पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
लैव्यवस्था
1. यहोवा ने मूसा से कहा,
2. “इस्राएल के लोगों से कहोः यदि किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई ऐसा पाप हो जाए जिसे यहोवा ने न करने का आदेश दिया हो तो उस व्यक्ति को निम्न बातें करनी चाहिए:
3. “यदि अभीषिक्त याजक से कोई ऐसा पाप हुआ हो जसका बुरा असर लोगों पर पड़ा हो तो उसे अपने किए गए पाप के लिए यहोवा को बलि चढ़ानी चाहिए : उसे एक बछड़ा यहोवा को भेंट में देना चाहिए जिसमें कोई दोष न हो। उसे यहोवा को बछड़ा पापबलि के रूप में चढ़ाना चाहिए।
4. अभिषिक्त याजक को उस बछड़े को परमेश्वर के सामने मिलापवाले तम्बू के द्वार पर लाना चाहिए। उसे अपना हाथ उस बछड़े के सिर पर रखाना चाहिए और यहोहा के सामने उसे मार देना चाहिए।
5. तब अभिषिक्त याजक को बछड़े का कुच खून लेना चाहिए और मिलापवले तम्बू में ले जाना चाहिए।
6. याजक को अपनी उँगलियाँ खून में डालनी चाहिए और महापवित्र स्थान के पर्दे के सामने खून को सात बार परमेश्वर के सामने छिड़कना चाहिए।
7. याजक को कुछ खून सुगन्धित धूप की वेदी के सिरे पर लगाना चाहिए। यह वेदी यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू में है। याजक को बछड़े का सारा ख़ून होमबलि की वेदी की नींव पर डालना चाहिए। (वह वेदी मिलापवले तम्बू के द्वार पर है।)
8. औ उसे पापबलि किए गए बछड़े की सारी चर्बी को निकाल लेना चाहिए। उसे भीतरी भागों के ऊपर और उसके चारों ओर की चर्बी को निकाल लेनी चाहिए।
9. उसे दोनों गुर्दे, उसके ऊपर की चर्बी और पुट्ठे पर की चर्बी ले लेनी चाहिए। उसे कलेजे को ढकने वाली चर्बी भी लेनी चाहिये और उसे कलेजे को गुर्दे के साथ निकाल लेना चाहिए।
10. याजक को ये चीजें ठीक उसी तरह लेनी चाहिए जिस प्रकार उसने ये चीजें मेलबलि के बछड़े से ली थी। याजक को होमबलि की वेदी पर पशु के भागों को जलाना चाहिए।
11. [This verse may not be a part of this translation]
12. [This verse may not be a part of this translation]
13. “ऐसा हो सकता है कि पूरे इस्राएल राष्ट्र से अनजाने में कोई ऐसा पाप हो जाए जिसे न करने का आदेश परमेश्वर ने दिया है। यदि ऐसा होता है तो वे दोषी होंगे।
14. यदि उन्हें इस पाप का पता चलता है तो पूरे राष्ट्र के लिए एक बछड़ा पापबलि के रूप में चढ़ाया जाना चाहिए। उन्हें बछड़े को मिलापवाले तम्बू के सामने लाना चाहिए।
15. बुजुर्गों को यहोवा के सामने बछड़े के सिर पर अपने हाथ रखने चाहिए। यहोवा के सामने बछड़े को मारना चाहिए।
16. तब अभिषिक्त याजक को बछड़े का कुछ खून मिलापवले तम्बू में लाना चाहिए।
17. याजक को अपनी उँगलियाँ खून में डूबानी चाहिए और पर्दे के सामने सात बार खून को यहोवा के सामने छिड़कना चाहिए।
18. तब याजक को कुछ खून वेदी के सिरे के सींगों पर डालना चाहिए। (वह वेदी मिलापवाले तम्बू में यहोवा के सामने है।) याजक को सारा खून होमबली की वेदी की नींव पर डालना चाहिए। वह वेदी मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है।
19. “तब याजक को पशु की सारी चर्बी निकाल लेनी चाहिए और उसे वेदी पर जलाना चाहिए।
