3. उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं। हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है।
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7. परमेश्वर ने मूसा को व्यवस्था का विधान सिखाया। परमेश्वर जो शक्तिशाली काम करता है, वह इस्राएलियों के लिये प्रकट किये।
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16. परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं। वह फूल जल्दी ही उगता है। फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है। औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था।
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17. किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है। परमेश्वर सदा-सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है।
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18. परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं।
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20. हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ। हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो। परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो।
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22. हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है। सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह। ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।
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