पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
लैव्यवस्था
1. {#1यौन सम्बन्धों के बारे में नियम } [PS]यहोवा ने मूसा से कहा,
2. “इस्राएल के लोगों से कहोः मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
3. यहाँ आने के पहले तुम लोग मिस्र में थे। तुम्हें वह नहीं करना चाहिए जो वहाँ हुआ करता था! मैं तुम लोगों को कनान ले जा रहा हूँ। तुम लोगों को वह नहीं करना है जो उस देश में किया जाता है!
4. तम्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। और मेरे नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के पालन में सावधान रहो! क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
5. इसलिए तुम्हें मेरे नियमों और निर्णयों का पालन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मेरे विधियों और नियमों का पालन करता है तो वह जीवित रहेगा! मैं यहोवा हूँ! [PE]
6.
7. [PS]“तुम्हें अपने निकट सम्बन्धियों से कभी यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ! [PE][PS]“तुम्हें अपने पिता का अपमान नहीं करना चाहिए अर्थात् तुम्हें अपनी माता के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए।
8. तुम्हें अपनी विमाता से भी यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। पिता की पत्नी से यौन सम्बन्ध केवल तुम्हारे पिता के लिए है। [PE]
9.
10. [PS]“तम्हें अपने पिता या माँ की पुत्री अर्थात् अपनी बहन से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। इससे अन्तर नहीं पड़ता कि तुम्हारी उस बहन का पालन पोषण तुम्हारे घर हुआ या या किसी अन्य जगह। [PE]
11. [PS]“तुम्हें अपने नाती पोतियों से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वे बच्चे तुम्हारे अंग हैं![* वे बच्चे तुम्हारे अंग है शाब्दिक “उनकी नग्नता तुम्हारी नग्नता है।” ] [PE]
12. [PS]“यदि तुम्हारे पिता और उनकी पत्नी की कोई पुत्री है[† यदि … पुत्री है इसका तात्पर्य यह है कि यह आवश्यक नहीं कि पिता की पत्नी आवश्यक रुप से व्यक्ति की माँ हो, किन्तु वह व्यक्ति और पिता की पुत्री भाई बहन हैं। ] तो वह तुम्हारी बहन है। तुम्हें उसके साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। [PE][PS]“अपने पिता की बहन के साथ तुम्हारा यौन सम्बन्ध नहीं होना चाहिए। वह तुम्हारे पिता के गोत्र की है।
13. तुम्हें अपनी माँ की बहन के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वह तुम्हारी माँ के गोत्र की है।
14. तुम्हें अपने पिता के भाई का अपमान नहीं करना चाहिए अर्थात् उसकी पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध के लिए नहीं जाना चाहिए। [PE]
15.
16. [PS]“तुम्हें अपनी पुत्रवधू के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वह तुम्हारे पुत्र की पत्नी है। तुम्हें उके साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। [PE]
17. [PS]“तुम्हें अपने भाई की वधू के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह अपने भाई के साथ यौन सम्बन्ध रखने जैसा होगा। केवल तुम्हारा भाई अपनी पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध रक सकता है।[‡ तुम्हारा भाई … है “वह तुम्हारे भाई की नग्नता है।” ] [PE]
18. [PS]“तुम्हें किसी स्त्री और उसकी पुत्री के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए और तुम्हें इस स्त्री की पोती से यौन सम्बनध नहीं रखना चाहिए। इससे अन्तर नीहं पड़ता कि वह पोती उस स्त्री के पुत्र की या पुत्री की बेटी है। उसकी पोतियाँ उसके गोत्र की हैं। उनके साथ यौन सम्बन्ध करना अनुचित है। [PE]
19. [PS]“जब तक तुम्हारी पत्नी जीवित है, तुम्हें उसकी बहन को दूसरी पत्नी नहीं बनाना चाहीए। यह बहनों को परस्पर शत्रु बना देगा। तुम्हें अपनी पत्नी की बहन से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। [PE]
20. [PS]“तुम्हें किसी स्त्री के पास उसके मासिकधर्म के समय यौन सम्बन्ध के लिए नहीं जाना चाहिए। वह इस समय अशुद्ध है। [PE]
21. [PS]“तुम्हें अपने पड़ोसी की पत्नी से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह तुम्हें केवल अशुद्ध बनाएगा! [PE]
22. [PS]“तुम्हें अपने किसी बच्चे को आग द्वारा मोलेक को भेंट नहीं चढाना चाहिए। यदि तुम ऐसा करते हो तो तुम यही दिखाते हो कि तुम अपने यहोवा के नाम का सम्मान नहीं करते! मैं यहोवा हूँ। [PE]
23. [PS]“तुम्हें किसी पुरुष के साथ वैसा ही यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए जैसा किसी स्त्री के साथ किया जाता है। यह भयंकर पाप है! [PE]
24. [PS]“किसी जानवर के साथ तम्हारा यौन सम्बन्द नहीं होना चाहिए। यह क्वल तुम्हें घिनौना बना देगा! स्त्री को भी किसी जानवर के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह प्राकृति के विरुद्ध है! [PE][PS]“इन अनुचित कामों में से किसी से अपनीको अशुद्ध न करो! मैं उन जातियों को उनके देश से बाहर कर रहा हूँ और मैं उनकी धरती तुम को दे रहा हूँ। क्यों? क्योंकि वे लोग वैसे भयंकर पाप करे हैं!
