पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. यहोवा! हमको कोई गौरव ग्रहण नहीं करना चाहिये। गौरव तो तेरा है। तेरे प्रेम और निष्ठा के कारण गौरव तेरा है।
2. राष्ट्रों को क्यों अचरज हो कि हमारा परमेश्वर कहाँ है
3. परमेश्वर स्वर्ग में है। जो कुछ वह चाहता है वही करता रहता है।
4. उन जातियों के “देवता” बस केवल पुतले हैं जो सोने चाँदी के बने है। वह बस केवल पुतले हैं जो किसी मानव ने बनाये।
5. उन पुतलों के मुख है, पर वे बोल नहीं पाते। उनकी आँखे हैं, पर वे देख नहीं पाते।
6. उनके कान हैं, पर वे सुन नहीं सकते। उनकी पास नाक है, किन्तु वे सूँघ नहीं पाते।
7. उनके हाथ हैं, पर वे किसी वस्तु को छू नहीं सकते, उनके पास पैर हैं, पर वे चल नहीं सकते। उनके कंठो से स्वर फूटते नहीं हैं।
8. जो व्यक्ति इस पुतले को रखते और उनमें विश्वास रखते हैं बिल्कुल इन पुतलों से बन जायेंगे!
9. ओ इस्राएल के लोगों, यहोवा में भरोसा रखो! यहोवा इस्राएल को सहायता देता है और उसकी रक्षा करता है
10. ओ हारुन के घराने, यहोवा में भरोसा रखो! हारुन के घराने को यहोवा सहारा देता है, और उसकी रक्षा करता है।
11. यहोवा की अनुयायिओं, यहोवा में भरोसा रखे! यहोवा सहारा देता है और अपने अनुयायिओं की रक्षा करता है।
12. यहोवा हमें याद रखता है। यहोवा हमें वरदान देगा, यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा। यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
13. यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको और छोटों को धन्य करेगा।
14. मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
15. यहोवा तुझको वरदान दिया करता है! यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
16. स्वर्ग यहोवा का है। किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
17. मरे हुए लोग यहोवा का गुण नहीं गाते। कब्र में पड़े लोग यहोवा का गुणगान नहीं करते।
18. किन्तु हम यहोवा का धन्यवाद करते हैं, और हम उसका धन्यवाद सदा सदा करेंगे! यहोवा के गुण गाओ!

Notes

No Verse Added

Total 150 Chapters, Current Chapter 115 of Total Chapters 150
भजन संहिता 115:99
1. यहोवा! हमको कोई गौरव ग्रहण नहीं करना चाहिये। गौरव तो तेरा है। तेरे प्रेम और निष्ठा के कारण गौरव तेरा है।
2. राष्ट्रों को क्यों अचरज हो कि हमारा परमेश्वर कहाँ है
3. परमेश्वर स्वर्ग में है। जो कुछ वह चाहता है वही करता रहता है।
4. उन जातियों के “देवता” बस केवल पुतले हैं जो सोने चाँदी के बने है। वह बस केवल पुतले हैं जो किसी मानव ने बनाये।
5. उन पुतलों के मुख है, पर वे बोल नहीं पाते। उनकी आँखे हैं, पर वे देख नहीं पाते।
6. उनके कान हैं, पर वे सुन नहीं सकते। उनकी पास नाक है, किन्तु वे सूँघ नहीं पाते।
7. उनके हाथ हैं, पर वे किसी वस्तु को छू नहीं सकते, उनके पास पैर हैं, पर वे चल नहीं सकते। उनके कंठो से स्वर फूटते नहीं हैं।
8. जो व्यक्ति इस पुतले को रखते और उनमें विश्वास रखते हैं बिल्कुल इन पुतलों से बन जायेंगे!
9. इस्राएल के लोगों, यहोवा में भरोसा रखो! यहोवा इस्राएल को सहायता देता है और उसकी रक्षा करता है
10. हारुन के घराने, यहोवा में भरोसा रखो! हारुन के घराने को यहोवा सहारा देता है, और उसकी रक्षा करता है।
11. यहोवा की अनुयायिओं, यहोवा में भरोसा रखे! यहोवा सहारा देता है और अपने अनुयायिओं की रक्षा करता है।
12. यहोवा हमें याद रखता है। यहोवा हमें वरदान देगा, यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा। यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
13. यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको और छोटों को धन्य करेगा।
14. मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
15. यहोवा तुझको वरदान दिया करता है! यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
16. स्वर्ग यहोवा का है। किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
17. मरे हुए लोग यहोवा का गुण नहीं गाते। कब्र में पड़े लोग यहोवा का गुणगान नहीं करते।
18. किन्तु हम यहोवा का धन्यवाद करते हैं, और हम उसका धन्यवाद सदा सदा करेंगे! यहोवा के गुण गाओ!
Total 150 Chapters, Current Chapter 115 of Total Chapters 150
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References