20. वह बछड़े के साथ वैसा ही करेगा जैसा उसने पापबलि के रूप में चढ़ाये गए बछड़े के साथ किया था। इस प्रकार याजक लोगों के पाप का भुगतान करता है, इससे यहोवा इस्राएल के लोगों को क्षमा कर देगा।
21. याजक डेरे के बाहर बछड़े को ले जाएगा और उसे वहाँ जलाएगा। यह पहले के समान होगा। यह पूरे समाज के लिए पापबलि होगी।
22. “हो सकता है किसी शासक से संयोगवश, कोई ऐसी बात हो जो जिसे उसके परमेश्वर यहोवा ने न करने का आदेश दिया है, तो यह शासक दोषी होगा।
23. यदि उसे इस पाप का पता चलता है तब उसे एक ऐसा बकरा लाना चाहिए जिसमें कोई कोई दोष न हो। यही उसकी भेंट होगी।
24. शासक को बकरे के सिर पर हाथ रखना चाहिए और उसे उस स्थान पर मारना चाहिए जहाँ वे होमबलि को यहोवा केसामने मारते हैं। बकरा पापबलि है।
25. याजक को पापबलि का कुछ खून अपनी ऊँगली पर लेना चाहिए। याजक होमबलि की वेदी के सिरे पर खून छिड़केगा। याजक को बाकी खून होमबलि की वेदी की नींव पर डालना चाहिए
26. और याजक को बकरे की सारी चर्बी वैदी पर जलानी चाहिए। इसे उसी प्रकार जलाना चाहिए जिस प्रकार वह मेलबलि की चर्बी को जलाता है। इस प्रकार वह मेलबलि की चर्बी को जलाता है। इस प्रकार याजक शासक के पाप का भुगतान करता है और यहोवा शासक को क्षमा करेगा।
27. “हो सकता है कि साधारण जनता में से किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई एसी बात हो जाए जिसे यहोवा ने न करने का आदेश दिया है।
28. यदि उस व्यक्ति को अपने पाप का पता चले तो वह एक बकरी लाए जिसमें कोई दोष न हो। यह उस व्यक्ति की भेंट होगी। वह इस बकरी को उस पाप के लिए लाए जो उसने किया है।
29. उसे अपना हाथ पशु के सिर पर रखना चाहिए और होमबलि के स्थान पर उसे मारना चाहिए।
30. तब याजक को उस बकरी का कुछ खून अपनी उँगली पर लेना चाहिए और होमबतलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। याजक को वेदी की नींव पर बकरी का सारा खून उँडेलना चाहिए।
31. तब याजक को बकरी की सारी चर्बी उसी प्रकार निकालनी चाहिए जिस प्रकार मलेबलि से चर्बी निकाली जाती है। याजक को इसे यहोवा के लिये सुगन्धि धूप की वेदी पर जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान कर देगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
32. “यदि यह व्यक्ति पापबलि के रूप में एक मेमने को लाता है तो उसे एक मादा मेमना लानी चाहिए जिसमें कोई दोष न हो।
33. व्यक्ति को उसके सिर पर हाथ रखना चाहिए और उसे उस स्थान पर पापबलि के रूप में मारना चाहिए जहाँ वे होमबलि के पशु को मारते हैं।
34. याजक को अपनी ऊँगली पर पापबलि का खून लेना चाहिए और इसे होमबलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। तब उसे मेमने के सारे खून को वेदी की नींव पर उँडेलना चाहिए। 35याजक को मेमने की सारी चर्बी उसी प्रकार लेनी चाहिए जिस प्रकार मेलबलि के मेमने की चर्बी ली जाती है। याजक को यहोवा के लिए आग द्वारा दी जाने वाली भेंटों के समान ही वेदी पर इन टुकड़ों को जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान करेगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
35. [This verse may not be a part of this translation]

Notes

