पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
ओबद्दाह
1. {#1एदोम दण्डित होगा } [PS]यह ओबद्याह का दर्शन है। मेरा स्वामी यहोवा एदोम के बारे में यह कहता है: [PE][PBR] [QS]हमने यहोवा परमेश्वर से एक सन्देश प्राप्त किया है। [QE][QS2]राष्ट्रों को एक दूत भेजा गया है। [QE][QS]उसने कहा, “हम एदोम के विरूद्ध लड़ने चलें।” [QE]
2. {#1यहोवा एदोम से कहता है } [QS]“एदोम, मैं तुम्हें सबसे छोटा राष्ट्र बना दूँगा [QE][QS2]लोग तुमसे बहुत घृणा करेंगे। [QE]
3. [QS]तुम अपने अभिमान के द्वारा छले गये हो। [QE][QS2]तुम ऊँची पहाड़ियों की गुफाओं में रहते हो। [QE][QS2]तुम्हारा घर पहाड़ियों में ऊँचे पर है। [QE][QS]तुम अपने मन में कहते हो, [QE][QS2]‘मुझे काई भी धूल नहीं चटा सकता।’ ” [QE]
4. {#1एदोम नीचा किया जाएगा } [QS]परमेश्वर यहोवा यह कहता है: [QE][QS]“यद्यपि तुम उकाब की तरह ऊपर उड़ो, [QE][QS2]और अपना घोंसला तारों के बीच बना लो, [QE][QS2]तो भी मैं तुम्हें वहाँ से नीचे उतारूँगा।” [QE]
5. [QS]तुम सचमुच बरबाद हो जाओगे! देखो! [QE][QS2]कोई चोर तुम्हारे यहाँ आता है! [QE][QS]जब, रात में डाकू आते है! [QE][QS2]तो वे भी उतना ही चुराकर या लूटकर ले जाते हैं जितना ले जा सकते हैं! [QE][QS]तुम्हारे अंगूर के बगीचों में जब अंगूर तोड़ने वाले आते हैं [QE][QS2]तो अंगूर तोड़ने के बाद वे भी अपने पीछे कुछ न कुछ छोड़ ही जाते हैं। [QE]
6. [QS]किन्तु हे एदोम! तुझसे तेरा सब कुछ छिन जायेगा। [QE][QS2]लोग तेरे सभी छिपे खजानों को ढूँढ निकालेंगे और हथिया लेंगे! [QE]
7. [QS]वे सभी लोग जो तुम्हारे मित्र हैं, [QE][QS2]तुम्हें देश से बाहर जाने को विवश करेंगे। [QE][QS]तुम्हारे साथ शान्तिपूर्वक रहने वाले तुम्हें धोखा देंगे [QE][QS2]और तुमको हराएंगे। [QE][QS]वे लोग तुम्हारी रोटी तुम्हारे साथ खायेंगे। [QE][QS2]किन्तु वे तुम्हें जाल मे फँसाने की योजना बना रहे हैं। [QE][QS]“किन्तु तुम उसे जान नहीं पाओगे!” [QE][PBR]
8. [QS]यहोवा कहता है: उस दिन, [QE][QS2]मैं एदोम के बुद्धिमानों को नष्ट करूँगा [QE][QS2]और मैं एसाव पर्वत से समझदारी को नष्ट कर दूँगा। [QE]
9. [QS]तब तेमान, तुम्हारे शक्तिशाली लोग भयभीत होंगे [QE][QS2]और एसाव पर्वत का हर व्यक्ति नष्ट होगा। [QE]
10. [QS]तुम शर्म से गड़ जाओगे, [QE][QS2]और तुम सदैव के लिये नष्ट हो जाओगे। [QE][QS2]क्योंकि अपने भाई याकूब के प्रति तुम इतने अधिक क्रूर निकले। [QE]
11. [QS]उस समय तुम सहायता किये बिना दूसरी ओर खड़े रहे। [QE][QS2]अजनबी याकूब का खजाना ले गए। [QE][QS]विदेशी इस्राएल के नगर—द्वार में घुसे। [QE][QS2]उन विदेशियों ने गोट डालकर यह निश्चय किया कि वे यरूशलेम का कौन सा भाग लेंगे। [QE][QS2]उस समय तुम उन विदेशियों के समान ही थे। [QE]
12. [QS]तुम अपने भाई के विपत्ति काल में उस पर हँसे, [QE][QS2]तुम्हें यह नहीं करना चाहिये था। [QE][QS]तुम तब प्रसन्न थे जब लोगों ने यहूदा को नष्ट किया। [QE][QS2]तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। [QE][QS]उनकी विपत्ति के समय तुमने उसकी खिल्ली उड़ाई। [QE][QS2]तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। [QE]
13. [QS]तुम मेरे लोगों के नगर—द्वार में घुसे और उनकी समस्याओं पर हँसे। [QE][QS2]तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था। [QE][QS]उनके उस विपत्ति काल में तुमने उनके खजाने लिये, [QE][QS2]तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था। [QE]
