1. {#1लोगों के पाप—आचरण पर मीका की व्याकुलता } [QS]मैं व्याकुल हूँ, क्यों क्योंकि मैं गर्मी के उस फल सा हूँ जिसे अब तक बीन लिया गया है। [QE][QS2]मैं उन अंगूरों सा हूँ जिन्हें तोड़ लिया गया है। [QE][QS]अब वहाँ कोई अंगूर खाने को नहीं बचे है। [QE][QS2]शुरू की अंजीरें जो मुझको भाती हैं, एक भी नहीं बची है। [QE]
2. [QS]इसका अर्थ यह है कि सभी सच्चे लोग जाते रहे हैं। [QE][QS2]कोई भी सज्जन व्यक्ति इस प्रदेश में नहीं बचा है। [QE][QS]हर व्यक्ति किसी दूसरे को मारने की घात में रहता है। [QE][QS2]हर व्यक्ति अपने ही भाई को फंदे में फँसाने का जतन करता है। [QE]
3. [QS]लोग दोनों हाथों से बुरा करने में पारंगत हैं। [QE][QS2]अधिकारी लोग रिश्वत माँगते हैं। [QE][QS]न्यायाधीश अदालतों में फैसला बदलने के लिये धन लिया करते हैं। [QE][QS2]“महत्वपूर्ण मुखिया” खरे और निष्पक्ष निर्णय नहीं लेते हैं। [QE][QS2]उन्हें जैसा भाता है, वे वैसा ही काम करते हैं। [QE]
4. [QS]यहाँ तक कि उनका सर्वोच्च काँटों की झाड़ी सा होता है। [QE][QS2]यहाँ तक कि उनका सर्वाच्च काँटों की झाड़ी से अधिक टेढ़ा होता है। [QE]{#1दण्ड का दिन आ रहा है } [QS]तुम्हारे नबियों ने कहा था कि यह दिन आयेगा [QE][QS2]और तुम्हारे रखवालों का दिन आ पहुँचा है। [QE][QS]अब तुमको दण्ड दिया जायेगा! [QE][QS2]तुम्हारी मति बिगड़ जायेगा! [QE]
5. [QS]तुम अपने पड़ोसी का भरोसा मत करो! [QE][QS2]तुम मित्र का भरोसा मत करो! [QE][QS]अपनी पत्नी तक से [QE][QS2]खुलकर बात मत करो! [QE]
6. [QS]व्यक्ति के अपने ही घर के लोग उसके शत्रु हो जायेंगे। [QE][QS2]पुत्र अपने पिता का आदर नहीं करेगा। [QE][QS]पुत्री अपनी माँ के विरूद्ध हो जायेगी। [QE][QS2]बहू अपने सास के विरूद्ध हो जायेगी। [QE]
7. {#1यहोवा बचाने वाला है } [QS]मैं सहायता के लिये यहोवा को निहारूँगा! [QE][QS2]मैं परमेश्वर की प्रतीक्षा करूँगा कि वह मुझ को बचा ले। [QE][QS2]मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा। [QE]
8. [QS]मेरा पतन हुआ है। [QE][QS2]किन्तु हे मेरे शत्रु, मेरी हँसी मत उड़ा! [QE][QS]मैं फिर से खड़ा हो जाऊँगा। [QE][QS2]यद्यपि आज अंधेरे में बैठा हूँ यहोवा मेरे लिये प्रकाश होगा। [QE]
9. {#1यहोवा क्षमा करता है } [QS]यहोवा के विरूद्ध मैंने पाप किया था। [QE][QS2]अत: वह मुझ पर क्रोधित था। [QE][QS]किन्तु न्यायालय में वह मेरे अभियोग का वकालत करेगा। [QE][QS2]वह, वे ही काम करेगा जो मेरे लिये उचित है। [QE][QS]फिर वह मुझको बाहर प्रकाश में ले आयेगा [QE][QS2]और मैं उसके छुटकारे को देखूँगा। [QE]