25. इसलिए वह देश अशुद्ध हो गया है! वह देश अब उन कामों से ऊब गाय है और वह देश उसमें रहेन वालों को बाहर निकाल फेंक रहा है![§ निकाल फेंक रहा है उल्टी कर रहा है। ] [PE]
26. [PS]“इसलिए तुम मेरे नियमों और निर्णयों का पालन करोगे। तुम्हें उन में से कोई भयंकर पाप नहीं करना चाहिए। ये नियम इस्राएल के नागरिकों और जो तम्हारे बीच रहते हैं, उनके लिए है।
27. जो लोग तुम से पहले वहाँ रहे उन्होंने वे सभी भयंकर काम किए। जिससे वह धरती गन्दी हो गयी।
28. यदि तुम भी वही काम करोगे तो तुम धरती को गंदा बनाओगे। यह तुम लोगों को वैसे ही निकाल बाहर करेगी, जैसे तुमसे पहले रहीन वाली चातियों को किया गया।
29. यदि कोई व्यक्ति वैसे भयंकर पाप करता है तो उस व्यक्ति को अपने लोगों से अलग कर दैना चाहिए।
30. अन्य लोगों ने उन भयंकर पापों को किया है। किन्तु मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। तुम्हें उन भयंकर पापों में से कोई भी नहीं करना चाहिए। उन भयंकर पापों से अपने को असुद्ध मत बनाओ। मैं तम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।” [PE]
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यौन सम्बन्धों के बारे में नियम 1 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “इस्राएल के लोगों से कहोः मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। 3 यहाँ आने के पहले तुम लोग मिस्र में थे। तुम्हें वह नहीं करना चाहिए जो वहाँ हुआ करता था! मैं तुम लोगों को कनान ले जा रहा हूँ। तुम लोगों को वह नहीं करना है जो उस देश में किया जाता है! 4 तम्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। और मेरे नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के पालन में सावधान रहो! क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। 5 इसलिए तुम्हें मेरे नियमों और निर्णयों का पालन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मेरे विधियों और नियमों का पालन करता है तो वह जीवित रहेगा! मैं यहोवा हूँ! 6 7 “तुम्हें अपने निकट सम्बन्धियों से कभी यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ! “तुम्हें अपने पिता का अपमान नहीं करना चाहिए अर्थात् तुम्हें अपनी माता के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। 8 तुम्हें अपनी विमाता से भी यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। पिता की पत्नी से यौन सम्बन्ध केवल तुम्हारे पिता के लिए है। 9 10 “तम्हें अपने पिता या माँ की पुत्री अर्थात् अपनी बहन से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। इससे अन्तर नहीं पड़ता कि तुम्हारी उस बहन का पालन पोषण तुम्हारे घर हुआ या या किसी अन्य जगह। 11 “तुम्हें अपने नाती पोतियों से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वे बच्चे तुम्हारे अंग हैं!* वे बच्चे तुम्हारे अंग है शाब्दिक “उनकी नग्नता तुम्हारी नग्नता है।” 12 “यदि तुम्हारे पिता और उनकी पत्नी की कोई पुत्री है यदि … पुत्री है इसका तात्पर्य यह है कि यह आवश्यक नहीं कि पिता की पत्नी आवश्यक रुप से व्यक्ति की माँ हो, किन्तु वह व्यक्ति और पिता की पुत्री भाई बहन हैं। तो वह तुम्हारी बहन है। तुम्हें उसके साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। “अपने पिता की बहन के साथ तुम्हारा यौन सम्बन्ध नहीं होना चाहिए। वह तुम्हारे पिता के गोत्र की है। 13 तुम्हें अपनी माँ की बहन के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वह तुम्हारी माँ के गोत्र की है। 