पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
अय्यूब
1. {#1अय्यूब का उस दिन को कोसना जब वह जन्मा था } [PS]तब अय्यूब ने अपना मुँह खोला और उस दिन को कोसने लगा जब वह पैदा हुआ था।
2. उसने कहा: [PE][PBR]
3. [QS]“काश! जिस दिन मैं पैदा हुआ था, मिट जाये। [QE][QS2]काश! वह रात कभी न आई होती जब उन्होंने कहा था कि एक लड़का पैदा हुआ है! [QE]
4. [QS]काश! वह दिन अंधकारमय होता, [QE][QS2]काश! परमेश्वर उस दिन को भूल जाता, [QE][QS2]काश! उस दिन प्रकाश न चमका होता। [QE]
5. [QS]काश! वह दिन अंधकारपूर्ण बना रहता जितना कि मृत्यु है। [QE][QS2]काश! बादल उस दिन को घेरे रहते। [QE][QS]काश! जिस दिन मैं पैदा हुआ काले बादल प्रकाश को डरा कर भगा सकते। [QE]
6. [QS]उस रात को गहरा अंधकार जकड़ ले, [QE][QS2]उस रात की गिनती न हो। [QE][QS2]उस रात को किसी महीने में सम्मिलित न करो। [QE]
7. [QS]वह रात कुछ भी उत्पन्न न करे। [QE][QS2]कोई भी आनन्द ध्वनि उस रात को सुनाई न दे। [QE]
8. [QS]जादूगरों को शाप देने दो, उस दिन को वे शापित करें जिस दिन मैं पैदा हुआ। [QE][QS2]वे व्यक्ति हमेशा लिब्यातान (सागर का दैत्य) को जगाना चाहते हैं। [QE]
9. [QS]उस दिन को भोर का तारा काला पड़ जाये। [QE][QS2]वह रात सुबह के प्रकाश के लिये तरसे और वह प्रकाश कभी न आये। [QE][QS2]वह सूर्य की पहली किरण न देख सके। [QE]
10. [QS]क्यों क्योंकि उस रात ने मुझे पैदा होने से न रोका। [QE][QS2]उस रात ने मुझे ये कष्ट झेलने से न रोका। [QE]
11. [QS]मैं क्यों न मर गया जब मैं पैदा हुआ था [QE][QS2]जन्म के समय ही मैं क्यों न मर गया [QE]
12. [QS]क्यों मेरी माँ ने गोद में रखा [QE][QS2]क्यों मेरी माँ की छातियों ने मुझे दूध पिलाया। [QE]
13. [QS]अगर मैं तभी मर गया होता [QE][QS2]जब मैं पैदा हुआ था तो अब मैं शान्ति से होता। [QE][QS]काश! मैं सोता रहता और विश्राम पाता। [QE]
[QS2]14. राजाओं और बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ जो पृथ्वी पर पहले थे। [QE][QS2]उन लोगों ने अपने लिये स्थान बनायें, जो अब नष्ट हो कर मिट चुके है। [QE]
15. [QS]काश! मैं उन शासकों के साथ गाड़ा जाता [QE][QS2]जिन्होंने सोने—चाँदी से अपने घर भरे थे। [QE]
16. [QS]क्यों नहीं मैं ऐसा बालक हुआ [QE][QS2]जो जन्म लेते ही मर गया हो। [QE][QS]काश! मैं एक ऐसा शिशु होता [QE][QS2]जिसने दिन के प्रकाश को नहीं देखा। [QE]
17. [QS]दुष्ट जन दु:ख देना तब छोड़ते हैं जब वे कब्र में होते हैं [QE][QS2]और थके जन कब्र में विश्राम पाते हैं। [QE]
18. [QS]यहाँ तक कि बंदी भी सुख से कब्र में रहते हैं। [QE][QS2]वहाँ वे अपने पहरेदारों की आवाज नहीं सुनते हैं। [QE]
19. [QS]हर तरह के लोग कब्र में रहते हैं चाहे वे महत्वपूर्ण हो या साधारण। [QE][QS2]वहाँ दास अपने स्वामी से छुटकारा पाता है। [QE][PBR]
20. [QS]“कोई दु:खी व्यक्ति और अधिक यातनाएँ भोगता जीवित [QE][QS2]क्यों रहें ऐसे व्यक्ति को जिस का मन कड़वाहट से भरा रहता है क्यों जीवन दिया जाता है [QE]
21. [QS]ऐसा व्यक्ति मरना चाहता है लेकिन उसे मौत नहीं आती हैं। [QE][QS2]ऐसा दु:खी व्यक्ति मृत्यु पाने को उसी प्रकार तरसता है जैसे कोई छिपे खजाने के लिये। [QE]
22. [QS]ऐसे व्यक्ति कब्र पाकर प्रसन्न होते हैं [QE][QS2]और आनन्द मनाते हैं। [QE]
23. [QS]परमेश्वर उनके भविष्य को रहस्यपूर्ण बनाये रखता है [QE][QS2]और उनकी सुरक्षा के लिये उनके चारों ओर दीवार खड़ी करता है। [QE]
24. [QS]मैं भोजन के समयप्रसन्न होने के बजाय दु:खी आहें भरता हूँ। [QE][QS2]मेरा विलाप जलधारा की भाँति बाहर फूट पड़ता है। [QE]
25. [QS]मैं जिस डरावनी बात से डरता रहा कि कहीं वहीं मेरे साथ न घट जाये, वही मेरे साथ घट गई। [QE][QS2]और जिस बात से मैं सबसे अधिक डरा, वही मेरे साथ हो गई। [QE]
26. [QS]न ही मैं शान्त हो सकता हूँ, न ही मैं विश्राम कर सकता हूँ। [QE][QS2]मैं बहुत ही विपदा में हूँ।” [QE][PBR]

