पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
मीका
1. हे सुदृढ़ नगर, अब तू अपने सैनिकों को एकत्र कर। शत्रु आक्रमण करने को हमें घेर रहे हैं! वे इस्राएल के न्यायाधीश के मुख पर अपने सोटे से प्रहार करेंगे।
2. हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है। किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।” बहुत पहले सुदूर अतीत में उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।
3. यहोवा अपने लोगों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा। वे उस समय तक वही पर बने रहेंगे जब तक वह स्त्री अपने बच्चे को जन्म नहीं देती। फिर उसके बन्धु जो अब तक जीवित हैं, लौटकर आयेंगे। वे इस्राएल क लोगों के पास लौटकर आयेंगे।
4. तब इस्राएल का शासक खड़ा होगा और भेड़ों के झुण्ड को चरायेगा। यहोवा की शक्ति से वह उनको राह दिखायेगा। वह यहोवा परमेश्वर के अदभुत नाम की शक्ति से उनको राहें दिखायेगा। वहाँ शान्ति होगी, क्योंकि ऐसे उस समय में उसकी महिमा धरती के छोरों तक पहुँच जायेगी।
5. वहाँ शान्ति होगी, यदि अश्शूर की सेना हमारे देश में आयेगी और वह सेना हमारे विशाल भवन तोड़ेगी, तो इस्राएल का शासक सात गड़ेरिये चुनेगा। नहीं, हम आठ मुखियाओं को पायेंगे।
6. वे अश्शूर के लोगों पर अपनी तलवारों से शासन करेंगे। नंगी तलवारों के साथ उन का राज्य निम्रोद की धरती पर रहेगा। फिर इस्राएल का शासक हमको अश्शूर के लोगों से बचायेगा। वे लोग जो हमारी धरती पर चढ़ आयेंगे और वे हमारी सीमाएँ रौंद डालेंगे।
7. फिर बहुत से लोगों के बीच में याकूब के बचे हुए वंशज ओस के बूँद जैसे होंगे जो यहोवा की ओर से आई हो। वे घास के ऊपर वर्षा जैसे होंगे। वे लोगों पर निर्भर नहीं होंगे। वे किसी जन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। वे किसी पर भी निर्भर नहीं होंगे।
8. बहुत से लोगों के बीच याकूब के बचे हुए लोग उस सिंह जैसे होंगे जो जंगल के पशुओं के बीच होता है। जब सिंह बीच से गुजरता है तो वह वहीं जाता है, जहाँ वह जाना चाहता है। वह पशु पर टूट पड़ता है और उस पशु को कोई बचा नहीं सकता है। उसके बचे हुए लोग ऐसे ही होंगे।
9. तुम अपने हाथ अपने शत्रुओं पर उठाओगे और तुम उनका विनाश कर डालोगे।
10. यहोवा कहता है: “उस समय मैं तुमसे तुम्हारे घोड़े छींन लूँगा। तुम्हारे रथों को नष्ट कर डालूँगा।
11. मैं तुम्हारे देश के नगर उजाड़ दूँगा। मैं तुम्हारे सभी गढ़ों को गिरा दूँगा।
12. फिर तुम जादू चलाने को यत्न नहीं करोगे। फिर ऐसे उन लोगों को, जो भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं, तुम नहीं रखोगे।
13. मैं तुम्हारे झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट करूँगा। उन झूठे देवों के पत्थर के स्मृति-स्तम्भ मैं उखाड़ फेंकूँगा जिनको तुमने स्वयं अपने हाथों से बनाया है। तुम उनकी पूजा नहीं कर पाओगे।
14. मैं अशेरा की पूजा के खम्भों को नष्ट कर दूँगा। तुम्हारे झूठे देवताओं को मैं तहस- नहस कर दूँगा।
15. कुछ लोग ऐसे होंगे जो मेरी नहीं सुनेंगे। मैं उन पर क्रोध करूँगा और मैं उनसे बदला लूँगा।

Notes