14. [QS]तुम चौराहों पर खड़े हुए और तुमने जान बचाकर भागने की कोशिश करने वाले लोगों को मार डाला। [QE][QS]तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। [QE][QS2]तुमने उन लोगों को पकड़ लिया जो जीवित बच निकले थे। [QE][QS2]तुम्हें वह नहीं करना चाहिए था। [QE]
15. {#1सभी राष्ट्रों का न्याय होना } [QS]सभी राष्ट्रों पर शीघ्र ही यहोवा का दिन आ रहा है। [QE][QS2]तुमने दूसरे लोगों के साथ बुरा किया। [QE][QS]वे ही बुराईयाँ तुम्हारे साथ घटित होंगी। [QE][QS2]वे सभी बुराईयाँ तुम्हारे ही सिर पर उतर आएंगी। [QE]
16. [QS]क्योंकि जैसे तुमने मेरे पवित्र पर्वत पर [QE][QS2]दाखमधु पीकर विजय की खुशी मनाई। [QE][QS]वैसे ही सभी जातियाँ निरन्तर मेरे दण्ड को पीएंगी [QE][QS2]और उसे निगलेंगी और उनका लोप हो जायेगा। [QE]
17. [QS]किन्तु सिय्योन पर्वत पर कुछ बचकर रह जाने वाले होंगे। [QE][QS2]यह मेरा पवित्र स्थान होगा। [QE][QS]याकूब का राष्ट्र उन चीजों को वापस पाएगा [QE][QS2]जो उसकी थीं। [QE]
18. [QS]याकूब का परिवार जलती आग—सा होगा। [QE][QS2]यूसुफ का राष्ट्र जलती लपटों जैसा बन जायेगा। [QE][QS]किन्तु एसाव का राष्ट्र राख की तरह होगा। [QE][QS2]यहूदा के लोग एदोमी लोगों को नष्ट करेंगे। [QE][QS]एसाव के राष्ट्र में कोई जीवित नहीं रहेगा। [QE][QS2]क्यों क्योंकि परमेश्वर यहोवा ने ऐसा कहा। [QE]
19. [QS]तब नेगव के लोग एसाव पर्वत पर रहेंगे [QE][QS2]और पर्वत की तराईयों के लोग पलिश्ती प्रदेश को लेंगे। [QE][QS]परमेश्वर के वे लोग एप्रैम और शोमरोन की भूमि पर रहेंगे। [QE][QS2]गिलाद, बिन्यामीन का होगा। [QE]
20. [QS]इस्राएल के लोग घर छोड़ने को विवश किये गए थे। [QE][QS2]किन्तु वे लोग कनानियों का प्रदेश सारपत तक ले लेंगे। [QE][QS]यहूदा के लोग यरूशलेम छोड़ने और सपाराद में रहने को विवश किये गये थे। [QE][QS2]किन्तु वे लोग नेगव के नगरों को लेंगे। [QE]
21. [QS]विजयी सिय्योन पर्वत पर होंगे। [QE][QS2]वे लोग एसाव पर्वत के निवासियों पर शासन करेंगे [QE][QS2]और राज्य यहोवा का होगा। [QE][PBR]
Total 1 अध्याय
एदोम दण्डित होगा 1 यह ओबद्याह का दर्शन है। मेरा स्वामी यहोवा एदोम के बारे में यह कहता है: हमने यहोवा परमेश्वर से एक सन्देश प्राप्त किया है। राष्ट्रों को एक दूत भेजा गया है। उसने कहा, “हम एदोम के विरूद्ध लड़ने चलें।” यहोवा एदोम से कहता है 2 “एदोम, मैं तुम्हें सबसे छोटा राष्ट्र बना दूँगा लोग तुमसे बहुत घृणा करेंगे। 3 तुम अपने अभिमान के द्वारा छले गये हो। तुम ऊँची पहाड़ियों की गुफाओं में रहते हो। तुम्हारा घर पहाड़ियों में ऊँचे पर है। तुम अपने मन में कहते हो, ‘मुझे काई भी धूल नहीं चटा सकता।’ ” एदोम नीचा किया जाएगा 4 परमेश्वर यहोवा यह कहता है: “यद्यपि तुम उकाब की तरह ऊपर उड़ो, और अपना घोंसला तारों के बीच बना लो, तो भी मैं तुम्हें वहाँ से नीचे उतारूँगा।” 5 तुम सचमुच बरबाद हो जाओगे! देखो! कोई चोर तुम्हारे यहाँ आता है! जब, रात में डाकू आते है! तो वे भी उतना ही चुराकर या लूटकर ले जाते हैं जितना ले जा सकते हैं! तुम्हारे अंगूर के बगीचों में जब अंगूर तोड़ने वाले आते हैं तो अंगूर तोड़ने के बाद वे भी अपने पीछे कुछ न कुछ छोड़ ही जाते हैं। 6 किन्तु हे एदोम! तुझसे तेरा सब कुछ छिन जायेगा। लोग तेरे सभी छिपे खजानों को ढूँढ निकालेंगे और हथिया लेंगे! 