पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
योएल
1. {#1यहुदा के शत्रुओं को यहोवा द्वारा दण्ड दिये जाने का वचन } [PS]“उन दिनों और उस समय, मैं यहूदा और यरूशलेम को बंधन मुक्त करवाकर देश निकाले से वापस ले आऊँगा।
2. मैं सभी जातियों को भी एकत्र करूँगा। इन सभी जातियों को मैं यहोशापात की तराई में इकट्ठा करूँगा और वही मैं उनका न्याय करूँगा। उन जातियों ने मेरे इस्राएली लोगों को तितर—बितर कर दिया था। दूसरी जातियों के बीच रहने के लिये उन्होंने उन्हें विवश किया था। इसलिये मैं उन जातियों को दण्ड दूँगा। उन जातियों ने मरी धरती का बटवारा कर दिया था।
3. मेरे लोगों के लिये पासे फेंके थे। उन्होंने एक लड़के को बचकर उसके बदले एक वेश्या खरीदी और दाखमधु के बदले लड़की बेच डाली। [PE]
4. [PS]“हे सोर, सीदोन, और पलिश्तीन के सभी प्रदेशों! तुम मेरे लिये कोई महत्व नही रखते! क्या तुम मुझे मेरे किसी कर्म के लिये दण्ड दे रहो हो हो सकता है तुम यह सोच रहे हो कि तुम मुझे दण्ड दे रहे हो किन्तु शीघ्र ही मैं हो तुम्हें दण्ड देने वाला हूँ।
5. तुमने मेरा चाँदी,सोना लूट लिया। मेरे बहुमूल्य खजानों को लेकर तुमने अपने मन्दिरों में रख लिया। [PE]
6. [PS]“यहूदा और यरूशलेम के लोगों को तुमने यूनानियों के हाथ बेच दिया और इस प्रकार तुम उन्हें उन्की धरती से बहुत दूर ले गये।
7. उस सुदूर देश में तुमने मेरे लोगों को भेज दिया। किन्तु मैं उन्हे लौटा कर वापस लाऊँगा और तुमने जो कुछ किया है, उसका तुम्हें दण्ड दूँगा।
8. मैं यहूदा के लोगों को तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ बेच दूँगा। और फिर वे उन्हें शबाइ लोगों को बेच देंगे।” ये बातें यहोवा ने कही थीं। [PE]
9. {#1युद्ध की तैयारी करो } [QS]लोगों को यह बता दो: [QE][QS2]युद्ध को तैयार रहो! [QE][QS]शूरवीरों को जगओ! [QE][QS2]सारे योद्धाओ को अपने पास एकत्र करो। [QE][QS2]उन्हें उठ खड़ा होने दो! [QE]
10. [QS]अपने हलों की फालियों को पीट कर तलवार बनाओं [QE][QS2]और अपनी डांगियों को तुम भालों में बदल लो। [QE][QS]ऐसा करो कि दुर्बल कहने लगे कि [QE][QS2]“मैं एक शूरवीर हूँ।” [QE]
11. [QS]हे सभी जातियों के लोगों, जल्दी करो! [QE][QS2]वहाँ एकत्र हो जाओ। [QE][QS2]हे यहोवा, तू भी अपने प्रबल वीरों को ले आ! [QE]
12. [QS]हे जातियों! जागो! [QE][QS2]यहोशापात की घाटी में आजाओ! [QE][QS]मैं वहाँ बैठकर [QE][QS2]सभी आसपास के देशों का न्याय करूँगा। [QE]
13. [QS]तुम हँसुआ ले आओ, [QE][QS2]क्योंकि पकी फसल खड़ी है। [QE][QS]आओ, तुम अंगूर रौंदो [QE][QS2]क्योंकि अंगूर का गरठ भरा हुआ है। [QE][QS]घड़े भर जायेंगे और वे बाहर उफनेंगे [QE][QS2]क्योंकि उनका पाप बहुत बड़ा है। [QE][PBR]
14. [QS]उस न्याय की घाटी में बहुत—बहुत सारे लोग हैं। [QE][QS2]उस न्याय की घाटी में यहोवा का दिन आने वाला है। [QE]
15. [QS]सूरज चाँद काले पड़ जायेंगे। [QE][QS2]तारे चमकना छोड़ देंगे। [QE]
16. [QS]परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा। [QE][QS]वह यरूशलेम से गरजेगा। [QE][QS2]आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे [QE][QS]किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा। [QE][QS2]वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा। [QE]
17. [QS]तब तुम जान जाओगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। [QE][QS2]मैं सिय्योन पर बसता हूँ जो मेरा पवित्र पर्वत है। [QE][QS]यरूशलेम पवित्र बन जायेगा। [QE][QS2]फिर पराये कभी भी उसमें से होकर नहीं जा पायेंगे। [QE]
18. {#1यहूदा के लिए नया जीवन का वचन } [QS]उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा। [QE][QS2]पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ [QE][QS2]बहते हुए जल से भर जायेंगी। [QE][QS]यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा [QE][QS2]जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा। [QE]
19. [QS]मिस्र खाली हो जायेगा [QE][QS2]और एदोम एक उजाड़ हो जायेगा। [QE][QS]क्योंकि वे यहूदा के लोगों के संग निर्दयी ही रहे थे। [QE][QS2]उन्होंने अपने ही देश में निरपराध लोगों का वध किया था। [QE]
