पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
1. मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है। [PE][PS]
2. मनुष्य को अपनी राहें पाप रहित लगती है किन्तु यहोवा उसकी नियत को परखता है। [PE][PS]
3. जो कुछ तू यहोवा को समर्पित करता है तेरी सारी योजनाएँ सफल होंगी। [PE][PS]
4. यहोवा ने अपने उद्देश्य से हर किसी वस्तु को रचा है यहाँ तक कि दुष्ट को भी नाश के दिन के लिये। [PE][PS]
5. जिनके मन में अहंकार भरा हुआ है, उनसे यहोवा घृणा करता है। इसे तू सुनिश्चित जान, कि वे बिना दण्ड पाये नहीं बचेगें। [PE][PS]
6. खरा प्रेम और विश्वास शुद्ध बनाती है, यहोवा का आदर करने से तू बुराई से बचेगा। [PE][PS]
7. यहोवा को जब मनुष्य की राहें भाती हैं, वह उसके शत्रुओं को भी साथ शांति से रहने को मित्र बना देता। [PE][PS]
8. अन्याय से मिले अधिक की अपेक्षा, नेकी के साथ थोड़ा मिला ही उत्तम है। [PE][PS]
9. मन में मनुष्य निज राहें रचता है, किन्तु प्रभु उसके चरणों को सुनिचश्चित करता है। [PE][PS]
10. राजा जो बोलता नियम बन जाता है उसे चाहिए वह न्याय से नहीं चूके। [PE][PS]
11. खरे तराजू और माप यहोवा से मिलते हैं, उसी ने ये सब थैली के बट्टे रचे हैं। ताकि कोई किसी को छले नहीं। [PE][PS]
12. विवेकी राजा, बुरे कर्मो से घृणा करता है क्योंकि नेकी पर ही सिंहासन टिकता है। [PE][PS]
13. राजाओं को न्याय पूर्ण वाणी भाती है, जो जन सत्य बोलता है, वह उसे ही मान देता है। [PE][PS]
14. राजा का कोप मृत्यु का दूत होता है किन्तु ज्ञानी जन से ही वह शांत होगा। [PE][PS]
15. राजा जब आनन्दित होता है तब सब का जीवन उत्तम होता है, अगर राजा तुझ से खुश है तो वह वासंती के वर्षा सी है। [PE][PS]
16. विवेक सोने से अधिक उत्तम है, और समझ बूझ पाना चाँदी से उत्तम है। [PE][PS]
17. सज्जनों का राजमार्ग बदी से दूर रहता है। जो अपने राह की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की रखवाली करता है। [PE][PS]
18. नाश आने से पहले अहंकार आ जाता और पतन से पहले चेतना हठी हो जाती। [PE][PS]
19. धनी और स्वाभिमानी लोगों के साथ सम्पत्ति बाँट लेने से, दीन और गरीब लोगों के साथ रहना उत्तम है। [PE][PS]
20. जो भी सुधार संस्कार पर ध्यान देगा फूलेगा—फलेगा; और जिसका भरोसा यहोवा पर है वही धन्य है। [PE][PS]
21. बुद्धिशील मन वाले समझदार कहलाते, और ज्ञान को मधुर शब्दों से बढ़ावा मिलता है। [PE][PS]
22. जिनके पास समझ बूझ है, उनके लिए समझ बूझ जीवन स्रोत होती है, किन्तु मूर्खो की मूढ़ता उनको दण्ड दिलवाती। [PE][PS]
23. बुद्धिमान का हृदय उसकी वाणी को अनुशासित करता है, और उसके होंठ शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। [PE][PS]
24. मीठी वाणी छत्ते के शहद सी होती है, एक नयी चेतना भीतर तक भर देती है। [PE][PS]
25. मार्ग ऐसा भी होता जो उचित जान पड़ता है, किन्तु परिणाम में वह मृत्यु को जाता है। [PE][PS]
26. काम करने वाले की भूख भरी इच्छाएँ उससे काम करवाती रहती हैं। यह भूख ही उस को आगे धकेलती है। [PE][PS]
27. बुरा मनुष्य षड्यन्त्र रचता है, और उसकी वाणी ऐसी होती है जैसे झुलसाती आग। [PE][PS]
28. उत्पाती मनुष्य मतभेद भड़काता है, और बेपैर बातें निकट मित्रों को फोड़ देती है। [PE][PS]
29. अपने पड़ोसी को वह हिंसक फँसा लेता है और कुमार्ग पर उसे खींच ले जाता है। [PE][PS]
30. जब भी मनुष्य आँखों से इशारा करके मुस्कुराता है, वह गलत और बुरी योजनाऐं रचता रहता है। [PE][PS]
31. श्वेत केश महिमा मुकुट होते हैं जो धर्मी जीवन से प्राप्त होते हैं। [PE][PS]
32. धीर जन किसी योद्धा से भी उत्तम हैं, और जो क्रोध पर नियंत्रण रखता है, वह ऐसे मनुष्य से उत्तम होता है जो पूरे नगर को जीत लेता है। [PE][PS]
33. पासा तो झोली में फेंक दिया जाता है, किन्तु उसका हर निर्णय यहोवा ही करता है। [PE]

