पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
लैव्यवस्था
1. {मूर्ति पूजा के विरूद्ध चेतावनी} [PS] यहोवा ने मूसा से कहा,
2. “तुम्हें इस्राएल के लोगों से यह भी कहना चाहिए: तुम्हारे देश में कोई व्यक्ति अनपे बच्चों में से किसी को झूठे देवता मोलेक को दे सकता है। उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। इससे अन्तर नहीं पड़ता कि वह इस्राएल का नागरि है या इस्राएल में रहने वाला कोई विदेशी है, तुम्हें उस पत्थर फेंक फेंक कर मार जालना चाहिए।
3. मैं उस व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा। मैं उसे उसके लोगों से अलग करूँगा। क्यों? क्योंकि उसने अपने बच्चों को मोलेक को दिया। उसने यह प्रकट किया कि वह मरे पवित्र नाम का सम्मान नहीं करता। उसने मरे पवित्र स्थान को अशुद्ध किया।
4. सम्भव है साधारण लोग उस व्यक्ति की उपेक्षा करे। सम्भव है वे उस व्यक्ति को न मारे जिसने बच्चों को मोलेक को दिया है।
5. किन्तु मैं उस व्यक्ति और उसके परिवार के विरुद्ध होऊँगा। मैं उसे उसके लोगों से अलग करुँगा मैं किसी भी ऐसे व्यक्ति को उसके लोगों से अलग करुँगा जो मेरे प्रति विश्वास नहीं रखता और मोलेक का अनुसरण करता है। [PE][PS]
6. “मैं उस व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा जो किसी ओझा और भूतसिद्धि के पास सलाह के लिए जाता है। वह व्यक्ति मुझसे विश्वासघात करता है। इसलिए मैं उस व्यक्ति को उसके लोगों से अलग करूँगा। [PE][PS]
7. “विशेष बनो। अपने को पवित्र बनाओ। क्यों? क्योंकि मैं पवित्र हूँ! मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!
8. मेरे आज्ञाओं का पान करो और उन्हें याद रखो। मैं योहवा हूँ और मैंने तुम्हें अपना विशेष लोग बनाया है। [PE][PS]
9. “यदि कोई व्यक्ति अपने माता पिता के अनिष्ट की कामना करता है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। उसने अपने पिता या माँ का अनिष्ट चाहा है, इसलिए उसे दण्ड देना चाहिए। [*उसने … चाहिये शाब्दिक, “उसने अपनी मौत आप बुलाई है।”] [PS]
10. {यौन पापों के दण्ड} [PS] “यदि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध करता है तो स्त्री और पुरुष दोनों अनैतिक सम्बन्ध के अपराधी हैं। इसलिए स्त्री और पुरुष दोनों को मार डालना चाहिए।
11. यदि कोई वयक्ति अपनी विमाता से यौन सम्बन्ध करता है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिओए। उस व्यक्ति को और उसकी विमाता दोनों को मार डालना चाहिए। उस व्यक्ति ने अपने पिता के विरुद्ध पाप किया है। [†उसने … चाहिये शाब्दिक, “उसने अपनी मौत आप बुलाई है।”] [PE][PS]
12. “यदि कोई व्यक्ति अपनी पुओत्रवधू के साथ यौनसम्बन्ध करता है तो दोनों को मार डालना चचाहिए। उन्होंने बहुत बुरा यौन पाप किया है। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। [PE][PS]
13. “यदि कोई व्यक्ति किसी पुरुष के साथ स्त्री जैसा यौन सम्बन्ध करता है तो दोनों को मार डालना चाहिए। उन्होंने बहुत बुरा यौन पाप किया है। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। [PE][PS]
14. “यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री और उसकी माँ के साथ यौन सम्बन्ध करता है तो यह यौन पाप है। लोगों को उस व्यक्ति तथा दोनों स्त्रियों को आग में जला देना चाहिए। इस यौन पाप को अपने लोगों में मत होने दो। [PE][PS]