Notes

No Verse Added

Total 42 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 42
अय्यूब 3:14
#1अय्यूब का उस दिन को कोसना जब वह जन्मा था 1 तब अय्यूब ने अपना मुँह खोला और उस दिन को कोसने लगा जब वह पैदा हुआ था। 2 उसने कहा: PBR 3 “काश! जिस दिन मैं पैदा हुआ था, मिट जाये। QS2 काश! वह रात कभी न आई होती जब उन्होंने कहा था कि एक लड़का पैदा हुआ है! 4 काश! वह दिन अंधकारमय होता, QS2 काश! परमेश्वर उस दिन को भूल जाता, QS2 काश! उस दिन प्रकाश न चमका होता। 5 काश! वह दिन अंधकारपूर्ण बना रहता जितना कि मृत्यु है। QS2 काश! बादल उस दिन को घेरे रहते। काश! जिस दिन मैं पैदा हुआ काले बादल प्रकाश को डरा कर भगा सकते। 6 उस रात को गहरा अंधकार जकड़ ले, QS2 उस रात की गिनती न हो। QS2 उस रात को किसी महीने में सम्मिलित न करो। 7 वह रात कुछ भी उत्पन्न न करे। QS2 कोई भी आनन्द ध्वनि उस रात को सुनाई न दे। 8 जादूगरों को शाप देने दो, उस दिन को वे शापित करें जिस दिन मैं पैदा हुआ। QS2 वे व्यक्ति हमेशा लिब्यातान (सागर का दैत्य) को जगाना चाहते हैं। 9 उस दिन को भोर का तारा काला पड़ जाये। QS2 वह रात सुबह के प्रकाश के लिये तरसे और वह प्रकाश कभी न आये। QS2 वह सूर्य की पहली किरण न देख सके। 10 क्यों क्योंकि उस रात ने मुझे पैदा होने से न रोका। QS2 उस रात ने मुझे ये कष्ट झेलने से न रोका। 11 मैं क्यों न मर गया जब मैं पैदा हुआ था QS2 जन्म के समय ही मैं क्यों न मर गया 12 क्यों मेरी माँ ने गोद में रखा QS2 क्यों मेरी माँ की छातियों ने मुझे दूध पिलाया। 13 अगर मैं तभी मर गया होता QS2 जब मैं पैदा हुआ था तो अब मैं शान्ति से होता। काश! मैं सोता रहता और विश्राम पाता। QS2 14 राजाओं और बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ जो पृथ्वी पर पहले थे। QS2 उन लोगों ने अपने लिये स्थान बनायें, जो अब नष्ट हो कर मिट चुके है। 15 काश! मैं उन शासकों के साथ गाड़ा जाता QS2 जिन्होंने सोने—चाँदी से अपने घर भरे थे। 16 क्यों नहीं मैं ऐसा बालक हुआ QS2 जो जन्म लेते ही मर गया हो। काश! मैं एक ऐसा शिशु होता QS2 जिसने दिन के प्रकाश को नहीं देखा। 17 दुष्ट जन दु:ख देना तब छोड़ते हैं जब वे कब्र में होते हैं QS2 और थके जन कब्र में विश्राम पाते हैं। 18 यहाँ तक कि बंदी भी सुख से कब्र में रहते हैं। QS2 वहाँ वे अपने पहरेदारों की आवाज नहीं सुनते हैं। 19 हर तरह के लोग कब्र में रहते हैं चाहे वे महत्वपूर्ण हो या साधारण। QS2 वहाँ दास अपने स्वामी से छुटकारा पाता है। PBR 20 “कोई दु:खी व्यक्ति और अधिक यातनाएँ भोगता जीवित QS2 क्यों रहें ऐसे व्यक्ति को जिस का मन कड़वाहट से भरा रहता है क्यों जीवन दिया जाता है 21 ऐसा व्यक्ति मरना चाहता है लेकिन उसे मौत नहीं आती हैं। QS2 ऐसा दु:खी व्यक्ति मृत्यु पाने को उसी प्रकार तरसता है जैसे कोई छिपे खजाने के लिये। 22 ऐसे व्यक्ति कब्र पाकर प्रसन्न होते हैं QS2 और आनन्द मनाते हैं। 23 परमेश्वर उनके भविष्य को रहस्यपूर्ण बनाये रखता है QS2 और उनकी सुरक्षा के लिये उनके चारों ओर दीवार खड़ी करता है। 24 मैं भोजन के समयप्रसन्न होने के बजाय दु:खी आहें भरता हूँ। QS2 मेरा विलाप जलधारा की भाँति बाहर फूट पड़ता है। 25 मैं जिस डरावनी बात से डरता रहा कि कहीं वहीं मेरे साथ न घट जाये, वही मेरे साथ घट गई। QS2 और जिस बात से मैं सबसे अधिक डरा, वही मेरे साथ हो गई। 26 न ही मैं शान्त हो सकता हूँ, न ही मैं विश्राम कर सकता हूँ। QS2 मैं बहुत ही विपदा में हूँ।” PBR
Total 42 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 42
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References