1. मूसा और हारून ने इस्राएल के लोगों को मिस्र से समूहों में निकाला ये वे स्थान हैं जिनकी उन्होंने यात्रा की।
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2. मूसा ने उन यात्राओं के बारे में लिखा। मूसा ने वे बातें लिखीं जिन्हें यहोवा चाहता था। वे यात्रायें यहाँ हैं।
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3. प्रथम महीने के पन्द्रहवें दिन उन्होंने रामसेस छोड़ा। फसह पर्व के बाद सवेरे, इस्राएल के लोगों ने विजय के साथ अपने अस्त्र-शस्त्रों को उठाए हुए मिस्र से बाहर प्रस्थान किया। मिस्र के सभी लोगों ने उन्हें देखा।
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4. मिस्री उन लोगों को जला रहे थे जिन्हें यहोवा ने मार डाला था। वे अपने सभी पहलौठे पुत्रों को जला रहे थे। यहोवा ने मिस्र के देवताओं के विरुद्ध अपना निर्णय दिखाया था।
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7. उन्होंने एताम को छोड़ा और पीहहीरोत को गए। यह बालसपोन के पास था। लोगों ने मिगदोल के पास डेरे डाले।
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8. लोगों ने पीहहीरोत छोड़ा और समुद्र के बीच से चले। वे मरुभूमि की ओर चले। तब वे तीन दिन तक एताम मरुभूमि से होकर चले। लोगों ने मारा में डेरे डाले।
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9. लोगों ने मारा को छोड़ा और एलीम गए तथा वहाँ डेरे डाले। वहाँ पर बारह पानी के सोते थे और सत्तर खजूर के पेड़ थे।
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38. याजक हारून ने यहोवा की आज्ञा मानी और वह होर पर्वत पर चढ़ा। हारून पाँचवें महीने के प्रथम दिन मरा। वह मिस्र को इस्राएल के लोगों द्वारा छोड़ने का चालीसवाँ वर्ष था।
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48. लोगों ने अबारीम पर्वतों को छोड़ा और यरदन नदी के पास मोआब के प्रदेश में डेरे डाले। यह यरीहो के पास था।
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49. उन्होंने यरदन के पास डेरे डाले। उनके डेरे वेत्यशीमोत से अबेलशित्तीम चरागाह तक फैले थे। यह अबारीम मोआब के मैदानों में था।
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51. “इस्राएल के लोगों से बात करो। उनसे यह कहोः तुम लोग यरदन नदी को पार करोगे। तुम लोग कनान देश में जाओगे।
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52. तुम लोग उन लोगों से भूमि ले लोगे जिन्हें तुम वहाँ पाओगे। तुम लोगों को उनकी उत्कीर्ण मूर्तियों और प्रतीकों को नष्ट कर देना चाहिए। तुम्हें उनके सभी उच्च स्थानों को नष्ट कर देना चाहिए।
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53. तुम वह देश लोगे और वहाँ बसोगे। क्यों क्योंकि यह देश मैं तुमको दे रहा हूँ। यह तुम्हारे परिवारों का होगा।
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54. तुम्हारा हर एक परिवार भूमि का हिस्सा पाएगा। तुम इस बात के लिए गोट डालोगे कि देश का कौन सा हिस्सा किस परिवार को मिलता है। बड़े परिवार, भूमि का बड़ा हिस्सा पाएंगे। छोटे परिवार देश का छोटा भाग पाएंगे। भूमि उन लोगों को दी जाएगी जिनके नाम गोट निश्चित करेगी। हर एक परिवार समूह अपनी भूमि पाएगा।
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55. तुम लोगों को उन अन्य लोगों से देश खाली करा लेना चाहिए। यदि तुम उन लोगों को अपने देश में ठहरने दोगे तो वे तुम्हारे लिए बहुत परेशानियाँ उत्पन्न करेंगे। वे तुम्हारी आँखों में काँटे या तुम्हारी बगल के कीलें की तरह होंगे। वे उस देश पर बहुत विपत्तियाँ लाएंगे जहाँ तुम रहोगे।
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56. मैंने तुम लोगों को समझा दिया जो मुझे उनके साथ करना है और मैं तुम्हारे साथ वही करूँगा यदि तुम लोग उन लोगों को अपने देश में रहने दोगे।”
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