15. “यदि कोई व्यक्ति किसी जानवर से यौन सम्बन्ध करे तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए और तुम्हें उस जानवर को भी मार देना चाहिए।
16. यदि कोई स्त्री किसी जानवर से यौन सम्बन्ध करती है तो तुम्हें अवश्य मार देना चाहिए। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। [PE][PS]
17. “यह एक भाई और उसकी बहन के लिए लज्जाजनक है कि आपस में वे यौन सम्बन्ध करे। [‡आपस में यौन सम्बन्ध करे शाब्दिक, “वह उसकी नग्नता को देखता है और वह उसकी नग्नता को देखती हैं।”] उन्हें सामाजिक रूप में दण्ड मिलना चाहिए। वे अपने लोगों से अलग कर दिए जाने चाहिए। वह व्यक्ति जिसने अपनी बहन के साथ यौन सम्बन्ध किया है, अपने पाप के लिए दण्ड पाएगा। [PE][PS]
18. “यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ मासिकधर्म के रक्त स्राव के समय यौन सम्बन्ध करेगा तो स्त्री पुरुष दोनों को अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए। उन्होंने पाप किया है क्योंकि उसने खून के स्रोत को उघाड़ा। [PE][PS]
19. “तुम्हें योन स्म्बन्ध अपनी माँ की बहन या पिता की बहन के साथ नहीं करना चाहिए। यह गोत्रीय अनैतिकता का पाप है। [§गोत्रीय … पाप है गोत्र के व्यक्तियों के यौन सम्बन्ध का पाप।] उन्हें उनके पाप के लिए दण्ड मिलागा। [PE][PS]
20. “किसी पुरुष को अपने चाचा मामा की पत्नी के सात नहीं सोना चाहिए। ह व्यक्ति तथा उसकी चाची वे मामी को उनके पापों के लिए दण्ड मिलेगा. वे बिना किसी सन्तान के मरेंगे। [PE][PS]
21. “किसी व्यक्ति के लिए यह बुरा है कि वह अपने भाई की पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध करे। उस व्यक्ति ने अपने भाई के विरुद्ध पाप किया है। [**उस व्यक्ति … पाप किया है शाब्दिक “उस व्यक्ति ने अपने भाई की नग्नता को उघाड़ा हैं।”] उनकी कोई सन्तान नहीं होगी। [PE][PS]
22. “तुम्हें मेरे सारे नियमों और निर्णयों को याद रखना चाहिए और तुम्हें उनका पालन अवश्य करना चाहिए। मैं तुम्हें तुम्हारे प्रदेश को ले जा रहा हूँ। तुम लोग उस प्रदेश में रहोगे। यदि तुम लोग मेरे नियमों और निर्णयों को मानते रहे तो वह प्रदेश तुम लोगों को निकाल बाहर नहीं करेगा।
23. मैं अन्य लोगों को उस प्रदेश को छोड़ने के लिए विवश कर रहा हूँ। क्यों? क्योंकि उन लोगों ने वे सभी पाप किए। मैं उन पापों से घृणा करता हूँ। इसलिए जिस प्रकाकर वे लोगग रहे, उस तरह तुम नहीं रहोगे।
24. मैंने कहा है कि तुम उनका प्रदेश प्राप्त करोगे। मैं उनका प्रदेश तुमको दूँगा। यह तुम्हार प्रदेश होगा। वह प्रदेश बहुत सुन्दर है। उसमें दूध वे मधु की नदियाँ बहती हैं। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! [PE][PS] “मैंने तुम्हें विशेष बनाया है। मैंने तुम्हारे साथ अन्य लोगों से भिन्न व्यवहार किया है।
25. इसलिए तुम्हें शुद्ध जानवरों के साथ अशुद्ध जानवरों से भिन्न व्यवहार करना चाहिए। तुम्हें शुद्ध पक्षियों के साथ अशुद्ध पक्षियों से भिन्न व्यवहार करना चाहिए। उन में से किसी भी अशुद्ध पक्षी, जानवर और कीट पतंग को मत खाओ जो भूमि पर रेंगते हैं। मैंने उन चीज़ों को अशुद्ध बनाया है।
26. मैंने तुम्हें अपना विशेष जन बनाया है। इसलिए तुम्हें मेरे लिए पवित्र होना चाहिए। क्यों? क्योंकि मैं यहोवा हूँ और मैं पवित्र हूँ! [PE][PS]
27. “कोई पुरुष या कोई स्त्री जो ओझा हो या कोई भूतसिद्धि हो, तो उन्हें निश्चय ही मार दिया जाना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे उन्हें पत्थर मार मार कर मार दें। उन्हें मार ही दिया जाना चाहिए।” [PE]