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लैव्यवस्था 4:20
1. यहोवा ने मूसा से कहा,
2. “इस्राएल के लोगों से कहोः यदि किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई ऐसा पाप हो जाए जिसे यहोवा ने करने का आदेश दिया हो तो उस व्यक्ति को निम्न बातें करनी चाहिए:
3. “यदि अभीषिक्त याजक से कोई ऐसा पाप हुआ हो जसका बुरा असर लोगों पर पड़ा हो तो उसे अपने किए गए पाप के लिए यहोवा को बलि चढ़ानी चाहिए : उसे एक बछड़ा यहोवा को भेंट में देना चाहिए जिसमें कोई दोष हो। उसे यहोवा को बछड़ा पापबलि के रूप में चढ़ाना चाहिए।
4. अभिषिक्त याजक को उस बछड़े को परमेश्वर के सामने मिलापवाले तम्बू के द्वार पर लाना चाहिए। उसे अपना हाथ उस बछड़े के सिर पर रखाना चाहिए और यहोहा के सामने उसे मार देना चाहिए।
5. तब अभिषिक्त याजक को बछड़े का कुच खून लेना चाहिए और मिलापवले तम्बू में ले जाना चाहिए।
6. याजक को अपनी उँगलियाँ खून में डालनी चाहिए और महापवित्र स्थान के पर्दे के सामने खून को सात बार परमेश्वर के सामने छिड़कना चाहिए।
7. याजक को कुछ खून सुगन्धित धूप की वेदी के सिरे पर लगाना चाहिए। यह वेदी यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू में है। याजक को बछड़े का सारा ख़ून होमबलि की वेदी की नींव पर डालना चाहिए। (वह वेदी मिलापवले तम्बू के द्वार पर है।)
8. उसे पापबलि किए गए बछड़े की सारी चर्बी को निकाल लेना चाहिए। उसे भीतरी भागों के ऊपर और उसके चारों ओर की चर्बी को निकाल लेनी चाहिए।
9. उसे दोनों गुर्दे, उसके ऊपर की चर्बी और पुट्ठे पर की चर्बी ले लेनी चाहिए। उसे कलेजे को ढकने वाली चर्बी भी लेनी चाहिये और उसे कलेजे को गुर्दे के साथ निकाल लेना चाहिए।
10. याजक को ये चीजें ठीक उसी तरह लेनी चाहिए जिस प्रकार उसने ये चीजें मेलबलि के बछड़े से ली थी। याजक को होमबलि की वेदी पर पशु के भागों को जलाना चाहिए।
11. This verse may not be a part of this translation
12. This verse may not be a part of this translation
13. “ऐसा हो सकता है कि पूरे इस्राएल राष्ट्र से अनजाने में कोई ऐसा पाप हो जाए जिसे करने का आदेश परमेश्वर ने दिया है। यदि ऐसा होता है तो वे दोषी होंगे।
14. यदि उन्हें इस पाप का पता चलता है तो पूरे राष्ट्र के लिए एक बछड़ा पापबलि के रूप में चढ़ाया जाना चाहिए। उन्हें बछड़े को मिलापवाले तम्बू के सामने लाना चाहिए।
15. बुजुर्गों को यहोवा के सामने बछड़े के सिर पर अपने हाथ रखने चाहिए। यहोवा के सामने बछड़े को मारना चाहिए।
16. तब अभिषिक्त याजक को बछड़े का कुछ खून मिलापवले तम्बू में लाना चाहिए।
17. याजक को अपनी उँगलियाँ खून में डूबानी चाहिए और पर्दे के सामने सात बार खून को यहोवा के सामने छिड़कना चाहिए।
18. तब याजक को कुछ खून वेदी के सिरे के सींगों पर डालना चाहिए। (वह वेदी मिलापवाले तम्बू में यहोवा के सामने है।) याजक को सारा खून होमबली की वेदी की नींव पर डालना चाहिए। वह वेदी मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है।
19. “तब याजक को पशु की सारी चर्बी निकाल लेनी चाहिए और उसे वेदी पर जलाना चाहिए।