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मीका 5
1. हे सुदृढ़ नगर, अब तू अपने सैनिकों को एकत्र कर। शत्रु आक्रमण करने को हमें घेर रहे हैं! वे इस्राएल के न्यायाधीश के मुख पर अपने सोटे से प्रहार करेंगे।
2. हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है। किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।” बहुत पहले सुदूर अतीत में उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।
3. यहोवा अपने लोगों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा। वे उस समय तक वही पर बने रहेंगे जब तक वह स्त्री अपने बच्चे को जन्म नहीं देती। फिर उसके बन्धु जो अब तक जीवित हैं, लौटकर आयेंगे। वे इस्राएल लोगों के पास लौटकर आयेंगे।
4. तब इस्राएल का शासक खड़ा होगा और भेड़ों के झुण्ड को चरायेगा। यहोवा की शक्ति से वह उनको राह दिखायेगा। वह यहोवा परमेश्वर के अदभुत नाम की शक्ति से उनको राहें दिखायेगा। वहाँ शान्ति होगी, क्योंकि ऐसे उस समय में उसकी महिमा धरती के छोरों तक पहुँच जायेगी।
5. वहाँ शान्ति होगी, यदि अश्शूर की सेना हमारे देश में आयेगी और वह सेना हमारे विशाल भवन तोड़ेगी, तो इस्राएल का शासक सात गड़ेरिये चुनेगा। नहीं, हम आठ मुखियाओं को पायेंगे।
6. वे अश्शूर के लोगों पर अपनी तलवारों से शासन करेंगे। नंगी तलवारों के साथ उन का राज्य निम्रोद की धरती पर रहेगा। फिर इस्राएल का शासक हमको अश्शूर के लोगों से बचायेगा। वे लोग जो हमारी धरती पर चढ़ आयेंगे और वे हमारी सीमाएँ रौंद डालेंगे।
7. फिर बहुत से लोगों के बीच में याकूब के बचे हुए वंशज ओस के बूँद जैसे होंगे जो यहोवा की ओर से आई हो। वे घास के ऊपर वर्षा जैसे होंगे। वे लोगों पर निर्भर नहीं होंगे। वे किसी जन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। वे किसी पर भी निर्भर नहीं होंगे।
8. बहुत से लोगों के बीच याकूब के बचे हुए लोग उस सिंह जैसे होंगे जो जंगल के पशुओं के बीच होता है। जब सिंह बीच से गुजरता है तो वह वहीं जाता है, जहाँ वह जाना चाहता है। वह पशु पर टूट पड़ता है और उस पशु को कोई बचा नहीं सकता है। उसके बचे हुए लोग ऐसे ही होंगे।
9. तुम अपने हाथ अपने शत्रुओं पर उठाओगे और तुम उनका विनाश कर डालोगे।
10. यहोवा कहता है: “उस समय मैं तुमसे तुम्हारे घोड़े छींन लूँगा। तुम्हारे रथों को नष्ट कर डालूँगा।
11. मैं तुम्हारे देश के नगर उजाड़ दूँगा। मैं तुम्हारे सभी गढ़ों को गिरा दूँगा।
12. फिर तुम जादू चलाने को यत्न नहीं करोगे। फिर ऐसे उन लोगों को, जो भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं, तुम नहीं रखोगे।
13. मैं तुम्हारे झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट करूँगा। उन झूठे देवों के पत्थर के स्मृति-स्तम्भ मैं उखाड़ फेंकूँगा जिनको तुमने स्वयं अपने हाथों से बनाया है। तुम उनकी पूजा नहीं कर पाओगे।
14. मैं अशेरा की पूजा के खम्भों को नष्ट कर दूँगा। तुम्हारे झूठे देवताओं को मैं तहस- नहस कर दूँगा।
15. कुछ लोग ऐसे होंगे जो मेरी नहीं सुनेंगे। मैं उन पर क्रोध करूँगा और मैं उनसे बदला लूँगा।
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