Notes

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लैव्यवस्था 20:34
मूर्ति पूजा के विरूद्ध चेतावनी 1 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “तुम्हें इस्राएल के लोगों से यह भी कहना चाहिए: तुम्हारे देश में कोई व्यक्ति अनपे बच्चों में से किसी को झूठे देवता मोलेक को दे सकता है। उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। इससे अन्तर नहीं पड़ता कि वह इस्राएल का नागरि है या इस्राएल में रहने वाला कोई विदेशी है, तुम्हें उस पत्थर फेंक फेंक कर मार जालना चाहिए। 3 मैं उस व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा। मैं उसे उसके लोगों से अलग करूँगा। क्यों? क्योंकि उसने अपने बच्चों को मोलेक को दिया। उसने यह प्रकट किया कि वह मरे पवित्र नाम का सम्मान नहीं करता। उसने मरे पवित्र स्थान को अशुद्ध किया। 4 सम्भव है साधारण लोग उस व्यक्ति की उपेक्षा करे। सम्भव है वे उस व्यक्ति को न मारे जिसने बच्चों को मोलेक को दिया है। 5 किन्तु मैं उस व्यक्ति और उसके परिवार के विरुद्ध होऊँगा। मैं उसे उसके लोगों से अलग करुँगा मैं किसी भी ऐसे व्यक्ति को उसके लोगों से अलग करुँगा जो मेरे प्रति विश्वास नहीं रखता और मोलेक का अनुसरण करता है। 6 “मैं उस व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा जो किसी ओझा और भूतसिद्धि के पास सलाह के लिए जाता है। वह व्यक्ति मुझसे विश्वासघात करता है। इसलिए मैं उस व्यक्ति को उसके लोगों से अलग करूँगा। 7 “विशेष बनो। अपने को पवित्र बनाओ। क्यों? क्योंकि मैं पवित्र हूँ! मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! 8 मेरे आज्ञाओं का पान करो और उन्हें याद रखो। मैं योहवा हूँ और मैंने तुम्हें अपना विशेष लोग बनाया है। 9 “यदि कोई व्यक्ति अपने माता पिता के अनिष्ट की कामना करता है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए। उसने अपने पिता या माँ का अनिष्ट चाहा है, इसलिए उसे दण्ड देना चाहिए। *उसने … चाहिये शाब्दिक, “उसने अपनी मौत आप बुलाई है।” यौन पापों के दण्ड 10 “यदि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध करता है तो स्त्री और पुरुष दोनों अनैतिक सम्बन्ध के अपराधी हैं। इसलिए स्त्री और पुरुष दोनों को मार डालना चाहिए। 11 यदि कोई वयक्ति अपनी विमाता से यौन सम्बन्ध करता है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिओए। उस व्यक्ति को और उसकी विमाता दोनों को मार डालना चाहिए। उस व्यक्ति ने अपने पिता के विरुद्ध पाप किया है। उसने … चाहिये शाब्दिक, “उसने अपनी मौत आप बुलाई है।” 12 “यदि कोई व्यक्ति अपनी पुओत्रवधू के साथ यौनसम्बन्ध करता है तो दोनों को मार डालना चचाहिए। उन्होंने बहुत बुरा यौन पाप किया है। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। 13 “यदि कोई व्यक्ति किसी पुरुष के साथ स्त्री जैसा यौन सम्बन्ध करता है तो दोनों को मार डालना चाहिए। उन्होंने बहुत बुरा यौन पाप किया है। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। 14 “यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री और उसकी माँ के साथ यौन सम्बन्ध करता है तो यह यौन पाप है। लोगों को उस व्यक्ति तथा दोनों स्त्रियों को आग में जला देना चाहिए। इस यौन पाप को अपने लोगों में मत होने दो। 