20. वह बछड़े के साथ वैसा ही करेगा जैसा उसने पापबलि के रूप में चढ़ाये गए बछड़े के साथ किया था। इस प्रकार याजक लोगों के पाप का भुगतान करता है, इससे यहोवा इस्राएल के लोगों को क्षमा कर देगा।
21. याजक डेरे के बाहर बछड़े को ले जाएगा और उसे वहाँ जलाएगा। यह पहले के समान होगा। यह पूरे समाज के लिए पापबलि होगी।
22. “हो सकता है किसी शासक से संयोगवश, कोई ऐसी बात हो जो जिसे उसके परमेश्वर यहोवा ने करने का आदेश दिया है, तो यह शासक दोषी होगा।
23. यदि उसे इस पाप का पता चलता है तब उसे एक ऐसा बकरा लाना चाहिए जिसमें कोई कोई दोष हो। यही उसकी भेंट होगी।
24. शासक को बकरे के सिर पर हाथ रखना चाहिए और उसे उस स्थान पर मारना चाहिए जहाँ वे होमबलि को यहोवा केसामने मारते हैं। बकरा पापबलि है।
25. याजक को पापबलि का कुछ खून अपनी ऊँगली पर लेना चाहिए। याजक होमबलि की वेदी के सिरे पर खून छिड़केगा। याजक को बाकी खून होमबलि की वेदी की नींव पर डालना चाहिए
26. और याजक को बकरे की सारी चर्बी वैदी पर जलानी चाहिए। इसे उसी प्रकार जलाना चाहिए जिस प्रकार वह मेलबलि की चर्बी को जलाता है। इस प्रकार वह मेलबलि की चर्बी को जलाता है। इस प्रकार याजक शासक के पाप का भुगतान करता है और यहोवा शासक को क्षमा करेगा।
27. “हो सकता है कि साधारण जनता में से किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई एसी बात हो जाए जिसे यहोवा ने करने का आदेश दिया है।
28. यदि उस व्यक्ति को अपने पाप का पता चले तो वह एक बकरी लाए जिसमें कोई दोष हो। यह उस व्यक्ति की भेंट होगी। वह इस बकरी को उस पाप के लिए लाए जो उसने किया है।
29. उसे अपना हाथ पशु के सिर पर रखना चाहिए और होमबलि के स्थान पर उसे मारना चाहिए।
30. तब याजक को उस बकरी का कुछ खून अपनी उँगली पर लेना चाहिए और होमबतलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। याजक को वेदी की नींव पर बकरी का सारा खून उँडेलना चाहिए।
31. तब याजक को बकरी की सारी चर्बी उसी प्रकार निकालनी चाहिए जिस प्रकार मलेबलि से चर्बी निकाली जाती है। याजक को इसे यहोवा के लिये सुगन्धि धूप की वेदी पर जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान कर देगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
32. “यदि यह व्यक्ति पापबलि के रूप में एक मेमने को लाता है तो उसे एक मादा मेमना लानी चाहिए जिसमें कोई दोष हो।
33. व्यक्ति को उसके सिर पर हाथ रखना चाहिए और उसे उस स्थान पर पापबलि के रूप में मारना चाहिए जहाँ वे होमबलि के पशु को मारते हैं।
34. याजक को अपनी ऊँगली पर पापबलि का खून लेना चाहिए और इसे होमबलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। तब उसे मेमने के सारे खून को वेदी की नींव पर उँडेलना चाहिए। 35याजक को मेमने की सारी चर्बी उसी प्रकार लेनी चाहिए जिस प्रकार मेलबलि के मेमने की चर्बी ली जाती है। याजक को यहोवा के लिए आग द्वारा दी जाने वाली भेंटों के समान ही वेदी पर इन टुकड़ों को जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान करेगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
35. This verse may not be a part of this translation
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