1. [PS]फिर अय्यूब ने उत्तर देते हुये कहा: [PE][PBR]
2. [QS]“मैं आज भी बुरी तरह शिकायत करता हूँ कि परमेश्वर मुझे कड़ा दण्ड दे रहा है, [QE][QS2]इसलिये मैं शिकायत करता रहता हूँ। [QE]
3. [QS]काश! मैं यह जान पाता कि उसे कहाँ खोजूँ! [QE][QS2]काश! मैं जान पाता की परमेश्वर के पास कैसे जाऊँ! [QE]
4. [QS]मैं अपनी कथा परमेश्वर को सुनाता, [QE][QS2]मेरा मुँह युक्तियों से भरा होता यह दर्शाने को कि मैं निर्दोष हूँ। [QE]
5. [QS]मैं यह जानना चाहता हूँ कि परमेश्वर कैसे मेरे तर्को का उत्तर देता है, [QE][QS2]तब मैं परमेश्वर के उत्तर समझ पाता। [QE]
6. [QS]क्या परमेश्वर अपनी महाशक्ति के साथ मेरे विरुद्ध होता [QE][QS2]नहीं! वह मेरी सुनेगा। [QE]
7. [QS]मैं एक नेक व्यक्ति हूँ। [QE][QS2]परमेश्वर मुझे अपनी कहानी को कहने देगा, तब मेरा न्यायकर्ता परमेश्वर मुझे मुक्त कर देगा। [QE][PBR]
8. [QS]“किन्तु यदि मैं पूरब को जाऊँ तो परमेश्वर वहाँ नहीं है [QE][QS2]और यदि मैं पश्चिम को जाऊँ, तो भी परमेश्वर मुझे नहीं दिखता है। [QE]
9. [QS]परमेश्वर जब उत्तर में क्रियाशील रहता है तो मैं उसे देख नहीं पाता हूँ। [QE][QS2]जब परमेश्वर दक्षिण को मुड़ता है, तो भी वह मुझको नहीं दिखता है। [QE]
10. [QS]किन्तु परमेश्वर मेरे हर चरण को देखता है, जिसको मैं उठाता हूँ। [QE][QS2]जब वह मेरी परीक्षा ले चुकेगा तो वह देखेगा कि मुझमें कुछ भी बुरा नहीं है, वह देखेगा कि मैं खरे सोने सा हूँ। [QE]
11. [QS]परमेश्वर जिस को चाहता है मैं सदा उस पर चला हूँ, [QE][QS2]मैं कभी भी परमेश्वर की राह पर चलने से नहीं मुड़ा। [QE]
12. [QS]मैं सदा वही बात करता हूँ जिनकी आशा परमेश्वर देता है। [QE][QS2]मैंने अपने मुख के भोजन से अधिक परमेश्वर के मुख के शब्दों से प्रेम किया है। [QE][PBR]
13. [QS]“किन्तु परमेश्वर कभी नहीं बदलता। [QE][QS2]कोई भी व्यक्ति उसके विरुद्ध खड़ा नहीं रह सकता है। [QE][QS2]परमेश्वर जो भी चाहता है, करता है। [QE]
14. [QS]परमेश्वर ने जो भी योजना मेरे विरोध में बना ली है वही करेगा, [QE][QS2]उसके पास मेरे लिये और भी बहुत सारी योजनायें है। [QE]
15. [QS]मैं इसलिये डरता हूँ, जब इन सब बातों के बारे में सोचता हूँ। [QE][QS2]इसलिये परमेश्वर मुझको भयभीत करता है। [QE]
16. [QS]परमेश्वर मेरे हृदय को दुर्बल करता है और मेरी हिम्मत टूटती है। [QE][QS2]सर्वशक्तिमान परमेश्वर मुझको भयभीत करता है। [QE]
17. [QS]यद्यपि मेरा मुख सघन अंधकार ढकता है [QE][QS2]तो भी अंधकार मुझे चुप नहीं कर सकता है। [QE][PBR]