15 “यदि कोई व्यक्ति किसी जानवर से यौन सम्बन्ध करे तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए और तुम्हें उस जानवर को भी मार देना चाहिए। 16 यदि कोई स्त्री किसी जानवर से यौन सम्बन्ध करती है तो तुम्हें अवश्य मार देना चाहिए। उन्हें दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। 17 “यह एक भाई और उसकी बहन के लिए लज्जाजनक है कि आपस में वे यौन सम्बन्ध करे। आपस में यौन सम्बन्ध करे शाब्दिक, “वह उसकी नग्नता को देखता है और वह उसकी नग्नता को देखती हैं।” उन्हें सामाजिक रूप में दण्ड मिलना चाहिए। वे अपने लोगों से अलग कर दिए जाने चाहिए। वह व्यक्ति जिसने अपनी बहन के साथ यौन सम्बन्ध किया है, अपने पाप के लिए दण्ड पाएगा। 18 “यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ मासिकधर्म के रक्त स्राव के समय यौन सम्बन्ध करेगा तो स्त्री पुरुष दोनों को अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए। उन्होंने पाप किया है क्योंकि उसने खून के स्रोत को उघाड़ा। 19 “तुम्हें योन स्म्बन्ध अपनी माँ की बहन या पिता की बहन के साथ नहीं करना चाहिए। यह गोत्रीय अनैतिकता का पाप है। §गोत्रीय … पाप है गोत्र के व्यक्तियों के यौन सम्बन्ध का पाप। उन्हें उनके पाप के लिए दण्ड मिलागा। 20 “किसी पुरुष को अपने चाचा मामा की पत्नी के सात नहीं सोना चाहिए। ह व्यक्ति तथा उसकी चाची वे मामी को उनके पापों के लिए दण्ड मिलेगा. वे बिना किसी सन्तान के मरेंगे। 21 “किसी व्यक्ति के लिए यह बुरा है कि वह अपने भाई की पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध करे। उस व्यक्ति ने अपने भाई के विरुद्ध पाप किया है। *उस व्यक्ति … पाप किया है शाब्दिक “उस व्यक्ति ने अपने भाई की नग्नता को उघाड़ा हैं।” उनकी कोई सन्तान नहीं होगी। 22 “तुम्हें मेरे सारे नियमों और निर्णयों को याद रखना चाहिए और तुम्हें उनका पालन अवश्य करना चाहिए। मैं तुम्हें तुम्हारे प्रदेश को ले जा रहा हूँ। तुम लोग उस प्रदेश में रहोगे। यदि तुम लोग मेरे नियमों और निर्णयों को मानते रहे तो वह प्रदेश तुम लोगों को निकाल बाहर नहीं करेगा। 23 मैं अन्य लोगों को उस प्रदेश को छोड़ने के लिए विवश कर रहा हूँ। क्यों? क्योंकि उन लोगों ने वे सभी पाप किए। मैं उन पापों से घृणा करता हूँ। इसलिए जिस प्रकाकर वे लोगग रहे, उस तरह तुम नहीं रहोगे। 24 मैंने कहा है कि तुम उनका प्रदेश प्राप्त करोगे। मैं उनका प्रदेश तुमको दूँगा। यह तुम्हार प्रदेश होगा। वह प्रदेश बहुत सुन्दर है। उसमें दूध वे मधु की नदियाँ बहती हैं। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! “मैंने तुम्हें विशेष बनाया है। मैंने तुम्हारे साथ अन्य लोगों से भिन्न व्यवहार किया है। 25 इसलिए तुम्हें शुद्ध जानवरों के साथ अशुद्ध जानवरों से भिन्न व्यवहार करना चाहिए। तुम्हें शुद्ध पक्षियों के साथ अशुद्ध पक्षियों से भिन्न व्यवहार करना चाहिए। उन में से किसी भी अशुद्ध पक्षी, जानवर और कीट पतंग को मत खाओ जो भूमि पर रेंगते हैं। मैंने उन चीज़ों को अशुद्ध बनाया है। 26 मैंने तुम्हें अपना विशेष जन बनाया है। इसलिए तुम्हें मेरे लिए पवित्र होना चाहिए। क्यों? क्योंकि मैं यहोवा हूँ और मैं पवित्र हूँ! 27 “कोई पुरुष या कोई स्त्री जो ओझा हो या कोई भूतसिद्धि हो, तो उन्हें निश्चय ही मार दिया जाना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे उन्हें पत्थर मार मार कर मार दें। उन्हें मार ही दिया जाना चाहिए।”
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