1. {#1यहोवा परमेश्वर की शिकायत } [QS]जो यहोवा कहता है, उस पर तुम कान दो। [QE][QS]“तुम पहाड़ों के सामने खड़े हो जाओ और फिर उनको कथा का अपना पक्ष सुनाओ, [QE][QS2]पहाड़ों को तुम अपनी कहानी सुनाओ। [QE]
2. [QS]यहोवा को अपने लोगों से एक शिकायत है। [QE][QS2]पर्वतों, तुम यहोवा की शिकायत को सुनो। [QE][QS]धरती की नीवों, यहोवा की शिकायत को सुनो। [QE][QS2]वह प्रमाणित करेगा कि इस्राएल दोषी हैं!” [QE][PBR]
3. [QS]यहोवा कहता है: “हे मेरे लोगों, क्या मैंने कभी तुम्हारा कोई बुरा किया है? [QE][QS2]मैंने कैसे तुम्हारा जीवन कठिन किया है? [QE][QS2]मुझे बताओ, मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है? [QE]
4. [QS]मैं तुमको बताता हूँ जो मैंने तुम्हारे साथ किया है, [QE][QS2]मैं तुम्हें मिस्र की धरती से निकाल लाया, [QE][QS]मैंने तुम्हें दासता से मुक्ति दिलायी थी। [QE][QS2]मैंने तुम्हारे पास मूसा, हारून और मरियम को भेजा था। [QE]
5. [QS]हे मेरे लोगों, मोआब के राजा बालाक के कुचक्र याद करो। [QE][QS2]वे बातें याद करो जो बोर के पुत्र बिलाम ने बालाक से कहीं थी। [QE][QS]वे बातें याद करो जो शित्तीम से गिल्गाल तक घटी थी। [QE][QS2]तभी समझ पाओगे की यहोवा उचित है!” [QE]
6. {#1परमेश्वर हम से क्या चाहता है } [QS]जब मैं यहोवा के सामने जाऊँ और प्रणाम करूँ, [QE][QS2]तो परमेश्वर के सामने अपने साथ क्या लेकर के जाऊँ [QE][QS]क्या यहोवा के सामने [QE][QS2]एक वर्ष के बछड़े की होमबलि लेकर के जाऊँ [QE]
7. [QS]क्या यहोवा एक हजार मेढ़ों से [QE][QS2]अथवा दासियों हजार तेल की धारों से प्रसन्न होगा? [QE][QS]क्या अपने पाप के बदले में मुझको [QE][QS2]अपनी प्रथम संतान जो अपनी शरीर से उपजी हैं, अर्पित करनी चाहिये? [QE]
8. [QS]हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। [QE][QS2]ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। [QE][QS]ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; [QE][QS2]तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, [QE][QS2]और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो। [QE]
9. {#1इस्राएल के लोग क्या कर रहे थे } [QS]यहोवा की वाणी यरूशलेम नगर को पुकार रही है। [QE][QS]बुद्धिमान व्यक्ति यहोवा के नाम को मान देता हैं। [QE][QS2]इसलिए सजा के राजदण्ड पर ध्यान दे और उस पर ध्यान दे, जिसके पास राजदण्ड है! [QE]
10. [QS]क्या अब भी दुष्ट अपने चुराये खजाने को [QE][QS2]छिपा रहे हैं? [QE][QS]क्या दुष्ट अब भी लोगों को [QE][QS2]उन टोकरियों से छला करते हैं [QE][QS2]जो बहुत छोटी हैं (यहोवा इस प्रकार से लोगों को छले जाने से घृणा करता है!) [QE]
11. [QS]क्या मैं उन ऐसे बुरे लोगों को नजर अंदाज कर दूँ जो अब भी खोटे बाँट और खोटी तराजू लोगों को ठगने के काम में लाते हैं? [QE][QS2]क्या मैं उन ऐसे बुरे लोगों को नजर अंदाज कर दूँ, जो अब भी ऐसी गलत बोरियाँ रखते हैं? [QE][QS2]जिनके भार से गलत तौल दी जाती है? [QE]
12. [QS]उस नगर के धनी पुरूष अभी भी क्रूर कर्म करते हैं! [QE][QS2]उस नगर के निवासी अभी भी झूठ बोला करते हैं। [QE][QS2]हाँ, वे लोग मनगढ़ंत झूठों को बोला करते हैं! [QE]
13. [QS]सो मैंने तुम्हें दण्ड देना शुरू कर दिया है। [QE][QS2]मैं तुम्हें तुम्हारे पापों के लिये नष्ट कर दूँगा। [QE]
14. [QS]तुम खाना खाओगे किन्तु तुम्हारा पेट नहीं भरेगा। [QE][QS2]तुम फिर भी भूखे रहोगे। [QE][QS]तुम लोगों को बचाओगे, उन्हें सुरक्षित घऱ ले आने को [QE][QS2]किन्तु तुम जिसे भी बचाओगे, मैं उसे तलवार के घाट उतार दूँगा! [QE]
15. [QS]तुम अपने बीज बोओगे [QE][QS2]किन्तु तुम उनसे भोजन नहीं प्राप्त करोगे। [QE][QS]तुम घानी में पेर कर अपने जैतून का तेल निचोड़ोगे [QE][QS2]किन्तु तुम्हें उतना भी तेल नहीं मिलेगा जो अर्घ्य देने को प्रयाप्त हो। [QE][QS]तुम अपने अंगूरों को खूंद कर निचोड़ोगे [QE][QS2]किन्तु तुमको वह दाखमधु पीने को काफी नहीं होगा। [QE]
16. [QS]ऐसा क्यों होगा? क्योंकि तुम ओम्री के नियमों पर चलते हो। [QE][QS2]तुम उन बुरी बातों को करते हो जिनको आहाब का परिवार करता था। [QE][QS]तुम उनकी शिक्षाओं पर चला करते हो [QE][QS2]इसलिये मैं तुम्हें नष्ट भ्रष्ट कर दूँगा। [QE][QS]तुम्हारे नगर के लोग हँसी के पात्र बनेंगे। [QE][QS2]तुम्हें अन्य राज्यों की घृणा झेलनी होगी। [QE][PBR]