20. [QS]किन्तु यहूदा में लोग सदा ही बसे रहेंगे [QE][QS2]और यरूशलेम में लोग पीढ़ियों तक रहेंगे। [QE]
21. [QS]उन लोगों ने मेरे लोगों का वध किया था [QE][QS2]इसलिये निश्चय ही मैं उन्हें दण्ड दूँगा। [QE][PBR] [QS]क्योंकि परमेश्वर यहोवा का सिय्योन पर निवासस्थान है! [QE][PBR]
Total 3 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 3
1 2 3
यहुदा के शत्रुओं को यहोवा द्वारा दण्ड दिये जाने का वचन 1 “उन दिनों और उस समय, मैं यहूदा और यरूशलेम को बंधन मुक्त करवाकर देश निकाले से वापस ले आऊँगा। 2 मैं सभी जातियों को भी एकत्र करूँगा। इन सभी जातियों को मैं यहोशापात की तराई में इकट्ठा करूँगा और वही मैं उनका न्याय करूँगा। उन जातियों ने मेरे इस्राएली लोगों को तितर—बितर कर दिया था। दूसरी जातियों के बीच रहने के लिये उन्होंने उन्हें विवश किया था। इसलिये मैं उन जातियों को दण्ड दूँगा। उन जातियों ने मरी धरती का बटवारा कर दिया था। 3 मेरे लोगों के लिये पासे फेंके थे। उन्होंने एक लड़के को बचकर उसके बदले एक वेश्या खरीदी और दाखमधु के बदले लड़की बेच डाली। 4 “हे सोर, सीदोन, और पलिश्तीन के सभी प्रदेशों! तुम मेरे लिये कोई महत्व नही रखते! क्या तुम मुझे मेरे किसी कर्म के लिये दण्ड दे रहो हो हो सकता है तुम यह सोच रहे हो कि तुम मुझे दण्ड दे रहे हो किन्तु शीघ्र ही मैं हो तुम्हें दण्ड देने वाला हूँ। 5 तुमने मेरा चाँदी,सोना लूट लिया। मेरे बहुमूल्य खजानों को लेकर तुमने अपने मन्दिरों में रख लिया। 6 “यहूदा और यरूशलेम के लोगों को तुमने यूनानियों के हाथ बेच दिया और इस प्रकार तुम उन्हें उन्की धरती से बहुत दूर ले गये। 7 उस सुदूर देश में तुमने मेरे लोगों को भेज दिया। किन्तु मैं उन्हे लौटा कर वापस लाऊँगा और तुमने जो कुछ किया है, उसका तुम्हें दण्ड दूँगा। 8 मैं यहूदा के लोगों को तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ बेच दूँगा। और फिर वे उन्हें शबाइ लोगों को बेच देंगे।” ये बातें यहोवा ने कही थीं। युद्ध की तैयारी करो 9 लोगों को यह बता दो: युद्ध को तैयार रहो! शूरवीरों को जगओ! सारे योद्धाओ को अपने पास एकत्र करो। उन्हें उठ खड़ा होने दो! 10 अपने हलों की फालियों को पीट कर तलवार बनाओं और अपनी डांगियों को तुम भालों में बदल लो। ऐसा करो कि दुर्बल कहने लगे कि “मैं एक शूरवीर हूँ।” 11 हे सभी जातियों के लोगों, जल्दी करो! वहाँ एकत्र हो जाओ। हे यहोवा, तू भी अपने प्रबल वीरों को ले आ! 12 हे जातियों! जागो! यहोशापात की घाटी में आजाओ! मैं वहाँ बैठकर सभी आसपास के देशों का न्याय करूँगा। 13 तुम हँसुआ ले आओ, क्योंकि पकी फसल खड़ी है। आओ, तुम अंगूर रौंदो क्योंकि अंगूर का गरठ भरा हुआ है। घड़े भर जायेंगे और वे बाहर उफनेंगे क्योंकि उनका पाप बहुत बड़ा है। 14 उस न्याय की घाटी में बहुत—बहुत सारे लोग हैं। उस न्याय की घाटी में यहोवा का दिन आने वाला है। 15 सूरज चाँद काले पड़ जायेंगे। तारे चमकना छोड़ देंगे। 16 परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा। वह यरूशलेम से गरजेगा। आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा। वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा। 17 तब तुम जान जाओगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं सिय्योन पर बसता हूँ जो मेरा पवित्र पर्वत है। यरूशलेम पवित्र बन जायेगा। फिर पराये कभी भी उसमें से होकर नहीं जा पायेंगे। यहूदा के लिए नया जीवन का वचन 18 उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा। पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ बहते हुए जल से भर जायेंगी। यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा। 19 मिस्र खाली हो जायेगा और एदोम एक उजाड़ हो जायेगा। क्योंकि वे यहूदा के लोगों के संग निर्दयी ही रहे थे। उन्होंने अपने ही देश में निरपराध लोगों का वध किया था। 20 किन्तु यहूदा में लोग सदा ही बसे रहेंगे और यरूशलेम में लोग पीढ़ियों तक रहेंगे। 21 उन लोगों ने मेरे लोगों का वध किया था इसलिये निश्चय ही मैं उन्हें दण्ड दूँगा। क्योंकि परमेश्वर यहोवा का सिय्योन पर निवासस्थान है!
Total 3 अध्याय, Selected अध्याय 3 / 3
1 2 3
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References