1. [PS]इसके बाद शूह प्रदेश के बिलदद ने उत्तर देते हुए कहा, [PE][PBR]
2. [QS]“तू कब तक ऐसी बातें करता रहेगा [QE][QS2]तेरे शब्द तेज आँधी की तरह बह रहे हैं। [QE]
3. [QS]परमेश्वर सदा निष्पक्ष है। [QE][QS2]न्यायपूर्ण बातों को सर्वशक्तिशाली परमेश्वर कभी नहीं बदलता है। [QE]
4. [QS]अत: यदि तेरी सन्तानों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया है तो, उसने उन्हें दण्डित या है। [QE][QS2]अपने पापों के लिये उन्हें भुगतना पड़ा है। [QE]
5. [QS]किन्तु अब अय्यूब, परमेश्वर की ओर दृष्टि कर [QE][QS2]और सर्वशक्तिमान परमेश्वर से उस की दया पाने के लिये विनती कर। [QE]
6. [QS]यदि तू पवित्र है, और उत्तम है तो वह शीघ्र आकर तुझे सहारा [QE][QS2]और तुझे तेरा परिवार और वस्तुऐं तुझे लौटायेगा। [QE]
7. [QS]जो कुछ भी तूने खोया वह तुझे छोटी सी बात लगेगी। [QE][QS2]क्यों क्योंकि तेरा भविष्य बड़ा ही सफल होगा। [QE][PBR]
8. [QS]“उन वृद्ध लोगों से पूछ और पता कर कि [QE][QS2]उनके पूर्वजों ने क्या सीखा था। [QE]
9. [QS]क्योंकि ऐसा लगता है जैसे हम तो बस कल ही पैदा हुए हैं, [QE][QS2]हम कुछ नहीं जानते। [QE][QS]परछाई की भाँति हमारी आयु पृथ्वी पर बहुत छोटी है। [QE]
10. [QS]हो सकता है कि वृद्ध लोग तुझे कुछ सिखा सकें। [QE][QS2]हो सकता है जो उन्होंने सीखा है वे तुझे सिखा सकें। [QE][PBR]
11. [QS]“बिलदद ने कहा, “क्या सूखी भूमि में भोजपत्र का वृक्ष बढ़ कर लम्बा हो सकता है [QE][QS2]नरकुल बिना जल के बढ़ सकता है [QE]
12. [QS]नहीं, यदि पानी सूख जाता है तो वे भी मुरझा जायेंगे। [QE][QS2]उन्हें काटे जाने के योग्य काट कर काम में लाने को वे बहुत छोटे रह जायेंगे। [QE]
13. [QS]वह व्यक्ति जो परमेश्वर को भूल जाता है, नरकुल की भाँति होता है। [QE][QS2]वह व्यक्ति जो परमेश्वर को भूल जाता है कभी आशावान नहीं होगा। [QE]
14. [QS]उस व्यक्ति का विश्वास बहुत दुर्बल होता है। [QE][QS2]वह व्यक्ति मकड़ी के जाले के सहारे रहता है। [QE]
15. [QS]यदि कोई व्यक्ति मकड़ी के जाले को पकड़ता है [QE][QS2]किन्तु वह जाला उस को सहारा नहीं देगा। [QE]
16. [QS]वह व्यक्ति उस पौधे के समान है जिसके पास पानी और सूर्य का प्रकाश बहुतायात से है। [QE][QS2]उसकी शाखाऐं बगीचे में हर तरफ फैलती हैं। [QE]
17. [QS]वह पत्थर के टीले के चारों ओर अपनी जड़े फैलाता है [QE][QS2]और चट्टान में उगने के लिये कोई स्थान ढूँढता है। [QE]
18. [QS]किन्तु जब वह पौधा अपने स्थान से उखाड़ दिया जाता है, [QE][QS2]तो कोई नहीं जान पाता कि वह कभी वहाँ था। [QE]
19. [QS]किन्तु वह पौधा प्रसन्न था, अब दूसरे पौधे वहाँ उगेंगे, [QE][QS2]जहाँ कभी वह पौधा था। [QE]
20. [QS]किन्तु परमेश्वर किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नहीं त्यागेगा [QE][QS2]और वह बुरे व्यक्ति को सहारा नहीं देगा। [QE]
21. [QS]परमेश्वर अभी भी तेरे मुख को हँसी से भर देगा [QE][QS2]और तेरे ओठों को खुशी से चहकायेगा। [QE]
22. [QS]और परमेश्वर तेरे शत्रुओं को लज्जित करेगा [QE][QS2]और वह तेरे शत्रुओं के घरों को नष्ट कर देगा।” [QE][PBR]