7 वे सभी लोग जो तुम्हारे मित्र हैं, तुम्हें देश से बाहर जाने को विवश करेंगे। तुम्हारे साथ शान्तिपूर्वक रहने वाले तुम्हें धोखा देंगे और तुमको हराएंगे। वे लोग तुम्हारी रोटी तुम्हारे साथ खायेंगे। किन्तु वे तुम्हें जाल मे फँसाने की योजना बना रहे हैं। “किन्तु तुम उसे जान नहीं पाओगे!” 8 यहोवा कहता है: उस दिन, मैं एदोम के बुद्धिमानों को नष्ट करूँगा और मैं एसाव पर्वत से समझदारी को नष्ट कर दूँगा। 9 तब तेमान, तुम्हारे शक्तिशाली लोग भयभीत होंगे और एसाव पर्वत का हर व्यक्ति नष्ट होगा। 10 तुम शर्म से गड़ जाओगे, और तुम सदैव के लिये नष्ट हो जाओगे। क्योंकि अपने भाई याकूब के प्रति तुम इतने अधिक क्रूर निकले। 11 उस समय तुम सहायता किये बिना दूसरी ओर खड़े रहे। अजनबी याकूब का खजाना ले गए। विदेशी इस्राएल के नगर—द्वार में घुसे। उन विदेशियों ने गोट डालकर यह निश्चय किया कि वे यरूशलेम का कौन सा भाग लेंगे। उस समय तुम उन विदेशियों के समान ही थे। 12 तुम अपने भाई के विपत्ति काल में उस पर हँसे, तुम्हें यह नहीं करना चाहिये था। तुम तब प्रसन्न थे जब लोगों ने यहूदा को नष्ट किया। तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। उनकी विपत्ति के समय तुमने उसकी खिल्ली उड़ाई। तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। 13 तुम मेरे लोगों के नगर—द्वार में घुसे और उनकी समस्याओं पर हँसे। तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था। उनके उस विपत्ति काल में तुमने उनके खजाने लिये, तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था। 14 तुम चौराहों पर खड़े हुए और तुमने जान बचाकर भागने की कोशिश करने वाले लोगों को मार डाला। तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था। तुमने उन लोगों को पकड़ लिया जो जीवित बच निकले थे। तुम्हें वह नहीं करना चाहिए था। सभी राष्ट्रों का न्याय होना 15 सभी राष्ट्रों पर शीघ्र ही यहोवा का दिन आ रहा है। तुमने दूसरे लोगों के साथ बुरा किया। वे ही बुराईयाँ तुम्हारे साथ घटित होंगी। वे सभी बुराईयाँ तुम्हारे ही सिर पर उतर आएंगी। 16 क्योंकि जैसे तुमने मेरे पवित्र पर्वत पर दाखमधु पीकर विजय की खुशी मनाई। वैसे ही सभी जातियाँ निरन्तर मेरे दण्ड को पीएंगी और उसे निगलेंगी और उनका लोप हो जायेगा। 17 किन्तु सिय्योन पर्वत पर कुछ बचकर रह जाने वाले होंगे। यह मेरा पवित्र स्थान होगा। याकूब का राष्ट्र उन चीजों को वापस पाएगा जो उसकी थीं। 18 याकूब का परिवार जलती आग—सा होगा। यूसुफ का राष्ट्र जलती लपटों जैसा बन जायेगा। किन्तु एसाव का राष्ट्र राख की तरह होगा। यहूदा के लोग एदोमी लोगों को नष्ट करेंगे। एसाव के राष्ट्र में कोई जीवित नहीं रहेगा। क्यों क्योंकि परमेश्वर यहोवा ने ऐसा कहा। 19 तब नेगव के लोग एसाव पर्वत पर रहेंगे और पर्वत की तराईयों के लोग पलिश्ती प्रदेश को लेंगे। परमेश्वर के वे लोग एप्रैम और शोमरोन की भूमि पर रहेंगे। गिलाद, बिन्यामीन का होगा। 20 इस्राएल के लोग घर छोड़ने को विवश किये गए थे। किन्तु वे लोग कनानियों का प्रदेश सारपत तक ले लेंगे। यहूदा के लोग यरूशलेम छोड़ने और सपाराद में रहने को विवश किये गये थे। किन्तु वे लोग नेगव के नगरों को लेंगे। 21 विजयी सिय्योन पर्वत पर होंगे। वे लोग एसाव पर्वत के निवासियों पर शासन करेंगे और राज्य यहोवा का होगा।
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