भेजा गया है।” [PE]
10. [PS]यिर्मयाह अपने गर्दन पर एक जुवा रखे थे। तब हनन्याह नबी ने उस जुवे को यिर्मयाह की गर्दन से उतार लिया। हनन्याह ने उस जुवे को तोड़ डाला।
11. तब हनन्याह सभी लोग के सामने बोला। उसने कहा, “यहोवा कहता है, ‘इसी तरह मैं बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के जुवे को तोड़ दूँगा। उसने उस जुवे को विश्व के सभी राष्ट्रों पर रखा है। किन्तु मैं उस जुवे को दो वर्ष बीतने से पहले ही तोड़ दूँगा।’ ” [PE]
12. [PS]हनन्याह के वह कहने के बाद यिर्मयाह मन्दिर को छोड़कर चला गया। [PE][PS]तब यहोवा का सन्देश यिर्मयाह को मिला। यह तब हुआ जब हनन्याह ने यिर्मयाह की गर्दन से जुवे को उतार लिया था और उसे तोड़ डाला था।
13. यहोवा ने यिर्मयाह से कहा, “जाओ और हनन्याह से कहो, ‘यहोवा जो कहता है, वह यह है: तुमने एक काठ का जुवा तोड़ा है। किन्तु मैं काठ की जगह एक लोहे का जुवा बनाऊँगा।’
14. इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, ‘मैं इन सभी राष्ट्रों की गर्दन पर लोहे का जुवा रखूँगा। मैं यह बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर की उनसे सेवा कराने के लिये करूँगा और वे उसके दास होंगे। मैं नबूकदनेस्सर को जंगली जानवरों पर भी शासन का अधिकार दूँगा।’ ” [PE]
15. [PS]तब यिर्मयाह नबी ने हनन्याह नबी से कहा, “हनन्याह, सुनो! यहोवा ने तुझे नहीं भेजा। यहोवा ने तुम्हें नहीं भेजा किन्तु तुमने यहूदा के लोगों को झूठ में विश्वास कराया है।
16. अत: यहोवा जो कहता है, वह यह है, ‘हनन्याह मैं तुम्हें शीघ्र ही इस संसार से उठा लूँगा। तुम इस वर्ष मरोगे। क्यों क्योंकि तुमने लोगों को यहोवा के विरुद्ध जाने की शिक्षा दी है।’ ” [PE]
17. [PS]हनन्याह उसी वर्ष के सातवें महीने मर गया। [PE]