10. [QS]फिर मेरी बैरिन यह देखेगी [QE][QS2]और लज्जित हो जायेगी। [QE][QS]मेरे शत्रु ने यह मुझ से कहा था, [QE][QS2]“तेरा परमेश्वर यहोवा कहाँ है” [QE][QS]उस समय, मैं उस पर हँसूंगी। [QE][QS2]लोग उसको ऐसे कुचल देंगे जैसे गलियों में कीचड़ कुचली जाती है। [QE]
11. {#1यहूदी लौटने को हैं } [QS]वह समय आयेगा, जब तेरे परकोटे का फिर निर्माण होगा, [QE][QS2]उस समय तुम्हारा देश विस्तृत होंगे। [QE]
12. [QS]तेरे लोग तेरी धरती पर लौट आयेंगे। [QE][QS2]वे लोग अश्शूर से आयेंगे और वे लोग मिस्र के नगरों से आयेंगे। [QE][QS]तेरे लोग मिस्र से और परात नदी के दूसरे छोर से आयेंगे। [QE][QS2]वे पश्चिम के समुद्र से और पूर्व के पहाड़ों से आयेंगे। [QE][PBR]
13. [QS]धरती उन लोगों के कारण जो इसके निवासी थे [QE][QS2]बर्बाद हुई थी, उन कर्मो के कारण जिनको वे करते थे। [QE]
14. [QS]सो अपने राजदण्ड से तू उन लोगों का शासन कर। [QE][QS2]तू उन लोगों के झुण्ड का शासन कर जो तेरे अपने हैं। [QE][QS]लोगों का वह झुण्ड जंगलों में [QE][QS2]और कर्म्मेल के पहाड़ पर अकेला ही रहता है। [QE][QS]वह झुण्ड बाशान में रहता है और गिलाद में बसता है [QE][QS2]जैसे वह पहले रहा करता था! [QE]
15. {#1इस्राएल अपने शत्रुओं को हरायेगा } [QS]जब मैं तुमको मिस्र से निकाल कर लाया था, तो मैंने बहुत से चमत्कार किये थे। [QE][QS2]वैसे ही और चमत्कार मैं तुमको दिखाऊँगा। [QE]
16. [QS]वे चमत्कार जातियाँ देखेंगी [QE][QS2]और लज्जित हो जायेंगी। [QE][QS]वे जातियाँ देखेंगी कि [QE][QS2]उनकी “शक्ति” मेरे सामने कुछ नहीं हैं। [QE][QS]वे चकित रह जायेंगे [QE][QS2]और वे अपने मुखों पर हाथ रखेंगे! [QE][QS]वे कानों को बन्द कर लेंगे [QE][QS2]और कुछ नहीं सुनेंगे। [QE]
17. [QS]वे सांप से धूल चाटते हुये धरती पर लोटेंगे, [QE][QS2]वा भय से काँपेंगे। [QE][QS]जैसे कीड़े निज बिलों से रेंगते हैं, [QE][QS2]वैसे ही वे धरती पर रेंगा करेंगे। [QE][QS2]वे डरे—कांपते हुये हमारे परमेश्वर यहोवा के पास जायेंगे। [QE][QS]परमेश्वर, वे तुम्हारे सामने डरेंगे। [QE]
18. {#1यहोवा की स्तुति } [QS]तेरे समान कोई परमेश्वर नहीं है। [QE][QS2]तू पापी जनों को क्षमा कर देता है। [QE][QS2]तू अपने बचे हुये लोगों के पापों को क्षमा करता है। [QE][QS]यहोवा सदा ही क्रोधित नहीं रहेगा, [QE][QS2]क्योंकि उसको दयालु ही रहना भाता है। [QE]
19. [QS]हे यहोवा, हमारे पापों को दूर करके फिर हमको सुख चैन देगा, [QE][QS2]हमारे पापों को तू दूर गहरे सागर में फेंक देगा। [QE]
20. [QS]याकूब के हेतु तू सच्चा होगा। [QE][QS2]इब्राहीम के हेतु तू दयालु होगा, तूने ऐसी ही प्रतिज्ञा बहुत पहले हमारे पूर्वजो के साथ की थी। [QE][PBR]