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नीतिवचन 16:25
1. मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है। PEPS
2. मनुष्य को अपनी राहें पाप रहित लगती है किन्तु यहोवा उसकी नियत को परखता है। PEPS
3. जो कुछ तू यहोवा को समर्पित करता है तेरी सारी योजनाएँ सफल होंगी। PEPS
4. यहोवा ने अपने उद्देश्य से हर किसी वस्तु को रचा है यहाँ तक कि दुष्ट को भी नाश के दिन के लिये। PEPS
5. जिनके मन में अहंकार भरा हुआ है, उनसे यहोवा घृणा करता है। इसे तू सुनिश्चित जान, कि वे बिना दण्ड पाये नहीं बचेगें। PEPS
6. खरा प्रेम और विश्वास शुद्ध बनाती है, यहोवा का आदर करने से तू बुराई से बचेगा। PEPS
7. यहोवा को जब मनुष्य की राहें भाती हैं, वह उसके शत्रुओं को भी साथ शांति से रहने को मित्र बना देता। PEPS
8. अन्याय से मिले अधिक की अपेक्षा, नेकी के साथ थोड़ा मिला ही उत्तम है। PEPS
9. मन में मनुष्य निज राहें रचता है, किन्तु प्रभु उसके चरणों को सुनिचश्चित करता है। PEPS
10. राजा जो बोलता नियम बन जाता है उसे चाहिए वह न्याय से नहीं चूके। PEPS
11. खरे तराजू और माप यहोवा से मिलते हैं, उसी ने ये सब थैली के बट्टे रचे हैं। ताकि कोई किसी को छले नहीं। PEPS
12. विवेकी राजा, बुरे कर्मो से घृणा करता है क्योंकि नेकी पर ही सिंहासन टिकता है। PEPS
13. राजाओं को न्याय पूर्ण वाणी भाती है, जो जन सत्य बोलता है, वह उसे ही मान देता है। PEPS
14. राजा का कोप मृत्यु का दूत होता है किन्तु ज्ञानी जन से ही वह शांत होगा। PEPS
15. राजा जब आनन्दित होता है तब सब का जीवन उत्तम होता है, अगर राजा तुझ से खुश है तो वह वासंती के वर्षा सी है। PEPS
16. विवेक सोने से अधिक उत्तम है, और समझ बूझ पाना चाँदी से उत्तम है। PEPS
17. सज्जनों का राजमार्ग बदी से दूर रहता है। जो अपने राह की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की रखवाली करता है। PEPS
18. नाश आने से पहले अहंकार जाता और पतन से पहले चेतना हठी हो जाती। PEPS
19. धनी और स्वाभिमानी लोगों के साथ सम्पत्ति बाँट लेने से, दीन और गरीब लोगों के साथ रहना उत्तम है। PEPS
20. जो भी सुधार संस्कार पर ध्यान देगा फूलेगा—फलेगा; और जिसका भरोसा यहोवा पर है वही धन्य है। PEPS
21. बुद्धिशील मन वाले समझदार कहलाते, और ज्ञान को मधुर शब्दों से बढ़ावा मिलता है। PEPS
22. जिनके पास समझ बूझ है, उनके लिए समझ बूझ जीवन स्रोत होती है, किन्तु मूर्खो की मूढ़ता उनको दण्ड दिलवाती। PEPS
23. बुद्धिमान का हृदय उसकी वाणी को अनुशासित करता है, और उसके होंठ शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। PEPS
24. मीठी वाणी छत्ते के शहद सी होती है, एक नयी चेतना भीतर तक भर देती है। PEPS
25. मार्ग ऐसा भी होता जो उचित जान पड़ता है, किन्तु परिणाम में वह मृत्यु को जाता है। PEPS
26. काम करने वाले की भूख भरी इच्छाएँ उससे काम करवाती रहती हैं। यह भूख ही उस को आगे धकेलती है। PEPS
27. बुरा मनुष्य षड्यन्त्र रचता है, और उसकी वाणी ऐसी होती है जैसे झुलसाती आग। PEPS
28. उत्पाती मनुष्य मतभेद भड़काता है, और बेपैर बातें निकट मित्रों को फोड़ देती है। PEPS
29. अपने पड़ोसी को वह हिंसक फँसा लेता है और कुमार्ग पर उसे खींच ले जाता है। PEPS
30. जब भी मनुष्य आँखों से इशारा करके मुस्कुराता है, वह गलत और बुरी योजनाऐं रचता रहता है। PEPS
31. श्वेत केश महिमा मुकुट होते हैं जो धर्मी जीवन से प्राप्त होते हैं। PEPS
32. धीर जन किसी योद्धा से भी उत्तम हैं, और जो क्रोध पर नियंत्रण रखता है, वह ऐसे मनुष्य से उत्तम होता है जो पूरे नगर को जीत लेता है। PEPS
33. पासा तो झोली में फेंक दिया जाता है, किन्तु उसका हर निर्णय यहोवा ही करता है। PE
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