14 तुम्हें अपने पिता के भाई का अपमान नहीं करना चाहिए अर्थात् उसकी पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध के लिए नहीं जाना चाहिए। 15 16 “तुम्हें अपनी पुत्रवधू के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। वह तुम्हारे पुत्र की पत्नी है। तुम्हें उके साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। 17 “तुम्हें अपने भाई की वधू के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह अपने भाई के साथ यौन सम्बन्ध रखने जैसा होगा। केवल तुम्हारा भाई अपनी पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध रक सकता है। तुम्हारा भाई … है “वह तुम्हारे भाई की नग्नता है।” 18 “तुम्हें किसी स्त्री और उसकी पुत्री के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए और तुम्हें इस स्त्री की पोती से यौन सम्बनध नहीं रखना चाहिए। इससे अन्तर नीहं पड़ता कि वह पोती उस स्त्री के पुत्र की या पुत्री की बेटी है। उसकी पोतियाँ उसके गोत्र की हैं। उनके साथ यौन सम्बन्ध करना अनुचित है। 19 “जब तक तुम्हारी पत्नी जीवित है, तुम्हें उसकी बहन को दूसरी पत्नी नहीं बनाना चाहीए। यह बहनों को परस्पर शत्रु बना देगा। तुम्हें अपनी पत्नी की बहन से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। 20 “तुम्हें किसी स्त्री के पास उसके मासिकधर्म के समय यौन सम्बन्ध के लिए नहीं जाना चाहिए। वह इस समय अशुद्ध है। 21 “तुम्हें अपने पड़ोसी की पत्नी से यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह तुम्हें केवल अशुद्ध बनाएगा! 22 “तुम्हें अपने किसी बच्चे को आग द्वारा मोलेक को भेंट नहीं चढाना चाहिए। यदि तुम ऐसा करते हो तो तुम यही दिखाते हो कि तुम अपने यहोवा के नाम का सम्मान नहीं करते! मैं यहोवा हूँ। 23 “तुम्हें किसी पुरुष के साथ वैसा ही यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए जैसा किसी स्त्री के साथ किया जाता है। यह भयंकर पाप है! 24 “किसी जानवर के साथ तम्हारा यौन सम्बन्द नहीं होना चाहिए। यह क्वल तुम्हें घिनौना बना देगा! स्त्री को भी किसी जानवर के साथ यौन सम्बन्ध नहीं करना चाहिए। यह प्राकृति के विरुद्ध है! “इन अनुचित कामों में से किसी से अपनीको अशुद्ध न करो! मैं उन जातियों को उनके देश से बाहर कर रहा हूँ और मैं उनकी धरती तुम को दे रहा हूँ। क्यों? क्योंकि वे लोग वैसे भयंकर पाप करे हैं! 25 इसलिए वह देश अशुद्ध हो गया है! वह देश अब उन कामों से ऊब गाय है और वह देश उसमें रहेन वालों को बाहर निकाल फेंक रहा है!§ निकाल फेंक रहा है उल्टी कर रहा है। 26 “इसलिए तुम मेरे नियमों और निर्णयों का पालन करोगे। तुम्हें उन में से कोई भयंकर पाप नहीं करना चाहिए। ये नियम इस्राएल के नागरिकों और जो तम्हारे बीच रहते हैं, उनके लिए है। 27 जो लोग तुम से पहले वहाँ रहे उन्होंने वे सभी भयंकर काम किए। जिससे वह धरती गन्दी हो गयी। 28 यदि तुम भी वही काम करोगे तो तुम धरती को गंदा बनाओगे। यह तुम लोगों को वैसे ही निकाल बाहर करेगी, जैसे तुमसे पहले रहीन वाली चातियों को किया गया। 29 यदि कोई व्यक्ति वैसे भयंकर पाप करता है तो उस व्यक्ति को अपने लोगों से अलग कर दैना चाहिए। 30 अन्य लोगों ने उन भयंकर पापों को किया है। किन्तु मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। तुम्हें उन भयंकर पापों में से कोई भी नहीं करना चाहिए। उन भयंकर पापों से अपने को असुद्ध मत बनाओ। मैं तम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।”
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